RbiSearchHeader

Press escape key to go back

पिछली खोज

थीम
थीम
टेक्स्ट का साइज़
टेक्स्ट का साइज़
S2

Notification Marquee

आरबीआई की घोषणाएं
आरबीआई की घोषणाएं

RbiAnnouncementWeb

RBI Announcements
RBI Announcements

असेट प्रकाशक

79095835

अपने ग्राहक को जानने संबंधी मानदंड /धन शोधन निवारण मानक

भारिबैं/2010-11/162
गैबैंपवि.(नीति प्रभा.) कंपरि. सं. 192 /03.10.42/2010-11

9 अगस्त 2010
18 श्रावण 1932 (शक)

सभी गैर बैंकिंग वित्तीय कंपनियाँ
अवशिष्ट गैर बैंकिंग कंपनियाँ

महोदय

अपने ग्राहक को जानने संबंधी मानदंड /धन शोधन निवारण मानक

कृपया उल्लिखित विषय पर 1 जुलाई 2010 का मास्टर परिपत्र सं. 184 देखें। अवशिष्ट गैर बैंकिंग कंपनियों सहित सभी गैर बैंकिंग वित्तीय कंपनियों को सूचित किया जाता है कि वे उक्त परिपत्र में किए गए निम्नलिखित संशोधनों पर ध्यान दें:

धनशोधन/आतंकवादी वित्तपोषण की आशंका

2. आपराधिक तत्वों द्वारा इरादतन अथवा अनजाने में धनशोधन अथवा आतंकवादी वित्तपोषण के लिए गैर बैंकिंग वित्तीय कंपनियों का उपयोग होने को रोकने की दृष्टि से यह स्पष्ट किया जाता है कि जहां कहीं धनशोधन अथवा आतंकवादी वित्तपोषण की आशंका हो अथवा जब अन्य बातों के कारण ऐसा विश्वास उत्पन्न हो कि कोई ग्राहक असल में कम जोखिम वाला नहीं है तो गैर बैंकिंग वित्तीय कंपनियों को ऐसे खाते खोलने से पहले ग्राहक/कों के संबंध में पूरी तरह से समुचित सावधानी बरतनी चाहिए ।

संदिग्ध लेनदेन रिपोर्ट फाइल करना

3. गैर बैंकिंग वित्तीय कंपनियों का ध्यान मास्टर परिपत्र के अनुबंध VI के पैरा 2(iv) में अंतर्विष्ट अनुदेशों की ओर आकर्षित किया जाता है जिनके अनुसार जब कोई गैर बैंकिंग वित्तीय कंपनी ग्राहक के संबंध में समुचित सावधानी के उपाय लागू करने में असमर्थ हो तो उसे ऐसे खाते नहीं खोलने चाहिए (या किसी मौजूदा खाते को बंद करने पर विचार करना चाहिए)। यह स्पष्ट किया जाता है कि उन परिस्थितियों में जहां गैर बैंकिंग वित्तीय कंपनी को यह विश्वास हो गया है कि वह खाता धारक की सही पहचान के संबंध में संतुष्ट नहीं हो सकेगी तो उसे एफआइयू-आइएनडी के पास एक संदिग्ध लेनदेन रिपोर्ट भी फाइल करनी चाहिए ।

पोलिटिकली एक्सपोज्ड पर्सन (पीईपी)

4. 1 जुलाई 2010 के मास्टर परिपत्र सं. 184 के पैरा 15(1) में अंतर्विष्ट अनुदेशों के अनुसार अगर कोई विद्यमान ग्राहक या किसी विद्यमान खाते का लाभार्थी स्वामी बाद में पीईपी हो जाए तो गैर बैंकिंग वित्तीय कंपनी को उक्त ग्राहक के साथ व्यावसायिक संबंध जारी रखने के लिए वरिष्ठ प्रबंध तंत्र का अनुमोदन प्राप्त करना चाहिए, पीईपी श्रेणी के ग्राहकों पर यथालागू समुचित सावधानी उपाय उक्त खाते पर लागू करने चाहिए और खाते की निरंतर आधार पर अधिक मॉनिटरिडग भी करनी चाहिए। यह भी स्पष्ट किया जाता है कि ये अनुदेश उन खातों पर भी लागू होते हैं जहां कोई पीईपी अंतिम लाभार्थी स्वामी है। साथ ही यह दोहराया जाता है कि पीईपी खातों के संबंध में गैर बैंकिंग वित्तीय कंपनियों के पास पीईपी, ऐसे ग्राहक जो पीईपी के घनिष्ठ सदस्य हैं तथा ऐसे खाते जिनमें पीईपी अंतिम लाभार्थी स्वामी है, को पहचानने तथा उनके संबंध में ग्राहकों संबंधी समुचित सावधानी उपाय लागू करने के लिए उपयुक्त और निरंतर जोखिम प्रबंधन प्रक्रियाएँ होनी चाहिए।

प्रधान अधिकारी

5. प्रधान अधिकारी की नियुक्ति तथा उसके दायित्वों के संबंध में उपर्युक्त मास्टर परिपत्र के पैरा 15(2) के संदर्भ में यह स्पष्ट किया जाता है कि प्रधान अधिकारी की भूमिका तथा दायित्वों में, अपने ग्राहक को जानने/धनशोधन निवारण/आंतकवाद के वित्तपोषण पर रेक लगाने पर, समय-समय पर जारी, विनियामक दिशानिर्देशों तथा धनशोधन निवारण अधिनियम, 2002 तथा उसके अंतर्गत बनाए गए तथा समय-समय पर संशोधित नियमों तथा विनियमों के अंतर्गत दायित्वों का पर्यवेक्षण तथा उनका समग्र अनुपालन सुनिश्चित करना, शामिल होना चाहिए।

6. ये दिशानिर्देश भारतीय रिज़र्व बैंक अधिनियम, 1934 की धारा 45-ट तथा 45-ठ के अंतर्गत जारी किए गए हैं। इनका उल्लंघन होने पर अथवा अनुपालन न करने पर भारतीय रिज़र्व बैंक अधिनियम के तहत दंड दिया जा सकता है ।

भवदीय

(उमा सुब्रमणियम)
प्रभारी मुख्य महाप्रबंधक

RbiTtsCommonUtility

प्ले हो रहा है
सुनें

संबंधित एसेट

आरबीआई-इंस्टॉल-आरबीआई-सामग्री-वैश्विक

RbiSocialMediaUtility

आरबीआई मोबाइल एप्लीकेशन इंस्टॉल करें और लेटेस्ट न्यूज़ का तुरंत एक्सेस पाएं!

Scan Your QR code to Install our app

RbiWasItHelpfulUtility

क्या यह पेज उपयोगी था?