राहत /बचत बांडों के नामांकन सुविधा पर मास्टर परिपत्र - आरबीआई - Reserve Bank of India
राहत /बचत बांडों के नामांकन सुविधा पर मास्टर परिपत्र
भारिबैं/2006-07/89
सबैंलेवि.सीडीडी. सं एच- 1608 / 13.01.299 / 2006-07
27 जुलाई 2006
5 श्रावण, 1928 (शक)
अध्यक्ष /प्रबंध निदेशक
भारतीय स्टेट बैंक और इसके सहायक बैंक
17 राष्ट्रीकृत बैंक / आइसीआइसीआइ बैंक लि. / आइडीबीआइ लि./ एचडीएफसी बैँक लि./
यूटीआइ बैंक लि. और स्टॉक होल्डिंग कॉर्पोरेशन ऑफ इंडिया लि.
महोदय
राहत /बचत बांडों के नामांकन सुविधा पर मास्टर परिपत्र
सरकारी और बैंक लेखा विभाग, केन्द्रीय कार्यालय, भारतीय रिज़र्व बैंक द्वारा समय-समय पर राहत/बचत बांड धारकों के लिए नामांकन सुविधा के संबंध में अनुदेश जारी किए जाते रहे हैं । उपर्युक्त विषय के संबंध में वर्तमान में लागू अनुदेशों को एक ही जगह कार्यालयों /एजेंसी बैंकों को उपलब्ध करवाने के प्रयोजनार्थ राहत / बचत बांडों में नामांकन सुविधा के संबंध में एक मास्टर परिपत्र तैयार किया गया हैं जो इसके साथ संलग्न है। आप हमारी वेबसाइट www.rbi.org.in पर इस परिपत्र को प्राप्त कर सकते हैं।
कृपया पावती दें ।
भवदीय
(बी. बी. संगमा)
महाप्रबंधक
मास्टर परिपत्र
राहत /बचत बांड योजना नामांकन सुविधा
- स्टॉक प्रमाणपत्र /बांड लेजर खाता (बीएलए) के रुप में किसी बांड का एकल धारक अथवा एकल उत्तरजीवी, एक अथवा एक से अधिक व्यक्ति का नामंकन कर सकता है जो धारक की मृत्यु होने पर बांड तथा उसका भुगतान प्राप्त करने के लिए पात्र होगा ।बशर्ते नामित व्यक्ति अथवा नामित व्यक्तियों में से प्रत्येक व्यक्ति उस जैसा बांड धारण करने के लिए स्वयं सक्षम हो।
- बांड की परिपक्वता से पूर्व नामांकन किया जाना चाहिए।
- दो अथवा दो से अधिक व्यक्तियों को नामांकित किए जाने के पश्चात उनमें से किसी एक की मृत्यु होने पर उत्तरजीवी नामांकिती /नामांकितियों को बांडों का हक मिलेगा ।
- बांड लेजर खाते के धारक द्वारा किया गया कोई भी नामांकन बदला जा सकता है जिसके लिए नया नामांकन भरकर देना होगा अथवा उसे निरस्त किया जा सकता है जिसके लिए भारतीय रिज़र्व बैंक /अधिकृत सरकारी /निजी क्षेत्र के बैंक की पदनामित शाखा को लिखित नोटिस देनी होगी ।
- यदि नामांकिती अवयस्क है तो बांड लेजर खाते का धारक अवयस्क नामांकिती की मृत्यु, अवयस्कता के दौरान, की दशा में देय बांड /राशियाँ प्राप्त करने के लिए किसी भी व्यक्ति को नियुक्त कर सकता है । (एमओपी पृष्ठ संख्या 3 का संदर्भ)
- बीएलए खाते में रखी प्रत्येक जमाराशि के लिए भले ही जमाराशि पहले की अवधि से संबंधित क्यों न हो, बीएलए के धारक अलग से नामांकन कर सकते हैं । (संदर्भ सीओ.डीटी.13.01.201/4854/2000-01 दिनांक 19.3.2001)
- कार्यालय/एजेंसी बैंकों को चाहिए कि वे नामांकन की पावती जारी करें । (संदर्भ सीओ.डीटी.13.01.201/4087/2000-2001 दिनांक 16.2.2001)
- 6.5 प्रतिशत बचत बॉडस, 2003 (कर-मुक्त) और 8 प्रतिशत बचत (कर-योग्य) बॉडस, 2003 के मामले में,बांडों में किए गए निवेश के लिए ब्याज/रिडेम्पशन मूल्य की प्राप्ति के लिए एकल धारक अपने नामिती के रुप में किसी अनिवासी भारतीय को नामांकित कर सकते हैं । ब्याज भुगतान तथा /अथवा परिपक्वता मूल्य जैसा भी मामला हो, के विदेश विप्रेषण करने के संबंध में अनिवासी भारतीय पर सामान्य विनियम जोप उन पर लागू होते हैं,लागू होंगे।
(संदर्भ सीओ.डीटी.13.01.298/एच-3410/2003-04 दिनांक 20.12.2003)
(संदर्भ सीओ.डीटी.13.01.299/एच-3426/2003-04 दिनांक 20.12.2003)
(संदर्भ सीओ.डीटी.13.01.208/एच-4911/2003-04 दिनांक 9.3.2004)
अपवाद - निम्नलिखित मामलों में किसी प्रकार के नामांकन की अनुमति नहीं ै:
(क) जब अवयस्क की ओर से किसी वयस्क द्वारा प्रमाणपत्र/बीएलए धारित किए गए हों ।
(ख) जब धारक का कोई लाभदायक हित प्रमाणपत्र में न हो और वह उसे आधिकारिक क्षमता में अथवा फिडयूसिअरी की क्षमता में धारित करता हो और
(ग) जब प्रमाणपत्र को संयुक्त रुप में दो व्यक्तियों द्वारा धारित किया गया हो और दोनों ही धारक जीवित हों । (संदर्भ सरकारी प्रतिभूति मैनुअल का पैरा 112 पृष्ठ 95)
नामांकन निरस्त करना : निम्नलिखित परिस्थितियों में बचत बांड के लिए किया गया नामांकन निरस्त माना जाएगा :
(क) यदि धारक प्रतिस्थापन अथवा निरसन के लिए कार्यालय में आवेदन करता हो और कार्यालय द्वारा प्रतिस्थापन अथवा निरसन को विधिवत पंजीकृत किया जाता हो ।
(ख) यदि धारक द्वारा पमाणपत्रों का अंतरण किया जाता हो (संदर्भ सरकारी प्रतिभूति मैनुअल का पैरा 113-पृष्ठ 96)
यदि किसी विशेष मामलों में विस्तृत स्पष्टीकरण की आवश्यकता हो तो उपरिलिखित परिपत्रों का अवलोकन करें ।