छूट प्राप्त श्रेणियों के संबंध में आरक्षित नकदी निधि अनुपात (सीआरआर) बनाए रखना - आरबीआई - Reserve Bank of India
छूट प्राप्त श्रेणियों के संबंध में आरक्षित नकदी निधि अनुपात (सीआरआर) बनाए रखना
आरबीआइ/2009-2010/208 5 नवंबर 2009 सभी अनुसूचित वाणिज्य बैंक महोदय छूट प्राप्त श्रेणियों के संबंध में आरक्षित नकदी निधि अनुपात (सीआरआर) बनाए रखना कृपया उपर्युक्त विषय पर 20 अप्रैल 2007 का हमारा परिपत्र बैंपविवि. सं. आरईटी. बीसी. 84/ 12.01.001/2006-07 और आरक्षित नकदी निधि अनुपात (सीआरआर) तथा सांविधिक चलनिधि अनुपात (एसएलआर) पर 18 सितंबर 2009 का मास्टर परिपत्र बैंपविवि. सं. आरईटी. बीसी. 45/ 12.01.001/2009-10 देखें। 2. 27 अक्तूबर 2009 को जारी मौद्रिक नीति 2009-10 की दूसरी तिमाही की समीक्षा में की गयी घोषणा के अनुसार यह निर्णय लिया गया है कि भारतीय समाशोधन निगम लिमिटेड (सीसीआईएल) के साथ संपाश्दिवकृत उधार लेने और ऋण देने के दायित्व (सीबीएलओ) संबंधी लेनदेनों से उत्पन्न अनुसूचित वाणिज्य बैंकों के देयताओं पर 21 नवंबर 2009 से प्रारंभ होने वाले पखवाड़े से सीआरआर बनाए रखना होगा। तदनुसार, सीआरआर के लिए गणना की गई निवल मांग और मीयादी देयताओं (एनडीटीएल) में 6 नवंबर 2009 के नियत शुक्रवार को सीबीएलओ लेनदेनों से उत्पन्न देयताओं को शामिल किया जाएगा जो 21 नवंबर 2009 से प्रारंभ होने वाले पखवाड़े के लिए सीआरआर की गणना करने के लिए आधार बन जाता है। इसके बाद के पखवाड़े में सीआरआर बनाए रखने के लिए की गई निवल मांग और मीयादी देयताओं (एनडीटीएल) की गणना में सीबीएलओ लेनदेनों से उत्पन्न देयताओं को शामिल करना जारी रहेगा। 3. तदनुसार, 21 नवंबर 2009 से प्रारंभ होने वाले पखवाड़े से भारतीय रिज़र्व बैंक अधिनियम, 1934 की धारा 42 (1) के अंतर्गत निवल मांग और मीयादी देयताओं (एनडीटीएल) के परिकलन में केवल निम्नलिखित देयताओं को शामिल नहीं किया जाएगा। (i) भारतीय रिज़र्व बैंक अधिनियम, 1934 की धारा 42(1) से संबंधित स्पष्टीकरण के खंड (डी) के अंतर्गत भारत में बैंकिंग प्रणाली की देयताएं। (ii) एशियाई समाशोधन यूनियन (एसीयू (अमेरिकी डालर)) खाते में जमा शेष।
(पी. के. महापात्रा) |