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01 अप्रैल 2008 से करदाताओं की कुछ श्रेणियों द्वारा कर का अनिवार्य इलेक्ट्रॉनिक भुगतान

आरबीआई/2007-08/280
डीजीबीए.जीएडी.सं.H10875/42.01.038/2007-08

10 अप्रैल 2008

अध्यक्ष एवं प्रबंध निदेशक/प्रबंध निदेशक
भारतीय स्टेट बैंक और उसके सहयोगी/
सभी राष्ट्रीयकृत बैंक/एक्सिस बैंक लिमिटेड/एचडीएफसी बैंक लिमिटेड/
आईसीआईसीआई बैंक लिमिटेड/आईडीबीआई लिमिटेड
जम्मू और कश्मीर बैंक लिमिटेड

महोदय

01 अप्रैल 2008 से करदाताओं की कुछ श्रेणियों द्वारा कर का अनिवार्य इलेक्ट्रॉनिक भुगतान

जैसा कि आप जानते हैं, केन्द्रीय प्रत्यक्ष कर बोर्ड ने दिनांक 13 मार्च 2008 की अपनी अधिसूचना सं. 34/2008 (प्रति संलग्न) के माध्यम से दिनांक 01 अप्रैल 2008 से करदाताओं की निम्नलिखित श्रेणियों के लिए करों का इलेक्ट्रॉनिक भुगतान अनिवार्य कर दिया है:

  1. एक कंपनी

  2. एक व्यक्ति (एक कंपनी के अलावा), जिस पर धारा 44एबी के प्रावधान लागू होते हैं।

2. इस संबंध में सरकारी अधिसूचना को लागू करते समय निम्नलिखित अनुदेशों को ध्यान में रखा जा सकता है:

i) सभी कॉर्पोरेट करदाताओं की स्थिति को नाम से ही पहचाना जा सकता है। इसके अलावा, सभी कॉर्पोरेट निर्धारिती के पैन का चौथा अंक "सी" होना आवश्यक होगा। ऐसे निर्धारितियों से भौतिक चालान काउंटर पर स्वीकार नहीं किए जाएंगे।

ii) धारा 44एबी के तहत आने वाले करदाताओं के मामले में, बैंक काउंटरों पर भौतिक चालान के माध्यम से कर का भुगतान करने के लिए पात्रता के किसी भी प्रमाण का आग्रह नहीं होना चाहिए। ई-भुगतान करने की जिम्मेदारी मुख्य रूप से करदाता की होती है। इसलिए, करदाताओं की बात को अंतिम माना जाना चाहिए।

iii) संबंधित बैंक द्वारा ई-भुगतान की पावती तुरंत स्क्रीन पर उपलब्ध कराई जानी चाहिए।

iv) ई-भुगतान के लेन–देन की आईडी बैंक के स्टेटमेंट में परिलक्षित होनी चाहिए।

v) यदि करदाता को भुगतान करने, ई-ट्रांजैक्शन पूरा करने, काउंटरफॉयल उत्पन्न करने आदि में किसी कठिनाई का सामना करना पड़ता है तो किन अधिकारी/यों से संपर्क किया जा सकता है यह प्रत्येक बैंक को अपने ई-भुगतान गेटवे पेज पर प्रमुखता से प्रदर्शित करना चाहिए।

vi) प्रत्येक बैंक को आईटीडी और एनएसडीएल को ऐसे अधिकारियों की एक सूची, संपर्क विवरण के साथ, देनी चाहिए, जिन्हे आईटीडी या करदाताओं द्वारा किसी भी समस्या का सामना करने पर संपर्क किया जा सके।

3. आपकी संबंधित शाखाओं को आवश्यक अनुदेश जारी किए जा सकते हैं।

भवदीय

(एम.टी. वर्गीज)
महाप्रबंधक

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