मास्टर निदेश - शहरी सहकारी बैंकों का समामेलन, निदेश, 2020 - आरबीआई - Reserve Bank of India
मास्टर निदेश - शहरी सहकारी बैंकों का समामेलन, निदेश, 2020
आरबीआई/डीओआर/2020-21/75 मार्च 23, 2021 मास्टर निदेश - शहरी सहकारी बैंकों का समामेलन, निदेश, 2020 बैंकिंग विनियमन (संशोधन) अधिनियम, 2020 (2020 का 39) के तहत संशोधित बैंकिंग विनियमन अधिनियम, 1949 की धारा 56 के साथ पठित धारा 35ए और धारा 44ए द्वारा प्रदत्त शक्तियों का प्रयोग करते हुए, भारतीय रिजर्व बैंक समझता है कि यह जनहित में करना आवश्यक और समीचीन है, तदनुसार निर्दिष्ट दिशा-निदेश जारी करता है। अध्याय - । 1. संक्षिप्त शीर्षक और प्रारंभ ए) इन निदेशों को भारतीय रिजर्व बैंक (शहरी सहकारी बैंकों का समामेलन) निदेश, 2020 कहा जाएगा। बी) ये निदेश भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) की अधिकारिक वेबसाइट पर रखे जाने के दिन से प्रभावी होंगे। 2. प्रयोज्यता इन निदेशों के प्रावधान सभी प्राथमिक (शहरी) सहकारी बैंकों पर लागू होंगे। 3. व्याख्या i) इन निदेशों में, जब तक कि संदर्भ में अन्यथा अपेक्षित न हो, यहां दी गई शर्तों का अर्थ नीचे दिया गया है – अ) समामेलित बैंक का अर्थ है वह यूसीबी जो समामेलन की योजना के तहत अपने व्यवसाय को दूसरे में स्थानांतरित करने का प्रस्ताव करता है। आ) समामेलक बैंक का अर्थ है वह यूसीबी जो समामेलन योजना के तहत समामेलित बैंक के व्यवसाय का अधिग्रहण करता है। इ) समामेलन का अर्थ है बैंकिंग विनियमन अधिनियम, 1949 की धारा 56 के साथ पठित धारा 44ए के तहत एक या एक से अधिक यूसीबी का दूसरे यूसीबी के साथ एकीकऱण। ई) "शहरी सहकारी बैंक (यूसीबी)" का अर्थ प्राथमिक सहकारी बैंक है, जिसे बैंकिंग विनियमन अधिनियम, 1949 की धारा 56 के साथ पठित धारा 5 (सीसीवी) के तहत परिभाषित किया गया है और इसमें एक और बहु-राज्य दोनों प्रकार के बैंक शामिल हैं। (ii) जब तक यहां परिभाषित नहीं किया गया है, तब तक अन्य सभी अभिव्यक्तियों का वही अर्थ होगा जो उन्हें बैंकिंग विनियमन अधिनियम, 1949 या भारतीय रिजर्व बैंक अधिनियम, 1934 के तहत या वाणिज्यिक भाषा में मामले को अनुसार इस्तेमाल किया गया है। 4. विस्तार अ) इन दिशानिर्देशों में दो या दो से अधिक शहरी सहकारी बैंकों का समामेलन शामिल होगा। आ) भारतीय रिजर्व बैंक निम्नलिखित परिस्थितियों में विलय और समामेलन के प्रस्तावों पर विचार कर सकता है:
5. वैधानिक प्रावधान रिज़र्व बैंक के पास बैंकिंग विनियमन अधिनियम, 1949 की धारा 56 के साथ पठित बैंकिंग विनियमन (संशोधन) अधिनियम 2020 (2020 का 39) द्वारा संशोधित धारा 44ए के प्रावधानों के तहत यूसीबी के स्वैच्छिक समामेलन को मंजूरी देने की विवेकाधीन शक्तियां हैं। अध्याय ।। 6. संबंधित बैंकों के बोर्ड शहरी सहकारी बैंकों के समामेलन प्रस्तावों पर कार्रवाई करते समय इस प्रक्रिया में महत्वपूर्ण भूमिका निभाएंगे। समामेलन के निर्णय को समामेलक और समामेलित दोनों शहरी सहकारी बैंकों के बोर्ड के सदस्यों की कुल संख्या के दो-तिहाई बहुमत से अनुमोदित करेंगे और केवल वे नही जो उपस्थित है और वोट कर रहे है। 7. इस अनुमोदन के दौरान, शहरी सहकारी बैंकों के बोर्ड निम्नलिखित मामलों पर विशेष ध्यान देंगे:- (अ) समामेलित यूसीबी की परिसंपत्तियों, देनदारियों और भंडार को उनकी मौजूदा वहन राशियों पर समामेलित यूसीबी की बहियों में शामिल किया गया है और इस तरह के निगमन के परिणामस्वरूप पुनर्मूल्यांकन ऊर्ध्वाकार नहीं होता है या अप्राप्त लाभ के लिए क्रेडिट लिया जाता है। (आ) क्या समामेलित शहरी सहकारी बैंकों के संबंध में समुचित सावधानी बरती गई है। (इ) प्रतिफल की प्रकृति और मात्रा, जिसे समामेलक यूसीबी, समामेलित यूसीबी के शेयरधारकों को भुगतान करेगा। (ई) क्या स्वैप अनुपात आवश्यक क्षमता और अनुभव रखने वाले स्वतंत्र मूल्यांकनकर्ताओं द्वारा निर्धारित किया गया है और क्या बोर्ड की राय में ऐसा स्वैप अनुपात उचित और योग्य है। (उ) संबंधित शहरी सहकारी बैंकों में शेयरधारिता पैटर्न और समामेलन और स्वैप अनुपात के परिणामस्वरूप, क्या समामेलक बैंक में किसी व्यक्ति की शेयरधारिता रिजर्व बैंक द्वारा या संबंधित सहकारी समितियों के अधिनियम (ओं) जिसके लिए किसी भी नियामक के विशिष्ट अनुमोदन की आवश्यकता होती है के तहत निर्धारित किसी भी दिशा-निर्देश का उल्लंघन हो। ऊ) लाभ पर समामेलन का प्रभाव, शुद्ध एनपीए और पूंजी पर्याप्तता अनुपात, समामेलक यूसीबी के एक्सपोजर मानदंडों का अनुपालन। समामेलन के सभी मामलों में, समामेलन के बाद समामेलक बैंक का सीआरएआर रिज़र्व बैंक द्वारा निर्धारित न्यूनतम नियामक आवश्यकता के अनुरूप होना चाहिए। ए) समामेलन के परिणामस्वरूप समामेलित शहरी सहकारी बैंक के निदेशक मंडल की संरचना में जो परिवर्तन प्रस्तावित हैं, वे इस संबंध में भारतीय रिज़र्व बैंक के निदेशों/दिशानिर्देशों के अनुरूप होंगे। ये परिवर्तन सहकारी समिति अधिनियम (अधिनियमों) के प्रासंगिक प्रावधानों के अनुरूप भी होंगे, जो उस सीमा तक लागू होंगे जब तक कि वे प्रासंगिक आरबीआई निदेशों/दिशानिर्देशों के विरोध में न हों। अध्याय – III 8. बैंकिंग विनियमन अधिनियम, 1949 की धारा 56 के साथ पठित धारा 44ए के अनुसार, समय-समय पर संशोधित, समामेलन की मसौदा योजना को प्रत्येक शहरी सहकारी बैंक के शेयरधारकों द्वारा बहुमत द्वारा पारित संकल्प द्वारा अनुमोदित किया जाएगा, जिसमें दो- तिहाई शेयरधारक संख्या और मूल्य दोनों में इस प्रयोजन के लिए बुलाई गई बैठक में व्यक्तिगत रूप से उपस्थित रहेंगे। 9. शेयरधारकों का अनुमोदन प्राप्त करने के उद्देश्य से बैठक बुलाने से पहले, समामेलन की मसौदा योजना को संबंधित शहरी सहकारी बैंकों के निदेशक मंडल द्वारा अलग से उपरोक्त पैरा 6 में उल्लिखित तरीके से अनुमोदित किया जाएगा। 10. बैंकिंग विनियमन अधिनियम, 1949 की धारा 56 के साथ पठित धारा 44 ए के प्रावधानों के अनुसार शेयरधारकों के अपेक्षित बहुमत द्वारा समामेलन की योजना को मंजूरी मिलने के बाद, इसे संबंधित क्षेत्रीय कार्यालय / केंद्रीय कार्यालय रिजर्व बैंक को मंजूरी के लिए प्रस्तुत किया जाए। अध्याय III ए 11. रिज़र्व बैंक को मंजूरी के लिए आवेदन पर विचार करने में सक्षम बनाने के लिए, समामेलक और समामेलित शहरी सहकारी बैंक इन निर्देशों की अनुसूची ए और बी में निर्दिष्ट जानकारी और दस्तावेज रिज़र्व बैंक को प्रस्तुत करेंगे। अध्याय III बी 12. उक्त अधिनियम की धारा 44ए (3) के अनुसार, एक असहमत शेयरधारक, रिज़र्व बैंक द्वारा योजना को मंजूरी दिए जाने की स्थिति में, उस शहरी सहकारी बैंक में उसके द्वारा धारित शेयरों के संबंध में, रिज़र्व बैंक द्वारा स्वीकृत समामेलन योजना के अनुसार मूल्य संबंध में संबंधित शहरी सहकारी बैंक से मंजूरी की तारीख से 3 महीने के भीतर दावा करने का हकदार है। हालांकि, यदि दोनों में से किसी शहरी सहकारी बैंक के कुछ शेयरधारक, जिन्होंने उधार के साथ लिंकेज के रूप में शेयरों की सदस्यता ली है, पर ली गई क्रेडिट सुविधाओं के संबंध में बकाया राशि है, तो ऐसे शेयरधारक संबंधित यूसीबी को अपनी बकाया राशि के पूर्ण और अंतिम निपटान के बाद ही मूल्य की वापसी के हकदार होंगे। 13. समामेलित और समामेलक शहरी सहकारी बैंक, समामेलित बैंक के शेयरधारकों द्वारा धारित शेयरों के प्रस्तावित व्यवहार और स्वैप अनुपात के निर्धारण के लिए तर्क/विस्तृत गणना के संबंध में विवरण प्रस्तुत करेंगे। अध्याय IV 14. योजना की स्वीकृति लिखित में एक आदेश के माध्यम से होगी जिसमें उस तारीख को निर्देशित किया जाएगा जब से समामेलित यूसीबी की संपत्ति / संपत्ति और देनदारियों को समामेलक यूसीबी में स्थानांतरित और निहित किया जाएगा और इस प्रकार, उक्त अधिनियम की धारा 44ए की उप धारा 6-ए के प्रावधान के अनुसार समामेलित यूसीबी भंग हो जाएगी । इस तरह के विघटन का निर्देश देने वाले आदेश की एक प्रति आरसीएस/केंद्रीय रजिस्ट्रार को प्रेषित की जाएगी, जिसके तहत एकीकृत यूसीबी एक सहकारी समिति के रूप में पंजीकृत है और इस तरह के आदेश की प्राप्ति पर, उक्त अधिनियम की धारा 44ए की उप धारा 6-बी के प्रावधानों के अनुसार आरसीएस/केंद्रीय रजिस्ट्रार सोसायटी के नाम को अपने अभिलेख से हटा देगा। यदि समामेलित और समामेलक यूसीबी विभिन्न सहकारी समिति अधिनियमों के तहत पंजीकृत हैं तो आदेश की एक प्रति आरसीएस/केंद्रीय रजिस्ट्रार को भी प्रेषित की जाएगी, जिसके तहत समामेलित यूसीबी एक सहकारी समिति के रूप में पंजीकृत है । यदि समामेलन बैंक एक-राज्य बैंक है और दूसरे राज्य में पंजीकृत एक-राज्य बैंक के साथ समामेलन के परिणामस्वरूप बहु-राज्य बैंक बन जाता है, तो आदेश की एक प्रति पंजीकरण के लिए केंद्रीय रजिस्ट्रार को भी प्रेषित की जाएगी। बहु-राज्य सहकारी समिति अधिनियम, 2002 के तहत एक बहु-राज्यीय शहरी सहकारी बैंक के रूप में यूसीबी का समामेलन उक्त पंजीकरण के बाद ही प्रभावी होगा। अध्याय V 15. समामेलन के मामले में रिज़र्व बैंक समामेलक बैंक को निम्नलिखित अतिरिक्त प्रोत्साहनों पर विचार करेगा: i) समामेलक शहरी सहकारी बैंक को समामेलित शहरी सहकारी बैंक की हानि उठाने वाली शाखाओं (पिछले तीन वर्षों के लिए शुद्ध हानि) को बंद करने या समामेलित शहरी सहकारी बैंक की शाखाओं को अपने साथ विलय करने की अनुमति दी जा सकती है। समामेलन करने वाले बैंक को, यदि आवश्यक हो, परिचालन के विस्तारित क्षेत्र (अर्थात् समामेलित और समामेलक बैंक के संचालन के क्षेत्र दोनों को मिलाकर) में नई शाखाएं खोलने के लिए बंद / विलय की गई शाखा लाइसेंस का उपयोग करने की अनुमति दी जा सकती है। इसी प्रकार, समामेलित बैंक के परिचालन के विस्तारित क्षेत्र के भीतर समामेलक बैंक की शाखाओं के स्थानांतरण/स्थान परिवर्तन की अनुमति दी जा सकती है, बशर्ते समामेलक/समामेलित बैंक की वर्तमान/स्थानांतरित शाखाओं के माध्यम से मौजूदा ग्राहकों को बैंकिंग सुविधाएं प्रदान की जाएं। ii) समामेलक बैंक को फेमा के तहत जारी किए गए एडी श्रेणी I लाइसेंस जैसी सुविधाओं को बनाए रखने की अनुमति दी जा सकती है, जहां 12% पर सीआरएआर के उच्च स्तर की निरंतर आधार पर आवश्यकता होती है, बशर्ते वह रिज़र्व बैंक द्वारा निर्दिष्ट 9% के बेंचमार्क के सीआरएआर को एक अवधि के लिए बनाए रखता है। iii) यदि समामेलक यूसीबी बहु-राज्यीय यूसीबी बन जाता है तो बहु-राज्यीय शहरी सहकारी बैंकों के लिए निर्धारित न्यूनतम प्रवेश बिंदु पूंजी पर जोर नहीं दिया जाएगा, केवल उस स्थिति में जब समामेलित यूसीबी एक अलग राज्य में पंजीकृत होता है। अध्याय VI 16. इन निदेशों के जारी होने के साथ, रिज़र्व बैंक द्वारा जारी "शहरी सहकारी बैंकों के विलय/समामेलन के लिए दिशानिर्देश" पर दिनांक 2 फरवरी 2005 का परिपत्र पीसीबी.परि.36/09.169.00/04-05 को निरस्त माना जाता है। हालांकि, रिजर्व बैंक इन निर्देशों के जारी होने की तारीख से पहले प्राप्त और उपरोक्त दिशानिर्देशों के तहत व्यवहार्य पाए जाने वाले स्वैच्छिक समामेलन के प्रस्तावों को मंजूरी दे सकता है। समामेलन के लिए आवेदन के साथ भेजी जाने वाली सूचना की सांकेतिक सूची 1. समामेलित और समामेलक यूसीबी पर सामान्य जानकारी – नाम, पंजीकृत कार्यालय का पता, सहकारी क्रेडिट सोसाइटी के रूप में पंजीकरण की तारीख, लाइसेंस प्रदान करने की तारीख, अनुसूची की स्थिति, परिचालन क्षेत्र आदि 2. परिचालन तारीख – समामेलन के लिए आपसी रूप से प्रस्तावित तारीख का प्रभावित होना 3. निदेशक मंडल, आस्तियों के तहत शामिल मदें, देयताओं के तहत शामिल मदें आदि के संबंध में सूचना 4. पूंजी – दोनों बैंकों के प्राधिकृत और चुकता पूंजी, उच्च 5 शेयरधारक और चुकता पूंजी के % के रूप में प्रत्येक का धारण, 5. पूंजी का पुनर्गठन – समामेलित बैंक के अधिग्रहण और गैर-अधिग्रहण सदस्यों की देखभाल 6. जमाराशि से संबंधित – अंतरण का स्वरूप, समामेलित बैंक के जमाकर्ताओं द्वारा मांगे जाने पर चुकौती के लिए अपनाई जानेवाली प्रक्रिया, समामेलित बैंक के पास रखी हुई जमाराशि के नवीकरण संबंधी शर्तें आदि 7. आस्ति, देयताएं, आय, व्यय, अधिकार, दावे, पट्टा, भू-धारण अधिकार, संविदाएं, डीड, बाँड, प्रतिभूतियां, बीजी और एलसी सहित ऋण, सुरक्षित ब्याज, कानूनी कार्रवाहियां, विलेख को कार्यान्वित करने का प्राधिकार आदि का अधिकार निधान और अंतरण 8. समामेलक यूसीबी द्वारा शेयरों को जारी करना: 9. लेखांकन उपचार और अपनाया गया मूल्यांकन 10. कर्मचारी (समामेलित बैंक के) से संबंधित - समामेलन, पारिश्रमिक, पीएफ/ग्रेच्युटी/पेंशन फंड/समामेलित बैंक के ट्रस्टों का संलयात्मक बैंक में अंतरण आदि 11. कानूनी कार्यवाही : योजना के प्रभावी होने पर समामेलित शहरी सहकारी बैंक द्वारा या उसके विरुद्ध सभी कानूनी कार्यवाही करने का तरीका। संलग्न हेतु : समामेलक बैंक का तुलन-पत्र सहित प्रोफार्मा क्योंकि समामेलन की परिचालन तिथि से वह प्रदर्शित होने की संभावना है और उस पर आधारित प्रमुख वित्तीय दस्तावेज़ समामेलन/विलय की योजना और समामेलन की योजना संबंधी आवेदन के साथ प्रस्तुत किए जानेवाले दस्तावेज़ 1. शेयरधारकों द्वारा अनुमोदित समामेलन की मसौदा योजना। 2. बोर्ड बैठक के कार्यवृत्त की प्रमाणित प्रति जहां इस मास्टर निदेश के पैरा 6 के अनुसार समामेलन की योजना के पक्ष में एक प्रस्ताव पारित किया गया है। 3. ऐसे अनुमोदन के लिए बुलाई गई शेयरधारकों की सभी बैठकों की नोटिस की प्रतियों के साथ-साथ उस इलाके में या जिस इलाके में यूसीबी के पंजीकृत कार्यालय स्थित हैं, उस इलाके में परिचालित दो समाचार पत्रों में और उनमें से एक समाचार पत्र उस इलाके में व्यापक रूप से समझी जानेवाली भाषा में हो, लगातार तीन हफ्तों में कम से कम एक बार अखबारों में बैठकों की नोटिस प्रकाशित किए जाने के सबूत के तौर पर अखबारों की कटिंग। 4. निम्न को प्रमाणित करते हुए शेयरधारकों की बैठक की अध्यक्षता करनेवाले प्रत्येक अधिकारी द्वारा हस्ताक्षरित प्रमाणपत्र (अ) बैठक में पारित संकल्प की प्रति। (आ) बैठक में उपस्थित शेयरधारकों की संख्या। (इ) शेयरधारकों की संख्या जिन्होंने संकल्प के अनुकूल मतदान किया और उनके द्वारा धारित शेयरों का कुल मूल्य। (ई) शेयरधारकों की संख्या जिन्होंने संकल्प के विरोध में मतदान किया और उनके द्वारा धारित शेयरों का कुल मूल्य। (उ) शेयरधारकों की संख्या जिनके मतदान को अमान्य घोषित किया गया और उनके द्वारा धारित शेयरों का कुल मूल्य। (ऊ) शेयरधारकों के नाम जिन्होंने पीठासीन अधिकारी को लिखित रूप में नोटिस दिया है कि वे समामेलन की योजना से असहमत हैं, साथ ही उनमें से प्रत्येक द्वारा धारित शेयरों की संख्या। 5. (अ) जमाकर्ताओं की संख्या और सदस्य और गैर-सदस्य जमाकर्ताओं के अलग-अलग डेटा के साथ राशि के आधार पर रु.5 लाख तक और उससे अधिक की जमाराशि संबंधी डाटा। (आ) संख्या और राशि के आधार पर उधारकर्ताओं और गैर-उधारकर्ताओं का शेयरधारण। 6. अगर समामेलन के बाद पुनर्गठित किए जाने का प्रस्ताव है तो समामेलन बैंक के निदेशकों के नाम, पते और व्यवसाय और यह भी सूचित करें कि यह संरचना किस प्रकार से भारतीय रिज़र्व बैंक के विनियमों और संबंधित सहकारी सोसाइटी अधिनियम (मों) के अनुपालन में होंगे। 7. समामेलन के बाद समामेलित बैंक के प्रस्तावित/जारी रहनेवाले मुख्य कार्यकारी अधिकारी का ब्योरा। 8. स्वैप अनुपात के निर्धारण के लिए नियुक्त मूल्यांकनकर्ताओं की रिपोर्ट की प्रतियां। 9. निम्न ब्योरे सहित समामेलन की योजना पर विचार करने हेतु सभी संबंधित सूचना: (अ) (i) समामेलन के लिए नियत तिथि से ठीक पहले के तीन पूर्ण वित्तीय वर्षों में से प्रत्येक के लिए प्रत्येक शहरी सहकारी बैंक की वार्षिक रिपोर्ट (ii) अगर सांविधिक लेखापरीक्षा पूरी नहीं हुई है, पिछले वित्त्तीय साल की अलेखापरीक्षित वित्तीय विवरणी के साथ कम से कम अंत में उपलब्ध वार्षिक रिपोर्ट के साथ लेखापरीक्षकों की रिपोर्ट जिसमें कोई उल्लेखनीय/विपरीत टिप्पणी की गई हो। (iii) नीचे 9 (डी) के अनुसार प्रमुख वित्तीय का सारणीबद्ध प्रतिनिधित्व और जमाराशि, अग्रिम, जी-सेक में निवेश, अन्य निवेश, नकद शेष राशि, बैंक शेष राशि (चालू+एसबी+एफडी+अन्य), निवल लाभ/हानि संबंधी ओडिट रेटिंग और संचित हानि (अगर कुछ है तो) संबंधी डाटा। (आ) समामेलित यूसीबी के तुलन-पत्र संयुक्त प्रोफार्मा जैसाकि वह समामेलन की नियुक्ति तारीख को दिखाई देता है; (इ) ऐसे प्रोफार्मा तुलन-पत्र के आधार पर निम्न का कंप्यूटेशन:
(ई) लेखा पर टिप्पणियों/लेखा परीक्षकों की रिपोर्ट और रेटिंग में लेखापरीक्षकों द्वारा किसी महत्वपूर्ण अवलोकन/प्रतिकूल टिप्पणियों का संक्षिप्त सारांश 10. निम्नलिखित विवरणों सहित प्रस्तावित स्वैप अनुपात को समझने के लिए मूल्यांककों द्वारा प्रमाणित प्रासंगिक सूचना: (अ) आस्तियों के मूल्यांकन के लिए मूल्यांकनकर्ताओं द्वारा अपनाया गया तरीका; (आ) सूचना और दस्तावेज़ जिसका मूल्यांकनकर्ताओं ने भरोसा किया था और ऐसी सूचना की सटीकता की जांच करने के लिए मूल्यांकनकर्ताओं द्वारा किस हद तक जांच की गई; (इ) अगर मूल्यांकनकर्ताओं ने अनुमानित जानकारी पर निर्भर किया है तो ऐसी सूचना प्रदान करनेवाले व्यक्तियों के नाम और पदनाम और ऐसी सूचना के संबंध में मूल्यांकनकर्ताओं द्वारा की गई जांच का दायरा, अगर कुछ है तो; (ई) अनुमानित सूचना का विवरण जिनका मूल्यांकनकर्ताओं ने आश्रय लिया था; (उ) मूल्यांकन के प्रयोजनों के लिए प्रकाशित वित्तीय जानकारी में किए गए समायोजनों के स्पष्टीकरण सहित स्वैप अनुपात का विस्तृत ब्योरा; (ऊ) अगर ये समायोजन तीसरी पार्टी द्वारा किए गए मूल्यांकन के आधार पर किया गया था, ऐसे मूल्यांकन करनेवाले व्यक्तियों का ब्योरा; (ऋ) समामेलित बैंक की संपत्ति के वसूली योग्य मूल्य की गणना का विवरण 11. समामेलित बैंक की उचित सावधानी रिपोर्ट (डीडीआर) निम्न फोर्मेट के अनुसार होगी:
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