अनिवासी विनिमयगृहों के रुपया/विदेशी मुद्रा वास्त्रो खाता खोलने तथा रखने का अनुदेश-ज्ञापन - आरबीआई - Reserve Bank of India
अनिवासी विनिमयगृहों के रुपया/विदेशी मुद्रा वास्त्रो खाता खोलने तथा रखने का अनुदेश-ज्ञापन
आरबीआइ/2008-09/304 02 दिसंबर, 2008
महोदया/महोदय, 2. वर्तमान अनुदेशों की समीक्षा की गई है और उनमें निम्नवत् संशोधन किये गये हैं: (क) उपर्युक्त परिपत्र के अनुबंध-I के पैराग्राफ ’इ’ 1(v) के अनुसार,किसी विशेष दिन को जमा की गई राशि को नामित निक्षेपागार एजेंसी (डीडीए) में अंतरण की व्यवस्था क़रना विनिमय गृह की जिम्मेदारी होगी । नामित निक्षेपागार एजेंसी (डीडीए) खाते में निधियों को रखे जाने की अस्थायी अवधि का निर्धारण अधिकतम तीन दिनों की शर्त पर विनिमय गृह के परामर्श से अदाकर्ता बैंक करेगा । विनिमयगृहों को और अधिक लचीलापन प्रदान करने के उद्देश्य से डीडीए खाते की निधियों को निवेश किये बिना रखने की अधिकतम तीन दिन की अवधि बढ़ाकर पाँच दिन कर दी गई है । ड्राफ्ट जारी करने तथा लाभार्थियों को भुगतान के समयांतर को कम करने के उद्देश्य से, संपार्श्विक अपेक्षाओं की अवधि 30 दिनों से (अर्थात् भारत अथवा विदेश में चल औसत के आधार पर प्रत्येक 15 दिनों के आहरण के समतुल्य नकदी जमाराशि तथा बैंक गारंटी)धघटाकर 10 दिन कर दी गई है जो कि या तो नकद राशि अथवा अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर प्रतिष्ठित बैंक से प्राप्त गारंटी के रूप में रखी जा सकती है । 3. उपर्युक्त परिपत्र के अन्य अनुदेश अपरिवर्तित रहेंगे । 4. प्राधिकृत व्यापारी श्रेणी I बैंक इस परिपत्र की विषयवस्तु से अपने संबंधित घटकों और ग्राहकों को अवगत करा दें। 5. इस परिपत्र में समाहित निदेश विदेशी मुद्रा प्रबंध अधिनियम, 1999 (1999 का 42) की धारा 10(4) और धारा 11(1) के अंतर्गत जारी किए गए हैं और अन्य किसी कानून के अंतर्गत अपेक्षित अनुमति/अनुमोदन, यदि कोई हो, पर प्रतिकूल प्रभाव डाले बगैर है। भवदीय (सलीम गंगाधरन) |