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मास्टर परिपत्र-मुद्रा तिजोरी लेनदेनों की विलम्ब से सूचना देने/गलत सूचना देने/सूचना न देने और तिजोरी शेषों/तिजोरी प्रेषणों में कमी/जाली नोटों के समावेश के मामलों पर दण्डात्मक ब्याज लगाना

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आरबीआई/2008-09/90
डीसीएम(सीसी) सं.जी- 2 /03.35.01/2008-09

01 जुलाई, 2008

1.

अध्यक्ष एवं प्रबंध निदेशक/मुख्य कार्यपालक अधिकारी मुद्रा तिजोरी वाले सभी बैंक

2.

कोषागार निदेशक(राज्य सरकार - संलग्न सूची के अनुसार)

महोदय/महोदया

मास्टर परिपत्र-मुद्रा तिजोरी लेनदेनों की विलम्ब से सूचना देने/गलत सूचना देने/सूचना न देने और तिजोरी शेषों/तिजोरी प्रेषणों में कमी/जाली नोटों के समावेश के मामलों पर दण्डात्मक ब्याज लगाना

मुद्रा तिजोरी लेनदेनों की विलम्ब से सूचना देने/गलत सूचना देने/सूचना न देने और तिजोरी शेषों/तिजोरी प्रेषणों में कमी/जाली नोटों के समावेश से संबंधित मामलों पर दण्डात्मक ब्याज लगाने से संबंधित प्रचलित समस्त अनुदेशों/दिशा-निर्देशों का अधिक्रमण करते हुए निम्नलिखित नवीन अनुदेश/दिशा-निर्देश जारी किए जाते हैं :

  1. मुद्रा तिजोरी लेनदेनों की सूचना

(क) मुद्रा तिजोरियों में जमा करने/मुद्रा तिजोरियों से आहरण करने की न्यूनतम राशि 1,00,000/- रुपये होगी और उसके बाद से यह 50,000/- रुपये के गुणकों में होगी ।

(ख) सूचना देने की मियाद

(i)

मुद्रा तिजोरियां अपने लेनदेनों की सूचना संपर्क कार्यालयों को अनिवार्यत: उसी दिन और संपर्क कार्यालय समेकित स्थिति की सूचना निश्चित रुप से अगले कार्य-दिवस पर निर्गम कार्यालयों को दें ।तथापि उन निर्गम सर्किलों में जहाँ मुद्रा तिजोरी लेनदेनों की रिपोर्टिंग आईकॉम्स द्वारा शुरु हो चुकी है, वहाँ सिक्योर्ड वेबसाईट पर अपलोडिंग करके तिजोरी लेनदेनों की सूचना अनिवार्यत: उसी दिन अधिकतम् 11 बजे रात तक दें।

(ii)

उपकोषागार अपने समस्त लेनदेनों की सूचना सीधे भारतीय रिज़र्व बैंक के निर्गम कार्यालय को उसी दिन दें ।

(ग) बैंकों में हड़ताल के दौरान छूट

सामान्य/विशिष्ट हड़ताल की स्थिति में, सूचना देने की अवधि में छूट देने पर विचार किया जाएगा । इसके अतिरिक्त, चूँकि बैंकों की अर्धवार्षिक/वार्षिक लेखाबंदी के अवकाश के दिनो में सामान्य आंतरिक कार्य किए जाते हैं, अत: सूचना देने की अनुमत अवधि की गणना करते समय इन्हें कार्य दिवस माना जाएगा ।

(घ) विलम्ब से सूचना देने पर दण्डात्मक ब्याज लगाना

(i)

किसी तिजोरी के संपर्क कार्यालय की विवरणी में अथवा क्षेत्र के निर्गम विभाग से सीधे संबध्द किसी एकल मुद्रा तिजोरी/उप कोषागार की तिजोरी पर्चियों में (लेनदेन की तारीख को सम्मिलित करते हुए) तीन कार्य-दिवसों से अधिक विलम्ब हो जाने पर, लेन देन और सूचना तिजोरी पर्ची प्राप्त होने की तारीख को छोड़ कर विलम्ब की अवधि के लिये इसके पैरा-3 में निर्दिष्ट दर के हिसाब से दण्डात्मक ब्याज लगाया जायेगा । इस प्रकार का दण्डात्मक ब्याज तिजोरी वाले बैंक से प्राप्य राशि पर लगाया जायेगा ।

(ii)

उन निर्गम सर्किलों में जहाँ रिपोर्टिंग आईकॉम्स द्वारा शुरु हो चुकी है, वहाँ दण्डात्मक ब्याज टी+0 आधार पर लगाया जायेगा अर्थात् संपर्क कार्यालय द्वारा तिजोरी लेनदेनों की सूचना निर्गम कार्यालय को उसी दिन 11 बजे रात तक न देने पर दण्डात्मक ब्याज लगाया जायेगा । तथापि, नया सिस्टम स्थायी होने तक दण्डात्मक ब्याज लगाने के लिए समय सीमा में उचित छूट देने हेतु अपने विवेक से भारतीय रिज़र्व बैंक उचित अनुग्रह अवधि प्रदान कर सकता है ।

(च) सूचना देने में सतत/लगातार विलंब/विसंगतियों की स्थिति में, संबंधित मुद्रा तिजोरी को उपयुक्त चेतावनी देने के बाद हमारे संबंधित क्षेत्रीय कार्यालय द्वारा यह मामला संबंधित बैंक के नियंत्रक कार्यालय के समक्ष उठाया जाएगा ।

(छ) गलत सूचना देना और दण्डात्मक ब्याज लगाया जाना

गलत सूचना देने के सभी मामलों में बैंक से संशोधित सूचना प्राप्त होने की तारीख तक की अवधि के लिये उपर्युक्त की भाँति दण्डात्मक ब्याज लगाया जायेगा ।संपर्क कार्यालयों से यह अपेक्षा है कि वे संबंधित मुद्रा तिजोरियों द्वारा दिये गये आंकड़ों की परिशुध्दता सुनिश्चित करें । संपर्क कार्यालय विवरणी में प्रेषण लेन-देन, जमा के रुप में न दिखाए जाएं इस हेतु विशेष सावधानी बरती जाए ।

(ज) मुद्रा तिजोरियों से प्राप्त प्रेषणों में जाली नोटों का पाया जाना

मुद्रा तिजोरियों से प्राप्त प्रेषणों में जाली नोट पाए जाने पर जाली नोटों के मूल्य के बराबर राशि संबंधित बैंक के चालू खाते में नामे डाल दी जाएगी तथा भारतीय रिज़र्व बैंक को भेजे गए पिछले प्रेषण की तारीख से जाली बैंक नोटों की राशि पर दंडात्मक ब्याज लगाया जाएगा । मुद्रा तिजोरी प्रेषणों में प्राप्त जाली बैंक नोटों के सभी मामलों में पुलिस विभाग में प्रथम सूचना रिपोर्ट (एफआईआर) दर्ज कराई जाएगी ।

(झ) मुद्रा तिजोरियों से प्राप्त प्रेषणें में पुनर्निर्गमनीय नोटों का पाया जाना

गंदे नोटों के प्रेषण में 5% से अधिक पुन: जारी करने योग्य नोट पाए जाने की स्थिति में संपूर्ण प्रेषण की राशि भारतीय रिज़र्व बैंक में संबंधित बैंक के चालू खाते में नामे डाल देने के साथ ही संपूर्ण प्रेषण बैंक की लागत पर वापस लौटा दिया जाएगा ।

(ङ) दंडात्मक ब्याज की न्यूनतम राशि

गलत/विलंब से सूचना देने की स्थिति में लगाए जाने वाले दंडात्मक ब्याज की न्यूनतम राशि के संबंध में कोई खास सीमा निर्धारित नहीं है ।चूँकि उद्देश्य मुद्रा तिजोरी के लेन-देनों की सही और समय पर सूचना सुनिश्चित करना है, अत: दंडात्मक ब्याज, लेन-देन की राशि/दंडात्मक ब्याज की राशि पर ध्यान दिए बिना, निकटतम रुपए में पूर्णांकित करते हुए सभी प्रयोज्य मामलों में वसूल किया जायेगा ।

2. चोरी जालसाजी अथवा अन्य कारणों से तिजोरी शेषों में कमी तथा सेफ कस्टडी की राशि को तिजोरी शेष में मिला देना

ऐसे सभी मामलों में दंडात्मक ब्याज लगाया जाएगा जहाँ पर कि तिजोरी शेषों में/लेनदेनों की सूचना देने में विसंगति (विलम्ब से सूचना देने/गलत सूचना देने/सूचना न देनें, तिजोरी शेषों/तिजोरी प्रेषणों में कमी, तिजोरी शेषों /तिजोरी प्रेषणों में जाली नोटों के पकड़े जाने) के कारण बैंक को भारतीय रिज़र्व बैंक में उसके चालू खाते में अपात्र क्रेडिट मिल गया हो ।इसके अतिरिक्त, केवल संयुक्त अभिरक्षकों की

अभिरक्षा में रखी तथा उन्हें निर्बाध रुप से उपलब्ध नकदी राशि ही तिजोरी शेषों में शामिल किये जाने योग्य है । इस प्रकार, किसी भी कारण से सील कवर में रखी नकदी राशि/संयुक्त अभिरक्षकों के अलावा किसी अधिकारी/अधिकारियों के ताले से बंद ट्रंकों/बिनों में रखी नकदी राशि/संयुक्त अभिरक्षकों के दो तालों के अलावा किसी अन्य अधिकारी द्वारा तीसरा ताला लगाये जाने पर वह राशि तिजोरी शेषों में शामिल किये जाने योग्य नहीं होगी । इस प्रकार की नकदी राशि यदि तिजोरी शेषों में मिला दी जाती है तो उस पर दंडात्मक ब्याज लगाया जाएगा ।

उपर्युक्त सभी मामलों में अपात्र राशि को तिजोरी शेषों में शामिल किये जाने/कमी होने की तारीख (यदि मालूम हो सके) से लेकर तिजोरी शेषों से यह राशि निकाल दिये जाने की तारीख तक के लिए दंडात्मक ब्याज लगाया जाएगा ।अन्यथा, पिछले प्रेषण की तारीख से (प्रेषणों में विसंगति पाये जाने पर)/भारतीय रिज़र्व बैंक/बैंक के स्वयं/सरकारी निरीक्षकों द्वारा नकद शेषों के पिछले सत्यापन की तारीख से (तिजोरी शेषों में विसंगति पाये जाने पर) दंडात्मक ब्याज लगाया जाएगा ।

3. दंडात्मक ब्याज की दर

अनियमितता की अवधि के दौरान लागू बैंक दर + 2% के हिसाब से दंडात्मक ब्याज लगाया जायेगा ।

4. कोषागारों की मुद्रा तिजोरियों के लिए दंडात्मक ब्याज

उपर्युक्त अनुदेश कोषागारों/उप कोषागारों की मुद्रा तिजोरियों पर भी लागू होंगे ।

5. प्रत्यावेदन

चूँकि विलम्ब से सूचना के मामलों में दिनों की संख्या दंडात्मक ब्याज लगाये जाने का मुख्य मानदंड है, अत: सामान्यतया बैंकों के लिये इस बात की गुंजाइश नहीं बचती है कि वे किसी मामले में बैंक के निर्णय पर पुनर्विचार हेतु अनुरोध करें । तथापि, खासकर पहाड़ी/दूरस्थ क्षेत्रों में स्थित मुद्रा तिजोरियों/पाकृतिक आपदाओं आदि से पीड़ित अन्य मुद्रा तिजोरियों के प्रत्यावेदन यदि कोई हों, तो वास्तविक कठिनाइयों के आधार पर केवल संबधित निर्गम कार्यालय को भेजे जा सकते हैं ।गलत सूचना देने के मामलों में छूट देने हेतु अभ्यावेदनों पर विचार नही किया जाएगा (देखे उपर्युक्त अनुच्छेद 1 (Ž) । दंडात्मक ब्याज लगाये जाने के पीछे मंशा यह है कि बैंकों में त्वरित/सही सूचना सुनिश्चित करने के लिये अनुशासन की भावना उत्पन्न हो, अत: बैंकों द्वारा दिये गये तर्क जैसे कि भारतीय रिज़र्व बैंक की निधियों का उपयोग न करना, नकदी प्रारक्षित अनुपात/सांविधिक तरलता अनुपात मे कोई कमी न होना, लिपिकीय त्रुटि, गैर इरादतन अथवा अंकगणितीय त्रुटि/प्रथम त्रुटि आदि को दंडात्मक ब्याज से छूट के लिये वैध कारण नहीं माना जायेगा ।चूँकि बैंक के चालू खातों में नामे/जमा संपर्क कार्यालय विवरणी में सूचित की गई सूचना के आधार पर किए जाते हैं अत: दंडात्मक ब्याज उन सभी मामलों पर अनिवार्यत: लगाया जाएगा जिनमें यद्यपि मुद्रा तिजोरी पर्ची में सही सूचना दी गई हो परंतु संपर्क कार्यालय विवरणी में गलत सूचना दी गई है ।

6. यह मास्टर परिपत्र हमारी वेब-साईट www.rbi.org.in पर उपलब्ध है ।

7. कृपया प्राप्ति सूचना दें ।

भवदीय
(यू.एस. पालीवाल)
मुख्य महाप्रबंधक


उक्त दिनांक का परांकन मुप्रवि.(सीसी) सं. जी- 2 /03.35.01/2007-08
प्रतिलिपि सूचनार्थ निम्नलिखित को प्रेषित -

1)

(i)

(ii)

क्षेत्रीय निदेशक/मुख्य महाप्रबंधक/प्रभारी अधिकारी, भारतीय रिज़र्व बैंक, अहमदाबाद / बंगलूर / बेलापुर (नवी मुंबई)/ भोपाल/ भुवनेश्वर / चंडीगढ़ / चेन्नै / गुवाहाटी / हैदराबाद / जयपुर /जम्मू / कानपुर /कोलकाता / लखनऊ / मुंबई (फोर्ट)/ नागपुर/नई दिल्ली / पटना / तिरुवनंतपुरम ।
पहाड़ी/दूर-दराज के क्षेत्रों में अथवा अशान्ति की स्थिति के कारण/प्राकृतिक आपदाओं के कारण संचार व्यवस्था अस्त-व्यस्त हो जाने के कारण मुद्रा तिजोरियों द्वारा उठायी जा सही वास्तविक कठिनाइयों के कारणों से संतुष्ट होने की स्थिति में क्षेत्रीय निदेशक/मुख्य महाप्रबंधक को सूचना देने की अवधि में/दंडात्मक ब्याज से छूट देने का पूरा अधिकार है ।
क्षेत्रीय कार्यालय यह सुनिश्चित करें कि मुद्रा तिजोरियों/संपर्क कार्यालयों द्वारा दिये गये आंकडे सही और समय पर लेखा बहियों में दर्ज कर लिये गये हैं ।यदि बैंक के कर्मचारियों की गलती के कारण दंडात्मक ब्याज की वसूली आवश्यक है तो बिना किसी चूक के इस गलती की जिम्मेदारी निर्धारित की जाये ।

2.

मुख्य महाप्रबंधक, निरीक्षण विभाग, भारतीय रिज़र्व बैंक, केंद्रीय कार्यालय, बांद्रा-कुर्ला संकुल, बांद्रा (ईस्ट), मुंबई-400051 ।

3.

मुख्य महाप्रबंधक, सरकारी और बैंक लेखा विभाग, भारतीय रिज़र्व बैंक, केंद्रीय कार्यालय, भायखला, मुंबई-400 008 ।


(प्रदीप गर्ग)
सहायक महाप्रबंधक

 

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