प्राथमिक (शहरी) सहकारी बैंकों (शसबैं) द्वारा प्राथमिकता प्राप्त क्षेत्र को उधार संबंधी लक्ष्य की प्राप्ति में चूक – ग्रामीण आधारभूत संरचना विकास निधि (आरआईडीएफ) और अन्य निधियों में अंशदान - आरबीआई - Reserve Bank of India
प्राथमिक (शहरी) सहकारी बैंकों (शसबैं) द्वारा प्राथमिकता प्राप्त क्षेत्र को उधार संबंधी लक्ष्य की प्राप्ति में चूक – ग्रामीण आधारभूत संरचना विकास निधि (आरआईडीएफ) और अन्य निधियों में अंशदान
आरबीआई/2019-20/226 24 अप्रैल 2020 मुख्य कार्यपालक अधिकारी महोदया / महोदय, प्राथमिक (शहरी) सहकारी बैंकों (शसबैं) द्वारा प्राथमिकता प्राप्त क्षेत्र को उधार संबंधी लक्ष्य की प्राप्ति में चूक – ग्रामीण आधारभूत संरचना विकास निधि (आरआईडीएफ) और अन्य निधियों में अंशदान कृपया दिनांक 10 मई 2018 के हमारे परिपत्र डीसीबीआर.बीपीडी(पीसीबी).परि.सं.07/09.09.002/2017-18 का संदर्भ लें जिसके तहत प्राथमिक (शहरी) सहकारी बैंकों (शसबैं) के लिए प्राथमिकता प्राप्त क्षेत्र को उधार संबंधी संशोधित दिशानिर्देश जारी किए गए थे। 2. मौजूदा दिशानिर्देशों की समीक्षा करते हुए यह निर्णय लिया गया है कि दिनांक 31 मार्च 2021 से सभी शसबैं (सर्वसमावेशी निदेशाधीन शसबैं को छोडकर) को प्राथमिकता प्राप्त क्षेत्र को उधार (पीएसएल) संबंधी निर्धारित लक्ष्य की प्राप्ति में कमी के एवज में नाबार्ड स्थित ग्रामीण आधारभूत संरचना विकास निधि (आरआईडीएफ) और नबार्ड / एनएचबी / सिडबी / मुद्रा लिमिटेड के साथ अन्य निधियों में अंशदान करना होगा। इस संबंध में परिचालन संबंधी ब्योरा निम्नानुसार है:
3. यह भी निर्णय लिया गया है कि 31 मार्च 2021 से पीएसएल लक्ष्यों की प्राप्ति में चूक को शसबैं को ‘वित्तीय रूप से मजबूत और सुप्रबंधित’ (एफएसडब्ल्यूएम) के रूप में वर्गीकृत करने के मानदंड के रूप में शामिल नहीं किया जाएगा। तथापि, विभिन्न उद्देश्यों के लिए विनियामक मंजूरी/अनुमोदन प्रदान करते समय इसको ध्यान में रखा जाएगा। 4. कृपया इस परिपत्र की एक प्रति आपके बैंक के निदेशक मंडल की अगली बैठक में प्रस्तुत की जाए और उसकी पुष्टि हमारे संबंधित क्षेत्रीय कार्यालय के पर्यवेक्षण विभाग को भेजी जाए। भवदीय, (नीरज निगम) |