मास्टर परिपत्र - जोखिम प्रबंध और अंतर-बैंक लेनदेन - आरबीआई - Reserve Bank of India
मास्टर परिपत्र - जोखिम प्रबंध और अंतर-बैंक लेनदेन
आरबीआइ /2010-11/14 01 जुलाई 2010 सेवा में मास्टर परिपत्र - जोखिम प्रबंध और अंतर-बैंक लेनदेन विदेशी मुद्रा व्युत्पन्न करार, विदेशी पण्य और भाड़ा हेजिंग, अनिवासी बैंकों के रूपये खाते, अंतर बैंक विदेशी मुद्रा लेनदेन आदि 03 मई 2000 की अधिसूचना सं. फेमा 1/2000-आरबी, अधिसूचना सं. फेमा.3/आरबी-2000 के पैरा 4(2) और अधिसूचना सं. फेमा.25/आरबी-2000 के प्रावधानों और बाद में उसमें किए गए संशोधनों द्वारा नियंत्रित होते हैं। 2. इस मास्टर परिपत्र में "जोखिम प्रबंध और अंतर बैंक लेनदेन" विषय पर वर्तमान अनुदेशों को एक स्थान में समेकित किया गया है। निहित परिपत्रों / अधिसूचनाओं की सूची परिशिष्ट में दी गई है।3. यह मास्टर परिपत्र सनसेट खंड के साथ एक वर्ष के लिए जारी किया जा रहा है। यह परिपत्र 01 जुलाई, 2011 को वापस ले लिया जाएगा तथा इस विषय पर अद्यतन (updated) मास्टर परिपत्र जारी किया जाएगा। भवदीय (सलीम गंगाधरन) |