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79220166

छूट प्राप्त श्रेणियों के संबंध में आरक्षित नकदी निधि अनुपात (सीआरआर) बनाए रखना

आरबीआइ /2006-2007/341
ग्राआऋवि.आरआरबी.केंका.बीसी.सं.72/03.05.28(ख)/2006-07

24 अप्रैल 2007

सभी क्षेत्रीय ग्रामीण बैंक

महोदय

छूट प्राप्त श्रेणियों के संबंध में आरक्षित नकदी निधि अनुपात (सीआरआर) बनाए रखना

कृपया उपर्युक्त विषय पर 2 मार्च 2007 का हमारा परिपत्र ग्राआऋवि.केंका. आरआरबी.बीसी. सं.52/03.05. 28(ख)/2006-2007 देखें । भारतीय रिज़र्व बैंक (संशोधन) अधिनियम की धारा 3 के 1 अप्रैल 2007 से लागू होने से संबंधित अधिसूचना के फलस्वरूप कुल मांग और मीयादी देयताओं के 3 प्रतिशत की सांविधिक न्यूनतम सीआरआर अपेक्षा समाप्त हो गयी है । यह निर्णय लिया गया है कि 1 अप्रैल 2007 से उपर्युक्त परिपत्र में तदनुसार संशोधन किया जाए । अत:, 1 अप्रैल 2007 से प्रत्येक क्षेत्रीय ग्रामीण बैंक को भारतीय रिज़र्व बैंक अधिनियम, 1934 की धारा 42 (1) के अंतर्गत की गई गणना के अनुसार निम्नलिखित देयताओं पर औसत सीआरआर बनाए रखने से छूट दी जाएगी ।

(i) भारतीय रिज़र्व बैंक अधिनियम, 1934 की धारा 42 (1) के स्पष्टीकरण के खंड (घ) के अंतर्गत की गयी गणना के अनुसार भारत में बैंकिंग प्रणाली के प्रति देयताएं;

(ii) भारतीय समाशोधन निगम लिमिटेड (सीसीआइएल) के साथ संपार्श्विकृत उधार लेने और ऋण देने के दायित्व (सीबीएलओ) संबंधी लेनदेन।

2. 24 अप्रैल 2007 की संबंधित अधिसूचना ग्राआऋवि.केंका.आरआरबी.सं.9944/ 03. 05.28 (ख)/ 2006-2007 की प्रति संलग्न है ।

3. कृपया प्राप्ति-सूचना हमारे संबंधित क्षेत्रीय कार्यालय को दें ।

भवदीया
(सुरेखा मरांडी)


उक्त दिनांक का परांकन ग्राआऋवि.केंका.सं.आरआरबी. 10191 /03.05.28(ख)/2006-07

प्रतिलिपि निम्नलिखित को सूचना और आवश्यक कार्रवाई के लिए प्रेषित :

i) सभी प्रायोजक बैंक
ii) नाबार्ड, प्रधान कार्यालय, आइडीडी/डीओएस, मुंबई.
iii) ग्रामीण आयोजना और ऋण विभाग के सभी क्षेत्रीय कार्यालय

(एन. के. भाटिया)
उप महा प्रबंधक


ग्राआऋवि.केंका. आरआरबी.सं.9944/03.05.28(ख)/2006-07

24 अप्रैल 2007

अधिसूचना

भारतीय रिज़र्व बैंक (संशोधन) अधिनियम, 2006 की धारा 3 के 1 अप्रैल 2007 से लागू होने से संबंधित अधिसूचना के फलस्वरूप भारतीय रिज़र्व बैंक अधिनियम, 1934 (1934 का 2) की धारा 42 की उप धारा (1) में किए गए संशोधन लागू हो गये हैं । तदनुसार, क्षेत्रीय ग्रामीण बैंकों के संबंध में कुल मांग तथा मीयादी देयताओं के 3 प्रतिशत की सांविधिक न्यूनतम आरक्षित नकदी निधि अनुपात अपेक्षा 1 अप्रैल 2007 से समाप्त हो गयी है । अत: यह निर्णय लिया गया है कि 1 मार्च 2007 की अधिसूचना ग्राआऋवि.केंका. आरआरबी. सं.8165/03.05.28(ख)/2006-2007के परिचालन में 1 अप्रैल 2007 से तदनुसार संशोधन किया जाए । भारतीय रिज़र्व बैंक अधिनियम 1934 की धारा 42 की उप-धारा (7) द्वारा प्रदत्त शक्तियों का प्रयोग करते हुए, भारतीय रिज़र्व बैंक एतद्द्वारा प्रत्येक क्षेत्रीय ग्रामीण बैंक को 1 अप्रैल 2007 से निम्नलिखित देयताओं पर आरक्षित नकदी निधि अनुपात बनाए रखने से छूट देता है :

i) भारतीय रिज़र्व बैंक अधिनियम, 1934 की धारा 42 की उप धारा (1) के स्पष्टीकरण के खंड (घ) के अंतर्गत की गई गणना के अनुसार भारत में बैंकिंग प्रणाली के प्रति देयताएं ; और

ii) भारतीय समाशोधन निगम लिमिटेड (सीसीआइएल) के साथ संपार्श्विकृत उधार लेने और ऋण देने के दायित्व (सीबीएलओ) संबंधी लेनदेन ।

(वी. एस. दास )
कार्यपालक निदेशक

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