विकलांग व्यक्तियों की बैंक की शाखाओं/एटीएम तक पहुंच सुगम बनाने की आवश्यकता - आरबीआई - Reserve Bank of India
विकलांग व्यक्तियों की बैंक की शाखाओं/एटीएम तक पहुंच सुगम बनाने की आवश्यकता
भारिबैं/2013-14/637 11 जून 2014 मुख्य कार्यपालक अधिकारी महोदय/ महोदया विकलांग व्यक्तियों की बैंक की शाखाओं/एटीएम तक पहुंच सुगम बनाने की आवश्यकता कृपया उपर्युक्त विषय पर 29 अप्रैल 2009 का हमारा परिपत्र शबैंवि.केंका.बीपीडी.(पीसीबी)परि.सं.63/09.39.000/2008-09 देखें, जिसमें बैंकों को अन्य बातों के साथ-साथ यह सूचित किया गया था कि वे सभी विद्यमान और भविष्य में खुलने वाले एटीएम में चल सीढ़ी (रैम्प) उपलब्ध कराएं तथा नए स्थापित एटीएम में से कम से कम एक तिहाई को ब्रेल की-पैड सहित बोलने वाले एटीएम बनाएं। उन्हें यह भी सूचित किया गया था कि कम दृष्टि वाले व्यक्तियों की जरूरतों को पूरा करने के लिए सामान्यत: हर इलाके में ब्रेल की-पैड सहित बोलने वाले एटीएम का होना सुनिश्चित किया जाए। 2. शहरी सहकारी बैंकों को अब यह सूचित किया जाता है कि बैंक शाखाओं के प्रवेश द्वार पर रैम्प उपलब्ध कराए ताकि विकलांग व्यक्ति/ व्हीलचेयर का उपयोग करने वाले व्यक्ति बिना किसी कठिनाई के बैंक की शाखाओं में प्रवेश कर सकें तथा बैंकिंग कारोबार कर सकें। शहरी सहकारी बैंकों को सूचित किया जाता है कि वे आवधिक रूप से अपने निदेशक मंडल/ बोर्ड की संबंधित ग्राहक सेवा समिति को इस संबंध में की गई प्रगति की रिपोर्ट करें तथा इसका अनुपालन सुनिश्चित करें। फिरभी, जहां इस प्रकार चल सीढ़ी (रैम्प), चाहे वह भूतल में स्थाई रूप से लगाए गए या अन्यथा हो उपलब्ध करना अव्यवहार्य है वहां इस आवश्यकता की आपूर्ति को शाखा या एटीएम में कारण प्रदर्शित करते हुए छोड़ा जा सकता है। 3. साथ ही, यह ध्यान में यह आया है कि हमारे उपर्युक्त परिपत्र में सूचित किए गए अनुसार कुछ बैंकों ने नए स्थापित एटीएम में से कम से कम एक तिहाई को ब्रेल कीपैड युक्त बोलने वाले एटीएम नहीं बनाया है। अतएव, यह दोहराया जाता है कि क्षेत्रीय ग्रामीण बैंकों को 01 जुलाई 2014 से लगाए जाने वाले सभी नए एटीएम को ब्रेल कीपैड युक्त बोलने वाले एटीएम बनाना होगा। बैंकों को 24 अप्रैल 2009 के हमारे परिपत्र के अनुसार विद्यमान एटीएम को ब्रेल कीपैड युक्त बोलने वाले एटीएम में बदलने के लिए एक कार्य योजना बनानी चाहिए तथा बोर्ड की ग्राहक सेवा समिति द्वारा उसकी समय-समय पर समीक्षा की जानी चाहिए। 4. उक्त के अतिरिक्त, कम दृष्टि वाले लोगों द्वारा प्रयोग के लिए सभी बैंक शाखाओं में आवर्धक लेंस (मैग्निफाइंग ग्लासेस) भी उपलब्ध कराए जाने चाहिए, ताकि जहां भी जरूरत हो, वे आसानी से अपना बैंकिंग लेनदेन कर सकें। शाखाओं में विकलांग व्यक्तियों के लिए मैग्निफाइंग ग्लासेस और अन्य उपलब्ध सुविधाओं के बारे में एक नोटिस मुख्य स्थान पर प्रदर्शित किया जाना चाहिए। भवदीय, (पी के अरोड़ा) |