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प्रतिभूतिकरण कंपनियों तथा पुनर्संरचना कंपनियों को जारी निदेशों/अनुदेशों पर मास्टर परिपत्र

भारिबैं/2007-2008/10
गैबैंपवि.(नीप्रभा) कंपरि. सं. 8/SCRC/10.30.000/2007-08

2, जुलाई 2007

प्रतिभूतिकरण कंपनियों तथा पुनर्संरचना कंपनियों को जारी निदेशों/अनुदेशों पर मास्टर परिपत्र

रिज़र्व बैंक ने प्रतिभूतिकरण कंपनियों तथा पुनर्संरचना कंपनियों के संबंध में समय-समय पर निदेश/अनुदेश जारी किए हैं। 30 जून 2007 तक जारी ऐसे परिपत्रों/अधिसूचनाओं, जिन्हें अनुबंध में दिया गया है, पर मास्टर परिपत्र प्रयोगकर्ताओं के लाभ के लिए तैयार किया गया है। तथापि, संबंधित परिपत्रों/अधिसूचनाओं में अंतर्विष्ट अनुदेश इन कंपनियों के परिचालन के लिए देखे जाएं।

2. यह सूचित किया जाता है कि प्रतिभूतिकरण कंपनियों/पुनर्संरचना कंपनियों (रिज़र्व बैंक़) मार्गदर्शी सिद्धांत तथा निदेश 2003 से संबंधित अद्यतन निदेश/मार्गदर्शी सिद्धांत अलग से जारी 2 जुलाई 2007 के मास्टर परिपत्र सं. गैबैंपवि.(नीप्रभा) कंपरि. सं. 7/SCRC/ 10.30.000/ 2007-08 में दिए गए हैं।

(पी. कृष्णमूर्ति)
प्रभारी मुख्य महाप्रबंधक


अनुबंध

1.प्रतिभूतिकरण कंपनी या पुनर्संरचना कंपनी का कारोबार प्रारंभ करने/जारी रखने के लिए पंजीकरण प्रमाणपत्र हेतु आवेदन पत्र प्रस्तुत करना

भारतीय रिज़र्व बैंक से पंजीकरण प्रमाण पत्र चाहने वाली प्रतिभूतिकरण कंपनियाँ या पुनर्संरचना कंपनियाँ रिज़र्व बैंक द्वारा विनिर्दिष्ट फार्मेट में अपने विधिवत भरे हुए आवेदन पत्र संबंधित अनुबंधों/ सपोर्टिंग दस्तावेजों के साथ प्रभारी मुख्य महाप्रबंधक, गैर बैंकिंग पर्यवेक्षण विभाग, केंद्रीय कार्यालय, भारतीय रिज़र्व बैंक, केंद्र -1, विश्व व्यापार केंद्र, कफ परेड, कोलाबा, मुंबई-400005 को प्रस्तुत करें।

(7 मार्च 2003 की अधिसूचना सं. गैबैंपवि.1/सीजीएम(सीएसएम)-2003)

2.भारतीय रिज़र्व बैंक अधिनियम, 1934 के कतिपय उपबंधों/प्रावधानों से प्रतिभूतिकरण कंपनियों या पुनर्संरचना कंपनियों को छूट देना

बैंक के पास पंजीकृत प्रतिभूतिकरण कंपनियों तथा पुनर्संरचना कंपनियों पर भारतीय रिज़र्व बैंक अधिनियम, 1934 की धारा 45 झक, 45 झख तथा 45 झग के उपबंधों/प्रावधानों का लागू न होना।

(28 अगस्त 2003 की अधिसूचना सं. गैबैंपवि.3/सीजीएम(ओपीए)-2003)

3.प्रतिभूतिकरण कंपनियों तथा पुनर्संरचना कंपनियों द्वारा तिमाही विवरणों /विवरणियों का प्रस्तुतीकरण

वित्तीय परिसंत्तियों के प्रतिभूतिकरण तथा पुनर्संरचना एवं प्रतिभूति हित प्रवर्तन अधिनियम, 2002 की धारा 3(4) के अंतर्गत भारतीय रिज़र्व बैंक के पास पंजीकृत प्रतिभूतिकरण तथा पुनर्संरचना कंपनियों द्वारा उनकी अर्जित परिसंपत्तियों, प्रतिभूतिकृत तथा पुनर्संरचनाकृत, के संबंध में तिमाही विवरण प्रस्तुत किए जाने हैं।

(25 अप्रैल 2007 की अधिसूचना सं. गैबैंपवि.(नीप्रभा) कंपरि. सं. 5/SCRC/ 10.30.000/2006-2007)

4.प्रतिभूतिकरण कंपनी तथा पुनर्संरचना कंपनी द्वारा जारी प्रतिभूति रसीदों के निवल परिसपंत्ति मूल्य को घोषित करने के संबंध में मार्गदर्शी सिद्धांत

अर्हता प्राप्त संस्थागत खरीददार प्रतिभूतिकरण कंपनी तथा पुनर्संरचना कंपनी द्वारा जारी प्रतिभूति रसीदों में किए गए अपने निवेश का मूल्य जान सकें, एतदर्थ वित्तीय परिसंत्तियों के प्रतिभूतिकरण तथा पुनर्संरचना एवं प्रतिभूति हित प्रवर्तन अधिनियम, 2002 के अंतर्गत बैंक के पास पंजीकृत प्रतिभूतिकरण कंपनी तथा पुनर्संरचना कंपनी को सूचित किया गया है कि वे आवधिक अंतरालों पर प्रतिभूति रसीदों का निवल मूल्य घोषित करें।

(28 मई 2007 की अधिसूचना सं. गैबैंपवि.(नीप्रभा) कंपरि. सं. 6/SCRC/ 10.30.049/2006-2007)

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