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30 जून 2012 तक संशोधित अधिसूचना -बंधक गारंटी कंपनी (मार्गेज गारंटी कंपनी) निवेश संबंधी (रिज़र्व बैंक) निदेश, 2008

भारिबैं/2012-13/18
गैबैंपवि(नीति प्रभा.एमजीसी)कंपरि.सं.13/23.11.001/2012-13

2 जुलाई 2012

अध्यक्ष/मुख्य कार्यपालक अधिकारी
सभी बंधक गारंटी कंपनियाँ

महोदय,

30 जून 2012 तक संशोधित अधिसूचना -बंधक गारंटी कंपनी
(मार्गेज गारंटी कंपनी) निवेश संबंधी (रिज़र्व बैंक) निदेश, 2008

जैसा कि आपको ज्ञात है कि  उल्लिखित विषय पर सभी मौजूदा अनुदेश एक स्थान पर उपलब्ध कराने के लिए भारतीय रिज़र्व बैंक परिपत्र/अधिसूचनाएं जारी करता है । 15 फरवरी 2008 की अधिसूचना सं.गैबैंपवि.(एमजीसी). 5/मुमप्र(पीके)-2008 में अंतर्विष्ट अनुदेश, जो 30 जून 2012 तक अद्यतन हैं, पुन: नीचे दिए जा रहे हैं। अद्यतन की गई अधिसूचना बैंक की वेब साइट (http://www.rbi.org.in). पर भी उपलब्ध है। 

भवदीया ,

(उमा सुब्रमणियम)
प्रभारी मुख्य महाप्रबंधक


भारतीय रिज़र्व बैंक
गैर-बैंकिंग पर्यवेक्षण विभाग
केंद्रीय कार्यालय
सेंटर-1, विश्व व्यापार केंद्र
कफ परेड, कोलाबा
मुंबई-400 005

अधिसूचना सं. गैबैंपवि.(नीति प्रभा.)एमजीसी/ 5 /मुमप्र(पीके)-2008,

15 फरवरी 2008

भारतीय रिज़र्व बैंक , इस बात से संतुष्ट होने पर कि जनता के हित में और वित्तीय प्रणाली को देश के हित में विनियमित करने हेतु बैंक को समर्थ बनाने के लिए निम्नलिखित विवेकपूर्ण मानदण्डों से संबंधित निदेश जारी करना समीचीन है, भारतीय रिज़र्व बैंक अधिनियम, 1934 (1934 का 2) की धारा 45-ञक द्वारा प्रदत्त शक्ति  और इस संबंध में उसे सक्षम बनाने वाली समस्त शक्तियों का प्रयोग करते हुए प्रत्येक बंधक(मार्गेज) गारंटी कंपनी को निम्नलिखित विनिर्दिष्ट निदेश देता है।

1. निदेशों का संक्षिप्त शीर्षक, प्रारंभ और प्रयोज्यता

  1. इन निदेशों को "बंधक(मार्गेज) गारंटी कंपनी निवेश (रिज़र्व बैंक) निदेश, 2008" के रूप में जाना जाएगा।

  2. ये निदेश तत्काल प्रभाव से लागू होंगे।

  3. भारतीय रिज़र्व बैंक से पंजीकरण प्रमाणपत्र प्राप्त प्रत्येक बंधक (मार्गेज) गारंटी कंपनी पर इन निदेशों के उपबंध लागू होंगे।

परिभाषा

2. (1) इन निदेशों के प्रयोजन के लिए, जब तक संदर्भ से अन्यथा अपेक्षित न होः

  1. "विघटित मूल्य (break-up value)" का अर्थ है ईक्विटी पूंजी तथा आरक्षित निधि, जिसे अमूर्त परिसंपत्तियों एवं पुनर्मूल्यांकित आरक्षित निधि से /के रूप में घटाया गया है, व निवेशिती (इनवेस्टी) कंपनी के ईक्विटी शेयरों की संख्या से विभाजित किया गया है;

  2. "वहन लागत (carrying cost)" का अर्थ है परिसंपत्तियों का बही मूल्य और उस पर उपचित ब्याज किंतु जो प्राप्त न हुआ हो;

  3. "अर्जन मूल्य" (earning value) का अर्थ है ईक्विटी शेयरों का वह मूल्य जिसकी गणना करने के बाद करोत्तर लाभ के औसत तथा अधिमानी लाभांश को घटाते हुए तथा असाधारण एवं गैर-आवर्ती मदों को समायोजित करते हुए तत्काल पूर्ववर्ते 3 वर्षों के लिए की गई हो और उसे निवेशिती (इनवेस्टी) कंपनी के ईक्विटी शेयरों की संख्या से विभाजित किया गया हो तथा जिसे निम्नलिखित दर पर पूंजीकृत किया गया हो:

    (क) प्रमुखत: विनिर्माण कंपनी के मामले में, 8 प्रतिशत;
    (ख)  प्रमुखत: व्यापार (ट्रेडिंग) कंपनी के मामले में, 10 प्रतिशत; तथा
    (ग) गैर बैंकिंग वित्तीय कंपनी सहित किसी अन्य कंपनी के मामले में, 12 प्रतिशत;

    नोट: यदि निवेशिती (इनवेस्टी) कंपनी घाटे वाली कंपनी हो तो अर्जन मूल्य शून्य पर लिया जाएगा।

  4. "उचित मूल्य" का अर्थ है "अर्जन मूल्य" और "विघटित मूल्य" का औसत/मध्यमान;

  5. "बंधक (मार्गेज) गारंटी कंपनी" का अर्थ है कोई कंपनी जो रिज़र्व बैंक के पास बंधक गारंटी कंपनी के रूप में पंजीकृत है जैसाकि "बंधक(मार्गेज) गारंटी कंपनी विवेकपूर्ण मानदण्ड (रिज़र्व बैंक) निदेश, 2008 में परिभाषित है;

  6. "निवल परिसंपत्ति मूल्य(एनएवी)" का अर्थ है किसी खास योजना के संबंध में संबंधित म्युचुअल फंड द्वारा घोषित अद्यतन मूल्य;

  7. बंधक (मार्गेज) गारंटी कंपनियों द्वारा किए गए निवेशों के संबंध में आय निर्धारण के प्रयोजन से "अनर्जक परिसंपत्ति"(एनपीए) का अर्थ है ऐसी परिसंपत्ति जिस पर प्राप्त होने वाला ब्याज या मूलधन या दायित्व की अदायगी 90 या अधिक दिनों की अवधि के लिए अतिदेय रही हो;

(2) इसमें प्रयुक्त अन्य शब्द अथवा अभिव्यक्तियां, जो यहां परिभाषित नहीं हैं और भारतीय रिज़र्व बैंक अधिनियम, 1934 (1934 का 2) अथवा बंधक (मार्गेज) गारंटी कंपनी विवेकपूर्ण मानदण्ड (रिज़र्व बैंक) मार्गदर्शी सिद्धांत, 2008 जो 15 फरवरी 2008 के विवेकपूर्ण मानदण्ड सं. गैबैंपवि. (नीति प्रभा.) एमजीसी. 4/मुमप्र(पीके)-2008 में अंतर्विष्ट हैं, के अर्थ वही होंगे जो उक्त अधिनियम अथवा उक्त निदेशों में अभिप्रेत है।  कोई अन्य शब्द अथवा अभिव्यक्ति, जो उक्त अधिनियम या उन निदेशों में परिभाषित नहीं है, का वही अर्थ होगा जो कंपनी अधिनियम, 1956 (1956 का 1) में उनसे अभिप्रेत है।

बंधक(मार्गेज) गारंटी कंपनियों के लिए निवेश नीति

3. (i)   बंधक(मार्गेज) गारंटी कंपनी केवल निम्नलिखित लिखतों में निवेश करेगी

(क) सरकारी प्रतिभूतियों में;

(ख) कंपनी निकायों (corporate bodies) /सार्वजनिक क्षेत्र के उपक्रमों की प्रतिभूतियों में, जिनकी गारंटी सरकार द्वारा दी गई हो;

(ग) अनुसूचित वाणिज्य बैंकों/सरकारी वित्तीय संस्थाओं (PFIs) की सावधि जमाराशियों/जमा प्रमाणपत्रों/बांडों में;

(घ)   कंपनियों के सूचीबद्ध तथा रेटिंगवाले डिबेंचरों/बांडों में;

(ङ) पूर्णत: ऋण (debt) उन्मुख मुचुअल फंड की यूनिटों में;

(च) बिना निर्दिष्ट भाव वाली (unquoted) सरकारी प्रतिभूतियों तथा सरकार द्वारा गारंटीकृत बांडों में।

(ii) सहायक कंपनियों तथा संयुक्त जोखिमों(ज्वाइंट वेंचर्स) सहित अन्य प्रकार के निवेशों की अनुमति नहीं होगी। तथापि, कोई बंधक(मार्गेज) गारंटी कंपनी किसी कंपनी के ईक्विटी शेयरों में निवेशों को धारित (होल्ड) कर सकती है जो निर्दिष्ट भाव वाले (कोट की गई) हो या बिना निर्दिष्ट भाव वाले (अनकोटेड) हों या बिना निर्दिष्ट भाव वाले (अनकोटेड) अन्य निवेश हों जो उसने अपने द्वारा दिए गए कर्ज को पूरा करने के लिए अर्जित किए हों जिन्हें बंधक(मार्गेज) गारंटी कंपनी द्वारा अर्जन की तारीख से 3 वर्ष या इस संबंध में रिज़र्व बैंक द्वारा अनुमत अवधि के भीतर बेच दिया (डिस्पोज़ कर दिया) जाएगा।

निवेश ढांचा (पैटर्न)

4. (i)  बंधक(मार्गेज) गारंटी कंपनी अपने कुल निवेश संविभाग का 25% से कम अंश, केंद्र तथा राज्य सरकार की प्रतिभूतियों में नहीं रखेगी।

(ii) शेष निवेश वह अपने निदेशक बोर्ड द्वारा विवेकपूर्ण समझी गई रीति से किन्तु किसी भी श्रेणी अर्थात सूचीबद्ध एवं रेटेड कंपनी बांडों एवं डिबेंचरों या ऋण उन्मुख म्युचुअल फंड की यूनिटों आदि में  25% से अनधिक की सीमा के साथ निवेश कर सकेगी।

(iii) इन निदेशों के उल्लिखित पैरा 3(i) में विनिर्दिष्ट लिखतों की प्रत्येक श्रेणी में बोर्ड अलग-अलग  निवेशों हेतु उचित उप-सीमाएं निधार्रित कर सकता है।

(iv) भारतीय प्रतिभूति एवं विनियम बोर्ड(सेबी) के पास रजिस्टर्ड रेटिंग एजेंसियों द्वारा बांडों/डिबेंचरों तथा ऋण उन्मुख मुचुअल फंडों को दी गई न्यूनतम निवेश ग्रेड रेटिंग बंधक (मार्गेज) गारंटी कंपनियों द्वारा इनमें निवेश करने के लिए अपेक्षित (न्यूनतम निवेश ग्रेड रेटिंग) होगी।

आय निर्धारण

5. (i)  बंधक (मार्गेज) गारंटी कंपनियाँ कंपनी निकायों(कार्पोरेट बॉडिज़)/सार्वजनिक क्षेत्र के उपक्रमों की प्रतिभूतियों, जिनके संबंध में केंद्र सरकार/राज्य सरकार द्वारा ब्याज एवं मूलधन की अदायगी की  गारंटी दी गई हो, को उपचय के आधार पर आय में शामिल कर सकती हैं, बशर्ते नियमित रूप से ब्याज अदा किया जा रहा हो और इस प्रकार वह बकाया न हो।

(ii) बंधक(मार्गेज) गारंटी कंपनियाँ कंपनी निकायों (कार्पोरेट बाडीज़) के शेयरों पर उपचित होने के आधार पर लाभांश को अपनी आय में शामिल कर सकती हैं बशर्ते लाभांश की घोषणा कंपनी निकाय ने अपनी वार्षिक सामान्य बैठक में की हो और उसे प्राप्त करने का मालिकाना हक स्थापित हो गया हो।

(iii) बंधक(मार्गेज) गारंटी कंपनियाँ सरकारी प्रतिभूतियों एवं कंपनी निकायों(कार्पोरेट बाडिज़) के  बांडों तथा डिबेंचरों पर उपचित होने के आधार पर आय को शामिल कर सकती हैं जहाँ इन पर प्राप्त ब्याज की दर पहले से निर्दिष्ट हो बशर्ते मिलने वाला ब्याज नियमित रूप से मिल रहा हो और वह बकाया न हो।

(iv) बंधक(मार्गेज) गारंटी कंपनियाँ म्युचुअल फंड की यूनिटों पर आय नकद प्राप्ति के आधार बुक कर सकती हैं।

निवेशों का लेखांकन

6. (1)  सभी निवेश बाजार मूल्य पर आधारित होगे;

निर्दिष्ट भाव वाले (कोट किए गए) निवेश, मूल्यांकन के प्रयोजन से निम्नलिखित श्रेणियों में समूहीकृत किए जाएंगे अर्थात

  (क) सरकारी प्रतिभूतियाँ जिनमें खजाना बिल शामिल हैं;
  (ख) सरकार द्वारा गारंटीकृत बांड/प्रतिभूतियाँ;
  (ग) बैंकों/सरकारी वित्तीय संस्थाओं के बांड;
  (घ) कंपनियों के डिबेंचर/बांड; और
  (ङ) म्युचुअल फंड की यूनिटें।

प्रत्येक श्रेणी हेतु निर्दिष्ट भाव वाले (कोट किए गए) निवेश का मूल्यांकन लागत अथवा बाजार मूल्य, जो भी कम हो, पर किया जाएगा।  इस प्रयोजन से, प्रत्येक श्रेणी का निवेश शेयर-वार देखा जाएगा और प्रत्येक श्रेणी के सभी निवेशों की लागत एवं बाजार मूल्य को एकीकृत किया जाएगा।  यदि श्रेणी विशेष का सकल बाजार मूल्य उस श्रेणी की सकल लागत से कम है, तो निवल मूल्यह्रास  के लिए प्रावधान किया जाएगा अथवा लाभ-हानि खाते में उसे प्रभारित किया जाएगा।  यदि श्रेणी निवेश का सकल बाजार मूल्य उस श्रेणी की सकल लागत से अधिक है, तो निवल वृद्धि को नजर अंदाज किया जाएगा। एक श्रेणी के निवेश के मूल्यह्रास  को अन्य श्रेणी की मूल्यवृद्धि के साथ/से समायोजित नहीं किया जाएगा।

(2)   बिना निर्दिष्ट भाव वाली (unquoted) सरकारी प्रतिभूतियों या सरकारी गारंटीकृत बांडों में किए गए निवेश का मूल्यांकन वहन लागत पर किया जाएगा।

(3) अपने द्वारा दिए गए ऋणों की पूर्ति के लिए बिना निर्दिष्ट भाव वाले (unquoted) निवेश जिन्हें अर्जित किया गया है का मूल्यांकन निम्नवत किया जाएगा:

(क) म्युचुअल फंड की यूनिटों में किए गए निवेश, जो बिना निर्दिष्ट भाव वाले (unquoted) हैं, का मूल्यांकन म्युचुअल फंड द्वारा प्रत्येक विशिष्ट योजना के संबंध में घोषित निवल परिसंपत्ति मूल्य पर किया जाएगा।

(ख) बिना निर्दिष्ट भाव वाले (unquoted) ईक्विटी शेयरों का मूल्यांकन लागत या विघटित मूल्य दोनों में से जो भी कम हो पर किया जाएगा। तथापि, बंधक (मार्गेज) गारंटी कंपनियाँ विघटित मूल्य को, यदि समीचीन हो, तो उचित मूल्य से प्रतिस्थापित कर सकती हैं। जहाँ निवेशिती (इनवेस्टी) कंपनी का तुलनपत्र गत 2 वर्षों के लिए उपलब्ध न हो वहाँ ऐसे शेयरों का मूल्यांकन 1 रुपए प्रति कंपनी के हिसाब से किया जाए।

(ग)   बिना निर्दिष्ट भाव वाले (unquoted) अधिमानी शेयरों का मूल्यांकन लागत या अंकित मूल्य में से जो भी कम हो पर किया जाएगा।

टिप्पणी  आय निर्धारण और परिसंपत्ति वर्गीकरण के प्रयोजन से बिना निर्दिष्ट भाव वाले (unquoted) डिबेंचरों को मीयादी ऋण के रूप में अथवा अन्य ऋण सुविधाओं के रूप में माना जाएगा जो इस प्रकार के डिबेंचरों की अवधि पर निर्भर करेगा।

7. बंधक(मार्गेज) गारंटी कंपनियाँ अपने निदेशक बोर्ड के अनुमोदन से इन निदेशों के अनुरूप अपनी निवेश नीति की संरचना करेंगी।

(पी. कृष्णमूर्ति)
प्रभारी मुख्य महाप्रबंधक

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