विदेशी मुद्रा प्रबंध (किसी विदेशी प्रतिभूति का अंतरण अथवा निर्गम) (चौथा संशोधन) विनियमावली, 2002 - आरबीआई - Reserve Bank of India
विदेशी मुद्रा प्रबंध (किसी विदेशी प्रतिभूति का अंतरण अथवा निर्गम) (चौथा संशोधन) विनियमावली, 2002
भारतीय रिज़र्व बैंक अधिसूचना सं. फेमा.55/2002-आरबी दिनांक: 07 मार्च, 2002 विदेशी मुद्रा प्रबंध (किसी विदेशी प्रतिभूति का अंतरण अथवा निर्गम) विदेशी मुद्रा प्रबंध अधिनियम 1999 (1999 का 42) की धारा 6 की उप-धारा (3) के खंड (क) और धारा 47 द्वारा प्रदत्त शक्तियों का प्रयोग करते हुए और 3 मई 2000 की अधिसूचना सं. फेमा 19/2000-आरबी के आंशिक संशोधन में, भाारतीय रिज़र्व बैंक, समय-समय पर यथा संशोधित विदेशी मुद्रा प्रबंध (किसी विदेशी प्रतिभूति का अंतरण अथवा निर्गमन) विनियमावली,2000 में, निम्नलिखित संशोधन करता है, अर्थात्, 1. संक्षिप्त नाम और प्रारंभ (i) इन विनियमों को "विदेशी मुद्रा प्रबंध (किसी विदेशी प्रतिभूति का अंतरण अथवा निर्गमन)विनियमावली,2002" कहा जायेगा। (ii) ये सरकारी गजट में प्रकाशन की तारीख से लागू होंगे । विनियमों में संशोधन :- 2. विदेशी मुद्रा प्रबंध (किसी विदेशी प्रतिभूति का अंतरण अथवा निर्गमन)विनियमावली,2000 में, "(2)" किसी भारतीय कंपनी अथवा संसद के किसी अधिनियम द्वारा निमित किसी कंपनी निकाय कंपनी की हेसियत से भाारत में निवासी व्यक्ति । (i) भाारत के बाहर निवासी व्यक्ति किसी व्यक्ति को विदेशी करेंसी प्रत्यावर्तनीय बॉड (एफसीसीबी)खाता अनुसूची (2) में निर्धारित शर्तों के अधीन जारी कर सकता है जो 50 दशलक्ष अमरीकी डॉलर से अधिक न हो , (ii) जहाँ निर्गम 50 दशलक्ष अमरीकी डॉलर से अधिक है किंतु 100 दशलक्ष अमरीकी डॉलर से अधिक नही है वहाँ अनुमोदन के लिए फॉर्म ईसीबी में भारतीय रिजर्व बैंक को आवेदन कर सकते हैं, (iii) जहाँ निर्गम 10 0 दशलक्ष अमरीकी डॉलर से अधिक है, वहाँ अनुमोदन के लिए भारत सरकार, वित्त मंत्रालय, (आथिक कार्य विभाग) को आवेदन कर सकते हैं।" (iv) " उप-विनियम (3) में,उप-विनियम(2) में उल्लिखित कंपनी/निकाय कंपनी "शब्दों के लिए "उप-विनियम (2) के खण्ड (iii) में उल्लिखित कंपनी/निकाय कंपनी" शब्दों को प्रतिस्थापित किए जायेंगे। (ख) वर्तमान अनुसूची को "अनुसूची I" के रूप में पुन: क्रम संख्या दे दी जायेगी। (ग) अनुसूची I के बाद निम्नलिखित अनुसूची जोड दी जायेगी। (कि.ज.उदेशी) |