छूट प्राप्त श्रेणियों के संबंध में आरक्षित नकदी निधि अनुपात (सीआरआर) बनाए रखना - आरबीआई - Reserve Bank of India
छूट प्राप्त श्रेणियों के संबंध में आरक्षित नकदी निधि अनुपात (सीआरआर) बनाए रखना
आरबीआइ / 2006-2007/340
संदर्भ : ग्राआऋवि.केंका.आरएफ.बीसी.सं.77/07.02.01/2006-07
24 अप्रैल 2007
सभी अनुसूचित राज्य सहकारी बैंक
महोदय
छूट प्राप्त श्रेणियों के संबंध में आरक्षित नकदी निधि अनुपात (सीआरआर) बनाए रखना
कृपया उपर्युक्त विषय पर 2 मार्च 2007 का हमारा परिपत्र आरबीआइ/2006-2007/277.ग्राआऋवि.आरएफ.बीसी. सं.56/07.02.01/2006-2007 देखें । भारतीय रिज़र्व बैंक (संशोधन) अधिनियम, 2006 की धारा 3 के 1 अप्रैल 2007 से लागू होने से संबंधित अधिसूचना के फलस्वरूप कुल मांग और मीयादी देयताओं के 3 प्रतिशत की सांविधिक न्यूनतम सीआरआर अपेक्षा समाप्त हो गई है । यह निर्णय लिया गया है कि 1 अप्रैल 2007 से उपर्युक्त परिपत्र में तदनुसार संशोधन किया जाए । अत:, 1 अप्रैल 2007 से प्रत्येक अनुसूचित राज्य सहकारी बैंक को भारतीय रिज़र्व बैंक अधिनियम, 1934 की धारा 42 (1) के अंतर्गत की गई गणना के अनुसार निम्नलिखित देयताओं पर औसत सीआरआर बनाए रखने से छूट दी जाएगी ।
(i) भारतीय रिज़र्व बैंक अधिनियम, 1934 की धारा 42 (1) के स्पष्टीकरण के खंड (ङ) के अंतर्गत की गई गणना के अनुसार भारत में बैंकिंग प्रणाली के प्रति देयताएं; और
(ii) भारतीय समाशोधन निगम लिमिटेड (सीसीआइएल) के साथ संपार्श्विकृत उधार लेने और ऋण देने के दायित्व (सीबीएलओ) संबंधी लेनदेन ।
2. 24 अप्रैल 2007 की संबंधित अधिसूचना ग्राआऋवि.केका.आरएफ.बीसी.सं. 76/07.02. 01/2006-2007 की प्रति संलग्न है ।
3. कृपया प्राप्ति-सूचना हमारे संबंधित क्षेत्रीय कार्यालय को दें ।
भवदीय
(के. भट्टाचार्य)
महाप्रबंधक
अनुलग्नक : - यथोक्त
ग्राआऋवि.केंका.आरएफ.बीसी.सं.76/07.02.01/2006-2007
24 अप्रैल 2007
4 वैशाख 1929 (शक)
अधिसूचना
भारतीय रिज़र्व बैंक (संशोधन) अधिनियम, 2006 की धारा 3 के 1 अप्रैल 2007 से लागू होने से संबंधित अधिसूचना के फलस्वरूप भारतीय रिज़र्व बैंक अधिनियम, 1934 (1934 का 2) की धारा 42 की उप धारा (1) में किए गए संशोधन लागू हो गए हैं । तदनुसार, अनुसूचित राज्य सहकारी बैंकों के संबंध में कुल मांग तथा मीयादी देयताओं के 3 प्रतिशत की सांविधिक न्यूनतम आरक्षित नकदी निधि अनुपात अपेक्षा 1 अप्रैल 2007 से समाप्त हो गई है । अत: यह निर्णय लिया गया है कि 2 मार्च 2007 की अधिसूचना ग्राआऋवि.केंका. आरएफ.बीसी.सं.55/07.02.01/2006-2007 के परिचालन में 1 अप्रैल 2007 से तदनुसार संशोधन किया जाए । भारतीय रिज़र्व बैंक अधिनियम, 1934 की धारा 42 की उप-धारा (7) द्वारा प्रदत्त शक्तियों का प्रयोग करते हुए, भारतीय रिज़र्व बैंक एतद्द्वारा प्रत्येक अनुसूचित राज्य सहकारी बैंक को 1 अप्रैल 2007 से निम्नलिखित देयताओं पर आरक्षित नकदी निधि अनुपात बनाए रखने से छूट देता है :
i. भारतीय रिज़र्व बैंक अधिनियम, 1934 की धारा 42 की उप धारा (1) के स्पष्टीकरण के खंड (ङ) के अंतर्गत की गई गणना के अनुसार भारत में बैंकिंग प्रणाली के प्रति देयताएं; और
ii. भारतीय समाशोधन निगम लिमिटेड (सीसीआइएल) के साथ संपार्श्विकृत उधार लेने और ऋण देने के दायित्व (सीबीएलओ) संबंधी लेनदेन ।
(वी. एस. दास )
कार्यपालक निदेशक