मास्टर निदेश - अवशिष्ट गैर बैंकिंग कंपनियाँ (रिजर्व बैंक) निदेश, 2016 (22 फरवरी 2019 को अद्यतन किया गया)
इस तिथि के अनुसार अपडेट किया गया:
- 2019-02-22
- 2016-08-25
|
भारिबै/गैबैविवि/2016-17/43 25 अगस्त, 2016 मास्टर निदेश - अवशिष्ट गैर बैंकिंग कंपनियाँ (रिजर्व बैंक) निदेश, 2016 भारतीय रिजर्व बैंक, जन हित में इसे आवश्यक मानते हुए तथा इस बात से संतुष्ट होकर कि ऋण प्रणाली को देश के हित में विनियमित करने हेतु रिजर्व बैंक को समर्थ बनाने के प्रयोजन के लिए भारतीय रिजर्व बैंक अधिनियम 1934 (1934 का 2) की धारा 45जे, 45 जेए, और 45 के द्वारा प्रदत्त शक्तियों और इसको समर्थ करने वाली सभी शक्तियों का प्रयोग करते हुए अवशिष्ट गैर बैंकिंग कंपनियों को 15 मई 1987 की अधिसूचना सं. डीएफ़सी.55./डीजी(ओ)-87 के अधिक्रमण मे निम्नांकित अवशिष्ट गैर बैंकिंग कंपनियाँ (रिजर्व बैंक) निदेश, 2016 (दिशानिर्देश) जारी करता है। (सी डी श्रीनिवासन) |
पृष्ठ अंतिम बार अपडेट किया गया: