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अनिवासी विनिमयगृहों के रुपया/विदेशी मुद्रा वास्त्रो खाता खोलने तथा रखने का अनुदेश-ज्ञापन

आरबीआइ/2008-09/304
ए पी(डीआइआर सिरीज़)परिपत्र सं.37

ए.पी.(एफएल/आरएल सिरीज़) परिपत्र सं.02

02 दिसंबर, 2008


सेवा में
सभी श्रेणी-I प्राधिकृत व्यापारी बैंक

महोदया/महोदय,

अनिवासी विनिमयगृहों के रुपया/विदेशी मुद्रा वास्त्रो खाता खोलने तथा रखने का अनुदेश-ज्ञापन

प्राधिकृत व्यापारी श्रेणी I बैंकों का ध्यान, 06 फरवरी 2008 के ए पी(डीआइआर सिरीज़)परिपत्र सं.28 (ए.पी.(एफएल/आरएल सिरीज़) परिपत्र सं.02) द्वारा जारी अनिवासी विनिमयगृहों के रुपया /विदेशी मुद्रा वास्त्रो खाता खोलने तथा रखने के अनुदेश-ज्ञापन की ओर आकर्षित किया जाता है ।

2. वर्तमान अनुदेशों की समीक्षा की गई है और उनमें निम्नवत् संशोधन किये गये हैं:

(क) उपर्युक्त परिपत्र के अनुबंध-I के पैराग्राफ ’इ’ 1(v) के अनुसार,किसी विशेष दिन को जमा की गई राशि को नामित निक्षेपागार एजेंसी (डीडीए) में अंतरण की व्यवस्था क़रना विनिमय गृह की जिम्मेदारी होगी । नामित निक्षेपागार एजेंसी (डीडीए) खाते में निधियों को रखे जाने की अस्थायी अवधि का निर्धारण अधिकतम तीन दिनों की शर्त पर विनिमय गृह के परामर्श से अदाकर्ता बैंक करेगा ।

विनिमयगृहों को और अधिक लचीलापन प्रदान करने के उद्देश्य से डीडीए खाते की निधियों को निवेश किये बिना रखने की अधिकतम तीन दिन की अवधि बढ़ाकर पाँच दिन कर दी गई है ।

(ख) उपर्युक्त परिपत्र के अनुबंध-I के पैराग्राफ ’इ’-2 के अनुसार, नॉन -डीडीए प्रक्रिया के तहत विनिमय गृह चल औसत के आधार पर 15 दिनों के आहरण के समतुल्य अमरीकी डालर की भारत अथवा विदेश में नकदी जमाराशि रखेगा ।विनिमय गृह समतुल्य राशि के लिए अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर प्रतिष्ठित बैंक से प्राप्त बैंक गारंटी भी प्रस्तुत करेगा ।

ड्राफ्ट जारी करने तथा लाभार्थियों को भुगतान के समयांतर को कम करने के उद्देश्य से, संपार्श्विक अपेक्षाओं की अवधि 30 दिनों से (अर्थात् भारत अथवा विदेश में चल औसत के आधार पर प्रत्येक 15 दिनों के आहरण के समतुल्य नकदी जमाराशि तथा बैंक गारंटी)धघटाकर 10 दिन कर दी गई है जो कि या तो नकद राशि अथवा अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर प्रतिष्ठित बैंक से प्राप्त गारंटी के रूप में रखी जा सकती है ।

3. उपर्युक्त परिपत्र के अन्य अनुदेश अपरिवर्तित रहेंगे ।

4. प्राधिकृत व्यापारी श्रेणी I बैंक इस परिपत्र की विषयवस्तु से अपने संबंधित घटकों और ग्राहकों को अवगत करा दें।

5. इस परिपत्र में समाहित निदेश विदेशी मुद्रा प्रबंध अधिनियम, 1999 (1999 का 42) की धारा 10(4) और धारा 11(1) के अंतर्गत जारी किए गए हैं और अन्य किसी कानून के अंतर्गत अपेक्षित अनुमति/अनुमोदन, यदि कोई हो, पर प्रतिकूल प्रभाव डाले बगैर है।

भवदीय

(सलीम गंगाधरन)
प्रभारी मुख्य महाप्रबंधक

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