वित्तीय वर्ष 2024-25 के दौरान किसान क्रेडिट कार्ड (केसीसी) के माध्यम से प्राप्त कृषि और संबद्ध गतिविधियों के लिए अल्पावधि ऋणों हेतु संशोधित ब्याज सहायता योजना - आरबीआई - Reserve Bank of India
वित्तीय वर्ष 2024-25 के दौरान किसान क्रेडिट कार्ड (केसीसी) के माध्यम से प्राप्त कृषि और संबद्ध गतिविधियों के लिए अल्पावधि ऋणों हेतु संशोधित ब्याज सहायता योजना
आरबीआई/2024-25/59 विसविवि.केंका.एफ़एसडी.बीसी.सं. 8 /05.02.001/2024-25 अगस्त 06, 2024
अध्यक्ष/प्रबंध निदेशक/मुख्य कार्यपालक अधिकारी सभी सरकारी क्षेत्र के बैंक, निजी क्षेत्र के बैंक और लघु वित्त बैंक
महोदया/महोदय,
वित्तीय वर्ष 2024-25 के दौरान किसान क्रेडिट कार्ड (केसीसी) के माध्यम से प्राप्त कृषि और संबद्ध गतिविधियों के लिए अल्पावधि ऋणों हेतु संशोधित ब्याज सहायता योजना
कृपया दिनांक 23 नवम्बर 2022 के हमारे परिपत्र विसविवि.केंका.एफएसडी.बीसी.सं. 13/05.02.001/2022-23 का संदर्भ ग्रहण करें, जिसमें वर्ष 2022-23 और 2023-24 के लिए कृषि और संबद्ध गतिविधियों के लिए अल्पावधि ऋणों हेतु संशोधित ब्याज सबवेंशन योजना को जारी रखने के लिए भारत सरकार के निर्णय से अवगत कराया गया है।
2. इस संबंध में, यह सूचित किया जाता है कि भारत सरकार ने निम्नलिखित शर्तों के साथ वित्तीय वर्ष 2024-25 के लिए संशोधित ब्याज सबवेंशन योजना (एमआईएसएस) को जारी रखने की अनुमति दी है:
(i) वर्ष 2024-25 के दौरान रियायती ब्याज दर पर केसीसी के माध्यम से किसानों को ₹3 लाख की समग्र सीमा तक अल्पावधि फसल ऋण और पशुपालन, डेरी, मत्स्य पालन, मधुमक्खी पालन आदि सहित संबद्ध गतिविधियों के लिए अल्पावधि ऋण प्रदान करने हेतु उधारदात्री संस्थाओं अर्थात सरकारी क्षेत्र के बैंकों (पीएसबी) और निजी क्षेत्र के बैंकों (केवल उनकी ग्रामीण और अर्ध-शहरी शाखाओं द्वारा दिए गए ऋणों के संबंध में), लघु वित्त बैंकों (एसएफबी) और अनुसूचित वाणिज्यिक बैंकों (एससीबी) के साथ जुड़े कम्प्यूटरीकृत प्राथमिक कृषि सहकारी सोसाइटी (पीएसीएस) को उनके स्वयं के संसाधनों के उपयोग पर ब्याज सहायता प्रदान करने का निर्णय लिया गया है। इस ब्याज सहायता की गणना, ऋण राशि पर संवितरण/आहरण की तारीख से किसान द्वारा ऋण की वास्तविक चुकौती की तारीख तक या बैंकों द्वारा निर्धारित ऋण की देय तिथि तक, जो भी पहले हो, एक वर्ष की अधिकतम अवधि के अधीन, की जाएगी। वित्तीय वर्ष 2024-25 के लिए किसानों के लिए लागू उधार दर और ब्याज सहायता की दर इस प्रकार होगी:
(ii) ऐसे किसान जो समय पर अर्थात ऋण/ऋणों के संवितरण की तारीख से भुगतान की वास्तविक तारीख तक या बैंक द्वारा ऐसे ऋण/ऋणों की चुकौती के लिए निर्धारित नियत तारीख तक, इनमें से जो भी पहले हो, संवितरण की तारीख से अधिकतम एक वर्ष की अवधि के अधीन, अपने फसल ऋण को चुकाते हैं उन्हें प्रति वर्ष 3% की अतिरिक्त ब्याज सहायता प्रदान की जाएगी। इसका तात्पर्य यह भी है कि उपरोक्त के अनुसार शीघ्र भुगतान करने वाले किसानों को वित्तीय वर्ष 2024-25 के दौरान 4% प्रति वर्ष की दर से अल्पावधि फसल ऋण और/या पशुपालन, डेरी, मत्स्य पालन, मधुमक्खी पालन आदि सहित संबद्ध गतिविधियों के लिए अल्पावधि ऋण मिलेगा। यह लाभ उन किसानों को नहीं मिलेगा, जो इस तरह के ऋणों का लाभ उठाने के एक वर्ष बाद अपने कृषि ऋण चुकाते हैं।
(iii) अल्पावधि फसल ऋण और संबद्ध गतिविधियों के लिए अल्पावधि ऋण पर ब्याज सहायता और त्वरित चुकौती प्रोत्साहन लाभ प्रति वर्ष ₹3 लाख की समग्र सीमा पर तथा केवल पशुपालन, डेयरी, मत्स्य पालन, मधुमक्खी पालन आदि से संबंधित गतिविधियों में शामिल किसानों के संबंध में प्रति किसान ₹2 लाख की अधिकतम उप-सीमा के अधीन उपलब्ध होंगे। ब्याज सहायता और त्वरित चुकौती प्रोत्साहन लाभ के लिए फसल ऋण घटक की सीमा को प्राथमिकता होगी और शेष राशि को पशुपालन, डेरी, मत्स्य पालन, मधुमक्खी पालन आदि सहित संबद्ध गतिविधियों के लिए ऊपर उल्लिखित उच्चतम सीमा के अधीन माना जाएगा। (उदाहरण)
(iv) किसानों द्वारा मजबूरन बिक्री को हतोत्साहित करने और अपने उत्पाद गोदाम में रखने हेतु उन्हें प्रोत्साहित करने की दृष्टि से केसीसी के तहत ब्याज सबवेंशन का लाभ लघु और सीमांत किसानों को फसल की कटाई के बाद छह महीने तक की अवधि के लिए भण्डारण विकास और विनियामक प्राधिकरण (डब्ल्यूडीआरए) द्वारा अधिकृत गोदामों में अपने उत्पाद रखने पर परक्राम्य गोदाम रसीदों के बदले फसल ऋण के लिए उपलब्ध दर की समान दर पर उपलब्ध होगा।
(v) प्राकृतिक आपदाओं से प्रभावित किसानों को राहत प्रदान करने हेतु पुन:संरचित ऋण राशि पर पहले वर्ष के लिए बैंकों को उस वर्ष के लिए लागू दर से ब्याज सहायता उपलब्ध कराई जाएगी। ऐसे पुन:संरचित ऋणों पर दूसरे वर्ष से सामान्य ब्याज दर लागू होगी।
(vi) हालांकि, गंभीर प्राकृतिक आपदाओं से प्रभावित किसानों को राहत प्रदान करने हेतु पुन: संरचित ऋण राशि पर पहले तीन वर्षों/संपूर्ण अवधि (अधिकतम पाँच वर्ष की अवधि के अधीन) बैंकों को उस वर्ष के लिए लागू दर से ब्याज सहायता उपलब्ध कराई जाएगी। साथ ही, ऐसे सभी मामलों में, प्रभावित किसानों को प्रति वर्ष 3% की दर से त्वरित चुकौती प्रोत्साहन का लाभ भी प्रदान किया जाएगा। हालांकि, गंभीर प्राकृतिक आपदाओं के मामलों में, ऐसे लाभों की स्वीकृति अंतर-मंत्रालय केंद्रीय समूह (आईएमसीटी) और राष्ट्रीय कार्यपालक समिति की उप-समिति (एससी-एनईसी) की सिफ़ारिश के आधार पर उच्च स्तरीय समिति (एचएलसी) द्वारा तय की जाएगी।
(vii) एमआईएसएस के तहत किसानों को बाधा मुक्त लाभ सुनिश्चित करने के लिए, 2024-25 में उपर्युक्त अल्पावधि ऋण प्राप्त करने के लिए आधार लिंकेज अनिवार्य बना रहेगा।
3. बैंकों को सूचित किया जाता है कि वे योजना के तहत व्यक्तिगत किसान लाभार्थियों के अपेक्षित श्रेणीवार विस्तृत आंकड़ें एकत्र करें और वर्ष 2024-25 के लिए लेखापरीक्षित एमआईएसएस दावों का निपटान करने के लिए किसान ऋण पोर्टल (केआरपी) पर इसकी रिपोर्ट करें।
4. एससीबी के साथ जुड़े कम्प्यूटरीकृत पीएसीएस के संबंध में दावे संबंधित बैंकों द्वारा इस प्रमाणीकरण के साथ अलग से, केआरपी मॉड्यूल पर अपलोड किए जाएं कि ब्याज सहायता/ त्वरित चुकौती प्रोत्साहन का दावा उन ऋणों पर किया जा रहा है जिनके लिए नाबार्ड से कोई पुनर्वित्त नहीं लिया गया है और जिसे बैंकों के सांविधिक लेखा परीक्षकों द्वारा विधिवत प्रमाणित किया गया हो।
5. बैंकों को सूचित किया जाता है कि वे अपने सांविधिक लेखा परीक्षकों द्वारा सही एवं सटीक विधिवत प्रमाणित दावों/अतिरिक्त दावों को वित्त वर्ष 2024-25 के लिए केआरपी मॉड्यूल पर दिनांक 30 जून 2025 तक अपलोड करने के लिए आवश्यक कार्रवाई करें।
भवदीय,
(आर. गिरिधरन) मुख्य महाप्रबंधक
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