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मास्टर परिपत्र - बैंक शाखाओं के लिए जनता को ग्राहक सेवा प्रदान करने में कार्यनिष्पादन पर आधारित दंड योजना

भारिबैं/2017-18/76
डीसीएम (सीसी) संख्या जी-3/03.44.01/2017–18

अक्तूबर 12, 2017

अध्यक्ष एवं प्रबंध निदेशक
मुख्य कार्यकारी अधिकारी
सभी बैंक

मास्टर परिपत्र - बैंक शाखाओं के लिए जनता को ग्राहक सेवा प्रदान करने में कार्यनिष्पादन पर आधारित दंड योजना

कृपया दण्ड योजना विषय पर जुलाई 20, 2016 के हमारे परिपत्र डीसीएम(सीसी) सं.जी-3/03.44.01/2016-17 का संदर्भ लें।

2. उक्त विषय पर संशोधित और अद्यतन अनुदेश सूचना एवं आवश्यक कार्रवाई के लिए संलग्न है।

3. यह मास्टर परिपत्र हमारे वेबसाइट www.rbi.org.in पर उपलब्ध है।

भवदीय,

(पी. विजय कुमार)
मुख्य महाप्रबंधक

अनुलग्नक - यथोक्त


अनुबंध

आम जनता को ग्राहक सेवा प्रदान करने में कार्य निष्पादन के आधार पर मुद्रा तिजोरी सहित बैंक शाखाओं के लिए दंड की योजना से संबंधित मास्टर परिपत्र

1. मुद्रा तिजोरियों सहित सभी बैंक शाखाओं के लिए यह सुनिश्चित करने के लिए कि सभी बैंक शाखाएं आम जनता को नोटों और सिक्कों के विनिमय के संबंध में बेहतर ग्राहक सेवा प्रदान करती हैं तथा क्लीन नोट पॉलिसी के घटकों को ध्यान में रखते हुए “दंड की योजना” तैयार की गई।

2. दंड

नोटों और सिक्कों के विनिमय/ भारतीय रिज़र्व बैंक को भेजे गये प्रेषण/ मुद्रा तिजोरियों के परिचालन आदि में पायी गयी कमियों के लिए बैंकों पर लगाये जानेवाले दंड निम्नानुसार हैं:

क्रम सं. अनियमितता का प्रकार दंड
i. गंदे नोट प्रेषणों और मुद्रा तिजोरी शेषों में कमियां ₹.50 तक के मूल्यवर्ग के नोटों के लिए हानि की राशि के अतिरिक्त प्रति नोट रु. 50/-।

₹.100 और ऊपर के मूल्यवर्ग के नोटों के लिए

हानि की राशि के अतिरिक्त, प्रति नोट के मूल्यवर्ग के मूल्य के बराबर।

प्रति प्रेषण 100 और ऊपर के नोटों की कमियों के लिए तत्काल नामे किया जायेगा। संचित रूप से 100 नगों की सीमा तक पहुँचने पर दण्ड लगाया जाये।
ii. गंदे नोट प्रेषणों और मुद्रा तिजोरी शेषों में पाये गये जाली नोट भारतीय रिजर्व बैंक द्वारा बैंकों तथा के गंदे नोटों के विप्रेषण तथा मुद्रा तिजोरियों के शेष में से जाली नोटों की पहचान के कारण लगाया गया दण्ड DCM (FNVD) No.G-4/16.01.05/2017-18 dated July 20, 2017 के माध्यम से जारी अनुदेशों के अनुसार वसूला जाएगा।
iii. गंदे नोट प्रेषणों और मुद्रा तिजोरी शेषों में पाये गये कटे-फटे नोट मूल्यवर्ग को ध्यान में लिए बिना, प्रति नोट .50/-

प्रति प्रेषण 100 और ऊपर के नोटों की कमियों के लिए तत्काल नामे किया जायेगा। संचित रूप से 100 नगों की सीमा तक पहुँचने पर दण्ड लगाया जाये।
iv.

मुद्रा तिजोरियों द्वारा परिचालनात्मक मार्गदर्शी सिद्धान्तों का अननुपालन भारतीय रिज़र्व बैंक के अधिकारियों द्वारा पाया जाना

a) सीसीटीवी कार्यरत न होना।

b) शाखा की नकदी/दस्तावेज़ सुरक्षा कक्ष में रखना।

c) नोटों की सोर्टिंग के लिए एनएसएम का उपयोग न करना (काउंटरों पर प्राप्त उच्च मूल्यवर्ग के नोटों की सोर्टिंग के लिए या मुद्रा तिजोरी/भारतीय रिज़र्व बैंक को भेजे गये प्रेषण नोटों की सोर्टिंग के लिए एनएसएम का उपयोग न करना।)

प्रत्येक अनियमितता के लिए .5000 का दंड।

पुनरावृत्ति के मामले में, दंड .10,000 तक बढ़ाया जायेगा।

दंड तत्काल लगाया जायेगा।
v. भारतीय रिज़र्व बैंक के साथ किये गये करार (मुद्रा तिजोरियां खोलने और उनके रखरखाव के लिए) की किसी भी शर्त का उल्लंघन या विनिमय सुविधाएं प्रदान करने से संबंधित सेवा में भारतीय रिज़र्व बैंक के अधिकारियों द्वारा पायी गयी कमी जैसे कि :

a) सिक्कों का स्टॉक होने के बावजूद, किसी भी व्यक्ति को काऊंटर पर सिक्कों का वितरण न करना।

b) गंदे नोटों के विनिमय के लिए, किसी बैंक शाखा द्वारा इन्कार किया जाना/ किसी भी व्यक्ति द्वारा प्रस्तुत कटे-फटे नोटों के न्यायनिर्णयन के लिए किसी मुद्रा तिजोरी शाखा द्वारा इन्कार किया जाना।

c) मुद्रा तिजोरी शेषों का, उसकी अभिरक्षा से न जुडे हुए अधिकारियों द्वारा कम से कम दो माह के अंतराल पर और छ्ह महीने में एक बार नियंत्रक कार्यालय के अधिकारियों द्वारा आकस्मिक सत्यापन न किया जाना।

d) अन्य बैंकों की सहलग्न शाखाओं को सुविधाएं/ सेवाएं देने से इन्कार करना।

e) आम जनता और सहलग्न शाखाओं द्वारा प्रस्तुत निम्न मूल्यवर्ग (अर्थात . 50 और उससे कम मूल्यवर्ग) के नोटों को अस्वीकृत करना।

f) मुद्रा तिजोरी शाखाओं द्वारा तैयार किये गये पुन: जारी करने योग्य नोटों के पैकेटों में कटे-फटे/जाली नोट पाये जाना।
करार के उल्लंघन/सेवा में कमी के लिए .10,000।

शाखा द्वारा करार के उल्लंघन /सेवा में कमी की 5 से अधिक घटनाओं के लिए .5 लाख। इस प्रकार लगाये गये दंड को सार्व‍जनिक वेबसाइट (पब्लिक डोमेन) पर डाला जायेगा।

दंड तत्काल लगाया जायेगा।

3. दण्ड की वसूली पर परिचालन दिशानिर्देश -

3.1 सक्षम प्राधिकारी –

विसंगतियों का स्वरूप निर्धारित करने के लिए, क्षेत्रीय कार्यालय के निर्गम विभाग के प्रभारी अधिकारी ही सक्षम प्राधिकारी होंगें जिनके क्षेत्राधेकार में चूककर्ता मुद्रा तिजोरी/ बैंक शाखा स्थित है।

3.2 अपीलीय प्राधिकारी –

ग) सक्षम प्राधिकारी के निर्णय के खिलाफ की जानेवाली अपील, बैंक को नामे करने के पश्चात 30 दिनों के भीतर संबंधित मुद्रा तिजोरी/शाखा के नियंत्रक कार्यालय द्वारा संबंधित क्षेत्रीय कार्यालय के क्षेत्रीय निदेशक को की जाए, जो ऐसी अपील को स्वीकार/अस्वीकार करने का निर्णय लेंगे।

घ) स्टाफ नया होना/अप्रशिक्षित होना, स्टाफ में जानकारी का अभाव, सुधारात्मक उपाय किये गये हैं/ किये जाएंगे आदि विषयों पर दंड से छूट के लिए किये गये अपीलों पर विचार नहीं किया जाएगा।

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