बैंक शाखाओं के लिए आम जनता को ग्राहक सेवा प्रदान करने में कार्यनिष्पादन पर आधारित मुद्रा वितरण तथा विनिमय योजना (सीडीईएस) पर मास्टर अनुदेश - आरबीआई - Reserve Bank of India
बैंक शाखाओं के लिए आम जनता को ग्राहक सेवा प्रदान करने में कार्यनिष्पादन पर आधारित मुद्रा वितरण तथा विनिमय योजना (सीडीईएस) पर मास्टर अनुदेश
आरबीआई/डीसीएम/2018-19/63 जुलाई 3, 2018 अध्यक्ष एवं प्रबंध निदेशक / मुख्य कार्यकारी महोदया / प्रिय महोदय, बैंक शाखाओं के लिए आम जनता को ग्राहक सेवा प्रदान करने में कार्यनिष्पादन पर आधारित मुद्रा वितरण तथा विनिमय योजना (सीडीईएस) पर मास्टर अनुदेश बैंकिंग विनियम अधिनियम 1934 की धारा 45 तथा बैंकिंग विनियम अधिनियम 1949 की धारा 35ए की प्रस्तावना के अनुसार हमारी स्वच्छ नोट पॉलिसी के उद्देश्यों को बताने के लिए बैंक दिशानिर्देश / अनुदेश जारी करता है । इन उद्देश्यों का पालन करने के लिए, बैंक ने मुद्रा वितरण तथा विनिमय योजना (सीडीईएस) शीर्षक से एक प्रोत्साहन योजना बनाई है, जो यह सुनिश्चित करने के क्रम में है कि सभी बैंक शाखाएँ आम जनता को बेहतर ग्राहक सुविधा प्रदान करें । 2. उक्त विषय पर अद्यतन अनुदेश / दिशानिर्देश संलग्न हैं। जब कभी नए अनुदेश जारी किए जाएंगे उन अनुदेशों को समय समय पर अद्यतन किए जाएगा । 3. ये मास्टर अनुदेश भारतीय रिजर्व बैंक की वेबसाइट www.rbi.org.in पर रखे गए हैं । भवदीय (मानस रंजन महान्ति) अनुलग्नक : यथोक्त 1. आम जनता को ग्राहक सेवा प्रदान करने में कार्य निष्पादन के आधार पर मुद्रा तिजोरी सहित बैंक शाखाओं के लिए प्रोत्साहन और दण्ड की योजना से संबन्धित मास्टर अनुदेश मुद्रा तिजोरियों सहित सभी बैंक शाखाओं को यह सुनिश्चित करने के लिए कि सभी बैंक शाखाएँ आम जनता को नोटों और सिक्कों के विनिमय के संबंध में बेहतर ग्राहक सेवा प्रदान करती हैं तथा स्वच्छ नोट नीति के घटकों के मद्देनजर मुद्रा वितरण तथा विनिमय योजना (सीडीईएस) तैयार की गई है । 2. प्रोत्साहन : योजना के अनुसार, नोटों तथा सिक्कों के विनिमय की सुविधा प्रदान करने हेतु बैंक निम्नलिखित वित्तीय प्रोत्साहन पाने हेतु पात्र हैं :
3. कार्यनिष्पादन आधारित प्रोत्साहन की सुविधा लेने हेतु परिचालन अनुदेश : i) भारतीय रिजर्व बैंक के निर्गम कार्यालयों में वास्तविक रूप से प्राप्त गंदे नोटों पर प्रोत्साहन का भुगतान किया जाएगा । इस संबंध में बैंकों को अलग से दावा प्रस्तुत करने की आवश्यकता नहीं है । मुद्रा तिजोरी शाखा को उनसे संबंद्ध शाखाओं को उनके द्वारा प्रस्तुत गंदे नोटों हेतु समानुपातिक आधार पर प्रोत्साहन देना होगा । ii) इसी प्रकार, गंदे नोट प्रेषणों के साथ प्राप्त / अलग से पंजीकृत / बीमाकृत डाक से सीलबंद लिफाफे में भारतीय रिजर्व बैंक को भेजे गए अधिनिर्णित नोटों के संबंध में प्रोत्साहन का भुगतान किया जाएगा । अलग से दावा करने की आवश्यकता नहीं है । |