राहत/बचत बांडों की नामांकन सुविधा पर मास्टर परिपत्र - आरबीआई - Reserve Bank of India
राहत/बचत बांडों की नामांकन सुविधा पर मास्टर परिपत्र
भारिबैं/2008-09/27 1 जुलाई 2008 अध्यक्ष /प्रबंध निदेशक महोदय राहत/बचत बांडों की नामांकन सुविधा पर मास्टर परिपत्र सरकारी और बैंक लेखा विभाग, केद्रीय कार्यालय, भारतीय रिज़र्व बैंक द्वारा समय-समय पर राहत/बचत बांड धारकों के लिए नामांकन सुविधा के संबंध में अनुदेश जारी किए जाते रहे हैं। उपर्युक्त विषय के संबंध में वर्तमान में लागू अनुदेशों को एक ही जगह लोक ऋण कार्यालयों/एजेंसी बैंकों को उपलब्ध करवाने के प्रयोजनार्थ राहत/बचत बांडों में नामांकन सुविधा के संबंध में एक मास्टर परिपत्र तैयार किया गया है जो प्रत्येक वर्ष 30 जून को अद्यतन किया जाता है। तद्नुसार 30 जून 2008 तक अद्यतन किया गया संशोधित परिपत्र इस पत्र के साथ संलग्न है। आप हमारी वेबसाइट www.rbi.org.in पर इस परिपत्र को देख सकते हैं। कृपया पावती दें। भवदीय राहत/बचत बांड योजना
ii. बांड की परिपक्वता से पूर्व नामांकन किया जाना चाहिए। iii. दो अथवा दो से अधिक व्यक्तियों को नामांकित किए जाने के पश्चात उनमें से किसी एक की मृत्यु होने पर उत्तरजीवी नामांकिती /नामांकितियों को बांडों का हक मिलेगा । iv. बांड लेजर खाते के धारक द्वारा किया गया कोई भी नामांकन बदला जा सकता है जिसके लिए नया नामांकन भरकर देना होगा अथवा उसे निरस्त किया जा सकता है जिसके लिए भारतीय रिज़र्व बैंक /अधिकृत सरकारी /निजी क्षेत्र के बैंक की पदनामित शाखा को लिखित नोटिस देना होगा । v. यदि नामांकिती अवयस्क है तो बांड लेजर खाते का धारक अवयस्क नामांकिती की मृत्यु, अवयस्कता कें दौरान, की दशा में देय बांड /राशियाँ प्राप्त करने के लिए किसी भी व्यक्ति को नियुक्त कर सकता है। (एमओपी पृष्ठ संख्या 3 का संदर्भ) vi बीएलए खाते में रखी प्रत्येक जमाराशि के लिए भले ही जमाराशि पहले की अवधि से संबंधित क्यों न हो, बीएलए के धारक अलग से नामांकन कर सकते हैं ।(संदर्भ सीओ.डीटी.13.01.201/4854/2000-01 दिनांक 19.3.2001) vii. कार्यालय/एजेंसी बैंकों को चाहिए कि वे नामांकन की पावती जारी करें ।(संदर्भ सीओ.डीटी.13.01.201/4087/2000-2001 दिनांक 16.2.2001) viii. 6.5 प्रतिशत बचत बॉडस, 2003 (कर-मुक्त) और 8 प्रतिशत बचत (कर-योग्य) बांडस, 2003 के मामले में, बांडों में किए गए निवेश के लिए ब्याज/रिडेम्पशन मूल्य की प्राप्ति के लिए एकल धारक अपने नामिती के रुप में किसी अनिवासी भारतीय को नामांकित कर सकते हैं । ब्याज भुगतान तथा / अथवा परिपक्वता मूल्य जैसा भी मामला हो, के विदेश विप्रेषण करने के संबंध में अनिवासी भारतीय पर सामान्य विनियम जो उन पर लागू होते हैं, लागू होंगे।
(संदर्भ सीओ.डीटी.13.01.298/एच-3410/2003-04 दिनांक 20.12.2003) अपवाद - निम्नलिखित मामलों में किसी प्रकार के नामांकन की अनुमति नही है : (क) जब अवयस्क की ओर से किसी वयस्क द्वारा प्रमाणपत्र/बीएलए धारित किए गए हों। नामांकन निरस्त करना : निम्नलिखित परिस्थितियों में बचत बांड के लिए किया गया नामांकन निरस्त माना जाएगा : (क) यदि धारक प्रतिस्थापन अथवा निरसन के लिए कार्यालय में आवेदन करता हो और कार्यालय द्वारा प्रतिस्थापन अथवा निरसन को विधिवत पंजीकृत किया जाता हो । (यदि किसी विशेष मामलों में विस्तृत स्पष्टीकरण की आवश्यकता हो तो उपरिलिखित परिपत्रों का अवलोकन करें।) |