अनिवासी विनिमयगृहों के रुपया/विदेशी मुद्रा वास्त्राट खाता खोलने और उसे बनाए रखने के लिए अनुदेशों का ज्ञापन - आरबीआई - Reserve Bank of India
अनिवासी विनिमयगृहों के रुपया/विदेशी मुद्रा वास्त्राट खाता खोलने और उसे बनाए रखने के लिए अनुदेशों का ज्ञापन
आरबीआइ/2007-08/233
ए पी(डीआइआर सिरीज़)परिपत्र सं.28
फरवरी 6, 2008
ए.पी.(एफएल/आरएल सिरीज़) परिपत्र सं.02
सेवा में
सभी श्रेणी-I प्राधिकृत व्यापारी बैंक
महोदया/महोदय,
अनिवासी विनिमयगृहों के रुपया/विदेशी मुद्रा वास्त्राट खाता
खोलने और उसे बनाए रखने के लिए अनुदेशों का ज्ञापन
प्राधिकृत व्यापारी श्रेणी I बैंकों का ध्यान समय- समय पर यथासंशोधित अनिवासी विनिमयगृहों के रुपया /विदेशी मुद्रा वास्त्राट खाता खोलने और उसे बनाए रखने के अनुदेशों के ज्ञापन की ओर आकर्षित किया जाता है ।
2. विनिमयगृहों द्वारा किए जा रहे लेनदेनों की बढ़ी हुई संख्या और विनिमयगृहों एवं आहरणकर्ता बैंकों के बीच संचार सुविधाओं में तेजी से हुई प्रगति के मद्देनज़र वर्तमान रुपया /विदेशी मुद्रा वास्त्राट खाता खोलने और उसे बनाए रखने के अनुदेशों के ज्ञापन को युक्तिसंगत बनाने की आवश्यकता थी ।तदनुसार , प्रक्रियागत अनुदेशोंवाले अनुदेशों के ज्ञापन को युक्तिसंगत बनाया गया । संशोधित अनुदेश संलग्न में दिए गए हैं (संलग्नक -I)।
3. प्राधिकृत व्यापारी श्रेणी I बैंक इस परिपत्र की विषयवस्तु से अपने संबंधित घटकों और ग्राहकों को अवगत करा दें।
5. इस परिपत्र में समाहित निदेश विदेशी मुद्रा प्रबंध अधिनियम, 1999 (1999 का 42) की धारा 10(4) और धारा 11(1) के अंतर्गत जारी किए गए हैं और अन्य किसी कानून के अंतर्गत अपेक्षित अनुमति/अनुमोदन, यदि कोई हो, पर प्रतिकूल प्रभाव डाले बगैर है।
भवदीय
(सलीम गंगाधरन)
मुख्य महाप्रबंधक