राहत/ बचत बांडों पर मास्टर निदेश - आरबीआई - Reserve Bank of India
राहत/ बचत बांडों पर मास्टर निदेश
भारिबैं/आऋप्रवि/2017-18/54 01 जुलाई 2017 अध्यक्ष/ प्रबंध निदेशक महोदया/ महोदय, राहत/ बचत बांडों पर मास्टर निदेश हमारे द्वारा 30 जून 2017 तक राहत/ बचत बांडों पर जारी अनुदेशों को सम्मिलित करते हुए तैयार किया गया मास्टर निदेश संलग्न है। इस निदेश में उक्त विषय पर जारी सभी वर्तमान ऑपरेटिव निर्देशों को एक जगह पर उपलब्ध कराया गया है जिसे नियम/ विनियम में परिवर्तन होने पर या नीति में परिवर्तन होने पर उचित एवं समानान्तर रूप से अद्यतित किया जाएगा। यह परिपत्र हमारी वेबसाइट www.rbi.org.in पर भी उपलब्ध है। भवदीय (ए. मंगलगिरी) अनुलग्नक : 1 राहत/ बचत बांडों पर मास्टर निदेश (ए) दलालों की नियुक्ति/ दलालों का नाम हटाना 1) दलालों का नामांकन/ पंजीकरण करने की प्रक्रिया दलालों के नामांकन/ पंजीकरण के लिए सभी एजेंसी बैंक सरल प्रक्रिया का पालन करें। नामांकन/ पंजीकरण के इच्छुक दलाल अपने कारोबारी पत्र शीर्ष पर कारोबारी आंकड़ों को शामिल करते हुए अपना अनुरोध प्रस्तुत करें। एजेंसी बैंकों को चाहिए कि वे दलाल को कूट संख्या आवंटित करें, जिसे दलालों द्वारा प्राप्तकर्ता कार्यालयों में प्रस्तुत किए गए प्रत्येक आवेदन पर, दलाली का दावा प्रस्तुत करते समय अंकित करना चाहिए। 2) एजेंसी बैंकों द्वारा उप-एजेंटों की नियुक्ति करना हमारी जानकारी में यह तथ्य आया है कि भारतीय रिज़र्व बैंक द्वारा निर्दिष्ट/अधिकृत किए गए कुछ बैंकों ने आवेदनों की प्राप्ति के लिए अपने दलालों/ एजेंटों के रूप में अन्य बैंकों की सेवाएं अनुबंधित की हैं। इस प्रकार अनुबंधित बैंक अपनी प्रचार सामग्रियों/ बिल बोर्डों में भारतीय रिज़र्व बैंक के नाम का उल्लेख करते हुए यह प्रचार करते हैं कि राहत/ बचत बांड के कारोबार के लिए उन्हें भारतीय रिज़र्व बैंक द्वारा नियुक्त किया गया है। हम सूचित करते हैं कि राहत/ बचत बांड के कारोबार के लिए भारतीय रिज़र्व बैंक द्वारा अधिकृत नहीं किए गए अन्य बैंकों/ संस्थाओं की सेवाएं, जब अधिकृत बैंकों द्वारा दलाल या एजेंट के रूप में अनुबंधित कर प्राप्त की जाती है तब ऐसी स्थिति में एजेंसी बैंक उक्त प्रकार से अनुबंधित दलाल/ एजेंट की गतिविधियों के लिए पूरी तरह से जिम्मेदार होगा। इस प्रकार के बैंकों द्वारा भारतीय रिज़र्व बैंक के नाम का उपयोग कहीं भी नहीं किया जाना चाहिए। 3) दलालों का नाम हटाना निष्क्रिय दलाल, जो 2 वर्षों से अधिक अवधि से निष्क्रिय रहे हों, और उनके यहां से नया कारोबार नहीं आ रहा हो, को विधिवत सूचना देकर, उनका नाम अधिकृत दलालों की सूची से हटाया जा सकता है। (बी) बचत बांड के लिए दलाली का भुगतान और उसकी दरें 1) दलाली की दरें (क) अपने ग्राहकों की ओर से निर्दिष्ट शाखाओं में बांड लेजर अकाउंट (बीएलए) फार्म में बांड के लिए किए गए निवेश के आवेदन प्रस्तुत करने पर, एजेंसी बैंकों में रजिस्टर्ड दलालों को, प्रति ₹ 100/- के लिए ₹ 1.00 (एक रुपया मात्र) की दर पर दलाली का भुगतान किया जाएगा। आवेदन पर दलाल का स्टांप होना चाहिए। (ख) यदि दलाल स्वयं ही निवेशकों/आवेदकों में से एक है, तो उसे कोई दलाली का भुगतान नहीं किया जाएगा। 2) दलाली के भुगतान पर टीडीएस की कटौती न की जाए आयकर अधिनियम, 1961 की धारा 194(एच) के अनुसार दलालों द्वारा किए गए राहत/बचत बांड कारोबार के संबंध में दलाली का भुगतान करते समय स्रोत पर कर की कटौती नही की जानी है। 3) दलाली के दावे (क) एजेंसी बैंकों को सूचित किया जाता है कि वे शीघ्रतापूर्वक एवं अभिदान की तारीख से 30 दिनों में हर हाल में दलाली दावों का निपटान करें। (ख) एजेंसी बैंकों को सूचित किया जाता है कि वे पहले दलाली दावों का निपटान करें और तत्पश्चात भारतीय रिज़र्व बैंक से प्रतिपूर्ति की मांग करें। (ग) ग्राहक सेवा में सुधार लाने के एक उपाय के रूप में, एजेंसी बैंक एजेंटों से आवश्यक अधिदेश प्राप्त करने के पश्चात, मासिक आधार पर ईसीएस के द्वारा उनके खाते में दलाली की रकम क्रेडिट (जमा) करने की व्यवस्था करें। (घ) 1 जुलाई 2002 से बचत बांड संबंधी दलाली की प्रतिपूर्ति को सीएएस (CAS) नागपुर में केंद्रीकृत किया जा चुका है और निर्णय किया गया है कि महीने के अंत में कारोबार की समाप्ति पर सीएएस को प्रेषित/ सूचित निधियों के आधार पर एजेंसी बैंकों को देय दलाली के 90 प्रतिशत का भुगतान अगले माह के तीसरे कार्यदिवस को किया जाएगा। 10% शेष का निपटान परिशिष्ट IV प्रस्तुत करने पर किया जाएगा । सी) राहत/बचत बांडों की नामांकन सुविधा 1. किसी राहत/ बचत बांड, जो कि प्रॉमिसरी नोट या धारक बांड के रूप में नहीं हैं, का एकल धारक अथवा सभी संयुक्त धारक, एक अथवा एक से अधिक व्यक्ति का नामांकन कर सकता/ते है/ हैं, जो धारक अथवा संयुक्त धारकों की मृत्यु होने पर राहत/ बचत बांड तथा उसका भुगतान प्राप्त करने के लिए पात्र होगा/ होंगे, बशर्ते नामित व्यक्ति अथवा नामित व्यक्तियों में से प्रत्येक व्यक्ति ऐसे बांड धारण करने के लिए स्वयं सक्षम है। 2. नामांकन बांड की परिपक्वता से पूर्व किया जाना चाहिए। 3. दो अथवा दो से अधिक व्यक्तियों को नामांकित किए जाने के पश्चात, उनमें से किसी एक की मृत्यु होने पर, उत्तरजीवी नामित/ नामितों को राहत/ बचत बांडों तथा उसके भुगतान का हक मिलेगा। 4. राहत/ बचत बांड के धारक/कों द्वारा किया गया कोई भी नामांकन बदला या निरस्त किया जा सकता है, जिसके लिए विहित प्रारुप में नया नामांकन भरकर, प्राधिकृत सरकारी/ निजी क्षेत्र के बैंक की निर्दिष्ट शाखा को लिखित में सूचित करना होगा। 5. यदि नामित अवयस्क है तो, राहत/ बचत बांड का धारक, अवयस्क नामित की अवयस्कता के दौरान, मृत्यु होने पर, देय राहत/ बचत बांड की राशियाँ प्राप्त करने के लिए किसी व्यक्ति को, जोकि अवयस्क नहीं हैं, नियुक्त कर सकता है। 6. बांड लेजर अकाउंट (बीएलए) में किए प्रत्येक निवेश के लिए निवेशक अलग से नामांकन कर सकतें हैं। (उपर्युक्त 2 के अधीन) 7. एजेंसी बैंकों को ‘नामांकन की पावती’ जारी करना चाहिए। 8. 8% बचत (कर-योग्य) बांड, 2003 (एकमात्र बांड जिसके लिए वर्तमान में अभिदान खुला है), के बांडों में किए गए निवेश के लिए ब्याज भुगतान/रिडेम्पशन (मोचन) मूल्य की प्राप्ति के लिए एकल धारक अथवा सभी संयुक्त धारक अपने नामिति के रुप में किसी अनिवासी भारतीय (एनआरआई) को भी नामांकित कर सकते हैं। ब्याज अथवा परिपक्वता मूल्य भुगतान, जैसा भी मामला हो, के विप्रेषण, अनिवासी भारतीयों पर लागू सामान्य विनियमों से शासित होंगे। अपवाद - निम्नलिखित मामलों में किसी प्रकार के नामांकन की अनुमति नहीं होगी: (क) जब बीएलए अवयस्क की ओर से किसी वयस्क द्वारा धारित किया गया है। (ख) जबकि धारक का बीएलए में कोई लाभदायक हित न हो और उसने बांड को अधिकारिक क्षमता में अथवा वैश्वासिक (न्यासी) क्षमता में धारित किया हो। नामांकन निरस्त करना - निम्नलिखित परिस्थितियों में पहले किया गया नामांकन स्वतः निरस्त माना जाएगा:- (क) यदि धारक प्रतिस्थापन अथवा निरसन के लिए एजेंसी बैंक में आवेदन करें और कार्यालय द्वारा प्रतिस्थापन अथवा निरसन को विधिवत पंजीकृत किया जाएं। (ख) यदि धारक प्रमाणपत्र का दूसरे पक्ष को अंतरण करें। रिज़र्व बैंक द्वारा जारी किए गए विभिन्न परिपत्र/ निर्देश जिनके आधार पर यह मास्टर निदेश तैयार किया गया हैं, निम्नानुसार हैं: i) राहत बांडों के लिए प्रक्रिया ज्ञापन (एमओपी) |