अपने ग्राहक को जानिए (केवाईसी) मानदंड/धनशोधन निवारण (एएमएल) मानक/ आतंकवाद के वित्तेपोषण का प्रतिरोध (सीएफटी)/धनशोधन निवारण अधिनियम (पीएमएलए), 2002 के अंतर्गत गैर बैंकिंग वित्तीय कंपनियों (एनबीएफसी) के दायित्व- ग्राहक संबंधी उचित सावधनी रखने के उपाय । - आरबीआई - Reserve Bank of India
अपने ग्राहक को जानिए (केवाईसी) मानदंड/धनशोधन निवारण (एएमएल) मानक/ आतंकवाद के वित्तेपोषण का प्रतिरोध (सीएफटी)/धनशोधन निवारण अधिनियम (पीएमएलए), 2002 के अंतर्गत गैर बैंकिंग वित्तीय कंपनियों (एनबीएफसी) के दायित्व- ग्राहक संबंधी उचित सावधनी रखने के उपाय ।
भारिबैं/2014-15/383 02 जनवरी 2015 सभी गैर बैंकिंग वित्तीय कंपनियां (एनबीएफसी) महोदय, अपने ग्राहक को जानिए (केवाईसी) मानदंड/धनशोधन निवारण (एएमएल) मानक/ आतंकवाद के वित्तेपोषण का प्रतिरोध (सीएफटी)/धनशोधन निवारण अधिनियम (पीएमएलए), 2002 के अंतर्गत गैर बैंकिंग वित्तीय कंपनियों (एनबीएफसी) के दायित्व- ग्राहक संबंधी उचित सावधनी रखने के उपाय । कृपया 1 जुलाई 2014 के हमारे मास्टर परिपत्र गैबैंपवि(नीप्र)कंपरि.सं.387/03.10.42/2014-15 का अवलोकन करें जिसके अनुसार एनबीएफसी से अपेक्षित है कि “ग्राहक उचित सावधानी” प्रारंभ करें तथा जोखिम वर्गीकरण के आधार पर मौजूदा ग्राहकों पर ऐसे उपाय लागू करें। इस तरह से ग्राहक पहचान संबंधी जानकारी को अद्यतन बनाने की आवधिकता कम जोखिम वर्ग के ग्राहकों के मामले में पांच वर्ष में एक बार से कम नहीं होनी चाहिए और उच्च तथा मध्यम जोखिम वर्गों के मामले में दो वर्ष में एक बार से कम नहीं होनी चाहिए। 2. थोड़े-थोड़े अंतराल पर नये केवाईसी दस्तावेज प्राप्त करने/जमा करने में व्यक्त व्यावहारिक कठिनाएयों/अवरोधों को ध्यान में रखकर उक्त विषय की समीक्षा की गई है, क्योंकि विशेषकर जोखिम वाले ग्राहकों द्वारा पूर्व में जमा किए गए ऐसे दस्तावेज अधिकांश खातों में अपरिवर्तित रहे हैं। तदनुसार, प्राप्त सुझावों के आधार पर, अनुदेशों में निम्नलिखित संशोधन करने का निर्णय लिया गया है: ए) एनबीएफसी के लिए आवश्यक होगा कि वे प्रत्येक ग्राहक से व्यावसायिक संबंध के बारे में उचित सावधानी बरतना जारी रखें और यह सुनिश्चित करने के लिए लेनदेन की बारीकी से जांच करें कि वे ग्राहक के संबंध में अपने ज्ञान, उसके व्यापार और जोखिम प्रोफाइल और, जहां भी जरूरी हो, निधि के स्रोत के संबंध में सुसंगत हैं। बी) उच्च जोखिम वाले व्यक्तियों और संस्थाओं के लिए कम से कम प्रत्येक दो वर्षों में पूर्ण केवाईसी अभ्यास किया जाना आवश्यक होगा। सी) निम्न जोखिम वाले व्यक्तियों और संस्थाओं के लिए कम से कम प्रत्येक दस वर्षों में और मध्यम जोखिम वाले व्यक्तियों और संस्थाओं के लिए कम से कम प्रत्येक आठ वर्षों में पूर्ण केवाईसी अभ्यास किया जाना आवश्यक है साथ ही यह ध्यान रखा जाए कि पूर्व में क्या और कब ग्राहक उचित सावधनी बरती गई थी तथा क्या पर्याप्त आंकड़े प्राप्त किए गए थे। तथापि ऐसे आवधिक अद्यतनीकरण के समय ग्राहकों की व्यक्तिश: उपस्थिति पर जोर न दें। डी) अवयस्क ग्राहक के वयस्क हो जाने पर उससे नवीन फोटोग्राफ प्राप्त करना आवश्यक होगा। 3. इसके अतिरिक्त (i) ‘कम जोखिम’ के रूप में वर्गीकृत ग्राहकों की पहचान और पते में यदि कोई परिवर्तन न हो तो, एनबीएफसी को आवधिक अद्यतनीकरण के समय उनसे पहचान और पते के नए प्रमाण मांगने की आवश्यकता नहीं है। ऐसे मामलों में ग्राहक द्वारा इस संबंध में स्वप्रमाणन ही पर्याप्त होगा। ऐसे ‘कम जोखिम वाले’ ग्राहकों के पते में परिवर्तन होने पर वे केवल दस्तावेज (पते का प्रमाण) की सत्यापित प्रति मेल/डाक इत्यादि से भिजवा सकते हैं। (ii) यदि एनबीएफसी का कोई मौजूदा ग्राहक जिसके संबंध में केवाईसी अनुपालन हो चुका है, उसी एनबीएफसी में एक और खाता खोलना चाहता है तो इस उद्देश्य के लिए नए सिरे से पहचान प्रमाण और/ अथवा पते का प्रमाण प्रस्तुत करने की आवश्यकता नहीं होगी। 4. एनबीएफसी उक्त अनुदेशों को ध्यान में रखकर अपनी केवाईसी नीतियों को संशोधित करें और इसनका कडाई से अनुपालन किया जाना सुनिश्चित करें। भवदीया, (सिन्धु पंचोली) |