तालिबान / अल-कायदा पर यूएनएससीआर 1267 (1999) और 1822(2008) के तहत आतंकवादी व्यक्तियों /संगठनों की सूची - आरबीआई - Reserve Bank of India
तालिबान / अल-कायदा पर यूएनएससीआर 1267 (1999) और 1822(2008) के तहत आतंकवादी व्यक्तियों /संगठनों की सूची
आरबीआई/2011-12/146 4 अगस्त 2011 पीएसएस अधिनियम, 2007 के तहत प्राधिकृत भुगतान प्रणाली के सभी संचालक महोदया / महोदय तालिबान / अल-कायदा पर यूएनएससीआर 1267 (1999) और 1822(2008) कृपया उपयुक्त विषय पर हमारे परिपत्र डीपीएसएस.केका.एडी.सं.2868/02.27.005/2010-11 दिनांक 30 जून 2011 का अवलोकन करें। यह देखते हुए कि यूएन सुरक्षा परिषद के 1267 समिति के अध्यक्ष द्वारा अग्रेषित अल-कायदा और तालिबान से जुड़े हुए लोगों और संस्थानों की समेकित सूची में किए गए परिवर्तनों के बारे में हमें भारत सरकार (विदेश कार्य विभाग) के दिनांक 23 जून 2011 और 19 जुलाई 2011 के टिप्पणों की प्रतियां प्राप्त हो गई हैं। 2. भुगतान प्रणाली के सभी संचालकों (पीएसओ) से अपेक्षित है कि वे रिज़र्व बैंक द्वारा यथा परिचालित व्यक्तियों/संस्थानों की समेकित सूची को नवीनतम कर लें और किसी भी नए खाते को खोलते समय/नए ग्राहक का पंजीकरण करने या सेवा प्रदान करने खाता खोलने से पहले यह सुनिश्चित कर लिया जाए कि प्रस्तावित ग्राहक का नाम/ ग्राहकों के नाम इस सूची में नहीं हैं। इसके अलावा, पीएसओ को चाहिए कि अपने सभी विद्यमान खातों को ध्यान से देख लें कि कोई भी खाता इस सूची में शामिल व्यक्तियों या संस्थानों के पास या उनसे संबद्ध नहीं है। 3. सभी पीएसओ को सूचित किया जाता है कि वे रिज़र्व बैंक के परिपत्र डीबीओडी.एएमएल.बीसी.सं. 44/14.01.001/2009-10 दिनांक 17 सितम्बर 2009 के साथ संलग्न यूएपीए ऑर्डर दिनांक 27 अगस्त 2009 में निर्धारित क्रियापद्धति का सख्ती से अनुसरण करें और सरकार द्वारा जारी आदेश का अतिसावधानी से अनुपालन सुनिश्चित करें। यह परिपत्र हमारी वेबसाइट www.rbi.org.in पर उपलब्ध है। 4. जहां तक नामनिर्दिष्ट व्यक्तियों/संस्थानों के बैंक खातों के रूप में निधियों, वित्तीय आस्तियों या आर्थिक संसाधनों या संबद्ध सेवाओं को फ्रीज करने की बात है, तो 17 सितम्बर 2009 के उपयुक्त परिपत्र के अनुच्छेद 6 में उल्लेख किए अनुसार कार्रवाई की जाए। 5. उक्त समेकित सूची का सम्पूर्ण विवरण यूएन की निम्नलिखित वेबसाइट पर उपलब्ध है – 6. नोडल अधिकारी / प्रधान अधिकारी कृपया इस परिपत्र की पावती भिजवाएं। भवदीय, (के. शिवरामन) संलग्नक: यथोक्त |