बैंककारी विनियमन अधिनियम 1949 की धारा 24 - सांविधिक चलनिधि अनुपात (एसएलआर) बनाये रखने में कमी - चलनिधि समायोजन सुविधा (एलएएफ) के अंतर्गत अतिरिक्त चलनिधि सहायता - आरबीआई - Reserve Bank of India
बैंककारी विनियमन अधिनियम 1949 की धारा 24 - सांविधिक चलनिधि अनुपात (एसएलआर) बनाये रखने में कमी - चलनिधि समायोजन सुविधा (एलएएफ) के अंतर्गत अतिरिक्त चलनिधि सहायता
आरबीआइ/2008-09/229
संदर्भ : बैंपविवि. सं. आरईटी. बीसी. 62/12.02.001/2008-09
15 अक्तूबर 2008
23 आश्विन 1930 (शक)
सभी अनुसूचित वाणिज्य बैंक
महोदय
बैंककारी विनियमन अधिनियम 1949 की धारा 24 -
सांविधिक चलनिधि अनुपात (एसएलआर) बनाये रखने में कमी -
चलनिधि समायोजन सुविधा (एलएएफ) के अंतर्गत अतिरिक्त चलनिधि सहायता
कृपया उपर्युक्त विषय पर 16 सितंबर 2008 का हमारा परिपत्र बैंपविवि. सं. आरईटी. बीसी. 43/ 12.02.001/ 2008-09 देखें । पूर्णतया अस्थायी उपाय के रूप में यह निर्णय लिया गया है कि बैंक केवल म्यूचुअल फंडों की चलनिधि संबंधी आवश्यकताओं को पूरा करने के लिए अपनी निवल मांग और मीयादी देयताओं (एनडीटीएल) के 0.5 प्रतिशत की सीमा तक अतिरिक्त चलनिधि सहायता का उपयोग कर सकते हैं ।यह अतिरिक्त चलनिधि सहायता 14 अक्तूबर 2008 के हमारे परिपत्र एफएमडी. एमओएजी. सं. 26/01.01.01/2008-09 द्वारा घोषित म्यूचुअल फंडों के लिए विशेष मीयादी रिपो सुविधा की समाप्ति के 14 दिन बाद समाप्त हो जाएगी ।यह सुविधा उपर्युक्त परिपत्र में निहित अस्थायी उपाय के अतिरिक्त होगी, जिसमें बैंकों को अपने एनडीटीएल के 1 प्रतिशत तक अतिरिक्त चलनिधि सहायता का उपयोग करने की अनुमति दी गयी थी ।
यह सूचित किया जाता है कि एलएएफ के अंतर्गत इस अतिरिक्त चलनिधि सहायता के उपयोग के कारण यदि एसएलआर बनाये रखने में कोई कमी आती है तो बैंक भारतीय रिज़र्व बैंक को बैंककारी विनियमन अधिनियम, 1949 की धारा 24 की उप-धारा (8) के अंतर्गत लिखित रूप में इस अनुरोध के साथ आवेदन कर सकते हैं कि उस कमी पर दांडिक ब्याज के भुगतान की मांग न की जाए ।
यह उपाय तदर्थ और अस्थायी प्रकृति का है तथा बदलती चलनिधि स्थितियों को देखते हुए इसकी निरंतर समीक्षा की जाएगी ।
भवदीय
(पी. विजय भास्कर)
मुख्य महाप्रबंधक