बैंक शाखाओं के लिए जनता को ग्राहक सेवा प्रदान करने में कार्यनिष्पादन पर आधारित मुद्रा वितरण तथा विनिमय योजना (सीडीईएस) पर मास्टर अनुदेश - आरबीआई - Reserve Bank of India
बैंक शाखाओं के लिए जनता को ग्राहक सेवा प्रदान करने में कार्यनिष्पादन पर आधारित मुद्रा वितरण तथा विनिमय योजना (सीडीईएस) पर मास्टर अनुदेश
आरबीआई/डीसीएम/2016-17/36 जुलाई 20, 2016 अध्यक्ष एवं प्रबंध निदेशक / मुख्य कार्यकारी महोदया / महोदय, बैंक शाखाओं के लिए जनता को ग्राहक सेवा प्रदान करने में कार्यनिष्पादन पर आधारित मुद्रा वितरण तथा विनिमय योजना (सीडीईएस) पर मास्टर अनुदेश भारतीय रिजर्व बैंक अधिनियम 1934 की प्रस्तावना एवं धारा 45 तथा बैंकिंग विनियम अधिनियम 1949, की धारा 35ए के अनुसार बैंक अपनी स्वच्छ नोट नीति के उद्देश्यों को बताने के लिए बैंक दिशानिर्देश / अनुदेश जारी करता है। इन उद्देश्यों का पालन करने के लिए, बैंक ने मुद्रा वितरण तथा विनिमय योजना (सीडीईएस) शीर्षक से एक प्रोत्साहन योजना बनाई है, जो यह सुनिश्चित करने के क्रम में है कि सभी बैंक शाखाएँ आम जनता को बेहतर ग्राहक सुविधा प्रदान करें । 2. उक्त विषय पर अद्यतन अनुदेश / दिशानिर्देश संलग्न हैं । जब कभी नए अनुदेश जारी किए जाएंगे उन अनुदेशों को समय समय पर अद्यतन किया जाएगा । 3. ये मास्टर अनुदेश भारतीय रिजर्व बैंक की वेबसाइट www.rbi.org.in पर रखे गए हैं । भवदीय, (पी. विजय कुमार) अनुलग्नक - यथोक्त आम जनता को ग्राहक सेवा प्रदान करने में कार्य निष्पादन के आधार पर मुद्रा तिजोरी सहित बैंक शाखाओं के लिए प्रोत्साहन और दंड की योजना से संबंधित मास्टर अनुदेश मुद्रा तिजोरियों सहित सभी बैंक शाखाओं के लिए यह सुनिश्चित करने के लिए कि सभी बैंक शाखाएं आम जनता को नोटों और सिक्कों के विनिमय के संबंध में बेहतर ग्राहक सेवा प्रदान करती हैं तथा क्लीन नोट पॉलिसी के घटकों को ध्यान में रखते हुए “मुद्रा वितरण तथा विनिमय योजना (सीडीईएस)” तैयार की गई है । प्रोत्साहन उक्त योजना के अनुसार, नोटों और सिक्कों के विनिमय के लिए सुविधा प्रदान करने हेतु बैंक निम्नलिखित वित्तीय प्रोत्साहन पाने के लिए पात्र हैं :
3. प्रोत्साहन प्राप्त करने के लिए परिचालन अनुदेश - 3.1 कार्यनिष्पादन पर आधारित प्रोत्साहन – i. भारतीय रिजर्व बैंक के निर्गम कार्यालयों में वास्तविक रूप से प्राप्त गंदे नोटों पर प्रोत्साहन का भुगतान किया जायेगा । बैंकों को अलग से दावा प्रस्तुत करने की आवश्यकता नहीं है । मुद्रा तिजोरी शाखाओं को सहलग्न शाखाओं को उनके द्वारा प्रस्तुत गंदे नोटों के लिए समानुपातिक आधार पर प्रोत्साहन देना होगा । ii. इसी तरह, गंदे नोट प्रेषणो के साथ प्राप्त / अलग से पंजीकृत / बीमाकृत डाक से सीलबद्ध लिफाफे में भारतीय रिजर्व बैंक को भेजे गए अधिनिर्णित नोटों के संबंध में प्रोत्साहन का भुगतान किया जायेगा । अलग से दावा प्रस्तुत करने की आवश्यकता नहीं है । 3.2 मशीनों के संस्थापन के लिए प्रोत्साहन : i. जो बैंक एक वर्ष में 01 जुलाई से 30 जून तक की अवधि के दौरान विभिन्न मशीनें खरीदना चाहते हैं या मुद्रा तिजोरी स्थापित करना चाहते हैं, वे मशीन और उसकी कीमत के पूरे विवरण सहित अपनी वार्षिक योजना हमारे निर्गम कार्यालयों को प्रति वर्ष 15 अप्रैल तथा चालू आधार पर प्रस्तुत कर सकते हैं । हमारे निर्गम कार्यालय को योजना प्राप्त होने के पश्चात वे प्रत्येक बैंक को उस वर्ष के लिए उचित अधिकतम प्रतिपूर्ति की जाने वाली राशि के बारे में सूचित कर सकते है । ii. कैश रिसायकलर की स्थापना तथा कम मूल्य वर्ग के नोटों के वितरण वाले एटीएम के लिए प्रोत्साहन के दावे संबंधित बैंक के लिंक कार्यालय के माध्यम से भारतीय रिजर्व बैंक के संबंधित निर्गम कार्यालय को तिमाही आधार पर 30 दिनों के भीतर प्रस्तुत किए जाने चाहिए। हालांकि इस तरह के दावे केवल वेण्डर को मशीनों की कीमत के पूर्ण भुगतान करने के पश्चात ही प्रस्तुत किए जा सकते हैं । |