राहत/बचत बांडों के दलालों की नियुक्ति/नाम हटाने और दलाली के भुगतान के संबंध में मास्टर परिपत्र - आरबीआई - Reserve Bank of India
राहत/बचत बांडों के दलालों की नियुक्ति/नाम हटाने और दलाली के भुगतान के संबंध में मास्टर परिपत्र
भारिबैं/2013-14/ 81 01 जुलाई 2013 अध्यक्ष/प्रबंध निदेशक महोदय/महोदया, राहत/बचत बांडों के दलालों की नियुक्ति/नाम हटाने और दलाली के भुगतान के संबंध में मास्टर परिपत्र कृपया उपरोक्त विषय पर दिनांक 02 जुलाई 2012 का हमारा मास्टर परिपत्र डी.जी.बी.ए. संख्या 8576 / 13.01.299 / 2012-13 देखें। 2. उपर्युक्त विषय के संबंध में वर्तमान में लागू अनुदेशों को एक ही जगह उपलब्ध करवाने के प्रयोजनार्थ, हमारे द्वारा 30 जून 2013 तक जारी निर्देशों को समाविष्ट करके, अद्यतन संशोधित मास्टर परिपत्र संलग्न है । यह परिपत्र हमारी वेबसाइट www.rbi.org.in पर भी उपलब्ध है। भवदीया (संगीता लालवानी) अनुलग्नक : एक पृष्ठ मास्टर परिपत्र - राहत/बचत बांड ए) दलालों की नियुक्ति/दलालों का नाम हटाना 1) दलालों का नामांकन/पंजीकरण करने की प्रक्रिया दलालों के नामांकन/पंजीकरण के लिए सभी एजेंसी बैंक सरल प्रक्रिया का पालन करें। नामांकन/पंजीकरण के इच्छुक दलाल अपने कारोबारी पत्र शीर्ष पर कारोबारी आंकड़ों को शामिल करते हुए अपना अनुरोध प्रस्तुत करें। एजेंसी बैंकों को चाहिए कि वे दलाल को कूट संख्या आवंटित करें, जिसे दलालों द्वारा प्राप्तकर्ता कार्यालयों में प्रस्तुत किए गए प्रत्येक आवेदन पर, दलाली का दावा प्रस्तुत करते समय अंकित करना चाहिए। (संदर्भ : सीओ.डीटी.13.01.201/692/2000-01 दिनांक अगस्त 9, 2000) 2) एजेंसी बैंकों द्वारा उप-एजेंटों की नियुक्ति करना हमारी जानकारी में यह तथ्य आया है कि भारतीय रिज़र्व बैंक द्वारा निर्दिष्ट/अधिकृत किए गए कुछ बैंकों ने आवेदनों की प्राप्ति के लिए अपने दलालों/एजेंटों के रूप में अन्य बैंकों की सेवाएं अनुबंधित की हैं। इस प्रकार अनुबंधित बैंक अपनी प्रचार सामग्रियों/बिल बोर्डों में भारतीय रिज़र्व बैंक के नाम का उल्लेख करते हुए यह प्रचार करते हैं कि राहत/बचत बांड के कारोबार के लिए उन्हें भारतीय रिज़र्व बैंक द्वारा नियुक्त किया गया है। हम सूचित करते हैं कि राहत/बचत बांड के कारोबार के लिए भारतीय रिज़र्व बैंक द्वारा अधिकृत नहीं किए गए अन्य बैंकों/संस्थाओं की सेवाएं, जब अधिकृत बैंकों द्वारा दलाल या एजेंट के रूप में अनुबंधित कर प्राप्त की जाती है तब ऐसी स्थिति में एजेंसी बैंक उक्त प्रकार से अनुबंधित दलाल/एजेंट की गतिविधियों के लिए पूरी तरह से जिम्मेदार होगा। इस प्रकार के बैंकों द्वारा भारतीय रिज़र्व बैंक के नाम का उपयोग कहीं भी नहीं किया जाना चाहिए। (संदर्भ : सीओ.डीटी.13.01.251/5341/2001-02 दिनांक जनवरी 4, 2000) 3) दलालों का नाम हटाना निष्क्रिय दलाल, जो 2 वर्षों से अधिक अवधि से निष्क्रिय रहे हों, और उनके यहां से नया कारोबार नहीं आ रहा हो, को विधिवत सूचना देकर, उनका नाम अधिकृत दलालों की सूची से हटाया जा सकता है। (संदर्भ : सीओ.डीटी.13.01.201/4890/1999-00 दिनांक मार्च 6, 2000) बी) बचत बांड के लिए दलाली का भुगतान और उसकी दरें 1) दलाली की दरें (क) अपने ग्राहकों की ओर से निर्दिष्ट शाखाओं में बांड लेजर अकाउंट(बीएलए) फार्म में बांड के लिए किए गए निवेश के आवेदन प्रस्तुत करने पर, एजेंसी बैंकों में रजिस्टर्ड दलालों को, प्रति ₹ 100/- के लिए ₹ 1.00 (एक रुपया मात्र) की दर पर दलाली का भुगतान किया जाएगा। आवेदन पर दलाल का स्टांप होना चाहिए। (संदर्भ : सीओ.डीटी.13.01.201/432/2000-01 दिनांक जुलाई 25, 2000 एवं भारत (ख) यदि दलाल स्वयं ही निवेशकों/आवेदकों में से एक है, तो उसे कोई दलाली का भुगतान नहीं किया जाएगा। (संदर्भ : सीओ.डीटी.13.01.298/एच-2411/2003-04 दिनांक अक्तूबर 29, 2003) 2) दलाली के भुगतान पर टीडीएस की कटौती न की जाएं आयकर अधिनियम, 1961 की धारा 194(एच) के अनुसार दलालों द्वारा किए गए राहत/बचत बांड कारोबार के संबंध में दलाली का भुगतान करते समय स्रोत पर कर की कटौती नही की जानी है। (संदर्भ : सीओ.डीटी.13.01.201/5900/2000-01 दिनांक मई 28, 2001 3) दलाली के दावें (क) एजेंसी बैंकों को सूचित किया जाता है कि वे शीघ्रतापूर्वक एवं अभिदान की तारीख से 30 दिनों में हर हाल में दलाली दावों का निपटान करें। (ख) एजेंसी बैंकों को सूचित किया जाता है कि वे पहले दलाली दावों का निपटान करें और तत्पश्चात भारतीय रिज़र्व बैंक से प्रतिपूर्ति की मांग करें। (संदर्भ : सीओ.डीटी. 13.01.201/4668/2000-01 दिनांक मार्च 8, 2001) (ग) ग्राहक सेवा में सुधार लाने के एक उपाय के रूप में, एजेंसी बैंक एजेंटों से आवश्यक अधिदेश प्राप्त करने के पश्चात, मासिक आधार पर ईसीएस के द्वारा उनके खाते में दलाली की रकम क्रेडिट(जमा) करने की व्यवस्था करें। (संदर्भ: सीओ.डीटी.13.01.298/एच -4677/2002-03 दिनांक मई 23, 2003) (घ) 1 जुलाई 2002 से बचत बांड संबंधी दलाली की प्रतिपूर्ति को सीएएस(CAS) नागपुर में केंद्रीकृत किया जा चुका है और निर्णय किया गया है कि महीने के अंत में कारोबार की समाप्ति पर सीएएस को प्रेषित/सूचित निधियों के आधार पर एजेंसी बैंकों को देय दलाली के 90 प्रतिशत का भुगतान अगले माह के तीसरे कार्यदिवस को किया जाएगा । 10% शेष का निपटान परिशिष्ट IV प्रस्तुत करने पर किया जाएगा । (संदर्भ: सीओ.डीटी.13.01.272/11032/2001-02 दिनांक जून 25, 2002 और (यदि विशेष मामलों पर विस्तृत स्पष्टीकरण की आवश्यकता हो तो उपरोक्त परिपत्रों का अवलोकन करें।) |