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एनबीएफसी-फैक्टर (रिज़र्व बैंक) निदेश, 2012- समीक्षा

भारिबैं/2015-16/326
गैबैंविवि.कंपरि.नीप्र.सं: 074/03.10.01/2015-16

18 फरवरी 2016

सभी गैर बैंकिंग वित्तीय कंपनियां (एनबीएफसी) –फैक्टर

एनबीएफसी-फैक्टर (रिज़र्व बैंक) निदेश, 2012- समीक्षा

भारतीय रिज़र्व बैंक ने बैंकों द्वारा फैक्टरिंग सेवाओं के प्रावधान पर दिशा-निदेशों की समीक्षा की तथा कुछ शर्तें विनिर्दिष्ट किया जिसके तहत बैंक विभागीय स्तर से फैक्टरिंग गतिविधियां कर सकते है। एनबीएफसी-फैक्टर तथा बैंकों के बीच विभिन्न विनियमनों से उत्पन्न विनियामक अंतर/ अंतरपणन, यदि कोई हो तो, को दूर करने के लिए एनबीएफसी-फैक्टर के गहन अनुपालन हेतु निम्नलिखित निदेश/स्पष्टिकरण जारी किया जा रहा है:

2. विवेकपूर्ण मानदंड- एनपीए का पहचान करना

यह स्पष्ट किया जाता है यदि एनबीएफसी-फैक्टर के द्वारा अधिग्रहण प्राप्य का, प्रणालीगत महत्वपूर्ण गैर बैंकिंग वित्तीय (जमाराशि स्वीकार अथवा धारण नहीं करने वाली) कंपनी विवेकपूर्ण मानदंड (रिज़र्व बैंक) निदेश, 2015 अथवा गैर-प्रणालीगत महत्वपूर्ण गैर बैंकिंग वित्तीय (जमाराशि स्वीकार अथवा धारण नहीं करने वाली) कंपनी विवेकपूर्ण मानदंड (रिज़र्व बैंक) निदेश, 2015 अथवा गैर बैंकिंग वित्तीय (जमाराशि स्वीकार अथवा धारण करने वाली) कंपनी विवेकपूर्ण मानदंड (रिज़र्व बैंक) निदेश, 2007, यथा लागू के अनुसार, समय सीमा के भीतर भुगतान नहीं किया जाता है तो उसे अनर्जक परिसंपत्ति (एनपीए) माना जाए, इस बात पर ध्यान दिए बिना कि एनबीएफसी- फैक्टर द्वारा अधिग्रहण कब किया गया है तथा फैक्टरिंग का कार्य “दायित्व सहित” या “दायित्व रहित” आधार पर किया गया है।

3. एक्सपोजर मानदंड- एकल और समूह उधारकर्ता सीमाएं

यह स्पष्ट किया जाता है कि क्रेडिट मानदंड संकेन्द्रण के अनुपालन के प्रयोजन हेतु एक्सपोजर की गणना निम्नवत की जाएगी:

(ए) “दायित्व सहित” आधार पर फैक्टरिंग के मामले में जोखिम की गणना समनुदेशक पर की जाएगी।

(बी) “दायित्व रहित” आधार पर फैक्टरिंग के मामले में, अंतरराष्ट्रीय फैक्टरिंग के मामलों को छोड़कर जिनमें संपूर्ण ऋण जोखिम को आयात फैक्टर द्वारा धारण किया गया है, जोखिम की गणना देनदार पर की जाएगी, चाहे ऋण जोखिम कवर/ सुरक्षा उपलब्ध कराई गई हो अथवा नहीं हो।

4. जोखिम प्रबंधन

इस तरह का कारोबार शुरू करने से पहले उचित और पर्याप्त नियंत्रण और रिपोर्टिंग तंत्र व्यवस्थित किया जाना चाहिए।.

ए) किसी भी फैक्टरिंग व्यवस्था में प्रवेश करने से पहले या निर्यात फैक्टर के साथ ऋण व्यवस्था की स्थापना करने से पहले एनबीएफसी-फैक्टर को उधारकर्ताओं का गहन ऋण मूल्यांकन करना चाहिए।

बी) फैक्टरिंग सेवाएं उन बिलों के लिए प्रदान की जानी चाहिए जो वास्तविक कारोबारी लेनदेन से संबंधित हैं।

सी) चूंकि दायित्व रहित फैक्टरिंग लेनदेनों के अंतर्गत फैक्टर ऋण जोखिम की हामीदारी ऋणी के पक्ष में की जाती है ऐसी सभी हामीदारी प्रतिबद्धताओं के लिए बोर्ड द्वारा मंजूर की गई स्पष्ट रूप से निर्धारित सीमा होनी चाहिए।

5. सूचना का विनिमय

सूचना के प्रयोजन से समनुदेशक को उधारकर्ता ही माना जाएगा। फैक्टरों और बैंकों को उभयनिष्ठ उधारकर्ताओं के बारे में जानकारी साझा करनी चाहिए। दोहरे वित्तपोषण से बचने के लिए फैक्टरों द्वारा ऋण लेने के लिए स्वीकृत सीमाओं के बारे में और फैक्टरिंग की गई प्राप्तियों के ब्योरे संबंधित बैंकों/एनबीएफसी को सूचित करना सुनिश्चित किया जाए।

6. इस संबंध में 18 फरवरी 2016 की अधिसूचना सं: गैबैंविवि.36 /मुमप्र (सीडीएस)-2016 संलग्न है।

भवदीय

(सी.डी.श्रीनिवासन)
मुख्य महाप्रबंधक


भारतीय रिज़र्व बैंक
गैर बैंकिंग विनियमन विभाग
केन्द्रीय कार्यालय. सेंटर ।, विश्व व्यापार केन्द्र
कफ परेड, कोलाबा, मुंबई 400 005

अधिसूचना सं: गैबैंविवि. 36/मुमप्र (सीडीएस)-2016

18 फरवरी 2016

भारतीय रिजर्व बैंक (रिज़र्व बैंक) जनता के हित में यह आवश्यक समझकर और इस बात से संतुष्ट होकर कि देश के हित में ऋण प्रणाली को विनियमित करने के लिए, बैंक को समर्थ बनाने के प्रयोजन से तथा किसी भी गैर बैंकिंग वित्तीय कंपनी-फैक्टर (एनबीएफसी-फैक्टर) के ऐसे मामलों को रोकने के लिए जो निवेशकों के हित के लिए या ऐसे एनबीएफसी-फैक्टर के हित के प्रति किसी भी तरीके से हानिकारक आयोजन कर रहा हो कि रोकथाम हेतु गैर बैंकिंग वित्तीय कंपनी –फैक्टर (रिज़र्व बैंक) निदेश, 2012 (23 जुलाई 2012 की अधिसूचना सं.गैबैंपवि.नीप्र.सं.247/सीजीएम(यूएस)2012) (इसके बाद इसे ‘उपर्युक्त निदेश’ कहा जाएगा) को संशोधित करना आवश्यक है, फैक्टरिंग विनियमन अधिनियम, 2011 की धारा 3 द्वारा इस संबंध में प्राप्त समस्त शक्तियों का प्रयोग करते हुए उक्त निदेश को तत्काल प्रभाव से निम्नवत संशोधित करने का निदेश देता है यथा-

1. उपर्युक्त निदेश के पैराग्राफ 8 को निम्नलिखित पैराग्राफ से प्रतिस्थापित किया जाए;

8. विवेकपूर्ण मानदंड

8.1 प्रणालीगत महत्वपूर्ण गैर बैंकिंग वित्तीय (जमाराशि स्वीकार अथवा धारण नहीं करने वाली) कंपनी विवेकपूर्ण मानदंड (रिज़र्व बैंक) निदेश, 2015 अथवा गैर-प्रणालीगत महत्वपूर्ण गैर बैंकिंग वित्तीय (जमाराशि स्वीकार अथवा धारण नहीं करने वाली) कंपनी विवेकपूर्ण मानदंड (रिज़र्व बैंक) निदेश, 2015 अथवा गैर बैंकिंग वित्तीय (जमाराशि स्वीकार अथवा धारण करने वाली) कंपनी विवेकपूर्ण मानदंड (रिज़र्व बैंक) निदेश, 2007 के प्रावधान, जैसा भी मामला हो तथा जिस प्रकार ऋण कंपनी पर लागू है उसी अनुसार एनबीएफसी-फैक्टर पर लागू होंगे।

8.2 फैक्टरिंग के तहत अधिग्रहण प्राप्य जिसका भुगतान नियत तारीख की ऐसी समयावधि के भीतर नहीं किया जाता है, उसे अनर्जक परिसंपत्ति (एनपीए) माना जाए, इस बात पर ध्यान दिए बिना कि फैक्टर द्वारा अधिग्रहण कब किया गया है तथा फैक्टरिंग का कार्य दायित्व सहित या दायित्व रहित आधार पर किया गया है। जिस इकाई पर एक्सपोजर बुक किया गया उसे एनपीए के रूप में दिखाया जाना चाहिए और उसके अनुसार प्रावधानीकरण किया जाना चाहिए।

2. उपर्युक्त निदेश के पैराग्राफ 8 के बाद निम्नलिखित पैराग्राफ जोड़ा जाए;

8ए. एक्सपोजर मानदंड- एकल और समूह उधारकर्ता सीमाएं

फैक्टरिंग सेवाओं के माध्यम से प्रदान की जाने वाली सुविधाओं को प्रणालीगत महत्वपूर्ण गैर बैंकिंग वित्तीय (जमाराशि स्वीकार अथवा धारण नहीं करने वाली) कंपनी विवेकपूर्ण मानदंड (रिज़र्व बैंक) निदेश, 2015 अथवा गैर बैंकिंग वित्तीय (जमाराशि स्वीकार अथवा धारण करने वाली) कंपनी विवेकपूर्ण मानदंड (रिज़र्व बैंक) निदेश, 2007 में विनिर्दिष्ट समग्र एक्सपोजर सीमा में शामिल किया जाएगा, यथा लागू। एक्सपोजर की गणना निम्नलिखित तरीके से की जाएगी:

(ए) “दायित्व सहित” आधार पर फैक्टरिंग के मामले में जोखिम की गणना समनुदेशक पर की जाएगी।

(बी) “दायित्व रहित” आधार पर फैक्टरिंग के मामले में, अंतरराष्ट्रीय फैक्टरिंग के मामलों को छोड़कर जिनमें संपूर्ण ऋण जोखिम को आयात फैक्टर द्वारा धारण किया गया है, जोखिम की गणना देनदार पर की जाएगी, चाहे ऋण जोखिम कवर/ उपलब्ध कराई गई सुरक्षा कुछ भी हो।

3. उपर्युक्त निदेश के पैराग्राफ 9 के बाद निम्नलिखित पैराग्राफ जोड़ा जाए;

9ए. जोखिम प्रबंधन

इस तरह का कारोबार शुरू करने से पहले उचित और पर्याप्त नियंत्रण और रिपोर्टिंग तंत्र व्यवस्थित किया जाना चाहिए।

ए) किसी भी फैक्टरिंग व्यवस्था में प्रवेश करने से पहले या निर्यात फैक्टर के साथ ऋण व्यवस्था की स्थापना करने से पहले एनबीएफसी-फैक्टर को उधारकर्ताओं का गहन ऋण मूल्यांकन करना चाहिए।

बी) फैक्टरिंग सेवाएं उन बिलों के लिए प्रदान की जानी चाहिए जो वास्तविक कारोबारी लेनदेन से संबंधित हैं।

सी) चूंकि दायित्व रहित फैक्टरिंग लेनदेनों के अंतर्गत फैक्टर ऋण जोखिम की हामीदारी ऋणी के पक्ष में की जाती है ऐसी सभी हामीदारी प्रतिबद्धताओं के लिए बोर्ड द्वारा मंजूर की गई स्पष्ट रूप से निर्धारित सीमा होनी चाहिए।

4. उपर्युक्त निदेश के पैराग्राफ 10 के बाद, निम्नलिखित पैराग्राफ जोड़ा जाए;

10ए. सूचना के प्रयोजन से समनुदेशक को उधारकर्ता ही माना जाएगा। फैक्टरों और बैंकों को उभयनिष्ठ उधारकर्ताओं के बारे में जानकारी साझा करनी चाहिए। दोहरे वित्तपोषण से बचने के लिए फैक्टरों द्वारा ऋण लेने के लिए स्वीकृत सीमाओं के बारे में और फैक्टरिंग की गई प्राप्तियों के ब्योरे संबंधित बैंकों/ एनबीएफसी को सूचित करना सुनिश्चित किया जाए।

(सी डी श्रीनिवासन)
मुख्य महाप्रबंधक

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