रुपया /विदेशी मुद्रा निर्यात ऋण तथा निर्यातकों को ग्राहक सेवा पर मास्टर परिपत्र
जैसा कि आप जानते हैं, भारतीय रिज़र्व बैंक ने उपर्युक्त विषय पर 1 जुलाई 2010 को एक मास्टर परिपत्र बैंपविवि. सं. डीआइआर. (ईएक्सपी) सं. 06/04.02.02/2010-11 जारी किया था ताकि इस विषय से संबंधित सभी वर्तमान अनुदेश एक ही जगह उपलब्ध हो सकें। उक्त मास्टर परिपत्र में निहित अनुदेशों को अब 30 जून 2011 तक अद्यतन बना दिया गया हैं। संशोधित मास्टर परिपत्र की एक प्रति संलग्न है। यह नोट किया जाए कि जहाँ तक बैंकों द्वारा निर्यातकों को निर्यात ऋण दिए जाने का संबंध है, परिशिष्ट में सूचीबद्ध परिपत्रों में निहित सभी अनुदेशों को इस मास्टर परिपत्र में समेकित तथा अद्यतन किया गया है। इस मास्टर परिपत्र में बैंकों /निर्यातकों / निर्यात संस्थाओं को इस वर्ष के दौरान भारतीय रिज़र्व बैंक द्वारा जारी कतिपय स्पष्टीकरणों में निहित अनुदेशों को भी शामिल किया गया है। यह मास्टर परिपत्र भारतीय रिज़र्व बैंक की वेबसाइट(www.rbi.org.in)पर भी उपलब्ध कराया है। संशोधित मास्टर परिपत्र की प्रति संलग्न है।
भवदीय
(पी आर रवि मोहन) मुख्यमहाप्रबंधक
अनुलग्नक: यथोक्त
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