राहत/बचत बांड के लिए दलाली इत्यादि की दरों पर मास्टर परिपत्र - आरबीआई - Reserve Bank of India
राहत/बचत बांड के लिए दलाली इत्यादि की दरों पर मास्टर परिपत्र
भारिबैं/2005-2006/306
डीजीबीए.सीडीडी.13.01.299/एच-1260/2005-06
23 फरवरी 2006/फाल्गुन 3, 1927 (शक)
महाप्रबंधक
भारतीय स्टेट बैंक और इसके सहायक बैंक
तथा 17 राष्ट्रीकृत बैंक
प्रबंध निदेशक
आइसीआइसीआइ बैंक लि./आइडीबीआइ बैंक लि./एचडीएफसी बैंक लि./
यूटीआई बैंक लि. /स्टॉक धारिता निगम लि.
महोदय
राहत/बचत बांड के लिए दलाली इत्यादि की दरों पर मास्टर परिपत्र
सरकारी और बैंक लेखा विभाग,केंद्रीय कार्यालय समय-समय पर राहत/बचत बांड के लिए दलाली इत्यादि की दरों के संबंध में अनुदेश जारी करता रहा है। कार्यालयों/एजेंसी बैंकों को उक्त विषय में प्रचलित सभी परिचालनात्मक अनुदेश एक ही स्थान पर उपलब्ध कराने के प्रयोजनार्थ राहत/बचत बांड के लिए दलाली इत्यादि की दरों के संबंध में एक मास्टर परिपत्र तैयार किया गया है , जो इसके साथ संलग्न है ।
2. कृपया पावती दें ।
भवदीय
(बी.बी. संगमा)
महाप्रबंधक
मास्टर परिपत्र
बचत बांड के लिए दलाली का भुगतान और उसकी दरें
दलाली की दरें
(25 जुलाई 2000 का संदर्भ सीओ.डीटी.13.01.201/432/2000-01)
भारिबैं के कार्यालयों में बीएलए फार्म में बांड के लिए किए गए निवेश के आवेदन प्रस्तुत करने पर भारिबैं कार्यालयों में रजिस्टर्ड दलालों को प्रति रु. 100/- के लिए 0.50 (पचास पैसे मात्र) की दर से दलाली की रकम का भुगतान उनके ग्राहकों की ओर से किया जाएगा । आवेदन पर दलाल का स्टांप होना चाहिए । स्टाक प्रमाण पत्रों के संबंध में कोई दलाली नहीं दी जाएगी ।
अपने ग्राहकों की ओर से पदनामित शाखाओं में बीएलए फार्म में बांड के लिए किए गए निवेश के आवेदन प्रस्तुत करने पर भारिबैं कार्यालयों में रजिस्टर्ड दलालों को प्रति रु. 100/- के लिए 1.00 (एक रुपया मात्र) की दर से दलाली की रकम का भुगतान किया जाएगा । आवेदन पर दलाल का स्टांप होना चाहिए ।
यदि दलाल स्वयं ही निवेशक/आवेदक है तो उसे कोई दलाली नहीं दी जाएगी।(29 अक्तूबर 2003 का संदर्भ सीओ.डीटी.13.01.298/एच-2411/03-04 देखें) ।
दलाली के भुगतान पर टीडीएस की कटौती नहीं :-
कार्यालय / एजेंसी बैंक नोट करें कि आयकर अधिनियम, 1961 की धारा 194(एच) के अनुसरण में दलालों द्वारा किए गए बचत बांड कारोबार के संबंध में दलाली का भुगतान करते समय स्रोत पर कर की कटौती करना अपेक्षित है। (28 मई 2001 का संदर्भ सीओ.डीटी.201/5900/2000 तथा 3 जनवरी 2004 का सीओ.डीटी.13.01.298/एच-3660/2003-04 देखें) ।
कार्यालयों / एजेंसी बैंकों को सूचित किया जाता है कि वे अभिदान की तारीख से 30 दिनों के बीतर हर हाल में शीघ्रतापूर्वक दलाली दावों का निपटान करें । (13 जून 2001 का सीओ.डीटी.13.01.201/6260/2000-01देखें)
एजेंसी बैंकों को सूचित किया जाता है कि वे सर्वप्रथम दलाली दावों का निपटान करें और एतदपश्चात भारतीय रिज़र्व बैंक से प्रतिपूर्ति की मांग करें । (8 मार्च 2001 का सीओ.डीटी.13.01.201/4668/2000-01 देखें)
गा्रहक सेवा में सुधार के लिए एक उपाय के रूप में कार्यालय / एजेंसी बैंक एजेंटों से आवश्यक अधिदेश प्राप्त करने के पश्चात मासिक आधार पर उन्हें ईसीएस के द्वारा उनके खाते में दलाली की रकम क्रेडिट करने की व्यवस्था करें । (23 मई 2003 का सीओ.डीटी.13.01.298/एच-4677/2002-03 देखें)
1 जुलाई 2002 से बचत बांड संबंधी दलाली की प्रतिपूर्ति को सीएएस नागपुर में केंद्रीकृत किया जा चुका है और निर्णय किया गया है कि मासांत में कारोबार की समाप्ति पर सीएएस को प्रेषित निदियों के आधार पर एजेंसियों को देय दलाली के 90 प्रतिशत का भुगतान बादवाले माह के तीसरे कार्यदिवस को किया जाएगा ।
(25 जून 2002 का सीओ.डीटी.13.01.272/11032/2001-02 और 26 फरवरी 2003 का सीओ.डीटी.13.01.272/एच-2906/2002-03देखें)
यदि किसी विषय विशेष के संबंध में विस्तृत स्पष्टीकरण की आवश्यकता हो तो उपरिलिखित परिपत्रों का अवलोकन करें ।