मुद्रा अंतरण सेवा योजना - आरबीआई - Reserve Bank of India
मुद्रा अंतरण सेवा योजना
भारिबैंक/2011-12/596 8 जून 2012 सभी प्राधिकृत व्यक्ति, जो मुद्रा अंतरण सेवा योजना के तहत भारतीय एजेंट हैं महोदया/महोदय, मुद्रा अंतरण सेवा योजना प्राधिकृत व्यक्तियों, जो मुद्रा अंतरण सेवा योजना (एमटीएसएस) के तहत भारतीय एजेंट हैं, का ध्यान मुद्रा अंतरण सेवा योजना (एमटीएसएस) पर 4 जून 2003 की अधिसूचना के पैराग्राफ 5 (सी) और भारतीय रिज़र्व बैंक द्वारा फेमा, 1999 के तहत उन्हें समुद्रपारीय प्रधान अधिकारियों के साथ गठ-बंधन व्यवस्था के जरिये भारत में सीमा-पार से आवक मुद्रा अंतरण कार्यकलाप करने के लिए दी गयी विशिष्ट अनुमति की ओर आकृष्ट किया जाता है । 2. यह निर्णय लिया गया है कि किसी एक लाभार्थी व्यक्ति द्वारा एक कैलेण्डर वर्ष में प्राप्त किए जाने वाले विप्रेषणों की संख्या 12 से बढ़ा कर 30 कर दी जाए । 3. उल्लिखित अधिसूचना में निहित, समय–समय पर यथा संशोधित, सभी अन्य अनुदेश यथावत बने रहेंगे । 4. ये दिशानिर्देश मुद्रा अंतरण सेवा योजना (एमटीएसएस) के तहत भारतीय एजेंटों के सभी उप एजेंटों पर भी आवश्यक परिवर्तनों के साथ लागू होंगे तथा यह सुनिश्चित करने की पूर्ण जिम्मेदारी प्राधिकृत व्यक्ति (भारतीय एजेंटों) की होगी कि उनके उप एजेंट भी इन दिशानिर्देशों का पालन करते हैं । 5. प्राधिकृत व्यक्ति (भारतीय एजेंट) इस परिपत्र की विषयवस्तु अपने संबंधित ग्राहकों के ध्यान में लाएं। 6. इस परिपत्र में निहित निर्देश विदेशी मुद्रा प्रबंध अधिनियम, 1999 (1999 का 42) की धारा 10(4) और धारा 11 (1) के अधीन और अन्य किसी कानून के अंतर्गत अपेक्षित अनुमति/अनुमोदन, यदि कोई हो, पर प्रतिकूल प्रभाव डाले बगैर जारी किए गए हैं । भवदीय, (रुद्र नारायण कर) |