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विदेशी मुद्रा प्रबंध (जमा) विनियमावली,2000- अनिवासी (बाह्य )रुपया खाते डअनिवासी (बाह्य )रुपया खाते/विदेशी मुद्रा अनिवासी (बैंक) खाते ड एफसीएनआर(बी) क़ी प्रतिभूति पर अनिवासियों /अन्य पक्ष के ऋण-जमाराशियां

आरबीआई/2008-09/462
ए.पी.(डीआईआर सिरीज) परिपत्र सं. 66
 
28 अप्रैल 2009
 

सभी श्रेणी - । प्राधिकृत व्यापारी बैंक

 
महोदय/महोदया
 

विदेशी मुद्रा प्रबंध (जमा) विनियमावली,2000-
अनिवासी (बाह्य )रुपया खाते [अनिवासी (बाह्य )रुपया खाते/विदेशी मुद्रा अनिवासी (बैंक) खाते [ एफसीएनआर(बी) क़ी प्रतिभूति पर अनिवासियों /अन्य पक्ष के ऋण-जमाराशियां

 

प्राधिकृत व्यापारी श्रेणी -। बैंकों और प्राधिकृत बैंकों (बैंकों) का ध्यान जमा खातों में धारित निधियों की प्रतिभूति पर ऋणों के संबंध में समय समय पर यथा संशोधित 3 मई 2000 की अधिसूचना सं. फेमा 5/2000-आरबी के जरिये अधिसूचित विदेशी मुद्रा प्रबंध (जमा) विनियमावली, 2000 की सारणी 1 के पैराग्राफ 6 (क)(ख),(ग)और (घ) और सारणी 2 के पैराग्राफ 9 की ओर आकर्षित करते हैं ।इसके अतिरिक्त बैंकों का ध्यान 31 जनवरी 2007 के ए.पी.(डीआइआर सिरीज) परिपत्र सं.29 की ओर भी आकर्षित करते हैं, जिसमें बैंकों को नये ऋण प्रदान करने और जमाकर्ताओं अथवा अन्य पक्षों को अनिवासी (बाह्य )रुपया खाते और विदेशी मुद्रा अनिवासी (बैंक) खाते (एफसीएनआर(बी) की जमाराशियों पर 20 लाख रुपये से अधिक राशि के मौजूदा ऋणों के नवीनीकरण पर प्रतिबंध लगाया गया है । बैंकों को यह भी सूचित किया गया था कि उच्चतम सीमा पूरी करने के लिए ऋण राशि के काल्पनिक टुकड़े न किये जाएं ।

2. वार्षिक नीति विवरण 2009-10 के पैराग्राफ 111 में यथा घोषित , यह निर्णय लिया गया है कि जमाकर्ताओं अथवा अन्य पक्षों को अनिवासी (बाह्य )रुपया खाते और विदेशी मुद्रा अनिवासी (बैंक) खाते (एफसीएनआर(बी) में धारित निधियों की प्रतिभूति पर ऋणों की मौजूदा 20 लाख रुपये की सीमा 100 लाख रुपये तक बढ़ा दी जाए ।

3.तदनुसार, बैंक अब जमाकर्ताओं अथवा अन्य पक्षों को अनिवासी (बाह्य)रुपया खाते और विदेशी मुद्रा अनिवासी (बैंक) खाते (एफसीएनआर(बी) की जमाराशियों पर 100 लाख रुपये की अधिकतम सीमा तक ऋणों की मंजूरी दे सकते हैं ।बैंकों को यह भी सूचित किया गया था कि उपर्युक्त सीमा पूरी करने के लिए ऋण राशि के काल्पनिक टुकड़े न किये जाएं ।

4. उपर्युक्त अनुदेश तत्काल प्रभाव से लागू होंगे ।

5. बैंक इस परिपत्र की विषयवस्तु से अपने निर्यातक घटकों को और संबंधित ग्राहकों को अवगत करा दें ।

6. इस परिपत्र में समाहित निदेश विदेशी मुद्रा अधिनियम,1999 (1999का42) की धारा 10 (4) और धारा 11 (1) के अंतर्गत जारी किये गये हैं और किसी अन्य कानून के अंतर्गत अपेक्षित अनुमति/अनुमोदन, यदि कोई हो, पर प्रतिकूल प्रभाव डाले बगैर है ।

 
 
भवदीय
 
 

(सलीम गंगाधरन)

प्रभारी मुख्य महाप्रबंधक

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