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मास्टर निदेश – भारतीय रिज़र्व बैंक (इलेक्ट्रॉनिक ट्रेडिंग प्लेटफॉर्म) निदेश, 2025 - आरबीआई - Reserve Bank of India

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मास्टर निदेश – भारतीय रिज़र्व बैंक (इलेक्ट्रॉनिक ट्रेडिंग प्लेटफॉर्म) निदेश, 2025

आरबीआई/एफएमआरडी/2025-26/137
एफएमआरडी.एमआईओडी.सं.02/14.03.027/2025-26

16 जून 2025

प्रति

इलेक्ट्रॉनिक ट्रेडिंग प्लेटफॉर्मों के सभी ऑपरेटर

महोदया/महोदय,

मास्टर निदेश – भारतीय रिज़र्व बैंक (इलेक्ट्रॉनिक ट्रेडिंग प्लेटफॉर्म) निदेश, 2025

कृपया 05 अक्टूबर 2018 के इलेक्ट्रॉनिक ट्रेडिंग प्लेटफॉर्म (रिज़र्व बैंक) निदेश, 2018 में निर्धारित इलेक्ट्रॉनिक ट्रेडिंग प्लेटफॉर्म के लिए विनियामकीय फ्रेमवर्क की समीक्षा पर 08 फरवरी 2024 के 2023-24 हेतु द्विमासिक मौद्रिक नीति वक्तव्य के एक भाग के रूप में घोषित विकासात्मक और विनियामकीय नीतियों पर वक्तव्य का पैराग्राफ 1 देखें।

2. ड्राफ्ट मास्टर निदेश - भारतीय रिज़र्व बैंक (इलेक्ट्रॉनिक ट्रेडिंग प्लेटफॉर्म) निदेश, 2024 को सभी हितधारकों से टिप्पणियां/प्रतिक्रिया आमंत्रित करने के लिए 29 अप्रैल, 2024 को बैंक की वेबसाइट पर रखा गया था। प्राप्त फीडबैक के आधार पर, निदेशों के मसौदे को अंतिम रूप दे दिया गया है और इसके साथ जारी कर दिया गया है।

3. ये निदेश रिज़र्व बैंक द्वारा भारतीय रिज़र्व बैंक अधिनियम, 1934 की धारा 45डबल्यू के अंतर्गत प्रदत्त शक्तियों और इस संबंध में उसे सक्षम बनाने वाली सभी शक्तियों का प्रयोग करते हुए जारी किए गए हैं।

4. ये निदेश तत्काल प्रभाव से लागू होंगे।

भवदीया

(डिम्पल भांडिया)
मुख्य महाप्रबंधक


भारतीय रिज़र्व बैंक
वित्‍तीय बाजार विनियमन विभाग
9वीं मंजिल, केन्‍द्रीय कार्यालय भवन, फोर्ट
मुम्‍बई - 400 001

दिनांक 16 जून 2025 की अधिसूचना सं.एफएमआरडी.एमआईओडी.03/14.03.027/2025-26

मास्टर निदेश – भारतीय रिज़र्व बैंक (इलेक्‍ट्रॉनिक ट्रेडिंग प्‍लेटफार्म) निदेश, 2025

भारतीय रिज़र्व बैंक अधिनियम, 1934 (इसके बाद इसे अधिनियम कहा गया है) की धारा 45यू के साथ पठित, धारा 45डबल्यू के तहत प्रदत्‍त शक्तियों और इस संबंध में इसे सक्षम बनाने वाली सभी शक्तियों का प्रयोग करते हुए और दिनांक 05 अक्तूबर, 2018 के इलेक्‍ट्रॉनिक ट्रेडिंग प्‍लेटफार्म (रिज़र्व बैंक) निदेश, 2018 का अधिक्रमण करते हुए, भारतीय रिज़र्व बैंक (इसके बाद इसे रिज़र्व बैंक कहा गया है) ने इलेक्‍ट्रॉनिक ट्रेडिंग प्‍लेटफार्म का परिचालन करने वाली संस्‍थाओं को निम्‍नलिखित निदेश जारी किए हैं।

1. इन निदेशों का लघु शीर्षक, दायरा और प्रवर्तन

ए) इन निदेशों को भारतीय रिज़र्व बैंक (इलेक्‍ट्रॉनिक ट्रेडिंग प्‍लेटफार्म) निदेश, 2025 कहा जाएगा।

बी) ये निदेश इलेक्‍ट्रॉनिक ट्रेडिंग प्‍लेटफार्म (ईटीपी) का परिचालन करने वाली संस्‍थाओं को जारी किए जाते हैं जिन पर इन निदेशों के अंतर्गत यथापरिभाषित पात्र लिखतों में, लेनदेन किए जाते हैं।

सी) ये निदेश पात्र लिखतों में लेनदेन के लिए अनुसूचित वाणिज्यिक बैंक (भारत में परिचालन कर रहे विदेशी बैंक की शाखा सहित) या स्टैंडअलोन प्राथमिक डीलर द्वारा संचालित किसी इलेक्ट्रॉनिक प्रणाली पर लागू नहीं होंगे, जिसमें इलेक्ट्रॉनिक प्रणाली का संचालन करने वाला बैंक या प्राथमिक डीलर एकमात्र दर/मूल्य प्रदाता है और प्रणाली पर किए गए सभी लेन-देनों में एक पक्ष है;

बशर्ते कि ऐसी इलेक्ट्रॉनिक प्रणालियों के संबंध में, सभी अनुसूचित वाणिज्यिक बैंक और स्टैंडअलोन प्राथमिक डीलर रिज़र्व बैंक द्वारा अपेक्षित कोई भी रिपोर्ट, डेटा और/या जानकारी प्रदान करेंगे और/या किसी भी ट्रेड रिपोजटरी या रिपोर्टिंग प्लेटफॉर्म को निर्धारित प्रारूप में और निर्धारित समय सीमा के भीतर, और बताई गई विधि और तरीके से लेनदेन की जानकारी रिपोर्ट करेंगे; और

इस सामान्य छूट के बावजूद, रिज़र्व बैंक इस बात से संतुष्ट होने पर कि यह जनहित में या देश की वित्तीय प्रणाली को उसके लाभ के लिए विनियमित करने के लिए आवश्यक है, ऐसे किसी भी इलेक्ट्रॉनिक सिस्टम या इलेक्ट्रॉनिक सिस्टम के वर्ग को इन निदेशों की किसी या सभी शर्तों का अनुपालन करने या इन निदेशों के तहत प्राधिकार प्राप्त करने का निदेश दे सकता है।

डी) इलेक्ट्रॉनिक ट्रेडिंग प्लेटफॉर्म (रिज़र्व बैंक) दिशानिर्देश, 2018 के तहत दिया गया कोई भी प्राधिकार या की गई कोई भी कार्रवाई इन निदेशों के तहत की गई मानी जाएगी।

ई) ये निदेश तत्काल प्रभाव से लागू होंगे।

2. परिभाषाएं

ए) इन निदेशों के प्रयोजन से, यदि इस संदर्भ में अन्‍यथा अपेक्षित नहीं हों, तो

  1. ‘एल्‍गोरिथमिक ट्रेडिंग’ अथवा ‘एल्गो ट्रेडिंग’ का अर्थ होगा स्‍वत: निष्‍पादित होने वाले लॉजिक का प्रयोग करते हुए किसी सॉफ्टवेयर प्रोग्राम द्वारा सृजित ट्रेड।

  2. ‘इलेक्‍ट्रॉनिक ट्रेडिंग प्‍लेटफार्म’ (ईटीपी) का अर्थ होगा मान्‍यता-प्राप्‍त स्‍टॉक एक्‍सचेन्‍ज के अलावा कोई अन्‍य इलेक्‍ट्रॉनिक सिस्‍टम जिसके माध्‍यम से यहाँ यथापरिभाषित पात्र लिखतों में लेनदेन किया जाएगा।

  3. ‘पात्र लिखतों’ का अर्थ होगा प्रतिभूतियां, मुद्रा बाजार की लिखतें, विदेशी मुद्रा लिखतें, डेरिवेटिव अथवा इसी प्रकार की अन्‍य लिखतें जिन्हें रिज़र्व बैंक द्वारा समय-समय पर भारतीय रिज़र्व बैंक अधिनियम, 1934 के अध्‍याय III-डी की धारा 45डबल्यू के तहत विनिर्दिष्ट किया जाएगा।

  4. इन निदेशों में, जब तक इस विषय अथवा संदर्भ में अन्‍यथा अपेक्षित नहीं हो, ‘संस्‍था’ का अर्थ कोई व्यक्ति, चाहे वह प्राकृतिक हो या विधिक, होगा।

  5. ‘ईटीपी ऑपरेटर’ का अर्थ ऐसी संस्‍था से होगा जिसे इन निदेशों के तहत रिज़र्व बैंक ने ईटीपी के परिचालन हेतु प्राधिकृत किया है।

  6. 'प्रमुख प्रबंधकीय कार्मिकों' का वही अर्थ होगा जो कंपनी अधिनियम, 2013 की धारा 2(51) में इसे दिया गया है।

  7. ‘निवल मालियत (नेट वर्थ)' का वही अर्थ होगा जो कंपनी अधिनियम, 2013 की धारा 2(57) में इसे दिया गया है।

  8. ‘अनिवासी’ का अर्थ विदेशी मुद्रा प्रबंध अधिनियम 1999 की धारा 2(डबल्यू) में यथापरिभाषित ‘भारत से बाहर निवासी व्यक्ति’ होगा।

  9. ‘विदेशी मुद्रा’ का अर्थ वही होगा जो विदेशी मुद्रा प्रबंध अधिनियम, 1999 की धारा 2(एन) में इसे दिया गया है।

  10. ‘निवासी’ का अर्थ विदेशी मुद्रा प्रबंध अधिनियम 1999 की धारा 2(वी) में यथापरिभाषित ‘भारत में निवासी व्यक्ति’ होगा।

  11. ‘मान्‍यता प्राप्‍त एक्‍सचेन्‍ज’ का अर्थ वही होगा जो प्रतिभूति संविदा (विनियमन) अधिनियम, 1956 की धारा 2(एफ) में में इसे दिया गया है।

बी) जिन शब्दों और अभिव्यक्तियों का प्रयोग किया गया है, लेकिन इन निदेशों में परिभाषित नहीं किया गया है, उनका वही अर्थ होगा जो अधिनियम में या विदेशी मुद्रा प्रबंध अधिनियम, 1999 के अंतर्गत उन्हें दिया गया है।

3. इन निदेशों में अन्यथा दी गई अनुमति को छोडकर, रिज़र्व बैंक से पूर्व प्राधिकार प्राप्त किए बिना कोई भी संस्‍था, ईटीपी का परिचालन नहीं करेगी। पात्र लिखतों के संबंध में, रिज़र्व बैंक द्वारा प्राधिकृत ईटीपी ऑपरेटर यह सुनिश्चित करेंगे कि उनके प्लेटफॉर्म पर प्राधिकार के समय या किसी भी बाद के समय पर जब प्राधिकार की शर्तों को बदल दिया जाता है, केवल रिज़र्व बैंक द्वारा अनुमोदित लिखतों में लेन-देन किया जाए।

4. ईटीपी का प्राधिकार देने के लिए पात्रता मानदंड

ए) ईटीपी ऑपरेटर का कार्य आरंभ करने अथवा ईटीपी ऑपरेशन जारी रखने के लिए ईटीपी ऑपरेटर के रूप में प्राधिकार चाहने वाली संस्‍था को निम्‍नलिखित मानदंड पूरे करने होंगे:

i) सामान्‍य मानदंड

ए) ऐसी संस्‍था भारत में निगमित कम्‍पनी होगी।

बी) इलेक्‍ट्रॉनिक ट्रेडिंग प्‍लेटफार्म ऑपरेटर के तौर पर प्राधिकार मांगने वाली संस्‍था में यदि कोई गैर-निवासी शेयरधारिता है तो उसे विदेशी मुद्रा प्रबंध अधिनियम, 1999 सहित सभी लागू कानूनों और विनियमों का पालन करना होगा।

सी) इलेक्‍ट्रॉनिक ट्रेडिंग प्‍लेटफार्म के ऑपरेटर के तौर पर प्राधिकार चाहने वाली संस्‍था अथवा इसके न्यूनतम दो प्रमुख प्रबंधकीय कार्मिकों को वित्‍तीय बाजारों में ट्रेडिंग अवसंरचना ऑपरेट करने का कम-से-कम तीन साल का अनुभव अवश्‍य हो।

ii) वित्‍तीय मानदंड: कोई संस्‍था जो इन निदेशों के तहत इलेक्‍ट्रॉनिक ट्रेडिंग प्‍लेटफार्म ऑपरेटर के लिए प्राधिकार पाना चाहती हो, उसे न्‍यूनतम रु.5 करोड़ (पांच करोड़ रुपये मात्र) की निवल मालियत रखनी होगी और वह इस न्‍यूनतम निवल मालियत को हमेशा बरकरार रखेगी।

iii) प्रौ़द्योगिकीय मानदंड: कोई संस्‍था जो इलेक्‍ट्रॉनिक ट्रेडिंग प्‍लेटफार्म ऑपरेटर के लिए प्राधिकार पाना चाहती हो, उसे निम्‍नलखित न्‍यूनतम प्रौ़द्योगिकीय अपेक्षाएँ पूरी करनी होगी:

ए) संस्था, मजबूत प्रौ़द्योगिकीय अवसंरचना लेगी और उसे बरकरार रखेगी जिसमें सिस्‍टम, डाटा और नेटवर्क के संदर्भ में उच्‍चस्‍तरीय विश्‍वसनीयता, उपलब्धता, मापकता और सुरक्षा होनी चाहिए जो इसके परिचालनों का समर्थन कर सके और संबंधित जोखिमों का प्रबंधन कर सके।

बी) संस्था ऐसी क्षमता सुनिश्चित करेगी जो रीयल-टाइम आधार पर अथवा लगभग रीयल-टाइम आधार पर कारोबारी सूचना का प्रसार कर सके।

5. ईटीपी ऑपरेट करने के लिए प्राधिकार प्रदान/निरस्‍त करना

ए) इन निदेशों के तहत निर्धारित पात्रता मानदंडों को संतुष्‍ट करने वाली संस्‍थाओं द्वारा ईटीपी ऑपरेट करने के लिए प्राधिकार प्रदान करने के लिए अनुलग्‍नक-1 में दिए अनुसार रिज़र्व बैंक के प्रवाह पोर्टल के माध्यम से मुख्‍य महाप्रबन्‍धक, वित्‍तीय बाजार विनियमन विभाग, भारतीय रिज़र्व बैंक को आवेदन किया जाए।

बी) रिज़र्व बैंक, अन्य बातों के साथ-साथ, आवेदक से किसी बाहरी ग्रेडिंग/रेटिंग या तृतीय पक्ष द्वारा प्लैटफॉर्म का आकलन संबंधी जानकारी समेत, ऐसी कोई भी अतिरिक्‍त जानकारी अथवा कोई भी स्‍पष्‍टीकरण मांग सकता है जो रिज़र्व बैंक सुसंगत समझे और आवेदक को ऐसी अतिरिक्‍त जानकारी और स्‍पष्‍टीकरण प्रस्‍तुत करना होगा। इस आवेदन का निपटान करने के लिए रिज़र्व बैंक के अभिमत से जो भी अतिरिक्‍त जानकारी किसी अन्‍य विनियामक अथवा सरकार के विभागों/एजेन्सियों या किसी अन्‍य प्राधिकरण से प्राप्‍त करनी आवश्‍यक हो, रिज़र्व बैंक वह जानकारी भी लेगा।

सी) इस बात से संतुष्ट होने के बाद कि आवेदक पात्रता मानदंडों को पूरा करता है; आवेदक द्वारा किसी भी वैधानिक/विनियामक प्रावधान का कोई प्रतिकूल निष्कर्ष/अवलोकन या भौतिक उल्लंघन नहीं हुआ है; और आवेदक को ईटीपी संचालित करने के लिए प्राधिकार प्रदान करना जनहित या देश की वित्तीय प्रणाली के लिए प्रतिकूल नहीं है, रिज़र्व बैंक आवेदक को ईटीपी संचालित करने के लिए प्राधिकार प्रदान कर सकता है। प्राधिकार प्रदान करना उन नियमों और शर्तों के अधीन हो सकता है जो प्राधिकार पत्र में निर्धारित किए जा सकते हैं।

डी) ईटीपी परिचालन के लिए प्राधिकार देने या अस्वीकार करने या ईटीपी संचालन शुरू करने या जारी रखने के लिए प्राधिकार को रद्द करने का रिज़र्व बैंक का निर्णय अंतिम होगा।

ई) किसी संस्‍था को ईटीपी परिचालन हेतु संस्‍था को प्रदत्‍त यह प्राधिकार हस्‍तांतरणीय नहीं है। यदि ईटीपी ऑपरेटर इन निदेशों के किसी प्रावधान या प्राधिकार के किसी अन्‍य नियम या विनियम या शर्त का उल्‍लंघन करता पाया जाता है तो रिज़र्व बैंक अतिरिक्‍त शर्तें लगाने सहित यथावश्यक कदम उठा सकता है।

एफ) संस्‍था को सुनवाई का यथोचित अवसर देने के बाद, ईटीपी ऑपरेट करने के लिए किसी संस्‍था को जारी किया गया प्राधिकार रिज़र्व बैंक द्वारा निरस्‍त किया जा सकता है, यदि रिज़र्व बैंक इस बात से सं‍तुष्‍ट हो कि:

  1. ईटीपी ऑपरेटर ने किसी सांविधिक प्रावधान या रिज़र्व बैंक द्वारा जारी किसी अन्‍य नियम या विनियम या निदेश या आदेश या अनुदेश का उल्‍लंघन किया है; अथवा

  2. प्राधिकार प्रदान करते समय रिज़र्व बैंक द्वारा निर्दिष्‍ट किसी भी नियम या शर्त का ईटीपी ऑपरेटर ने उल्‍लंघन किया है; अथवा

  3. प्रदत्‍त प्राधिकार को बरकरार रखना जनहित अथवा देश की वित्‍तीय प्रणाली के प्रतिकूल है।

जी) रिज़र्व बैंक द्वारा प्राधिकार को रद्द करने की स्थिति में, संबंधित ईटीपी ऑपरेटर तत्काल प्रभाव से या रिज़र्व बैंक द्वारा निर्दिष्ट अन्य तारीख से ईटीपी परिचालन बंद कर देगा। ऐसी स्थिति में, ईटीपी ऑपरेटर मूल रूप में प्राधिकार-पत्र रिज़र्व बैंक को अभ्‍यर्पित कर देगा।

6. परिचालन फ्रेमवर्क

ए) पहुँच और सहभागिता: ईटीपी ऑपरेटर:

  1. उद्देश्‍यपरक, उचित और पारदर्शी सदस्‍यता मानदंड रखेगा;

  2. सभी सदस्‍यों की ऑन-बोर्डिंग के समय विधिवत सावधानी रखेगा और इसके सदस्‍यों के बारे में सभी संगत जानकारी रखेगा;

  3. वैध इकाई अभिज्ञापक (एलईआई) और/अथवा स्‍थायी खाता संख्‍या (पीएएन) का प्रयोग करते हुए अपने सदस्‍यों की विशिष्‍ट पहचान करेगा;

  4. सदस्‍यता की ऑन-बोर्डिंग, निलम्‍बन और समापन, सदस्‍यों और ऑपरेटर की भूमिका और दायित्‍वों, नियमों और, विनियमों के उल्‍लंघन के मामले में ईटीपी और इसके प्रयोक्‍ताओं के लिए देयता फ्रेमवर्क, ईटीपी के प्रयोग पर अनुमेय प्रतिबंध अथवा अन्‍य अपेक्षाओं, आदेशों की प्रोसेसिंग और निष्‍पादन, जोखिम प्रबन्‍धन और नियंत्रण, लेकिन इतने तक ही सीमित नहीं, के बारे में भली प्रकार से प्रलेखबद्ध नियमावली और विनियम रखेगा;

  5. ट्रेड से पहले की जानकारी जैसे नीलामी/प्रस्‍ताव कीमतें, संबद्ध मात्राएं, ट्रेडिंग अभिरुचि की गहनता, अथवा ऐसी अन्‍य जानकारी अपने सदस्‍यों को उचित और पक्षपात रहित आधार पर उपलब्‍ध कराएगा जो लेनदेन को नियंत्रित करने वाले नियमों के अनुरूप हो;

  6. ट्रेड-पश्‍चात जानकारी जैसे कीमत, मात्रा और लेनदेन का समय अथवा ऐसी अन्‍य जानकारी अपने सदस्‍यों को उचित और पक्षपात रहित आधार पर उपलब्‍ध कराएगा जो लेनदेन को नियंत्रित करने वाले नियमों के अनुरूप हो;

  7. यह सुनिश्चित करेगा कि इस परिपत्र के उक्‍त पैराग्राफ 6(ए)(iv) में बताए गए सभी प्रलेख, नियम और विनियम इसके सदस्‍यों को निर्बाध रूप से उपलब्‍ध हैं।

बी) जोखिम प्रबंन्‍धन

(i) ईटीपी, सुदृढ़ आंतरिक नियंत्रण फ्रेमवर्क सहित ऑपरेटर सम्‍यक जोखिम प्रबंधन फ्रेमवर्क रखेगा जिसमें उसके परिचालनों के सभी पहलुओं को कवर किया गया हो। इसमें यह सुनिश्‍चित किया जाएगा कि इसके परिचालनों से संबद्ध जोखिमों की पहचान उचित रूप से की जाती है और उनका विवेकपूर्वक प्रबंध किया जाता है।

(ii) ईटीपी ऑपरेटर

ए) अपने सदस्‍यों के लिए पहुँच नियंत्रण सुनिश्चित करेगा और इस प्‍लेटफॉर्म पर अप्राधिकृत पहुँच को रोकेगा;

बी) ईटीपी पर अनुचित पहुंच को रोकने के लिए अन्य वित्‍तीय सेवाओं या अवसंरचनओं को ईटीपी से अलग रखेगा;

सी) सुनिश्चित करेगा कि इस सिस्‍टम पर सभी सौदों को निरपवाद रूप से एक उचित, पक्षपात रहित और नियमानुसार तरीके से और स्‍थापित पद्धति के निपटाया जाता है;

डी) ऐसे लेनदेन को रोकेगा जो प्राधिकार की शर्तों अथवा प्रचलित कानूनी या विनियामक अपेक्षाओं के अनुसरण में नहीं हैं; और

(ई) गलत लेनदेन की संभावना यथा ऑफ-मार्केट कोट या ट्रेड, फैट फिंगर त्रुटियां, सदस्यों द्वारा अनपेक्षित या अनियंत्रित ट्रेडिंग क्रियाकलापों आदि को कम करने के लिए उपयुक्त पूर्व-व्यापार और व्यापार-पश्चात नियंत्रण रखेगा।

(iii) एल्‍गोरिथमिक ट्रेडिंग सिस्‍टम (एल्‍गो सिस्‍टम) की सहायता से सहभागिता प्रदानकरने/सहभागिता की सुविधा देने वाला ईटीपी ऑपरेटर:

ए) एल्‍गो सिस्‍टम की जांच और ऑन-बोर्डिंग के लिए एक फ्रेमवर्क स्‍थापित करेगा;

बी) यह सुनिश्‍चित करेगा कि ये सुविधाएं पारदर्शी और पक्षपात रहित तरीके से प्रदान की जाती हैं;

सी) यह सुनिश्चित करेगा कि एल्‍गोरिथम में अंतर्निहित मोडेल रिस्क सहित एल्‍गो सिस्‍टम से पैदा हो सकने वाले जोखिमों की निगरानी और प्रबंधन के लिए उसके पास पर्याप्‍त और प्रभावी सिस्‍टम और नियंत्रण हैं; और

डी) यह सुनिश्चित करेगा कि एल्गो सिस्टम को संभालने वाले कर्मियों के पास ऐसी प्रणालियों को संभालने के लिए आवश्यक कौशल और क्षमता है।

(iv) ट्रेडिंग के निलम्‍बन/समापन अथवा आर्डरों/सौदों के निरस्‍त होने, अपने सिस्‍टम के त्रुटिपूर्ण ढंग से काम करने या इसके सदस्‍यों द्वारा त्रुटिपूर्ण प्रयोग या किसी अन्‍य अनपेक्षित स्थिति जैसी आकस्मिक घटनाओं से निपटने के लिए ईटीपी ऑपरेटर पारदर्शी तरीके से नियमों और विनियमों को स्‍थापित करेगा। ऐसी आकस्मिकताओं को स्‍पष्‍ट तौर पर निर्धारित नियमों और विनियमों के अनुसार निपटाया जाना चाहिए।

(v) सदस्‍यों के बीच पैदा हो सकने वाले अथवा संभावित किसी भी विवाद का निपटान करने के लिए ईटीपी ऑपरेटर को व्‍यवस्‍था करनी होगी।

सी) निगरानी: ईटीपी ऑपरेटर, बाजार की अखंडता को बरकरार रखने और वास्‍तविक समय या कार्योत्तर आधार पर ट्रेडिंग क्रियाकलापों की निगरानी करने के लिए उचित तथा व्‍यवस्थित ट्रेडिंग सुनिश्चित करने वाली निगरानी प्रणालियों और नियंत्रणों को लागू करेगा।

डी) हितों का टकराव: ईटीपी ऑपरेटर संबंधित पक्षों अथवा समूह की एजेंसियों की सहभागिता के कारण यदि हितों में टकराव होता है, तो उसकी पहचान करेगा और इसके बारे में रिज़र्व बैंक को बताएगा।

ई) पारदर्शिता: ईटीपी ऑपरेटर अपने सदस्‍यों के लिए उचित, भेदभाव-मुक्त और पारदर्शी शुल्‍क संरचना को लागू करेगा।

एफ़) परिचालनों की आउटसोर्सिंग: अपने परिचालनों/प्रौद्योगिकी/क्रियाकलापों की आंशिक अथवा पूरी तरह से आउटसोर्सिेग करने वाला ईटीपी ऑपरेटर सुनिश्चित करेगा कि:

  1. इस प्रकार के आउटसोर्सिंग संबंधों में निहित सभी जोखिमों के प्रबंधन के लिए इसके पास प्रभावी अभिशासन और जोखिम प्रबंधन व्‍यवस्‍था है।

  2. इस प्रकार की आउटसोर्सिंग व्‍यवस्‍था से ईटीपी ऑपरेटर को इन निदेशों अथवा रिज़र्व बैंक द्वारा समय-समय पर जारी किसी अन्‍य विनियम/निदेश/अनुदेश/दिशानिर्देश का अनुपालन सुनिश्चित करने में कोई बाधा या अड़चन या हस्‍तक्षेप नहीं पैदा होती है; और

  3. नीचे दिये गए पैराग्राफ 6(जे) और 7 में बताए अनुसार डाटा संरक्षण, अभिगम, प्रयोग और रिपोर्टिंग से संबंधित सभी अपेक्षाओं का पालन किया जाता है, भले ही ईटीपी ऑपरेटर और इसकी आउटसोर्स की गई संस्‍था के बीच हुए करार गतावधिक या समाप्‍त हो गए हों।

जी) कारोबार निरंतरता और आपदा के बाद बहाली: ईटीपी ऑपरेटर समुचित कारोबार निरंतरता योजना (बीसीपी) स्‍थापित करेगा जिसमें इसके कारोबार की प्रकृति, परिमाण और जटिलता के अनुरूप आकस्मिकता और आपदा के बाद बहाली की व्‍यवस्‍था भी शामिल हैं, ताकि इसके परिचालनों की निरंतरता और उपलब्‍धता सुनिश्चित हो सके।

एच) सूचना सुरक्षा: ईटीपी ऑपरेटर सुदृढ़ और पर्याप्त सूचना/डाटा सुरक्षा नियंत्रण और प्रक्रियाएं और अवसंरचनाएं स्‍थापित करेगा। यदि रिज़र्व बैंक या किसी अन्‍य विनियामक अथवा लोक प्राधिकरण ने समय-समय पर कोई सूचना प्रौद्योगिकी (आईटी) और सूचना सुरक्षा (आईएस) मानदंड/गाइडलाइन निर्धारित की है तो यह अपने पर यथालागू निर्देशों का अनुपालन करेगा।

आई) आईटी/आईएस ऑडिट: ईटीपी ऑपरेटर शर्टिफायड इन्फॉर्मेशन सिस्टम ऑडिटर (सीआईएसए) प्रमाणपत्रों वाले लेखापरीक्षकों या इंडियन कम्‍प्‍यूटर एमर्जन्सी रिस्‍पॉन्‍स टीम (सर्ट-इन) से पैनलबद्ध लेखापरीक्षकों या ऐसे अन्य किसी पेशेवार निकाय से कम-से-कम साल में एक बार आईटी/आईएस ऑडिट कराएगा। आईटी/आईएस ऑडिट के बावजूद, रिज़र्व बैंक अपने विवेकानुसार, इलेक्‍ट्रॉनिक ट्रेडिंग प्‍लेटफार्म का आईटी/आईएस ऑडिट रिज़र्व बैंक द्वारा चयनित किसी स्‍वतंत्र ऑडिटर(रों) से कराने का आदेश दे सकता है।

जे) डाटा संरक्षण, पहुँच और प्रयोग:

  1. ईटीपी ऑपरेटर ईटीपी पर गतिविधियों से संबंधित सभी डेटा की गोपनीयता और सुरक्षा सुनिश्चित करेगा। ऐसे डेटा तक पहुंच पूरी तरह से ईटीपी ऑपरेटर के नियंत्रण में होनी चाहिए।

  2. ईटीपी पर क्रियाकलपाों से संबंधित सभी डाटा कम-से-कम 10 वर्ष के लिए ऐसे मीडिया पर रखा जाएगा जहां से इसे आसानी से पुन: प्राप्‍त किया जा सके। डाटा भंडारण के लिए न्‍यूनतम अपेक्षा के प्रति किसी पूर्वाग्रह के बिना, यदि भारतीय कानून अथवा विनियमों के तहत अपेक्षानुसार रिज़र्व बैंक द्वारा या किसी अन्‍य प्राधिकरण द्वारा जांच के लिए डाटा मांगे जाने पर जांच पूरी हो जाने के बाद की तारीख से कम से कम तीन साल तक डाटा रखा जाएगा।

  3. रिज़र्व बैंक द्वारा प्राधिकार निरस्त किए जाने या ईटीपी ऑपरेटर द्वारा परिचालनों की समाप्ति की स्थिति में, रिज़र्व बैंक ऑपरेटर को निदेश दे सकता है कि वह ईटीपी पर गतिविधियों से संबंधित सभी डेटा रिज़र्व बैंक या किसी अन्य एजेंसी के साथ साझा करे जिसे वह निर्दिष्ट कर सकता है; और ईटीपी ऑपरेटर ऐसे डेटा को रिज़र्व बैंक द्वारा निर्दिष्ट तरीके और प्रारूप में साझा करेगा।

7. रिपोर्टिंग अपेक्षाएं

ए) ईटीपी ऑपरेटर तिमाही के बाद महीने के 15वें दिन या उससे पहले अनुबंध - 2 में निर्धारित प्रारूप में रिज़र्व बैंक को प्लेटफ़ॉर्म के कामकाज पर त्रैमासिक रिपोर्ट प्रस्तुत करेगा।

बी) ईटीपी ऑपरेटर, इन निर्देशों और प्राधिकार प्रदान करते समय या उसके बाद उनके लिए निर्धारित नियमों और शर्तों के अनुपालन की स्थिति पर प्रत्येक वित्तीय वर्ष के संबंध में, एक रिपोर्ट रिज़र्व बैंक को अगले वित्त वर्ष के 30 अप्रैल तक या उससे पहले प्रस्तुत करेगा।

सी) ईटीपी ऑपरेटर किसी भी ट्रेड रिपॉजिटरी अथवा रिपोट्रिंग प्‍लेटफार्म को संव्‍यवहार की जानकारी रिज़र्व बैंक द्वारा यथानिर्धारित तरीके और प्रारूप में निर्दिष्ट समय सीमा के भीतर रिपोर्ट करेगा।

डी) ईटीपी ऑपरेटर रिज़र्व बैंक द्वारा अपेक्षित कोई अन्य रिपोर्ट, डेटा और/या सूचना भी निर्धारित प्रारूप में और निर्धारित समय सीमा के भीतर बताए गए तरीके से उपलब्ध कराएगा।

ई) ईटीपी ऑपरेटर भारतीय कानून के तहत अपेक्षित किसी अन्‍य एजेंसी/प्राधिकरण को भी डाटा/जानकारी प्रदान करेगा।

एफ) क्रियाकलापों में व्‍यवधान या बाजार के दुरुपयोग की किसी भी घटना की जानकारी ईटीपी ऑपरेटर द्वारा रिज़र्व बैंक को तत्काल ईमेल पर दी जाती रहेगी।

8. परिचालनों की समाप्ति:

ईटीपी ऑपरेटर जिसके पास ईटीपी परिचालनों को आरंभ या जारी रखने के लिए प्राधिकार पत्र है, वह अपने परिचालन को रिज़र्व बैंक की पूर्वानुमति से समाप्‍त कर सकता है और परिचालनों के समापन के बारे में समय और तारीख के संदर्भ में रिज़र्व बैंक द्वारा तत्संबंधी यथानिर्धारित नियम और शर्तों का अनुपालन करेगा। ऐसी स्थिति में, ईटीपी परिचालनों को आरंभ करने अथवा जारी रखने के लिए प्रदत्‍त प्राधिकार पत्र ईटीपी ऑपरेटर द्वारा रिज़र्व बैंक को मूल रूप से अभ्‍यर्पित कर दिया जाएगा।

9. अन्य निदेश

ए) रिज़र्व बैंक इस तथ्‍य से संतुष्‍ट होने पर कि जनहित अथवा देश की वित्‍तीय प्रणाली के हित में ऐसा करना अनिवार्य है, किसी भी ईटीपी ऑपरेटर अथवा ईटीपी ऑपरेटरों की किसी श्रेणी को या तो सामान्‍य तौर पर या किसी निश्चित अवधि के लिए, इसके द्वारा अधिरोपित किए जाने के लिए उचित और सही समझी गई शर्तों या निबंधनों के तहत, इन निदेशों के किसी या सभी प्रावधानों से रियायत दे सकता है।

बी) बाजार के बुनियादी ढांचे की मजबूती सुनिश्चित करने की आवश्यकता, वित्तीय बाजारों के विकास और अप्रमाणित प्रौद्योगिकी से उत्पन्न होने वाले जोखिमों को ध्यान में रखते हुए या जनहित में या देश की वित्तीय प्रणाली को इसके हित में विनियमित करने के लिए, ईटीपी के संचालन के लिए प्राधिकार प्रदान करने में रिज़र्व बैंक चयनात्मक होगा।

भवदीया,

(डिम्पल भांडिया)
मुख्य महाप्रबंधक

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