मास्टर निदेश – भारतीय रिज़र्व बैंक (इलेक्ट्रॉनिक ट्रेडिंग प्लेटफॉर्म) निदेश, 2025 - आरबीआई - Reserve Bank of India
मास्टर निदेश – भारतीय रिज़र्व बैंक (इलेक्ट्रॉनिक ट्रेडिंग प्लेटफॉर्म) निदेश, 2025
आरबीआई/एफएमआरडी/2025-26/137 16 जून 2025 प्रति इलेक्ट्रॉनिक ट्रेडिंग प्लेटफॉर्मों के सभी ऑपरेटर महोदया/महोदय, मास्टर निदेश – भारतीय रिज़र्व बैंक (इलेक्ट्रॉनिक ट्रेडिंग प्लेटफॉर्म) निदेश, 2025 कृपया 05 अक्टूबर 2018 के इलेक्ट्रॉनिक ट्रेडिंग प्लेटफॉर्म (रिज़र्व बैंक) निदेश, 2018 में निर्धारित इलेक्ट्रॉनिक ट्रेडिंग प्लेटफॉर्म के लिए विनियामकीय फ्रेमवर्क की समीक्षा पर 08 फरवरी 2024 के 2023-24 हेतु द्विमासिक मौद्रिक नीति वक्तव्य के एक भाग के रूप में घोषित विकासात्मक और विनियामकीय नीतियों पर वक्तव्य का पैराग्राफ 1 देखें। 2. ड्राफ्ट मास्टर निदेश - भारतीय रिज़र्व बैंक (इलेक्ट्रॉनिक ट्रेडिंग प्लेटफॉर्म) निदेश, 2024 को सभी हितधारकों से टिप्पणियां/प्रतिक्रिया आमंत्रित करने के लिए 29 अप्रैल, 2024 को बैंक की वेबसाइट पर रखा गया था। प्राप्त फीडबैक के आधार पर, निदेशों के मसौदे को अंतिम रूप दे दिया गया है और इसके साथ जारी कर दिया गया है। 3. ये निदेश रिज़र्व बैंक द्वारा भारतीय रिज़र्व बैंक अधिनियम, 1934 की धारा 45डबल्यू के अंतर्गत प्रदत्त शक्तियों और इस संबंध में उसे सक्षम बनाने वाली सभी शक्तियों का प्रयोग करते हुए जारी किए गए हैं। 4. ये निदेश तत्काल प्रभाव से लागू होंगे। भवदीया (डिम्पल भांडिया) भारतीय रिज़र्व बैंक दिनांक 16 जून 2025 की अधिसूचना सं.एफएमआरडी.एमआईओडी.03/14.03.027/2025-26 मास्टर निदेश – भारतीय रिज़र्व बैंक (इलेक्ट्रॉनिक ट्रेडिंग प्लेटफार्म) निदेश, 2025 भारतीय रिज़र्व बैंक अधिनियम, 1934 (इसके बाद इसे अधिनियम कहा गया है) की धारा 45यू के साथ पठित, धारा 45डबल्यू के तहत प्रदत्त शक्तियों और इस संबंध में इसे सक्षम बनाने वाली सभी शक्तियों का प्रयोग करते हुए और दिनांक 05 अक्तूबर, 2018 के इलेक्ट्रॉनिक ट्रेडिंग प्लेटफार्म (रिज़र्व बैंक) निदेश, 2018 का अधिक्रमण करते हुए, भारतीय रिज़र्व बैंक (इसके बाद इसे रिज़र्व बैंक कहा गया है) ने इलेक्ट्रॉनिक ट्रेडिंग प्लेटफार्म का परिचालन करने वाली संस्थाओं को निम्नलिखित निदेश जारी किए हैं। 1. इन निदेशों का लघु शीर्षक, दायरा और प्रवर्तन ए) इन निदेशों को भारतीय रिज़र्व बैंक (इलेक्ट्रॉनिक ट्रेडिंग प्लेटफार्म) निदेश, 2025 कहा जाएगा। बी) ये निदेश इलेक्ट्रॉनिक ट्रेडिंग प्लेटफार्म (ईटीपी) का परिचालन करने वाली संस्थाओं को जारी किए जाते हैं जिन पर इन निदेशों के अंतर्गत यथापरिभाषित पात्र लिखतों में, लेनदेन किए जाते हैं। सी) ये निदेश पात्र लिखतों में लेनदेन के लिए अनुसूचित वाणिज्यिक बैंक (भारत में परिचालन कर रहे विदेशी बैंक की शाखा सहित) या स्टैंडअलोन प्राथमिक डीलर द्वारा संचालित किसी इलेक्ट्रॉनिक प्रणाली पर लागू नहीं होंगे, जिसमें इलेक्ट्रॉनिक प्रणाली का संचालन करने वाला बैंक या प्राथमिक डीलर एकमात्र दर/मूल्य प्रदाता है और प्रणाली पर किए गए सभी लेन-देनों में एक पक्ष है;
डी) इलेक्ट्रॉनिक ट्रेडिंग प्लेटफॉर्म (रिज़र्व बैंक) दिशानिर्देश, 2018 के तहत दिया गया कोई भी प्राधिकार या की गई कोई भी कार्रवाई इन निदेशों के तहत की गई मानी जाएगी। ई) ये निदेश तत्काल प्रभाव से लागू होंगे। 2. परिभाषाएं ए) इन निदेशों के प्रयोजन से, यदि इस संदर्भ में अन्यथा अपेक्षित नहीं हों, तो
बी) जिन शब्दों और अभिव्यक्तियों का प्रयोग किया गया है, लेकिन इन निदेशों में परिभाषित नहीं किया गया है, उनका वही अर्थ होगा जो अधिनियम में या विदेशी मुद्रा प्रबंध अधिनियम, 1999 के अंतर्गत उन्हें दिया गया है। 3. इन निदेशों में अन्यथा दी गई अनुमति को छोडकर, रिज़र्व बैंक से पूर्व प्राधिकार प्राप्त किए बिना कोई भी संस्था, ईटीपी का परिचालन नहीं करेगी। पात्र लिखतों के संबंध में, रिज़र्व बैंक द्वारा प्राधिकृत ईटीपी ऑपरेटर यह सुनिश्चित करेंगे कि उनके प्लेटफॉर्म पर प्राधिकार के समय या किसी भी बाद के समय पर जब प्राधिकार की शर्तों को बदल दिया जाता है, केवल रिज़र्व बैंक द्वारा अनुमोदित लिखतों में लेन-देन किया जाए। 4. ईटीपी का प्राधिकार देने के लिए पात्रता मानदंड ए) ईटीपी ऑपरेटर का कार्य आरंभ करने अथवा ईटीपी ऑपरेशन जारी रखने के लिए ईटीपी ऑपरेटर के रूप में प्राधिकार चाहने वाली संस्था को निम्नलिखित मानदंड पूरे करने होंगे: i) सामान्य मानदंड
ii) वित्तीय मानदंड: कोई संस्था जो इन निदेशों के तहत इलेक्ट्रॉनिक ट्रेडिंग प्लेटफार्म ऑपरेटर के लिए प्राधिकार पाना चाहती हो, उसे न्यूनतम रु.5 करोड़ (पांच करोड़ रुपये मात्र) की निवल मालियत रखनी होगी और वह इस न्यूनतम निवल मालियत को हमेशा बरकरार रखेगी। iii) प्रौ़द्योगिकीय मानदंड: कोई संस्था जो इलेक्ट्रॉनिक ट्रेडिंग प्लेटफार्म ऑपरेटर के लिए प्राधिकार पाना चाहती हो, उसे निम्नलखित न्यूनतम प्रौ़द्योगिकीय अपेक्षाएँ पूरी करनी होगी:
5. ईटीपी ऑपरेट करने के लिए प्राधिकार प्रदान/निरस्त करना ए) इन निदेशों के तहत निर्धारित पात्रता मानदंडों को संतुष्ट करने वाली संस्थाओं द्वारा ईटीपी ऑपरेट करने के लिए प्राधिकार प्रदान करने के लिए अनुलग्नक-1 में दिए अनुसार रिज़र्व बैंक के प्रवाह पोर्टल के माध्यम से मुख्य महाप्रबन्धक, वित्तीय बाजार विनियमन विभाग, भारतीय रिज़र्व बैंक को आवेदन किया जाए। बी) रिज़र्व बैंक, अन्य बातों के साथ-साथ, आवेदक से किसी बाहरी ग्रेडिंग/रेटिंग या तृतीय पक्ष द्वारा प्लैटफॉर्म का आकलन संबंधी जानकारी समेत, ऐसी कोई भी अतिरिक्त जानकारी अथवा कोई भी स्पष्टीकरण मांग सकता है जो रिज़र्व बैंक सुसंगत समझे और आवेदक को ऐसी अतिरिक्त जानकारी और स्पष्टीकरण प्रस्तुत करना होगा। इस आवेदन का निपटान करने के लिए रिज़र्व बैंक के अभिमत से जो भी अतिरिक्त जानकारी किसी अन्य विनियामक अथवा सरकार के विभागों/एजेन्सियों या किसी अन्य प्राधिकरण से प्राप्त करनी आवश्यक हो, रिज़र्व बैंक वह जानकारी भी लेगा। सी) इस बात से संतुष्ट होने के बाद कि आवेदक पात्रता मानदंडों को पूरा करता है; आवेदक द्वारा किसी भी वैधानिक/विनियामक प्रावधान का कोई प्रतिकूल निष्कर्ष/अवलोकन या भौतिक उल्लंघन नहीं हुआ है; और आवेदक को ईटीपी संचालित करने के लिए प्राधिकार प्रदान करना जनहित या देश की वित्तीय प्रणाली के लिए प्रतिकूल नहीं है, रिज़र्व बैंक आवेदक को ईटीपी संचालित करने के लिए प्राधिकार प्रदान कर सकता है। प्राधिकार प्रदान करना उन नियमों और शर्तों के अधीन हो सकता है जो प्राधिकार पत्र में निर्धारित किए जा सकते हैं। डी) ईटीपी परिचालन के लिए प्राधिकार देने या अस्वीकार करने या ईटीपी संचालन शुरू करने या जारी रखने के लिए प्राधिकार को रद्द करने का रिज़र्व बैंक का निर्णय अंतिम होगा। ई) किसी संस्था को ईटीपी परिचालन हेतु संस्था को प्रदत्त यह प्राधिकार हस्तांतरणीय नहीं है। यदि ईटीपी ऑपरेटर इन निदेशों के किसी प्रावधान या प्राधिकार के किसी अन्य नियम या विनियम या शर्त का उल्लंघन करता पाया जाता है तो रिज़र्व बैंक अतिरिक्त शर्तें लगाने सहित यथावश्यक कदम उठा सकता है। एफ) संस्था को सुनवाई का यथोचित अवसर देने के बाद, ईटीपी ऑपरेट करने के लिए किसी संस्था को जारी किया गया प्राधिकार रिज़र्व बैंक द्वारा निरस्त किया जा सकता है, यदि रिज़र्व बैंक इस बात से संतुष्ट हो कि:
जी) रिज़र्व बैंक द्वारा प्राधिकार को रद्द करने की स्थिति में, संबंधित ईटीपी ऑपरेटर तत्काल प्रभाव से या रिज़र्व बैंक द्वारा निर्दिष्ट अन्य तारीख से ईटीपी परिचालन बंद कर देगा। ऐसी स्थिति में, ईटीपी ऑपरेटर मूल रूप में प्राधिकार-पत्र रिज़र्व बैंक को अभ्यर्पित कर देगा। 6. परिचालन फ्रेमवर्क ए) पहुँच और सहभागिता: ईटीपी ऑपरेटर:
बी) जोखिम प्रबंन्धन (i) ईटीपी, सुदृढ़ आंतरिक नियंत्रण फ्रेमवर्क सहित ऑपरेटर सम्यक जोखिम प्रबंधन फ्रेमवर्क रखेगा जिसमें उसके परिचालनों के सभी पहलुओं को कवर किया गया हो। इसमें यह सुनिश्चित किया जाएगा कि इसके परिचालनों से संबद्ध जोखिमों की पहचान उचित रूप से की जाती है और उनका विवेकपूर्वक प्रबंध किया जाता है। (ii) ईटीपी ऑपरेटर
(iii) एल्गोरिथमिक ट्रेडिंग सिस्टम (एल्गो सिस्टम) की सहायता से सहभागिता प्रदानकरने/सहभागिता की सुविधा देने वाला ईटीपी ऑपरेटर:
(iv) ट्रेडिंग के निलम्बन/समापन अथवा आर्डरों/सौदों के निरस्त होने, अपने सिस्टम के त्रुटिपूर्ण ढंग से काम करने या इसके सदस्यों द्वारा त्रुटिपूर्ण प्रयोग या किसी अन्य अनपेक्षित स्थिति जैसी आकस्मिक घटनाओं से निपटने के लिए ईटीपी ऑपरेटर पारदर्शी तरीके से नियमों और विनियमों को स्थापित करेगा। ऐसी आकस्मिकताओं को स्पष्ट तौर पर निर्धारित नियमों और विनियमों के अनुसार निपटाया जाना चाहिए। (v) सदस्यों के बीच पैदा हो सकने वाले अथवा संभावित किसी भी विवाद का निपटान करने के लिए ईटीपी ऑपरेटर को व्यवस्था करनी होगी। सी) निगरानी: ईटीपी ऑपरेटर, बाजार की अखंडता को बरकरार रखने और वास्तविक समय या कार्योत्तर आधार पर ट्रेडिंग क्रियाकलापों की निगरानी करने के लिए उचित तथा व्यवस्थित ट्रेडिंग सुनिश्चित करने वाली निगरानी प्रणालियों और नियंत्रणों को लागू करेगा। डी) हितों का टकराव: ईटीपी ऑपरेटर संबंधित पक्षों अथवा समूह की एजेंसियों की सहभागिता के कारण यदि हितों में टकराव होता है, तो उसकी पहचान करेगा और इसके बारे में रिज़र्व बैंक को बताएगा। ई) पारदर्शिता: ईटीपी ऑपरेटर अपने सदस्यों के लिए उचित, भेदभाव-मुक्त और पारदर्शी शुल्क संरचना को लागू करेगा। एफ़) परिचालनों की आउटसोर्सिंग: अपने परिचालनों/प्रौद्योगिकी/क्रियाकलापों की आंशिक अथवा पूरी तरह से आउटसोर्सिेग करने वाला ईटीपी ऑपरेटर सुनिश्चित करेगा कि:
जी) कारोबार निरंतरता और आपदा के बाद बहाली: ईटीपी ऑपरेटर समुचित कारोबार निरंतरता योजना (बीसीपी) स्थापित करेगा जिसमें इसके कारोबार की प्रकृति, परिमाण और जटिलता के अनुरूप आकस्मिकता और आपदा के बाद बहाली की व्यवस्था भी शामिल हैं, ताकि इसके परिचालनों की निरंतरता और उपलब्धता सुनिश्चित हो सके। एच) सूचना सुरक्षा: ईटीपी ऑपरेटर सुदृढ़ और पर्याप्त सूचना/डाटा सुरक्षा नियंत्रण और प्रक्रियाएं और अवसंरचनाएं स्थापित करेगा। यदि रिज़र्व बैंक या किसी अन्य विनियामक अथवा लोक प्राधिकरण ने समय-समय पर कोई सूचना प्रौद्योगिकी (आईटी) और सूचना सुरक्षा (आईएस) मानदंड/गाइडलाइन निर्धारित की है तो यह अपने पर यथालागू निर्देशों का अनुपालन करेगा। आई) आईटी/आईएस ऑडिट: ईटीपी ऑपरेटर शर्टिफायड इन्फॉर्मेशन सिस्टम ऑडिटर (सीआईएसए) प्रमाणपत्रों वाले लेखापरीक्षकों या इंडियन कम्प्यूटर एमर्जन्सी रिस्पॉन्स टीम (सर्ट-इन) से पैनलबद्ध लेखापरीक्षकों या ऐसे अन्य किसी पेशेवार निकाय से कम-से-कम साल में एक बार आईटी/आईएस ऑडिट कराएगा। आईटी/आईएस ऑडिट के बावजूद, रिज़र्व बैंक अपने विवेकानुसार, इलेक्ट्रॉनिक ट्रेडिंग प्लेटफार्म का आईटी/आईएस ऑडिट रिज़र्व बैंक द्वारा चयनित किसी स्वतंत्र ऑडिटर(रों) से कराने का आदेश दे सकता है। जे) डाटा संरक्षण, पहुँच और प्रयोग:
7. रिपोर्टिंग अपेक्षाएं
8. परिचालनों की समाप्ति: ईटीपी ऑपरेटर जिसके पास ईटीपी परिचालनों को आरंभ या जारी रखने के लिए प्राधिकार पत्र है, वह अपने परिचालन को रिज़र्व बैंक की पूर्वानुमति से समाप्त कर सकता है और परिचालनों के समापन के बारे में समय और तारीख के संदर्भ में रिज़र्व बैंक द्वारा तत्संबंधी यथानिर्धारित नियम और शर्तों का अनुपालन करेगा। ऐसी स्थिति में, ईटीपी परिचालनों को आरंभ करने अथवा जारी रखने के लिए प्रदत्त प्राधिकार पत्र ईटीपी ऑपरेटर द्वारा रिज़र्व बैंक को मूल रूप से अभ्यर्पित कर दिया जाएगा। 9. अन्य निदेश
भवदीया, (डिम्पल भांडिया) |