राहत / बचत बांडों की नामांकन सुविधा पर मास्टर परिपत्र - आरबीआई - Reserve Bank of India
राहत / बचत बांडों की नामांकन सुविधा पर मास्टर परिपत्र
भारिबैं/2011-12/96 1 जुलाई 2011 अध्यक्ष / प्रबंध निदेशक महोदय / महोदया राहत / बचत बांडों की नामांकन सुविधा पर मास्टर परिपत्र सरकारी और बैंक लेखा विभाग, केन्द्रीय कार्यालय, भारतीय रिज़र्व बैंक द्वारा समय-समय पर राहत / बचत बांड धारकों के लिए नामांकन सुविधा के संबंध में अनुदेश जारी किए जाते रहे है । उपर्युक्त विषय के संबंध में वर्तमान में लागू अनुदेशों को एक ही जगह एजेंसी बैंकों को उपलब्ध करवाने के प्रयोजनार्थ राहत / बचत बांडों में नामांकन सुविधा के संबंध में एक मास्टर परिपत्र तैयार किया गया है जो प्रत्येक वर्ष 30 जून को अद्यतन किया जाता है । तदनुसार 30 जून 2011 तक अद्यतन किया गया संशोधित मास्टर परिपत्र इस पत्र के साथ संलग्न है । आप हमारी वेबसाइट www.rbi.org.in पर इस परिपत्र को देख सकते हैं । कृपया पावती दें । भवदीय (एस के बल) मास्टर परिपत्र (i) किसी राहत/बचत बांड, जोकि प्रॉमिसरी नोट या धारक बांड नहीं हैं, का एकल धारक अथवा सभी संयुक्त धारक,एक अथवा एक से अधिक व्यक्ति का नामांकन कर सकता(ते) है जो धारक अथवा संयुक्त धारक की मृत्यु होने पर राहत/बचत बांड तथा उसका भुगतान प्राप्त करने के लए पात्र होगा/होंगे,बशर्ते नामित व्यक्ति अथवा नामित व्यक्तियों में से प्रत्येक व्यक्ति उस जैसा बांड धारण करने के लिए स्वयं सक्षम हो । (ii) बांड की परिपक्वता से पूर्व नामांकन किया जाना चाहिए । (iii) दो अथवा दो से अधिक व्यक्तियों को नामांकित किए जाने के पश्चात उनमें से किसी एक की मृत्यु होने पर उत्तरजीवी नामांकिती / नामांकितियों को राहत/बचत बांडों एवं उसके भुगतान का हक मिलेगा । (iv) राहत/बचत बांड के धारक द्वारा किया गया कोई भी नामांकन बदला या निरस्त किया जा सकता है जिसके लिए विहित प्रारुप में नया नामांकन भरकर देना होगा एवं अधिकृत सरकारी / निजी क्षेत्र के बैंक की निर्दिष्ट शाखा को लिखित नोटिस देना होगा । (v) यदि नामांकिती अवयस्क है तो राहत/बचत बांड का धारक अवयस्क नामांकिती की मृत्यु, अवयस्कता के दौरान, की दशा में देय राहत/बचत बांड की राशियाँ अवयस्कता के दौरान, की दशा में राहत/बचत बांड की राशियाँ प्राप्त करने के लिए किसी भी व्यक्ति को, जो कि अवयस्क नहीं हैं, नियुक्त कर सकता है । (vi) बीएलए खाते में रखी प्रत्येक निवेश के लिए निवेशक अलग से नामांकन कर सकतें हैं (उपर लिखित विषय (ii) के अधीन)। (vii) एजेंसी बैंकों को चाहिए कि वे नामांकन की पावती जारी करें । (viii) 8 प्रतिशत बचत (कर-योग्य) बांड, 2003 के मामले में (केवल एकमात्र बांड जिसके लिए वर्तमान में अभिदान खुला है), बांडों में किए गए निवेश के लिए ब्याज/रिडेम्पशन(मोचन) मूल्य की प्राप्ति के लिए एकल धारक अथवा सभी संयुक्त धारक अपने नामिति के रुप में किसी अनिवासी भारतीय को नामांकित कर सकते हैं । ब्याज भुगतान अथवा परिपक्वता मूल्य, जैसा भी मामला हो, के विदेश विप्रेषण करने के संबंध में अनिवासी भारतीय पर सामान्य विनियम, जो उन पर लागू होते है, लागू होंगे । अपवाद- निम्नलिखित मामलों में किसी प्रकार के नामांकन की अनुमति नहीं हैं: (a) जब अवयस्क की ओर से किसी वयस्क द्वारा बीएलए धारित किए गए हों। (b) जब धारक का कोई लाभदायक हित बीएलए में न हो और वह उसे आधिकारिक क्षमता में अथवा फिडयूसिअरी (न्यासी) की क्षमता में धारित किया हो । नामांकन निरस्त करना:निम्नलिखित परिस्थितियों में पूर्व में किया गया नामांकन निरस्त माना जाएगा: (a) यदि धारक/धारकों प्रतिस्थापन अथवा निरसन के लिए एजेंसी बैंक में आवेदन करते हो और कार्यालय द्वारा प्रतिस्थापन अथवा निरसन को विधिवत पंजीकृत किया जाता हो। (b) यदि धारक/ धारकों प्रमाणपत्रों का अंतरण करतें हो। इस विभाग द्वारा जारी किए गए विभिन्न परिपत्र जिसके आधार पर यह मास्टर परिपत्र तैयार किया गया हैं, निम्नानुसार हैं: i) एमओपी पृष्ठ संख्या 3 ii) संदर्भ सीओ.डीटी.13.01.201/4087/2000-2001 दिनांक16-02-2001 iii) संदर्भ सीओ.डीटी.13.01.201/4854/2000-2001 दिनांक 19-03-2001 iv) संदर्भ सीओ.डीटी.13.01.298/एच-3410/2003-2004 दिनांक 20-12-2003 v) संदर्भ सीओ.डीटी.13.01.299/एच - 3426/2003-2004 दिनांक 20-12-2003 vi) संदर्भ सबैंलेवि.सीडीडी सं. एच-2173/13.01.299/2008-2009 दिनांक02-09-2008 (यदि किसी विशेष मामलों में विस्तृत स्पष्टीकरण की आवश्यकता हो तो उपरोक्त परिपत्रों का अवलोकन करें।) |