मास्टर परिपत्र – एजेंसी बैंकों द्वारा पेन्शन का भुगतान - आरबीआई - Reserve Bank of India
मास्टर परिपत्र – एजेंसी बैंकों द्वारा पेन्शन का भुगतान
आरबीआई/2013-14/101 01 जुलाई 2013 सभी एजेंसी बैंक महोदय/ महोदया, मास्टर परिपत्र – एजेंसी बैंकों द्वारा पेन्शन का भुगतान कृपया उपरोक्त विषय पर हमारे मास्टर परिपत्र आरबीआई/2012-13/103 दिनांक 02 जुलाई 2012 को देखें । हमने अब जून 2013 तक जारी महत्वपूर्ण निर्देशों को शामिल कर इस मास्टर परिपत्र को अद्यतन कर दिया है। इस परिपत्र की एक प्रति आपकी जानकारी के लिए संलग्न है। आप इस परिपत्र को बैंक की वेबसाइट /en/web/rbi/notifications/master-circulars से भी डाउनलोड कर सकते है । 2. कृपया प्राप्ति सूचना भेजें। भवदीय (बी के मिश्रा) मास्टर परिपत्र - एजेंसी बैंकों द्वारा पेंशन का भुगतान सार्वजनिक क्षेत्र के बैंकों के माध्यम से सरकारी पेंशनरों को विविध पेंशन भुगतान योजनाओं के अंतर्गत पेंशन का भुगतान प्रस्तावना सरकारी क्षेत्र के बैंकों के माध्यम से, पेंशन के भुगतान की विभिन्न योजनाओं के अंतर्गत, सेवानिवृत्त सरकारी कर्मचारियों को पेंशन का भुगतान, महा लेखा नियंत्रक, वित्त मंत्रालय, भारत सरकार के अनुमोदन से, संबंधित मंत्रालयों/विभागों द्वारा अथवा राज्य सरकारों द्वारा तैयार की गई संबद्ध योजनाओं द्वारा संचालित होता है और सरकारों द्वारा जब भी महंगाई राहत में वृद्धि की जाती है तो उसका एवं अन्य लाभों का भुगतान इसमें शामिल होता है। इस संबंध में जारी किए गए विभिन्न परिपत्रों का सार सूचना के लिए यहां दिया जा रहा है। 1. राज्य सरकार के पेंशनरों को दी जानेवाली महंगाई राहत इत्यादि संबंधी महंगाई राहत आदेशों के जारी होने और हिताधिकारी को महंगाई राहत का भुगतान किए जाने के बीच के समय-अंतराल को समाप्त करने तथा वरिष्ठ नागरिकों को शीघ्र सेवा उपलब्ध कराने की दृष्टि से यह निर्णय लिया गया है कि पेंशन भुगतान करने वाले एजेंसी बैंक, राज्य मुख्यालयों में प्राधिकृत बैंकों के प्रधान कार्यालयों और/अथवा क्षेत्रीय कार्यालयों को सरकार द्वारा भेजे गए आदेशों का पालन करें। इसके अलावा यह निर्णय लिया गया कि उक्त परिपत्रों को राज्य सरकारों की सुरक्षित वेबसाइट पर डाला जाए। सभी राज्य सरकारों को महंगाई राहत से संबंधित सरकारी आदेश भारतीय रिज़र्व बैंक को इलेक्ट्रॉनिक फार्मेट में और हार्ड कॉपी में भी भेजने का विकल्प दिया गया है ताकि रिज़र्व बैंक उसे अपनी वेबसाइट पर प्रदर्शित कर सके। 2. केंद्र सरकार के पेंशनरों को सरकारी क्षेत्र के बैंकों के माध्यम से पेंशन का भुगतान - पेंशनरों को महंगाई राहत के भुगतान में होने वाली देरी को कम करने के लिए सरकार द्वारा किए गए उपाय - महंगाई राहत इत्यादि के संबंध में सरकारी आदेशों को भारतीय रिज़र्व बैंक के माध्यम से भेजना बंद करना। (संदर्भ डीजीबीए.जीएडी.सं.एच-506/45.01.001/ 2002-03 दिनांक 12 अप्रैल 2003) महंगाई राहत इत्यादि संबंधी आदेशों के जारी होने एवं हिताधिकारियों को वास्तविक रूप से भुगतान होने के बीच के समय-अंतराल को समाप्त करने और वरिष्ठ नागरिकों को शीघ्र सेवा उपलब्ध कराने की दृष्टि से भारत सरकार के कार्मिक, लोक शिकायत और पेंशन मंत्रालय, पेंशन और पेंशनर कल्याण विभाग ने निम्नलिखित कदम उठाए हैं :
भारतीय रिज़र्व बैंक अब महंगाई राहत के संबंध में सरकारी आदेश एजेंसी बैंकों को अग्रेषित नहीं करेगा। 3. फॉर्म "ए" और "बी" में नामांकन स्वीकार करना - केंद्रीय सिविल/ रेल्वे पेंशन। पेंशनरों को होने वाली असुविधा का निवारण करने की दृष्टि से, केंद्रीय पेंशन लेखा कार्यालय (सीपीएओ) और रेल मंत्रालय (रेल्वे बोर्ड) ने नामांकन फॉर्म(ए और बी)को अपनाने का निर्णय लिया है। एजेंसी बैंकों को सूचित किया था कि समस्त पेंशन प्रदाता बैंक शाखाएं उत्तराधिकारी/यों को पेंशन की बकाया राशि का भुगतान करने के लिए केंद्रीय सिविल / रेल्वे पेंशनरों द्वारा प्रस्तुत फार्म "ए" अथवा "बी" में, जैसा भी मामला हो, में नामांकन स्वीकार करें। 4.केंद्रीय प्रतिनियुक्ति पर रहते हुए भारत सरकार से सेवानिवृत्त होने वाले अखिल भारतीय सेवा-अधिकारियों को पेंशन और अन्य सेवानिवृत्ति लाभों के भुगतान के लिए प्रकिया का कार्यान्वयन। केंद्रीय प्रतिनियुक्ति पर रहते हुए भारत सरकार से सेवानिवृत्त होने वाले अखिल भारतीय सेवा-अधिकारियों को पेंशन के भुगतान के लिए लेखा प्रक्रिया अपनाने हेतु एजेंसी बैंकों को निम्नानुसार सूचित किया गया है:
5.रक्षा पेंशनरों को सरकारी क्षेत्र के बैंकों द्वारा पेंशन भुगतान की योजना - पेंशन भुगतान स्क्रॉल प्रस्तुत करने में देरी और जाली तथा कपटपूर्ण भुगतान टालने के उपाय। यह देखा गया है कि पेंशन प्रदाता बैंक पेंशन प्राधिकारियों को दो से तीन महीने के बाद पेंशन-भुगतान स्क्रॉल प्रस्तुत करते हैं। ये स्क्रॉल प्रायः "(समूह)बंच" में होते हैं। इस संबंध में "रक्षा पेंशनरों को पेंशन के भुगतान की योजना" पुस्तिका के पैराग्राफ 9(6),10 और 11 की ओर ध्यान आकृष्ट किया जाता है जिनमें प्रदाता शाखाओं, लिंक शाखाओं और प्रतिपूरक शाखाओं द्वारा पेंशन भुगतान स्क्रॉल के प्रेषण की प्रक्रिया स्पष्ट रूप से निर्धारित की गई है। संपूर्ण प्रक्रिया तयशुदा समय-सीमा के अनुसार पूरी की जानी चाहिए ताकि भुगतान स्क्रॉल अंतिम रूप से संबंधित महीने के बाद आने वाले महीने की 15 वीं तारीख तक प्रधान नियंत्रक, रक्षा लेखा (पीसीडीए) (पेंशन), इलाहाबाद के कार्यालय में प्राप्त हो जाए(मार्च महीने के स्क्रॉल को छोड़कर, जो अनिवार्य रूप से प्रति वर्ष अप्रैल के तीसरे सप्ताह तक अवश्य पहुँच जाना चाहिए। प्रधान नियंत्रक, रक्षा लेखा (पेंशन) के कार्यालय ने यह भी देखा है कि पेंशन भुगतान करने वाली शाखाओं द्वारा कुछ मामलों में निर्धारित जांच-पड़ताल किए बिना जाली तथा कपटपूर्ण पीपीओ पर धोखेबाजों को उपदान और सारांशीकरण (कम्यूटेशन) की राशि अदा कर दी गई थी। यह भी देखा गया है कि पेंशन के प्रथम भुगतान के मामलों में, स्क्रॉल पर या तो पीपीओ नंबरों का उल्लेख नहीं किया गया था अथवा गलत पीपीओ नंबर लिखे गए थे जिससे भुगतान की यथातथ्यता का सत्यापन करना कठिन हो गया था। इसके अलावा, इन भुगतानों को मुख्य पेंशन भुगतान स्क्रोलों में रक्षा पेंशनरों के नियमित मासिक भुगतानों के साथ दिखाया जा रहा था। पेंशन प्रदाता शाखाओं/लिंक शाखाओं/प्रतिपूरक शाखाओं को सूचित किया जाता है कि वे निम्नलिखित बातों को सुनिश्चित करने के लिए अधिक कार्यक्षम प्रणाली अपनाएं।
6.सरकारी क्षेत्र के बैंकों द्वारा रेलवे पेंशनरों को पेंशन भुगतान की योजना - कपटपूर्ण भुगतान टालने हेतु उपाय। रेल मंत्रालय, भारत सरकार (रेलवे बोर्ड) ने हमें सूचित किया है कि उनके सतर्कता विभाग ने ऐसे धोखाधड़ी के मामलों का पता लगाया है जिनमें सरकारी क्षेत्र के कुछ बैंकों द्वारा जाली पेंशन भुगतान आदेशों (पीपीओ) के आधार पर अनधिकृत व्यक्तियों को पेंशन/पेंशन की बकाया राशि वितरित कर दी गई थी। उन्होंने यह भी टिप्पणी की है कि पेंशन प्रदाता शाखाओं द्वारा ऐसे कपटपूर्ण भुगतान निर्धारित जांच बिंदुओं का पालन किए बिना किए गए थे, जैसे ऐसे परिकलन पत्र (केल्कुलेशन शीट) पर भरोसा करके भुगतान कर दिया जाना, जिस पर प्राधिकृत हस्ताक्षरकर्ता आदि के हस्ताक्षर नहीं थे एवं विशेष रूप से बैंकों द्वारा पेंशन भुगतान आदेशों की प्राप्ति के संबंध में निर्धारित प्रक्रिया का पालन भी नहीं किया आदि शामिल है। रेलवे पेंशन प्रदाता शाखाओं से अनुरोध है कि वे जाली पेंशन भुगतान आदेशों के आधार पर कपटपूर्ण भुगतान टालने के लिए रेलवे पेंशनरों को पेंशन के संवितरण हेतु रेल मंत्रालय (रेलवे बोर्ड) द्वारा "सरकारी क्षेत्र के बैंकों के माध्यम से रेलवे पेंशन के भुगतान की योजना" में निर्धारित प्रक्रिया का सख्ती से पालन करें। 7.केंद्रीय सिविल पेंशन का भुगतान - पेंशन भुगतान आदेशों (पीपीओ) के दोनों अर्धांशों में महंगाई राहत की प्रविष्टि। हमारे ध्यान में आया है कि कुछ पेंशन प्रदाता बैंक शाखाएं बेसिक दरों में जब भी कभी परिवर्तन होता है, उसके आधार पर बेसिक पेंशन/परिवार पेंशन की राशि को संबंधित पेंशन भुगतान आदेश (पी पी ओ) के दोनों अर्धांशों में अद्यतन (अपडेट) नहीं करती है। इस सबंध में, हम "सरकारी क्षेत्र के बैंकों द्वारा केंद्र सरकार के सिविल पेंशनरों को पेंशन भुगतान की योजना" के पैरा 12.17 और 19.1 को नीचे दर्शा रहें हैं: "जब भी कभी पेंशन और/अथवा पेंशन पर महंगाई राहत की मूल दरों में परिवर्तन होता है तो भुगतान करने वाली शाखा पेंशनरों के पेंशन भुगतान आदेश (पीपीओ) का अर्धांश मंगवाकर उन पर परिवर्तन रिकार्ड करेगी तथा अन्य बातों के साथ-साथ परिवर्तन की प्रभावी तारीख(खें) भी लिखेगी। ऐसा करने के बाद, वे अर्धांश पेंशनरों को लौटा दिए जाएंगे"(पैरा 12.17) "जब भी कभी पेंशन पर सरकार द्वारा कोई अतिरिक्त राहत मंजूर की जाती है तो इस आशय की एक सूचना कार्मिक, लोक शिकायतें और पेंशन मंत्रालय (पेंशन और पेंशनर कल्याण विभाग) द्वारा सरकारी क्षेत्र के प्रत्येक नामित बैंक के प्राधिकृत प्रतिनिधि को (नाम से) उसके द्वारा दिए गए पते पर भेजी जाएंगी। उसके बाद यह बैंकों की जिम्मेदारी होगी कि वे दिल्ली अथवा अन्य स्थानों पर कार्यरत अपने प्रतिनिधियों के माध्यम से संबंधित आशु परिकलक(रेडी रेकनर) सहित मंजूरी आदेशों की आवश्यकतानुसार संख्या में प्रतियां (संख्या अग्रिम रूप से सूचित की जाएं) कार्मिक, लोक शिकायतें और पेंशन मंत्रालय (पेंशन और पेंशनर्स कल्याण विभाग) से प्राप्त करेंगे और उन्हें तुरंत अपने-अपने प्रधान कार्यालयों को भेजेंगे ताकि वहां से उन्हें सीधे प्रदाता शाखाओं को दस दिन के भीतर कार्यान्वयन हेतु भेजा जा सकें। प्रत्येक प्रदाता शाखा अपने भुगतान के अंतर्गत केंद्र सरकार के सिविल पेंशनरों को पेंशन पर देय राहत की संशोधित दरें तत्काल निर्धारित करेगी। अलग-अलग पेंशनरों के लिए लागू इन दरों का हिसाब संलग्नक XXII (पृष्ठ 41) में दिए अनुसार लगाया जाएंगा तथा इस कारण से पेंशनरों को संशोधित दर पर देय यदि कोई राशि हो तो उसका और अथवा बकाया राशि का भुगतान प्रारंभ करने से पूर्व उसे राहत की प्रभावी तारीख के साथ पेंशन भुगतान आदेशों के संवितरक के भाग में नोट किया जाएंगा और शाखा प्रबंधक अथवा प्रभारी द्वारा साक्ष्यंकित किया जाएंगा ......" (पैरा 19.1)। बैंकों से अनुरोध है कि वे उपर्युक्त प्रावधानों की ओर अपनी पेंशन प्रदाता शाखाओं का ध्यान आकृष्ट करें और उन्हें उक्त अनुदेशों का स़ख्ती से पालन करने के लिए कहे। 8. एजेंसी बैंकों द्वारा रेलवे पेंशन का संवितरण - ऐसे प्रमुख क्षेत्र जहां बैंक अधिक भुगतान कर सकते हैं। रेलवे पेंशनरों के संबंध में वित्तीय परामर्शदाता और मुख्य लेखा अधिकारी का कार्यालय, मध्य रेलवे, मुंबई से ऐसे प्रमुख क्षेत्रों की एक सूची प्राप्त हुई है जहाँ बैंक अधिक भुगतान कर सकते हैं। वह सूची इस अनुरोध के साथ सभी एजेंसी बैंकों को भेजी गई है कि वे उसे अपनी पेंशन प्रदाता शाखाओं के बीच परिचालित करें तथा उन्हें यह अनुदेश दें कि वे रेलवे पेंशन के अधिक भुगतान टालने के लिए उचित कार्रवाई करें। 9. सरकारी क्षेत्र के बैंकों के माध्यम से रेलवे पेंशनरों को पेंशन भुगतान की योजना - रेल मंत्रालय द्वारा सात नए अंचलों के लिए वित्तीय परामर्शदाता और मुख्य लेखा अधिकारियों की नियुक्ति। प्राधिकृत बैंकों द्वारा रेलवे पेंशनरों को संवितरित पेंशन भुगतान के संबंध में पेंशन नामे स्वीकार करने/निपटाने के लिए रेल मंत्रालय ने 1 अप्रैल 2006 से सात नए अंचलों (अर्थात् उत्तर पश्चिम रेलवे, जयपुर, पूर्व मध्य रेलवे, हाजीपुर; पूर्वी तट रेलवे, भुबनेश्वर, उत्तर मध्य रेलवे, इलाहाबाद, दक्षिण पूर्व मध्य रेलवे, बिलासपुर, दक्षिण पश्चिम रेलवे, हुबली और पश्चिम मध्य रेलवे, जबलपुर) के वित्तीय परामर्शदाता और मुख्य लेखा अधिकारी नियुक्त करने का निर्णय लिया है । 10. सरकारी क्षेत्र के बैंकों के माध्यम से पेंशन का वितरण - महंगाई राहत(डीआर) का भुगतान। पेंशन का भुगतान करने वाले बैंकों को सरकारी आदेशों की प्रतिलिपियां तुरंत प्राप्त करने की व्यवस्था करने एवं उन्हें पेंशन भुगतान करने वाली शाखाओं को अपने स्तर पर कार्रवाई करने के लिए भेजने हेतु कहा गया था ताकि पेंशनर अनुवर्ती महीने की पेंशन अदायगी में ही सरकार द्वारा घोषित लाभ प्राप्त कर सकें। एजेंसी बैंकों के नियंत्रक कार्यालयों/प्रधान कार्यालयों को इस बात की पूर्ण रूप से निगरानी और पर्यवेक्षण करना चाहिए कि पात्र पेंशनरों को सरकारी पेंशन का समय पर और सही वितरण हो। इसके अलावा, केंद्रीय सिविल और रेलवे पेंशनरों के मामलों में, पेंशन का भुगतान करने वाले बैंकों को पास बुक के प्रथम पृष्ठ पर फार्म "ए" और "बी" में दिए गए नामांकन के अनुसार नामितियों के नामों का अनुमोदन करना चाहिए और शाखाओं को यह सुनिश्चित करने के लिए कहा जाना चाहिए कि वे सरकारी क्षेत्र के बैंकों द्वारा पेंशनरों को पेंशन के वितरण की योजनाओं में निर्धारित प्रक्रिया का ईमानदारी से पालन करें। पेंशन भुगतान संबंधी योजनाओं/नियमों के बारे में कर्मचारियों को बेहतर जानकारी देने के लिए बैंक अपने प्रशिक्षण प्रतिष्ठानों द्वारा संचालित प्रशिक्षण कार्यक्रमों में इन्हें अभिन्न अंग के रूप में शामिल करें। 11. प्राधिकृत बैंकों के माध्यम से पेंशन का भुगतान - पेंशनर द्वारा उसके पति/उसकी पत्नी के साथ रखे गये संयुक्त खाते में पेंशन जमा करना। दिनांक 13 अक्तूबर 2005 के रेल मंत्रालय (रेलवे बोर्ड) के परिपत्र सं.आर बी ए.63/2005(2005/एसी 11/21/19) के अनुसार केंद्रीय सिविल पेंशनरों के संबंध में पेंशन भुगतान आदेश (पीपीओ) में जिन पति/पत्नी के पक्ष में संयुक्त रूप से परिवार पेंशन के लिए प्राधिकार मौजूद हैं उनके संयुक्त खाते में पेंशन की राशि जमा करने के संबंध में केंद्रीय पेंशन लेखा अधिकारी द्वारा जारी अनुदेश रेलवे पेंशनरों के लिए भी लागू कर दिए गए हैं। पति/पत्नी के साथ रखा गया पेंशनर का संयुक्त खाता ऊपर संदर्भित रेल मंत्रालय के 13 अक्तूबर 2005 के परिपत्र में उल्लिखित कतिपय शर्तों के अधीन या तो " पूर्ववर्ती या उत्तरजीवी" या "दोनों में से कोई भी अथवा उत्तरजीवी" आधार पर परिचालित किया जा सकता है। 12. अधिकृत बैंकों द्वारा पेंशन का भुगतान -पेंशनर द्वारा अपनी पत्नी /अपने पति के साथ परिचालित संयुक्त खाते में पेंशन जमा किया जाना। रक्षा मंत्रालय एवं प्रधान रक्षा लेखा नियंत्रक ने उन पेंशनरों के संबंध में जिनके पीपीओ (पेंशन भुगतान आदेश) में पति/पत्नी के पक्ष में परिवार पेंशन हेतु प्राधिकार होने की स्थिति में ऐसे पेंशनरों के पति/पत्नी के साथ संयुक्त खाते में पेंशन जमा करने की सुविधा देने संबंधी संशोधन पेंशन भुगतान योजना में किया है। पेंशनर के साथ संयुक्त खाता "पूर्ववर्ती या उत्तरजीवी" या "दोनों में कोई एक या उत्तरजीवी" आधार पर निम्नांकित शर्तो और निबंधनों पर परिचालित किया जा सकेगा । (ए) एक बार पेंशन बैंक खाते में जमा हो जाने पर सरकार /बैंक का दायित्व समाप्त समझा जाएंगा। यदि पति /पत्नी अनुचित रुप से राशि या आहरण करते है, तो भी भविष्य में कोई दायित्व उत्पन्न नहीं होगा। (बी) चूंकि पेंशन पेंशनर के जीवित रहते ही भुगतान योग्य है, अतः पेंशनर की मृत्यु होने पर अतिशीघ्र, किसी भी मामलें में एक माह में, उसकी मृत्यु की सूचना बैंक को दी जानी चाहिए, ताकि बैंक पेंशनर की मृत्यु होने पर पति /पत्नी के साथ संयुक्त खाते में पेंशन जमा करना जारी न रखें। हालांकि यदि कोई राशि संयुक्त खाते में भूल से जमा कर दी जाती है, तो यह संयुक्त खाते /पेंशनर /पति /पत्नी के एकल या संयुक्त रुप से परिचालित किसी खाते से वसूली योग्य होगी। संयुक्त ,खाते में भूलवश जमा किसी भी राशि को वापस जमा करने हेतु वैधानिक उत्तराधिकारी, परवर्ती एवं निष्पादक आदि, दायी होंगे। (सी) पेंशनर के पति/पत्नी के संयुक्त खाते पर पेंशन के बकाया का भुगतान (नामांकन) नियम 1983 पहले की तरह ही लागू होंगे । इसका अर्थ यह है कि यदि इन नियमों के नियम 5 एवं 6 के अनुसार एक "स्वीकृत नामांकन” है तो इन नियमों में उल्लिखित बकाया शेष नामित को भुगतान किए जाएंगे। वर्तमान पेंशनर (जो अपने पेंशन का भुगतान एक संयुक्त खातें में चाहते हो, को उस बैंक शाखा में जहां से वे वर्तमान में पेंशन प्राप्त कर रहे है, विहित प्रारुप में एक आवेदन प्रस्तुत करना होगा । रक्षा मंत्रालय के कार्यालय ज्ञापन में निर्दिष्ट शर्तो को स्वीकार करने की पुष्टि स्वरुप पेंशनर के पति/पत्नी को भी इस आवेदन में हस्ताक्षर करने होंगे । उपरोक्त सुविधा वर्तमान/भविष्य के पेंशनरों पर भी लागू होगी। 13. सार्वजनिक क्षेत्र के बैंकों द्वारा पश्चिम बंगाल (भाग ए) सरकारी पेंशनरों को पेंशन का भुगतान - पेंशनर द्वारा अपनी पत्नी /अपने पति के साथ परिचालित संयुक्त खाते में पेंशन जमा किया जाना। पश्चिम बंगाल सरकार ने, उन पेंशनरों के संबंध में, जिनके पेंशन भुगतान आदेश(पीपीओ) में उनके पति/पत्नी के पक्ष में, परिवार पेंशन हेतु प्राधिकार होने की स्थिति में, ऐसे पेंशनरों के पति/पत्नी के साथ संयुक्त खाते में पेंशन जमा करने की सुविधा देने संबंधी संशोधन पेंशन भुगतान योजना में किया है। पेंशनर के साथ संयुक्त खाता "पूर्ववर्ती या उत्तरजीवी" या "दोनों में कोई एक या उत्तरजीवी" आधार पर निम्नांकित शर्तो और निबंधनों पर परिचालित किया जा सकेगा : (ए) एक बार पेंशन बैंक खातें में जमा हो जाने पर सरकार /बैंक का दायित्व समाप्त समझा जाएंगा। यदि पति/पत्नी अनुचित रुप से राशि या आहरण करते है, तो भी भविष्य में कोई दायित्व उत्पन्न नहीं होगा। (बी) चूंकि पेंशन पेंशनर के जीवित रहते ही भुगतान योग्य है, अतः पेंशनर की मृत्यु होने पर अतिशीघ्र किसी भी मामलें में एक माह में उसकी मृत्यु की सूचना बैंक को दी जानी चाहिए , ताकि बैंक पेंशनर की मृत्यु होने पर पति/पत्नी के साथ संयुक्त खाते में पेंशन जमा करना जारी न रखें। हालांकि यदि कोई राशि संयुक्त खाते में भूल से जमा कर दी जाती है, तो यह संयुक्त खाते पेंशनर /पति/पत्नी में एकल या संयुक्त रुप से परिचालित किसी खाते से वसूली योग्य होगी। संयुक्त खाते में भूलवश जमा किसी भी राशि को वापस जमा करने हेतु वैधानिक उत्तराधिकारी, परवर्ती एवं निष्पादक आदि , दायी होंगे। (सी) पेंशनर के पति/पत्नी के संयुक्त खाते पर पेंशन के बकाया का भुगतान (नामांकन) नियम 1983 पहले की तरह ही लागू होंगे । इसका अर्थ यह है कि यदि इन नियमों के नियम 5 एवं 6 के अनुसार एक "स्वीकृत नामांकन” है तो इन नियमों में उल्लिखित बकाया शेष नामित को भुगतान किए जाएंगे । वर्तमान पेंशनर (जो कि अपने पेंशन का भुगतान एक संयुक्त खाते में चाहते हो, को उस बैंक शाखा में जहां से वे वर्तमान में पेंशन प्राप्त कर रहे है, विहित प्रारुप में एक आवेदन प्रस्तुत करना होगा । पश्चिम बंगाल सरकार द्वारा निर्दिष्ट शर्तो को स्वीकार करने की पुष्टि स्वरुप पेंशनर के पति/पत्नि को भी इस आवेदन मे हस्ताक्षर करने होंगे। उपरोक्त सुविधा वर्तमान/भविष्य के पेंशनरों पर भी लागू होगी। 14. सार्वजनिक क्षेत्र के बैंकों द्वारा पंजाब सरकार के पेंशनरों को पेंशन भुगतान की योजना। पंजाब सरकार ने उन सरकारी पेंशनरों के संबंध में, जिनके पीपीओ (पेंशन भुगतान आदेश) में उनके पति/पत्नी के पक्ष में, परिवार पेंशन हेतु प्राधिकार होने की स्थिति में, ऐसे पेंशनरों के पति/पत्नी के साथ संयुक्त खाते में पेंशन जमा करने की सुविधा देने संबंधी संशोधन पेंशन भुगतान योजना में किया है । पेंशनर के साथ संयुक्त खाता "पूर्ववर्ती या उत्तरजीवी" या "दोनों में कोई एक या उत्तरजीवी" आधार पर निम्नांकित शर्तों और निबंधनों पर परिचालित किया जा सकेगा : (ए) एक बार पेंशन बैंक खाते में जमा हो जाने पर सरकार /बैंक का दायित्व समाप्त समझा जाएंगा । यदि पति/पत्नी अनुचित रुप से राशि या आहरण करते है, तो भी भविष्य में कोई दायित्व उत्पन्न नहीं होगा । (बी) चूंकि पेंशन, पेंशनर के जीवित रहते ही भुगतान योग्य है , अतः पेंशनर की मृत्यु होने पर अतिशीघ्र, किसी भी मामलें में एक माह में, उसकी मृत्यु की सूचना बैंक को दी जानी चाहिए , ताकि बैंक पेंशनर की मृत्यु होने पर पति/पत्नी के साथ संयुक्त खाते में पेंशन जमा करना जारी न रखें । हालाकि यदि कोई राशि संयुक्त खाते में भूल जमा कर दी जाती है, तो यह संयुक्त खाते /पेंशनर / पति/पत्नी के एकल या संयुक्त रुप से परिचालित किसी खाते से वसूली योग्य होगी । संयुक्त खाते में भूलवश जमा किसी भी राशि को वापस जमा करने हेतु वैधानिक उत्तराधिकारी, परवर्ती एवं निष्पादक आदि, दायी होंगे। (सी) नियमानुसार, पेंशन के बकाया एरियर्स का भुगतान हेतु नामांकन का प्रावधान पंजाब वित्तीय नियमों के खंड I के नियम 5.3 बी के नोट 4 और समय-समय पर पेंशनर के अपने पति/पत्नी के साथ संयुक्त खातें के लिए जारी होने वाले निर्देशों के अनुसार होगा। इसका यह अर्थ होगा कि यदि एक 'स्वीकृत नामांकन' इन नियमों के अंतर्गत उपलब्ध है, तो बकाया राशियां नामित को भुगतान की जाएंगी । वित्त विभाग, पंजाब के परिपत्र क्र.21(1)83-एफआर (6) 11991 दिनांक 20 नवंबर 1984 के द्वारा संशोधित नामांकन पत्रों में संशोधन किया गया है । वर्तमान पेंशनर जो अपने पेंशन का भुगतान एक संयुक्त खाते में चाहते हो, को उस बैंक शाखा में जहां से वे वर्तमान में पेंशन प्राप्त कर रहे है, विहित प्रारुप में एक आवेदन प्रस्तुत करना होगा । पंजाब सरकार के द्वारा निर्दिष्ट शर्तों को स्वीकार करने की पुष्टि स्वरुप पेंशनर के पति/पत्नी को भी इस आवेदन में हस्ताक्षर करने होंगे । उपरोक्त सुविधा वर्तमान/भविष्य के पेंशनरों पर भी लागू होगी। 15. सार्वजनिक क्षेत्र के बैंकों के माध्यम से केद्रीय सरकारी पेंशन का भुगतान - पेंशन पर्ची जारी करना। केद्रीय पेंशन लेखा कार्यालय, वित्त मंत्रालय एवं भारत सरकार से चर्चा के पश्चात यह निर्णय लिया गया है कि केद्रीय सरकार पेंशनर (सिविल) को पेंशन प्रारंभ होते समय और इसके बाद पेंशन के परिणाम में परिवर्तन होने पर पेंशन पर्ची जारी की जाएंगी । सभी एजेंसी बैंक, उनकी पेंशन भुगतान करनेवाली शाखाओं को उचित निर्देश जारी करें। 16. रक्षा पेंशन भुगतान प्रतिपूर्ति हेतु एकल खिड़की प्रणाली का प्रारंभ। (संदर्भ डीजीबीए.जीएडी.क्र.एच-13834/45.02.001/2006-07 दिनांक 13 मार्च, 2007) प्रधान रक्षा लेखा नियंत्रक (पेंशन) कार्यालय से चर्चा के बाद यह निर्णय लिया गया है कि 1 अप्रैल 2007 से रक्षा पेंशन की प्रतिपूर्ति हेतु एकल खिड़की प्रणाली प्रारंभ होगी । अतः 1 अप्रैल 2007 से प्रतिपूर्ति करनेवाले बैंक यथा आरबीआई (पीएडी), एसबीआई एवं इसके सहयोगी बैंक रक्षा पेंशन प्रतिपूर्ति 1 अप्रैल 2007 से बंद कर देंगें । केद्रीय सिविल पेंशन के मामलें में, पेंशन भुगतान के सौदे संपर्क कक्ष, नागपुर के माध्यम से भारतीय रिज़र्व बैंक, केद्रीय लेखा अनुभाग नागपुर को निधि निपटान हेतू सूचित किए जाए। एजेंसी बैंक भुगतान स्क्रॉल सीधे ही पीसीडीए (पी) कार्यालय, द्रौपदी घाट, इलाहाबाद को भेंजे। 1 अप्रैल 2007 के पहले के बकाया पिछले सौदे, जिनके लिए पेंशन भुगतान स्क्रॉल सूचना वांछित है आरबीआई / एसबीआई एवं सहयोगी बैंक की प्रतिपूर्ति करने वाली शाखाओं द्वारा निपटाएं जाएं। 17. सार्वजनिक क्षेत्र की बैंकों द्वारा अरुणाचल प्रदेश सरकार के पेंशनरों को पेंशन भुगतान की योजना। अरुणाचल प्रदेश सरकार उन पेंशनरों के संबंध में जिनके पीपीओ (पेंशन भुगतान आदेश) में उनके पति/पत्नी के पक्ष में परिवार पेंशन हेतु प्राधिकार होने की स्थिति में ऐसे पेंशनरों के पति/पत्नि के साथ संयुक्त खाते में पेंशन जमा करने की सुविधा देने संबंधी संशोधन पेंशन भुगतान योजना में किया है । पेंशनर के साथ संयुक्त खाता "पूर्ववर्ती या उत्तरजीवी" या "दोनों में कोई एक या उत्तरजीवी" आधार पर निम्नांकित शर्तो और निबंधनों पर परिचालित किया जा सकेगा : (ए) एक बार पेंशन बैंक खाते में जमा हो जाने पर सरकार /बैंक का दायित्व समाप्त समझा जाएंगा।यदि पति/पत्नी अनुचित रुप से राशि या आहरण पेंशनर की जानकारी में न रहते हुए करते है, तो भी भविष्य में कोई दायित्व उत्पन्न नहीं होगा । (बी) चूंकि पेंशन, पेंशनर के जीवित रहते ही भुगतान योग्य है, अतः पेंशनर की मृत्यु होने पर अतिशीघ्र, किसी भी मामलें में एक माह में,उसकी मृत्यु की सूचना बैंक को दी जानी चाहिए , ताकि बैंक पेंशनर की मृत्यु होने पर पति/पत्नी के साथ संयुक्त खाते में पेंशन जमा करना जारी न रखें। हालांकि यदि कोई राशि संयुक्त खाते में भूल से जमा कर दी जाती है, तो यह संयुक्त खाते पेंशनर / पति/पत्नी के एकल या संयुक्त रुप से परिचालित किसी खाते से वसूली योग्य होगी। संयुक्त खाते में भूलवश जमा किसी भी राशि को वापस जमा करने हेतु वैधानिक उत्तराधिकारी परवर्ती एवं निष्पादक आदि, दायी होंगे। (सी) वर्तमान पेंशनर जो कि अपने पेंशन का भुगतान एक संयुक्त खाते में चाहते हो, को उस बैंक शाखा में जहाँ से वे वर्तमान में पेंशन प्राप्त कर रहे है, विहित प्रारुप में एक आवेदन प्रस्तुत करना होगा। शर्तों को स्वीकार करने की पुष्टि स्वरुप पेंशनर के पति/पत्नी को भी इस आवेदन में हस्ताक्षर करने होंगें। उपरोक्त सुविधा वर्तमान/भविष्य के पेंशनरों पर भी लागू होगी। (डी) पेंशन भुगतान पाने के लिए संयुक्त खाता, किसी अन्य व्यक्ति के नाम न होते हुए, केवल पति/पत्नी, जिनको पीपीओ में पेंशन पाने हेतु अधिकृत किया गया हैं, के साथ ही होना चाहिए। यह संशोधित योजना परिवार पेंशनरों के लिए नहीं हैं । 18. सार्वजनिक क्षेत्र की बैंकों के माध्यम से केद्रीय सिविल/रक्षा/रेल्वे/और पश्चिम बंगाल , गोवा और केरल सरकार पेंशन का भुगतान - पेंशन पर्ची जारी करना। केद्रीय पेंशन लेखा कार्यालय, वित्त मंत्रालय एवं भारत सरकार/ रक्षा/रेल्वे मंत्रालय और पश्चिम बंगाल , गोवा एवं केरल सरकार ने यह निर्णय लिया गया है कि उनके पेंशनरों जिसमें परिवार पेंशनर भी शामिल है ,को पेंशन प्रारंभ होते समय और इसके बाद पेंशन के परिणाम में परिवर्तन होने पर विहित प्रारूप में पेंशन पर्ची जारी की जाएंगी । सभी एजेंसी बैंक, उनकी पेंशन भुगतान करनेवाली शाखाओं को उचित निर्देश जारी करें । 19. सार्वजनिक क्षेत्र की बैंकों द्वारा असम सरकार के पेंशनरों को पेंशन का भुगतान - पेंशनर द्वारा अपनी पत्नी /अपने पति के साथ परिचालित संयुक्त खाते में पेंशन जमा किया जाना। असम सरकार ने उन पेंशनरों के संबंध में जिनके पीपीओ (पेंशन भुगतान आदेश) कें उनके पति/पत्नी के पक्ष में परिवार पेंशन हेतु प्राधिकार होने की स्थिति में ऐसे पेंशनरों को पति/पत्नी के साथ संयुक्त बचत /चालू खाते में पेंशन जमा करने की सुविधा देने संबंधी संशोधन पेंशन भुगतान योजना में किया है ।पेंशनर के साथ संयुक्त खाता "पूर्ववर्ती या उत्तरजीवी" या "दोनों में कोई एक या उत्तरजीवी" आधार पर निम्नांकित शर्तो और निबंधनों पर परिचालित किया जा सकेगा: (ए) एक बार पेंशन बैंक खाते में जमा हो जाने पर सरकार /बैंक का दायित्व समाप्त समझा जाएंगा ।यदि पति/पत्नी अनुचित रूप से राशि या आहरण करते है, तो भी भविष्य में कोई दायित्व उत्पन्न नहीं होगा । (बी) चूंकि पेंशन, पेंशनर के जीवित रहते ही भुगतान योग्य है, अतः पेंशनर की मृत्यु होने पर अतिशीघ्र, किसी भी मामलें में एक माह में, उसकी मृत्यु की सूचना बैंक को दी जानी चाहिए, ताकि बैंक पेंशनर की मृत्यु होने पर पति/पत्नि के साथ संयुक्त खाते में पेंशन जमा करना जारी न रखें। हालांकि यदि कोई राशि संयुक्त खाते में भूल से जमा कर दी जाती है, तो यह संयुक्त खाते/पेंशनर/पति/पत्नी के एकल या संयुक्त रूप से परिचालित किसी खाते से वसूली योग्य होगी। संयुक्त खाते में भूलवश जमा किसी भी राशि को वापस जमा करने हेतु वैधानिक उत्तराधिकारी, परवर्ती एवं निष्पादक आदि, दायी होंगे। (सी) पेंशनर के पति/पत्नी के संयुक्त खाते पर पेंशन के बकाया का भुगतान (नामांकन) नियम 1987 पहले की तरह ही लागू होंगे । इसका अर्थ यह है कि यदि इन नियमों के नियम 5 एवं 6 के अनुसार एक " स्वीकृत नामांकन" है तो इन नियमों में उल्लिखित बकाया शेष नामित को भुगतान किए जाएंगे । वर्तमान पेंशनर, जोकि अपने पेंशन का भुगतान एक संयुक्त खाते में चाहते हो, को उस बैंक शाखा में जहाँ से वे वर्तमान में पेंशन प्राप्त कर रहे है, विहित प्रारूप में एक आवेदन प्रस्तुत करना होगा । इस पर पेंशनर के पति/ की पत्नी के भी हस्ताक्षर होंगे, जोकि असम सरकार के द्वारा निर्धारित शर्तो और निबंधनों को स्वीकृत करने के अभिप्राय स्वरूप होंगे। उपरोक्त सुविधा वर्तमान/भविष्य के पेंशनरों पर भी लागू होगी। 20. सार्वजनिक क्षेत्र की बैंकों द्वारा पुदुच्चेरी सरकार के पेंशनरों को पेंशन भुगतान की योजना - योजना में संशोधन। (संदर्भ - डीजीबीए.जीएडी.9036/45.05.017/2007-08 दिनांक 19 फरवरी 2008) 17-12-2007 से पुदुच्चेरी संघशासित प्रदेश हेतु अलग लोक खाते के प्रारंभ किए जाने से, पुदुच्चेरी सरकार ने सार्वजनिक क्षेत्र की बैंकों के माध्यम से पेंशन भुगतान की योजना को शासकीय गजट आदेश एमएस.संख्या.7/2008/एफ़आई(बी) दिनांक 8 जनवरी 2008 के द्वारा संशोधित किया है। इस योजना के प्रयोजन के लिए पेंशनरों में संघशासित क्षेत्र पुदुच्चेरी के स्वतंत्रता संग्राम सेनानी भी शामिल होंगे। सभी एजेंसी बैंक संशोधित योजना के अनुसार उचित कार्रवाई करें। पैरा 2ए.(3), 10.7, 11.1 को निम्नानुसार संशोधित किया गया है
21. महाराष्ट्र सरकार के पेंशनरों को प्राधिकृत बैंकों द्वारा पेंशन का भुगतान - पेंशनर द्वारा अपनी पत्नी/अपने पति के साथ परिचालित संयुक्त खाते में पेंशन जमा किया जाना। महाराष्ट्र सरकार ने उन पेंशनरों के संबंध में जिनके पेंशन भुगतान आदेश(पीपीओ) में उनके पति/पत्नि के पक्ष में परिवार पेंशन हेतु प्राधिकार होने की स्थिति में ऐसे पेंशनरों के उनके पति /पत्नि के साथ संयुक्त खाते में पेंशन जमा करने की सुविधा देने संबंधी संशोधन पेंशन भुगतान योजना में निम्नांकित शर्तों और निबंधनों पर किया है: (ए) पेंशनर के साथ संयुक्त खाता " पूर्ववर्ती या उत्तरजीवी" या " दोनों में कोई एक या उत्तरजीवी " आधार पर निम्नांकित शर्तो और निबंधनों पर परिचालित किया जा सकेगा । (बी) एक बार पेंशन बैंक खाते में जमा हो जाने पर सरकार/बैंक या दायित्व समाप्त समझा जाएंगा । यदि पति/पत्नी अनुचित रूप से या पेंशनर की अनुपस्थिति में राशि का आहरण करते है तो भी भविष्य में कोई दायित्व उत्पन्न नहीं होगा । (सी) चूंकि पेंशन, पेंशनर के जीवित रहते ही भुगतान योग्य है, अतः पेंशनर की मृत्यु होने पर अतिशीघ्र, किसी भी मामलें में एक माह में उसकी मृत्यु की सूचना लेखा अधिकारी/राजकोष अधिकारी/ बैंक को दी जानी चाहिए, पेंशनर की मृत्यु होने पर राजकोषीय कार्यालय से सूचना प्राप्त होने पर, बैंक पति/पत्नी के साथ संयुक्त खाते में पेंशन जमा करना बंद कर देगा। (डी) यदि पेंशनर के द्वारा संयुक्त खाते के धारकों के पक्ष में कोई नामांकन नही है, तो इस स्थिति में उसकी मृत्यु होने पर, बिना सक्षम अधिकारी द्वारा जारी उत्तराधिकार प्रमाणपत्र के बकाया राशि का आहरण नहीं किया जा सकेगा । हालांकि यदि कोई राशि संयुक्त खाते में भूल से अधिक जमा कर दी जाती है, तो वह परिवार पेंशन खाते या पेंशनर के किसी संयुक्त खाते या उसके संयुक्त खाता धारकों के किसी व्यक्तिगत खाते से वसूली योग्य होगी । (ई) पेंशनर की मृत्यु के बाद यदि किसी भौतिक जानकारी के अभाव में कोई पेंशन राशि संयुक्त खातें में जमा की जाती है और यदि वह राशि बैंक खातें में जमा है, तो यह बैंक द्वारा सरकार को वापस लौटा दी जाएगी। वर्तमान पेंशनर जो अपने पेंशन का भुगतान एक संयुक्त खाते में चाहते हो, उन्हे वेतन एवं लेखा अधिकारी, मुंबई/राजकोषीय अधिकारी जहां से वे वर्तमान में पेंशन प्राप्त कर रहे है, विहित प्रारूप में एक आवेदन प्रस्तुत करना होगा। यदि पेंशनर/संयुक्त खाता धारक को सरकारी आदेश के द्वारा जारी शर्ते एवं निंबधन स्वीकार है तो इस आशय का घोषणा पत्र पेंशनर से प्राप्त होने पर संबंधित राजकोष/वेतन एवं लेखा अधिकारी, मुंबई बैंक को पेंशनर का संयुक्त खाता परिचालित करने का आदेश जारी करेगा । 22. सार्वजनिक क्षेत्र की बैंकों द्वारा उत्तरप्रदेश सरकार के पेंशनरों पेंशन का भुगतान - पेंशनर द्वारा अपनी पत्नि/अपने पति के साथ परिचालित संयुक्त खाते में पेंशन जमा किया जाना। उत्तर प्रदेश सरकार ने निम्नांकित शर्तो एवं निबंधनों के अधीन एकल खाते के साथ-साथ केद्रीय सरकार पेंशन योजना के समान ही संयुक्त खाते में भी पेंशन जमा करने की अनुमति प्रदान करने हेतु ,पेंशन भुगतान करने की योजना में निम्नांकित शर्तों और निबंधनों के अधीन संशोधन किया है: ए) पेंशन बैंक खाते में जमा हो जाने पर सरकार/बैंक का दायित्व समाप्त समझा जाएगा ।पति/पत्नी अनियमित/त्रुटिपूर्ण आहरण करने पर सरकार का कोई दायित्व नहीं होगा । (बी) पेंशनर की मृत्यु होने पर एक माह में उसकी मृत्यु की सूचना राजकोष कार्यालय को दी जानी चाहिए, ताकि राजकोष कार्यालय द्वारा पेंशनर की मृत्यु होने पर संयुक्त खाते में पेंशन जमा करना बंद की जा सकें। हालांकि यदि कोई राशि संयुक्त खाते में भूल से जमा कर दी जाती है, तो यह पेंशनर के संयुक्त या किसी अन्य एकल/संयुक्त खाते से वसूली योग्य होगी। इस प्रकार भूलवश जमा किसी राशि को वापस जमा करने के लिए वैधानिक उत्तराधिकारी, वारिस एवं निष्पादक आदि भी जिम्मेदार होंगे। (सी) यह सुविधा वर्तमान/भविष्य के पेंशनरों के लिए लागू है।वर्तमान पेंशनर यदि पेंशन का भुगतान संयुक्त खाते में चाहते हो, तो उस बैंक/ राजकोष कार्यालय में जहां से वे वर्तमान में पेंशन प्राप्त कर रहे है, को एक आवेदन प्रस्तुत करें। दिनांक 19 जुलाई 2001 के सरकारी आदेश के साथ पठित सरकारी आदेश दिनांक 16 दिसंबर 1996 एवं 6 अप्रैल 1985 उपरोक्त सरकारी आदेश की सीमाओं में संशोधित माने जाएं। अन्य शर्ते एवं निबंधन अपरिवर्तनीय रहेंगे। 23. सार्वजनिक क्षेत्र की बैंकों द्वारा उत्तराखंड सरकार के पेंशनरों को पेंशन का भुगतान - पेंशनर द्वारा परिवार पेंशनर /नामिति के साथ परिचालित संयुक्त खाते में पेंशन जमा किया जाना। उत्तराखंड सरकार ने पेंशन भुगतान योजना मे निम्नांकित शर्तों और निबंधनों के अधीन संशोधन कर अपने पेंशनरों को एकल एवं परिवार पेंशनर/नामित(पीपीओ में दर्शाएं अनुसार) के साथ संयुक्त खाता खोलने की अनुमति दी हैं: (ए) एक बार पेंशन बैंक खाते में राजकोष के द्वारा जमा हो जाने पर सरकार /बैंक का दायित्व समाप्त समझा जाएगा । यदि परिवार पेंशनर (पति/पत्नी) या पीपीओं में नामित व्यक्ति गलत रूप से संयुक्त खाते से राशि का आहरण करते है, तो पेंशनर/ संयुक्त खाता धारक इसके लिए पूर्ण रूप से जिम्मेदार होंगे। (बी) चूंकि पेंशन पेंशनर के जीवित रहते के दौरान ही भुगतान योग्य है, अतः पेंशनर की मृत्यु होने पर अतिशीघ्र उसकी मृत्यु की सूचना बैंक/ राजकोष को दी जानी चाहिए, ताकि राजकोष पेंशनर की मृत्यु होने पर संयुक्त खाते में पेंशन जमा करना बंद कर दें। हालांकि यदि कोई राशि पेंशनर की मृत्यु के पश्चात संयुक्त खाते में भूल से जमा कर दी जाती है तो यह संयुक्त खाता धारक (पेंशनर/पति/पत्नी नामित) द्वारा राजकोष को वापस लौटाई जाएगी। पेंशनर की मृत्यु के बाद संयुक्त खातें में जमा राशि को वापस लौटने हेतु वैधानिक उत्तराधिकारी, वारिस एवं नामित जिम्मेदार होंगे। (सी) उपरोक्त शासकीय आदेश की सीमाओं में रहते हुए दिनांक 08/11/1985 का शासकीय आदेश संशोधित माना जाएगा एवं अन्य शर्ते एवं निबंधन यथावत रहेंगे। भविष्य में सेवानिवृत्त होने वाले कर्मचारी, जो संयुक्त खाता खोलने के इच्छुक है, विहित फार्म- 1 पेंशन आवेदन के साथ प्रस्तुत करेंगे। हालांकि राजकोष से पेंशन प्राप्त करने वाले मौजूदा पेंशनर विहित फार्म में राजकोष/बैंक में आवेदन प्रस्तुत कर संयुक्त खाता खोल सकते है। 24. सार्वजनिक क्षेत्र की बैंकों द्वारा उड़ीसा सरकार के पेंशनरों को पेंशन का भुगतान - पेंशनर द्वारा अपनी पत्नी/अपने पति के साथ परिचालित संयुक्त खाते में पेंशन जमा किया जाना। उड़ीसा सरकार ने पेंशन भुगतान योजना में पेंशनरों के उनके पति/पत्नी के साथ संयुक्त बचत/चालू खाते में पेंशन जमा करने की सुविधा देने संबंधी संशोधन किया है। पेंशनर के साथ संयुक्त खाता "पूर्ववर्ती या उत्तरजीवी" या "दोनों में कोई एक या उत्तरजीवी" आधार पर निम्नांकित शर्तो और निबंधनों पर परिचालित किया जा सकेगाः (ए) एक बार पेंशन बैंक खाते में जमा हो जाने पर सरकार/ बैंक का दायित्व समाप्त समझा जाएगा । यदि पति/पत्नी अनुचित रूप से राशि आहरण करते है तो भी भविष्य में कोई दायित्व उत्पन्न नहीं होगा। (बी) चूंकि पेंशन पेंशनर के जीवित रहते हुए ही भुगतान योग्य है, अतः पेंशनर की मृत्यु होने पर अतिशीघ्र, किसी भी मामलें में एक माह में, उसकी मृत्यु की सूचना बैंक को दी जानी चाहिए ताकि बैंक पेंशनर की मृत्यु होने पर पति/पत्नी के साथ संयुक्त खाते में पेंशन जमा करना जारी न रखें। हालांकि यदि कोई राशि संयुक्त खाते में भूल से जमा कर दी जाती है, तो यह पेंशनर / पति/पत्नी के संयुक्त खाते या/और अन्य किसी खाते से वसूली योग्य होगी। संयुक्त खाते में भूलवश जमा किसी भी राशि को वापस लौटने हेतु वैधानिक उत्तराधिकारी, वारिस एवं निष्पादक आदि जिम्मेदार होंगे। पेंशनर को यह घोषणा पत्र देना होगा कि यदि पेंशनर के खातें/ संयुक्त खातें में कोई अधिक राशि जमा कर दी जाती है, तो उसके वैधानिक उत्तराधिकारी, वारिस, निष्पादक राशि लौटने के लिए जिम्मेदार होंगे। (सी) पेंशनर के पति/पत्नी के संयुक्त खाते पर पेंशन के बकाया का भुगतान पहले की तरह ही चालू रहेगा यदि उड़ीसा ट्रेशरी कोड खंड - 1 के एस.आर. 318 के साथ संलग्न नोट-ए के अनुसार एक स्वीकृत नामांकन उपलब्ध है। जो वर्तमान पेंशनर उपरोकतानुसार अपने पेंशन का भुगतान एक संयुक्त खाते में चाहते है , उस बैंक शाखा में जहां से वे वर्तमान मे पेंशन प्राप्त कर रहे है, विहित प्रारुप में एक आवेदन प्रस्तुत करेंगे। कार्यालय ज्ञापन क्र. 26848 दिनांक 24/05/2008 में निर्दिष्ट शर्तो एवं निबंधनों को स्वीकार करने की पुष्टि स्वरुप पेंशनर के पति/पत्नि को भी इस आवेदन में हस्ताक्षर करने होंगे। कार्यालय ज्ञापन क्र.टीआरडी-22/07 26848/एफ दिनांक 24 मई 2008 के जारी होने के पश्चात सेवानिवृत्त होने वाले पेंशनरों पर भी ये निर्देश लागू होंगे। 25.प्राधिकृत बैंकों द्वारा दूरसंचार पेंशनरों को पेंशन का भुगतान की योजना - पेंशनर द्वारा अपनी पत्नी/अपने पति के साथ परिचालित संयुक्त खाते में पेंशन जमा किया जाना। केंद्रीय पेंशन लेखा कार्यालय(सीपीएओ) से विचार विमर्श कर यह निर्णय लिया गया है कि डीओटी/एक्स डीओटी/, डीटीएस एवं डीटीओ पेंशनर (बीएसएनएल में समाहित किए गए) जो प्राधिकृत बैंकों से पेंशन प्राप्त कर रहे है, को भी पीपीओ (पेंशन भुगतान आदेश) में पति/पत्नी के पक्ष में परिवार पेंशन हेतु प्राधिकार होने की स्थिति में, पति/पत्नी के साथ संयुक्त खाते में पेंशन प्राप्त करने की अनुमति दी जाए। पेंशनर के साथ पति/पत्नी का संयुक्त खाता "पूर्ववर्ती या उत्तरजीवी" या "दोनों में कोई एक या उत्तरजीवी" आधार पर दूरसंचार विभाग, संचार एवं सूचना प्रौद्योगिकी विभाग, भारत सरकार मे कार्यालय ज्ञापन मे दी गई शर्तो और निबंधनों के अधीन परिचालित किया जा सकेगा। तदनुसार सभी एजेंसी बैंक को उनकी पेंशन भुगतान करनेवाली शाखाओं को निर्देश जारी करने के लिए सूचित किया गया है। 26. प्राधिकृत बैंकों द्वारा आंध्रप्रदेश सरकार के पेंशनरों को पेंशन भुगतान की योजना - पेंशनर द्वारा अपनी पत्नी/अपने पति के साथ परिचालित संयुक्त खाते में पेंशन जमा किया जाना। आंध्रप्रदेश सरकार ने पेंशनरों के पति/पत्नी के साथ संयुक्त खाते में पेंशन जमा की अनुमति आंध्रप्रदेश सरकार के आदेश में दिए अनुसार सेवा पेंशनर के पति /पत्नी द्वारा एक शपथपत्र प्रस्तुत किए जाने की शर्त पर प्रदान की है। तदनुसार सभी एजेंसी बैंकों को उनकी पेंशन भुगतान करनेवाली शाखाओं को निर्देश जारी करने के लिए सूचित किया गया है। 27. ग्राहक सेवा पर प्रभाकर राव समिति की सिफारिशें – पेंशन भुगतान। प्रभाकर राव समिति की पेंशन भुगतान से संबंधित सिफारिशों को स्वीकार करने का निर्णय लिया गया है।तदनुसार सभी एजेंसी बैंकों को उनकी पेंशन भुगतान करनेवाली शाखाओं को इन सिफारिशों के अनुपालन करने, शाखाओं के कार्य की जांच बिंदुओं की सूची( में संलग्न) के अनुसार मदों के अनुपालन की जांच के लिए आंतरिक लेखापरीक्षकों /निरीक्षकों को निर्देश देने और उनकी रिपोर्ट में ग्राहक सेवा की गुणवत्ता पर की गई टिप्पणियों को रिज़र्व बैंक के निरीक्षक अधिकारियों को शाखा के दौरे के समय उपलब्ध कराने के लिए सूचित किया गया है। 28. 6 वें वेतन आयोग की सिफारिशों पर सरकार के निर्णय का अनुपालन – 2006 के पहले के पेंशनर/ परिवार पेंशनरों आदि की पेंशन में संशोधन। कार्मिक , लोक शिकायत और पेंशन मंत्रालय , भारत सरकार, नई दिल्ली ने अपने दिनांक 1 सितंबर 2008 के पत्र सं 38/37/08-पी एंड पी डब्ल्यू(ए) के द्वारा जनवरी 2006 से 2006 के पहले के पेंशनर/ परिवार पेंशनरों की पेंशन के नियमितीकरण की स्वीकृति दी है ।ये आदेश 1 जनवरी 2006 को केन्द्रीय सिविल सेवा (पेंशन) नियम 1972 के अंतर्गत पेंशन / परिवार पेंशन प्राप्त कर रहे पेंशनर/ परिवार पेंशनरों और सीसीएस(असाधारण पेंशन) नियम एवं तत्सम नियम रेल्वे एवं अखिल भारतीय सेवा के पेंशनरों एवं दिनांक 1 जनवरी 1973 को/के बाद सेवानिवृत्त भारतीय सिविल सेवा के अधिकारियों पर लागू होंगे । ये आदेश सेवानिवृत्त उच्च न्यायालय / सर्वोच्च न्यायालयों के न्यायाधीशों एवं अन्य संवैधानिक/सांविधिक प्राधिकारियों, जिनकी पेंशन किसी अलग नियम/आदेश से शासित होती है, पर लागू नही होंगे। तदनुसार सभी एजेंसी बैंकों को पेंशनरों को पेंशन भुगतान करते समय सरकार की इन सिफारिशों के अनुपालन करने का निर्देश जारी करने के लिए सूचित किया गया है। 29. सार्वजनिक क्षेत्र के बैंकों द्वारा केन्द्रीय सरकार /सिविल / रक्षा/ रेल्वे/ दूरसंचार / स्वतंत्रता सेनानी / राज्य सरकार पेंशनरों को पेंशन का भुगतान - सार्वजनिक क्षेत्र के बैंकों द्वारा पेंशन भुगतान में सुव्यवस्था। (संदर्भ डीजीबीए.जीएडी.एच 7652/45.05.031/2008-09 दिनांक 03 मार्च 2009) हमें पेंशनरों से माह के अंतिम चार कार्यदिवसों पर पेंशन भुगतान न करने की बहुत अधिक शिकायतें प्राप्त हो रही है। एजेंसी बैंकों द्वारा अंतिम कार्यदिवस पर पेंशन भुगतान किया जा रहा है जिससे पेंशनरों को लंबी कतारों मे खड़ा रह कर परेशानी उठानी पड़ती है।इस संबंध में, हमने अपने दिनांक 01 जून 1995 के परिपत्र क्र. जीए.एनबी संख्या 307/45.01.001/ 94-95 में सभी बैंकों को यह निर्देश दिया था कि मार्च के महीने को छोड़कर( मार्च महीने के लिए अप्रैल के प्रथम कार्यदिवस पर या बाद में पेंशन भुगतान किया जाता रहेगा।)बाकी सभी महीनों में अंतिम चार कार्य दिवसों में बाँटकर पेंशन भुगतान करें। 30. एजेंसी बैंकों की पेंशन भुगतान करने वाली शाखाओं द्वारा पेंशन पर्ची जारी करना/ पेंशन भुगतान आदेश(पीपीओ) को अद्यतन करना। हालांकि एजेंसी बैंकों को पेंशन पर्ची जारी करना/ पीपीओ को अद्यतन करने के लिए उचित निर्देश जारी किए गए थे किंतु पेंशनर संघों से पेंशन भुगतान करने वाली शाखाओं के द्वारा पेंशन पर्ची जारी न करने की शिकायतें मिल रही है । उन्हौने यह शिकायत भी की है कि जब भी सरकार के संबंधित विभाग पेंशन की मूल दर में बदलाव करते है, तब पेंशन भुगतान करने वाली शाखाएं पीपीओ के दोनो हिस्सों को अद्यतन नही करती है । तदनुसार हमने सभी क्षेत्रीय कार्यालयों को यह सुनिश्चित करने को कहा है कि पीएडी(लोक लेखा विभाग) के निरीक्षणकर्ता अधिकारी एजेंसी बैंकों का निरीक्षण करते समय पेंशन पर्ची एवं पीपीओ के अद्यतन होने की जांच करें और इस बारे में विशेष टिप्पणी भी करें। 31. पेंशन के अधिक भुगतान की राशि सरकारी खातों मे वसूली/प्रतिपूर्ति। भारत सरकार ने हमें सूचित किया है कि बैंकों द्वारा किए गए पेंशन के अधिक भुगतान बैंकों द्वारा सरकारी खाते मे एकमुश्त जमा नही किए जाते एवं किश्तों में पेंशनरों से वसूल किए जाने के बाद जमा किए जाते है। चूंकि इससे सरकार को हानि होती है, अत: सभी एजेंसी बैंकों को निर्देश दिया गया है कि जब भी कोई अधिक भुगतान का पता चले, पूरी राशि तत्काल ही एकमुश्त सरकारी खाते में जमा कर दी जाए। हमने अपने दिनांक 18 अप्रैल 1991 एवं 1 जून 2009 के परिपत्रों द्वारा क्रमश: अधिक भुगतानों की वसूली एवं अधिक भुगतान की एकमुश्त प्रतिपूर्ति के संबंध मे अपने निर्देश को दोहराया है। 32. सार्वजनिक क्षेत्र के बैंकों के माध्यम से रेल्वे पेंशनरों को पेंशन भुगतान की योजना – ड्यू एंड ड्रान स्टेटमेंट जारी करना। रेल मंत्रालय(रेल्वे बोर्ड), नई दिल्ली ने सूचित किया है कि बैंक पेंशन में संशोधन होने के कारण हुए भुगतान के विवरण पेंशनरों को सूचित नही कर रहे है। पेंशन एरियर्स के भुगतान के कार्य मे अधिक पारदर्शिता लाने के लिए रेल मंत्रालय ने हमसे अनुरोध किया है कि हम सार्वजनिक क्षेत्र के बैंकों को रेल्वे पेंशनरों को ड्यू एंड ड्रान स्टेटमेंट जारी करने का निर्देश दें। तदनुसार सभी सार्वजनिक क्षेत्र के बैंकों को सूचित किया गया है कि वे अपनी पेंशन भुगतान करने वाली शाखाओं को निर्देश जारी करें कि जब भी पेंशन में बदलाव/संशोधन हो , रेल्वे पेंशनरों को विधिवत प्रारुप में ड्यू एंड ड्रान स्टेटमेंट जारी किया जाएताकि पेंशनरों को असुविधा न हो। उन्हें इस मामले में की गई कार्रवाई की सूचना रिज़र्व बैंक को सूचित करते हुए रेल मंत्रालय को रिपोर्ट करने को कहा गया है। 33.सरकारी क्षेत्र के बैंको द्वारा केन्द्रीय सिविल/रक्षा/रेल्वे/दूर संचार/स्वतंत्रता सेनानियों/राज्य सरकारों के पेंशनरों की पेंशन के भुगतान की योजना - वृध्द / रुग्ण/ विकलांग/अक्षम पेंशनरों द्वारा पेंशन आहरण की सुविधाI यह पाया गया कि आरबीआई द्वारा जारी दिशानिर्देशों का बैंक कर्मचारियों एवं पेंशनरों की अनभिज्ञता के कारण ठीक से पालन नही किया जा रहा है। रुग्ण एवं विकलांग पेंशनरों को बैंक से पेंशन/ परिवार पेंशन के आहरण में आने वाली समस्याओं को कम करने के लिए एजेंसी बैंकों को पहले जारी निर्देशों को दोहराया है और उन्हें रुग्ण और विकलांग पेंशनरों के प्रकरणों को निम्नांकित श्रेणियों में वर्गीकृत करने को सूचित किया है :
ऐसे वृद्ध/रुग्ण/विकलांग पेंशनरों को अपने खाते को सुविधा से परिचालित करने में समर्थ बनाने के लिए निम्नानुसार प्रक्रिया का अनुसरण करें। (क) जहां कही भी वृद्ध/ रुग्ण पेंशनर के अंगूठे या पैर की अंगूली का निशान लिया जाता है उसकी पहचान दो स्वतंत्र साक्षीयों द्वारा की जानी चाहिए जिन्हे बैंक जानता हो और इनमें से एक व्यक्ति कोई जिम्मेदार बैंक अधिकारी होना चाहिए। (ख) जहां पेंशनर अपने अंगूठे/ पैर की अंगूली का निशान भी नही लगा सकता है तथा बैंक में स्वयं उपस्थित होने में भी असमर्थ है, वहां चेक/आहरण फार्म पर एक चिह्न लगवाया जा सकता है जिसकी पहचान दो स्वतंत्र साक्षियों द्वारा की जानी चाहिए और इनमे से एक व्यक्ति कोई जिम्मेदार बैंक अधिकारी होना चाहिए। तदनुसार एजेंसी बैंकों से अनुरोध है कि अपनी शाखाओं को सूचित करें कि उपरोक्त दिशानिर्देशों को नोटिस बोर्ड पर मुख्यता से दर्शाए, ताकि बीमार एवं विकलांग पेंशनर इन सुविधाओं पूरा फायदा उठा सके । बैंकों से अनुरोध है कि अपने स्टाफ सदस्यों को इस संबंध में जागरूक बनाए और संदेह की स्थिति में हमारी वेबसाईट (www.rbi.org.in) पर पेंशन वितरण पर अक्सर पूछे जाने वाले प्रश्नों को देखें। 34. एजेंसी बैंकों द्वारा केन्द्रीय / राज्य सरकार पेंशनरों को पेंशन का भुगतान –विलंब के लिए क्षतिपूर्ति। (संदर्भ डीओ॰सं ॰ सीएसडी . सीओ /8793/13.01.001/2009-10 दिनांक 9 अप्रैल 2010, डीजीबीए.जीएडी.सं एच-46/45.01.001/2010-11 दिनांक 2 जुलाई 2010 ,डीजीबीए.जीएडी.सं.एच -6212 एवं 6213/45.01.001/2010-11 दिनांक 11 मार्च 2011 और डीजीबीए.जीएडी.सं.एच -6760 एवं 6762/45.01.001/2011-12 दिनांक 13 अप्रैल 2012) भारतीय रिज़र्व बैंक को पेंशनरों से संशोधित पेंशन और बकाया राशि के भुगतान में अत्यधिक विलंब किए जाने के आरोप वाली कई शिकायतें मिल रही है। इस स्थिति की भारतीय रिजर्व बैंक द्वारा समीक्षा की गई और एजेंसी बैंकों निम्नानुसार निर्देश जारी किए गए: i) 1 अक्टूबर 2008 के बाद से किए गए पेंशन / पेंशन बकाया भुगतान के संबंध में बैंकों को पेंशनर द्वारा दावें की प्रतीक्षा किए बिना, भुगतान के लिए निर्धारित तिथि के बाद देरी से भुगतान की अवधि के लिए, पेंशनर के खातें में स्वत: ही संशोधित पेंशन / पेंशन बकाया भुगतान के समय 8% की निश्चित दर पर क्षतिपूर्ति राशि जमा करनी होगी । ii) पेंशन का भुगतान करने वाले बैंकों को भारतीय रिजर्व बैंक से निर्देश प्राप्त होने की प्रतीक्षा किए बिना पेंशन भुगतान प्राधिकारियों से सीधे पेंशन आदेश की प्रतियां प्राप्त करने की व्यवस्था को क्रियांवित करने के लिए कहा गया है, ताकि पेंशनरों को सरकार के द्वारा घोषित लाभ अगले महीने की पेंशन के साथ ही मिल जाए। iii) पेंशन भुगतान सहित ग्राहक सेवा को प्रदान करने की प्रणाली की समीक्षा की जाए। iv) शाखा पेंशनर के लिए संपर्क बिंदु बनी रहे अन्यथा वें व्यवस्था से कटा हुआ महसूस करते है। v) सभी पेंशन खाता रखने वाली शाखाओं को पेंशनरों की बैंक के साथ अपने सभी लेनदेन के लिए सहायता और मार्गदर्शन करना चाहिए। vi) पेंशन गणना एवं अन्य जानकारी वेबसाइट पर या शाखाओं में निश्चित अंतराल पर उपलब्ध कराई जाए एवं इसके प्रचार के लिए समुचित व्यवस्था की जाए। vii) पेंशन भुगतान के संबंध में एजेंसी कमीशन के लिए सभी दावें, कार्यपालक निदेशक /प्रभारी मुख्य महाप्रबंधक, सरकारी कारोबार (एसबीआई एवं इसके सहयोगी बैंकों के मामले में) के, इस आशय के प्रमाणपत्र के साथ होना चाहिए कि कोई पेंशन बकाया क्रेडिट करने के लिए बाकी नहीं है / पेंशन/पेंशन बकाया की जमा में देरी नही की गई है। 35. रेल्वे पेंशन भुगतान की प्रतिपूर्ति के लिए एकल खिड़की प्रणाली की शुरुआत। रेल्वे पेंशन की प्रतिपूर्ति के संबंध में एकल खिड़की प्रणाली बैंक ऑफ बड़ौदा और इलाहाबाद बैंक के साथ 1 अप्रैल 2011 से, यूनाइटेड बैंक ऑफ इंडिया के साथ 1 जुलाई 2011 से ,भारतीय स्टेट बैंक और देना बैंक के साथ 1 जुलाई 2012 से तथा बैंक ऑफ महाराष्ट्र और यूनियन बैंक ऑफ इंडिया के साथ 01 अगस्त 2012 से प्रारंभ की गई है । इन बैंकों द्वारा किए गए रेल्वे पेंशन भुगतानों की प्रतिपूर्ति भारतीय रिज़र्व बैंक, केंद्रीय लेखा अनुभाग, नागपुर द्वारा की जाएगी। 36. सार्वजनिक क्षेत्र की बैंकों द्वारा रेल्वे पेंशन के भुगतान में अनियमितताएं। एजेंसी बैंकों को यह निर्देश दिए गए है कि वे रेल्वे पेंशनरों को पेंशन के भुगतान की योजना के निर्देशों का कड़ाई से पालन करें। 37. एजेंसी बैंकों द्वारा केंद्रीय/राज्य सरकार पेंशन का भुगतान – पेंशन भुगतान के प्रतिपूर्ति दावों का निपटान। (संदर्भ डीजीबीए.जीएडी.सं. एच - 8042/45.01.001/2011-12 दिनांक 07 जून 2012)एजेंसी बैंक की लिंक शाखाओं को, केंद्रीय/राज्य सरकार के पेंशन भुगतान की प्रतिपूर्ति के दावे, भारतीय रिज़र्व बैंक,लोक लेखा विभाग/ केंद्रीय लेखा अनुभाग, नागपुर को, महीने में 3 समूह(लॉट) के स्थान पर 4 समूह(लॉट) में प्रस्तुत करने की अनुमति देने का निर्णय लिया गया है। 38. टेलीकॉम पेंशन भुगतान की प्रतिपूर्ति के लिए एकल खिड़की प्रणाली की शुरुआत। टेलीकॉम पेंशन के भुगतान की प्रतिपूर्ति के संबंध में एकल खिड़की प्रणाली(एसडबल्यूएस) भारतीय स्टेट बैंक एवं इसके सहयोगी बैंकों के साथ 01 अक्तूबर 2012 से प्रारंभ की गई है । इन बैंकों द्वारा किए गए टेलीकॉम पेंशन भुगतानों की प्रतिपूर्ति भारतीय रिज़र्व बैंक, केंद्रीय लेखा अनुभाग, नागपुर द्वारा की जाएगी। 39.पोस्टल पेंशनरों को पोस्ट ऑफिस के अतिरिक्त राष्ट्रीयकृत बैंकों के माध्यम से पेंशन भुगतान की योजना का प्रारंभ डाक विभाग ने अपने दिनांक 19 अक्तूबर 2012 के कार्यालय ज्ञापन संख्या 26-26/2012-पीए(पीईए)/डी.1133-1207 के द्वारा महा लेखा नियंत्रक, वित्त मंत्रालय एवं भारत के नियंत्रक और महालेखापरीक्षक की सहमति से पोस्टल पेंशनरों को पोस्ट ऑफिस के अतिरिक्त राष्ट्रीयकृत बैंकों के माध्यम से पेंशन भुगतान की योजना प्रारंभ की है। 40. केंद्र सरकार के पेंशनरों को पेंशन का भुगतान – पेंशनर की मृत्यु के पश्चात "दोनों में कोई एक या उत्तरजीवी" पेंशन खाते को जारी रखना। केंद्र सरकार पेंशन का भुगतान करने वाले सभी एजेंसी बैंकों को निर्देश दिए गए है कि यदि पति/पत्नी (परिवार पेंशनर) परिवार पेंशन प्राप्त करने के लिए पहले से मौजूद संयुक्त खाते को चुनता है तो यदि पति / पत्नी उत्तरजीवी है और उसका पेंशनर के साथ संयुक्त खाता है तथा उसके पक्ष में पेंशन भुगतान आदेश(पीपीओ) में परिवार पेंशन के भुगतान के लिए प्राधिकार मौजूद है, तो बैंक को उसे एक नया खाता खोलने के लिए नहीं कहना चाहिए । मास्टर परिपत्र में समेकित परिपत्रों की सूची
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