निर्यातकों को रुपए में/विदेशी मुद्रा में निर्यात ऋण तथा ग्राहक सेवा पर मास्टर परिपत्र - आरबीआई - Reserve Bank of India
निर्यातकों को रुपए में/विदेशी मुद्रा में निर्यात ऋण तथा ग्राहक सेवा पर मास्टर परिपत्र
आरबीआइ /2008-09/66
बैंपविवि.सं.डीआइआर.(ईएक्सपी).बीसी. 09 /04.02.02/2008-09
1 जुलाई 2008
10 आषाढ़ 1930(शक)
सभी अनुसूचित वाणिज्य बैंक
(क्षेत्रीय ग्रामीण बैंको को छोड़कर)
महोदय
निर्यातकों को रुपए में/विदेशी मुद्रा में निर्यात ऋण
तथा ग्राहक सेवा पर मास्टर परिपत्र
जैसा कि आप जानते है, भारतीय रिज़र्व बैंक ने उपर्युक्त विषय पर 2 जुलाई 2007 को एक मास्टर परिपत्र बैंपविवि.सं. डीआइआर.(ईएक्सपी) सं. 01/04.02.02/2007-08 जारी किया था ताकि इस विषय से संबंधित सभी वर्तमान अनुदेश एक ही जगह उपलब्ध हो सकें । उक्त मास्टर परिपत्र में निहि अनुदेशों को अब 30 जून 2008 तक अद्यतन बना दिया गया है । संशोधित मास्टर परिपत्र की एक प्रति संलग्न है। यह नोट किया जाए कि जहाँ तक बैंकों द्वारा निर्यातकों को निर्यात ऋण दिए जाने का संबंध ह, परिशिष्ट में सूचीबद्ध परिपत्रों में निहित सभी अनुदेशों को इस मास्टर परिपत्र में समेकित तथा अद्यतन किया गया है। इस मास्टर परिपत्र में बैंकों / निर्यातकों / निर्यात संस्थाओं को इस वर्ष के दौरान भारतीय रिज़र्व बैंक द्वारा जारी कतिपय स्पष्टीकरणों में निहित अनुदेशों को भी शामिल किया गया है। यह मास्टर परिपत्र भारतीय रिज़र्व बैंक की वेबसाइट (http://www.rbi.org.in) पर भी उपलब्ध कराया है। संशोधित मास्टर परिपत्र की प्रति संलग्न है।
भवदीय
(पी. विजय भास्कर)
मुख्य महाप्रबंधक