24 अप्रैल 2024 (23 अप्रैल 2025 को अद्यतित) (21 जनवरी 2025 को अद्यतित)
सभी आस्ति पुनर्निर्माण कंपनियाँ
महोदय / महोदया
मास्टर निदेश – भारतीय रिज़र्व बैंक (आस्ति पुनर्निर्माण कंपनियाँ) निदेश, 2024
बैंकों और वित्तीय संस्थानों की दबावग्रस्त वित्तीय आस्तियों के समाधान में एआरसी महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं, जिससे वित्तीय प्रणाली की समग्र सेहत में सुधार होता है। एआरसी की विवेकपूर्ण और कुशल कार्यप्रणाली सुनिश्चित करने और निवेशकों के हितों की रक्षा के लिए, भारतीय रिज़र्व बैंक एतद्दवारा मास्टर निदेश - भारतीय रिज़र्व बैंक (आस्ति पुनर्निर्माण कंपनियां) निदेश, 2024 (निदेश) जारी करता है, जो इसके बाद निर्दिष्ट है। ये निदेश वित्तीय आस्तियों का प्रतिभूतिकरण और पुनर्निर्माण तथा प्रतिभूति हित प्रवर्तन अधिनियम, 2002 (2002 का 54) की धारा 3, 9, 10, 12 और 12 ए द्वारा प्रदत्त शक्तियों का प्रयोग करते हुए जारी किए गए हैं।
मास्टर निदेश – भारतीय रिज़र्व बैंक (आस्ति पुनर्निर्माण कंपनियाँ) निदेश, 2024
बैंकों और वित्तीय संस्थानों की दबावग्रस्त वित्तीय आस्तियों के समाधान में एआरसी महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं, जिससे वित्तीय प्रणाली की समग्र सेहत में सुधार होता है। एआरसी की विवेकपूर्ण और कुशल कार्यप्रणाली सुनिश्चित करने और निवेशकों के हितों की रक्षा के लिए, भारतीय रिज़र्व बैंक एतद्दवारा मास्टर निदेश - भारतीय रिज़र्व बैंक (आस्ति पुनर्निर्माण कंपनियां) निदेश, 2024 (निदेश) जारी करता है, जो इसके बाद निर्दिष्ट है। ये निदेश वित्तीय आस्तियों का प्रतिभूतिकरण और पुनर्निर्माण तथा प्रतिभूति हित प्रवर्तन अधिनियम, 2002 (2002 का 54) की धारा 3, 9, 10, 12 और 12 ए द्वारा प्रदत्त शक्तियों का प्रयोग करते हुए जारी किए गए हैं।
मास्टर निदेश – भारतीय रिज़र्व बैंक (आस्ति पुनर्निर्माण कंपनियाँ) निदेश, 2024
बैंकों और वित्तीय संस्थानों की दबावग्रस्त वित्तीय आस्तियों के समाधान में एआरसी महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं, जिससे वित्तीय प्रणाली की समग्र सेहत में सुधार होता है। एआरसी की विवेकपूर्ण और कुशल कार्यप्रणाली सुनिश्चित करने और निवेशकों के हितों की रक्षा के लिए, भारतीय रिज़र्व बैंक एतद्दवारा मास्टर निदेश - भारतीय रिज़र्व बैंक (आस्ति पुनर्निर्माण कंपनियां) निदेश, 2024 (निदेश) जारी करता है, जो इसके बाद निर्दिष्ट है। ये निदेश वित्तीय आस्तियों का प्रतिभूतिकरण और पुनर्निर्माण तथा प्रतिभूति हित प्रवर्तन अधिनियम, 2002 (2002 का 54) की धारा 3, 9, 10, 12 और 12 ए द्वारा प्रदत्त शक्तियों का प्रयोग करते हुए जारी किए गए हैं।
भवदीय
(जे. पी. शर्मा) मुख्य महाप्रबंधक
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