इंफ्रास्ट्रक्चर ऋण निधियां (आईडीएफ) - आरबीआई - Reserve Bank of India
इंफ्रास्ट्रक्चर ऋण निधियां (आईडीएफ)
भारिबैं/2011-12/268 21 नवम्बर 2011 सभी गैर बैंकिंग वित्तीय कंपनियां इंफ्रास्ट्रक्चर ऋण निधियां (आईडीएफ) इंफ्रास्ट्रक्चर परियोजनाओं में लंबी अवधि के लिए ऋण प्रावह को सुविधाजनक बनाने के उद्देश्य से वित्त मंत्री द्वारा वर्ष 2011-2012 के अपने बजट भाषण में इंफ्रास्ट्रक्चर ऋण निधियों (आईडीएफ) की घोषणा की गई थी. आईडीएफ का गठन ट्रस्ट अथवा कंपनी के रूप में किया जाएगा. ट्रस्ट आधारित आईडीएफ सामान्यत: म्यूचुअल फंड (एमएफ) होगा जबकि कंपनी आधारित आईडीएफ सामान्यत: गैर बैंकिंग वित्तीय कंपनी होगी. इंफ्रास्ट्रक्चर ऋण निधि- गैर बैंकिंग वित्तीय कंपनी (आईडीएफ-एनबीएफसी) को न्यूनतम 5 वर्ष की परिपक्कवता अवधि के लिए रूपये या डॉलर मूल्य वर्ग के बॉन्ड जारी कर संसाधन जुटाना होगा. निवेशक मुख्य रूप से घरेलू तथा अपतरीय संस्थागत निवेशक होंगे जिसमें लंबी अवधि के लिए संसाधन विषेशकर बीमा तथा पेंशन फंड शामिल होंगे. आईडीएफ- एमएफ, भारतीय प्रतिभूति और विनिमय बोर्ड (सेबी) द्वारा विनियमित(रेगुलेट) होंगे तथा आईडीएफ-एनबीएफसी, भारतीय रिजर्व बैंक द्वारा विनियमित(रेगुलेट) होंगे. 2. भारतीय रिजर्व बैंक ने यथा 23 सितम्बर 2011 के अपने प्रेस विज्ञप्ति द्वारा बैंको तथा गैर बैंकिंग वित्तीय कंपनियों के लिए आईडीएफ के गठन हेतु बोर्ड मानदंड जारी किया था. म्यूचुअल फंड (एमएफ) तथा एनबीएनसी के रूप में गठित होने वाले आईडीएफ को एनबीएफसी से प्रायोजित करने के लिए विनियामक संरचना संबंधी विस्तृत दिशानिर्देशों को निम्नलिखित पैराग्राफ में विनिर्दिष्ट किया गया है. ऎसे संस्थाओं को “इंफ्रास्ट्रक्चर ऋण निधि- म्यूचुअल फंड(आईडीएफ-एमएफ) तथा “इंफ्रास्ट्रक्चर ऋण निधि- गैर बैंकिंग वित्तीय कंपनी (आईडीएफ-एनबीएफसी) के रूप में जाना जाएगा. बैंक से पंजीकृत इंफ्रास्ट्रक्चर वित्त कंपनियां (आईएफसी) सहित सभी गैर बैंकिंग वित्तीय कंपनियां म्युचूअल फंड के रूप में स्थापित होने वाली आईडीएफ को प्रायोजित कर सकती है. तथापि आईएफसी केवल आईडीएफ- एनबीएफसी को प्रायोजित करेंगी. गैर बैंकिंग वित्तीय कंपनियों का आईडीएफ-एमएफ के लिए प्रायोजक हेतु पात्रता मानदंड 3. निम्नलिखित शर्तों के आधार पर सभी गैर बैंकिंग वित्तीय कंपनियां भारतीय रिजर्व बैंक के पूर्व अनुमोदन पर म्युचूअल फंड के रूप में आईडीएफ को प्रायोजित(सेबी के म्युचूअल फंड विनियम में परिभाषित प्रायोजक अनुसार) करने के लिए पात्र होंगी. जिसे सेबी द्वारा निर्धारित उन शर्तों के अतिरिक्त , एमएफ विनियमन के अध्याय VI बी में नया शामिल किया गया है. i. गैर बैंकिंग वित्तीय कंपनी के पास न्यूनतम `` 300 करोड निवल स्वाधिकृत निधियां (एनओएफ) तथा जोखिम भारित परिसंपत्ति की तुलना में पूंजी का अनुपात (सीआरएआर) 15% होनी चाहिए. ii. इसका शुद्ध एनपीए निवल अग्रिमों के 3% से कम होना चाहिए. iii. इसका अस्तित्व कम से कम 5 वर्षो का होना चाहिए. iv. यह पिछले 3 वर्षो के लिए लाभ अर्जित किया हुआ होना चाहिए तथा इसका कार्यनिष्पादन संतोषजनक होना चाहिए. v. आईडीएफ-एमएफ में निवेश के बाद गैर बैंकिंग वित्तीय कंपनी का सीआरएआए, विनियामक द्वारा इसके लिए निर्धारित न्यूनतम सीमा से कम नहीं होना चाहिए. vi. प्रस्तावित आईडीएफ में निवेश का लेखांकन करने के बाद, गैर बैंकिंग वित्तीय कंपनी को आवश्यक एनओएफ स्तर के रखरखाव को बरकरार रखना होगा. vii. गैर बैंकिंग वित्तीय कंपनी के संबंध में कोई पर्यवेक्षी मामला नहीं होना चाहिए. आईडीएफ-एनबीएफसी के रूप में गठन हेतु आईएफसी के लिए पात्रता मानदंड 4. निम्नलिखित शर्तों के आधार पर भारतीय रिजर्व बैंक के पूर्व अनुमोदन पर केवल एनबीएफसी-आईएफसी , आईडीएफ- एनबीएफसी को प्रायोजित कर सकते है. i. आईडीएफ-एनबीएफसी के न्यूनतम 30 प्रतिशत इक्विटी धारण के साथ प्रायोजक आईएफसी को आईडीएफ-एनबीएफसी के इक्विटी का अधिक्तम 49 प्रतिशत अंशदान की अनुमति है. ii. आडीएफ-एनबीएफसी में निवेश के बाद प्रायोजक एनबीएफसी-आईएफसी को आईएफसी के लिए निर्धारित न्यूनतम सीआरएआर तथा एनओएफ का रखरखाव अनिवार्य रूप से करना होगा. iii. आईएफसी के संबंध में कोई पर्यवेक्षी मामला नहीं होना चाहिए. त्रिपक्षीय करार 5. आईडीएफ-एनबीएफसी को त्रिपक्षीय करार करना होगा, जिसमें अनुदानप्राप्तकर्ता, परियोजना प्राधिकरण तथा आईडीएफ-एनबीएफसी पार्टियां होंगी जो उसके सभी पार्टियों को उसमें शामिल अन्य करार के नियम और शर्तों के लिए भी आबद्ध करती है. जिसे सामूहिक रूप से अन्य बातों के साथ निम्नलिखित प्रस्तुत किया गया है:- i. वरिष्ठ ऋणदाता से अनुदानप्राप्तकर्ता को प्राप्त ऋण के एक भाग को लेना होगा. ii. अनुदानप्राप्तकर्ता द्वारा डिफाल्ट किये जाने पर परियोजना प्राधिकार तथा अनुदानप्राप्तकर्ता के बीच करार को समाप्त हो सकता है. iii. त्रिपक्षीय करार तथा इसमें शामिल अन्य करार के अनुसार समापन भुगतान के अतिरिक्त, अनुदानप्राप्तकर्ता द्वारा जारी बॉन्ड जिसे आईडीएफ-एनबीएफसी द्वारा खरीद की गई थी, परियोजना प्राधिककरण द्वारा प्रतिदान किया जा सकता है. (अनिवार्य नियंत्रण हेतु खरीद) iv. दो के बीच पारस्परिक सहमति होने पर आईडीएफ-एनबीएफसी द्वारा परियोजना प्राधिकरण को शुल्क का भुगतान किया जाएगा. 6. एमएफ के रूप में आईडीएफ तथा एनबीएफसी, जो लागू हों, को प्रायोजित करने के लिए उक्त पात्रता मानदंड को पूर्ण करने वाली एनबीएफसी तथा आईएफसी, गैर बैंकिंग पर्यवेक्षण विभाग, केन्द्रीय कार्यालय , भारतीय रिजर्व बैंक , सेंटर –I , वर्ल्ड ट्रेड सेंटर, कफ़ परेड, मुंबई- 400 005 को आवेदन कर सकती है. आईडीएफ में एनबीएससी तथा आईएफसी द्वारा निवेश 7. आईडीएफ के ऋण तथा इक्विटी के लिए प्रायोजक एनबीएफसी/आईएफसी तथा गैर एनबीएफसी/आईएफसी का जोखिम, गैर बैंकिंग वित्तीय (जमाराशि नहीं स्वीकार /धारण करने वाली) कंपनी विवेकपूर्ण मानदण्ड (रिजर्व बैंक) निदेश 2007 के पैराग्राफ 18 में दिये गये मौजूदा ऋण केन्द्रीकरण नियम द्वारा विनियमित होंगे. 8. आईडीएफ-एनबीएफसी विनियमन के संबंध में जारी विस्तृत दिशा निर्देश 21 नवम्बर 2011 का अधिसूचना यथा डीएनबीएस 233/सीजीएम(युएस)-2011 गहन अनुपालन हेतु संलग्न है. आईडीएफ-एनबीएफसी के कामकाज में विदेशी मुद्रा संबंधी पहलुओं पर, अलग परिपत्र जारी किया जाएगा. भवदीया, (उमा सुब्रमणियम) भारतीय रिज़र्व बैंक अधिसूचना सं. डीएनबीएस.233 / सीजीएम (यूएस)-2011 21 नवंबर 2011 भारतीय रिजर्व बैंक , जनता के हित में यह आवश्यक समझकर और इस बात से संतुष्ट होकर कि देश के हित में ऋण प्रणाली को विनियमित करने के लिए बैंक को समर्थ बनाने के प्रयोजन से, निम्नलिखित निदेश देना आवश्यक है. भारतीय रिजर्व बैंक अधिनियम 1934 (1934 का 2) की धारा 45 झक, 45 ट , 45ठ, तथा 45ठ द्वारा प्रदत्त शक्तियों और इस संबंध में प्राप्त समस्त शक्तियों का प्रयोग करते हुए निम्नलिखित निदेश देता है: यथा निदेशो का संक्षिप्त नाम तथा प्रयोग में लाना 1. यह दिशानिदेश इंफ्रास्ट्रक्चर ऋण निधि - गैर बैंकिंग वित्तीय कंपनियां (रिज़र्व बैंक) निदेश, 2011 से जाने जाएंगे और तत्काल प्रभाव से लागू होंगे। निदेशों का विस्तार 2. यह निदेश प्रत्येक इंफ्रास्ट्रक्चर ऋण निधि- गैर बैंकिंग वित्तिय कंपनी (आईडीएफ-एनबीएफसी) पर लागू होंगे। परिभाषाएं 3. इन निदेशों के प्रयोजन के लिए, जब तक की संदर्भ से विपरित अपेक्षित न हो:- (ए) “अनुदानप्राप्तकर्ता” अर्थात वह पक्ष जिसने योजना प्राधिकरण के साथ विकास या इंफ्रास्ट्रक्चर निर्माण करने का करार किया हो जिस करार को “अनुदान करार” से जाना जाएगा। (बी) ” इंफ्रास्ट्रक्चर ऋण निधि- गैर बैंकिंग वित्तिय कंपनी या “आईडीएफ-एनबीएफसी” से यह अभिप्रेत है कि जमाराशियां न स्वीकारने वाली एनबीएफसी जिसका निवल स्वाधिकृत निधि ` 300 करोड या अधिक और जो केवल सार्वजनिक निजी साझीदारीयों (पीपीपी) और पोस्ट कमिंसमेंट आपरेशन्स डेट (सीओडी) इन्फ्रास्ट्रक्चर परियोजना में निवेश करती हैं और जिसने वाणिज्यिक परिचालन का संतोषजनक कमसे कम एक वर्ष पूरा किया है और जो त्रिपक्षीय करार का एक पार्टी बनती है। (सी) “ परियोजना प्राधिकरण” अर्थात देश की इंफ्रास्ट्रक्चर विकास के लिए कानून द्वारा बनाया गया प्राधिकरण। (डी) “त्रिपक्षीय करार ” अर्थात तीन पार्टीयों का करार , अर्थात्, अनुदानप्राप्तकर्ता, परियोजना प्राधिकरण और आईडीएफ-एनबीएफसी जो उसके सभी पार्टियों को उसमें उल्लेख किए गए अन्य करार के नियमों और शर्तों के लिए भी आबद्ध करती है 4. इसमें प्रयुक्त अन्य शब्द अथवा अभिव्यक्तियां, जो यहांअ परिभाषित नहीं है और भारतीय रिजर्व बैंक अधिनियम 1934 या इसके अतिरिक्त अध्याय III के तहत जारी निदेश में परिभाषित नहीं है , का अर्थ वही होगा, जो इसके अर्थ के लिए इसमें अभिप्रेत है जब तक की संदर्भ से विपरित अपेक्षित न हो. क्रेडिट रेटिंग 5. आईडीएफ-एनबीएफसी की न्यूनतम क्रेडिट रेटिंग ग्रेड सीआरआईएसआईएल की ‘ए’ होगी या अन्य अधिकृत रेटिंग एजेंसी जैसा कि एफआईटीसीएच, सीएआरई और आईसीआरए द्वारा जारी समकक्ष हो। पूंजी पर्याप्तता 6. आईडीएफ-एनबीएफसी का न्यूनतम सीआरएआर 15 प्रतिशत होगा और आईडीएफ-एनबीएफसी की टीयर II पूंजी टीयर I पूंजी से अधिक नहीं होंगी। निवेश 7. आईडीएफ-एनबीएफसी केवल पीपीपी और पोस्ट सीओडी इंफ्रास्ट्रक्चर परियोजनाओं में निवेश करेगी जिन्होंने वाणिज्यिक परिचालन का कम से कम एक वर्ष का काम पूरा किया हो और जो अनुदानप्राप्त कर्ता और परियोजना प्राधिकरण के साथ त्रिपक्षीय करार का एक पार्टी हो जो समाप्ति भुगतान के साथ अनिवार्य खरीददार सुनिश्चित करता हो। क्रेडिट एकाग्रता मानदंड 8. i. आईडीएफ-एनबीएफसी व्यक्तिगत परियोजनाओं में अधिकतम जोखिम उसके कुल पूंजी निधि का 50 प्रतिशत तक ले सकती है (गैरबैंकिंग वित्तीय (जमाराशि न स्वीकारने वाली या धारण करने वाली) कंपनी के लिए विवेकपूर्ण मानदंड (रिज़र्व बैंक) दिशानिदेश, 2007 के पैरा 2 (xx) और (xxi) में परिभाषित किए अनुसार टीयर I अधिक टीयर II) ii. आईडीएफ-एनबीएफसी के निदेशक मंडल के विवेकाधिकार से 10 प्रतिशत तक अतिरिक्त जोखिम ले सकती हैं। iii. भारतीय रिजर्व बैंक, आईडीएफ-एनबीएफसी से आवेदन प्राप्त होने पर और आईडीएफ- एनबीएफसी की वित्तीय स्थिति संतोषजनक होने के संबंध में संतुष्ट होने पर 15 प्रतिशत तक अतिरिक्त जोखिम की अनुमति (60 प्रतिशत से अधिक) दे सकता हैं. बशर्ते अतिरिक्त विवेकपूर्ण रक्षा उपायों से संबंध में उसे यह उचित लगे. पूंजी पर्याप्तता के उद्देश्य के लिए जोखिम भार: 9. आईडीएफ-एनबीएफसी की पूंजी पर्याप्तता की गणना के लिए, i. एक वर्ष से अधिक अवधि के लिए जिन विद्यमान परियोजनाओं का वाणिज्यिक परिचालन किया गया हो ऐसी पीपीपी और वाणिज्यिक परिचालन तिथि (सीओडी) परियोजना में सम्मिलित करने वाले बांडो में 50 प्रतिशत तक का जोखिम भार निर्दिष्ट किया जा सकता हैं। ii. अन्य सभी परिसंपत्तियां गैर बैंकिंग वित्तीय (जमाराशि न स्वीकारने वाली या धारण करने वाली) कंपनी के लिए विवेकपूर्ण मानदंड (रिज़र्व बैंक) दिशानिदेश, 2007 के पैरा 16 में दिए गए वर्तमान नियमों के अनुसार जोखिम भारित होंगी अन्य विवेकपूर्ण मानदंड 10. अन्य सभी विवेकपूर्ण मानदंड आय मान्यता, आस्ति वर्गीकरण और प्रावधानीकरण मानदंड सहित आईडीएफ-एनबीएफसी को गैर बैंकिंग वित्तीय (जमाराशि न स्वीकारने वाली या धारण करने वाली) कंपनी के लिए विवेकपूर्ण मानदंड (रिज़र्व बैंक) दिशानिदेश, 2007 में विनिर्दिष्ट किए अनुसार लागू होंगे। (उमा सुब्रमणियम) |