ऑनलाइन कर लेखांकन प्रणाली (ओएलटीएएस) - कर सूचना नेटवर्क (टीआईएन) को भेजे गए चालान के आंकड़े तथा अंचल लेखा कार्यालय (जेडएओ) को भेजे गए भौतिक चालान में विसंगति - आरबीआई - Reserve Bank of India
ऑनलाइन कर लेखांकन प्रणाली (ओएलटीएएस) - कर सूचना नेटवर्क (टीआईएन) को भेजे गए चालान के आंकड़े तथा अंचल लेखा कार्यालय (जेडएओ) को भेजे गए भौतिक चालान में विसंगति
आरबीआई/2004/314 27 दिसंबर 2004 अध्यक्ष/ प्रबंध निदेशक प्रिय महोदय, ऑनलाइन कर लेखांकन प्रणाली (ओएलटीएएस) - कर सूचना नेटवर्क (टीआईएन) को भेजे गए चालान के आंकड़े तथा अंचल लेखा कार्यालय (जेडएओ) को भेजे गए भौतिक चालान में विसंगति जैसा कि आप जानते हैं, ऑन-लाइन कर लेखांकन प्रणाली (ओएलटीएएस) दिनांक 01 जून 2004 से प्रभावी है। इस प्रणाली के तहत एजेंसी बैंकों द्वारा सीबीडीटी बकाया राशि के संग्रहण से संबंधित आंकड़े आयकर विभाग के टीआईएन (कर सूचना नेटवर्क) को ऑनलाइन भेजे जाते हैं तथा संबंधित जेडएओ (अंचल लेखा कार्यालय) को उनकी भौतिक प्रति (स्क्रॉल और चालान) भेजी जाती है। हम अपलोड किए गए आंकड़ों की प्रामाणिकता की निगरानी कर रहे हैं तथा सुधार हेतु समय-समय पर आपके बैंक के नोटिस में पाई गई कमियों को इंगित कर रहे हैं। इस संबंध में, कृपया दिनांक 28 जुलाई 2004 और 4 सितंबर 2004 के हमारे परिपत्र सं. डीजीबीए.जीएडी.सं.एच-69 तथा 169/42.01.034/2004-05 क्रमशः का संदर्भ लें। 2. हाल ही में, ओएलटीएएस पर गठित एक उच्च स्तरीय समिति द्वारा नियुक्त एक उप-समूह ने नोडल शाखाओं द्वारा टीआईएन को प्रेषित चालान आंकड़े और संबंधित जेडएओ को सौंपे गए भौतिक स्क्रॉल और चालान का अध्ययन किए जाने के उद्देश्य से एक अंचल लेखा कार्यालय (ज़ेडएओ) में स्पॉट स्टडी की। इस अध्ययन से यह ज्ञात हुआ कि क्षेत्रीय कंप्यूटर केंद्र (आयकर विभाग) द्वारा ऑनलाइन प्राप्त आंकड़े, टीआईएन तथा अधिकृत बैंकों की नोडल शाखाओं से जेडएओ में प्राप्त हुए भौतिक स्क्रॉल और चालान में रिपोर्ट किए गए आंकड़ों से अलग थे। इस प्रकार की विसंगति के लिए उप-समूह द्वारा निम्न कारण बताए गए:
3. “ऑनलाइन कर लेखा प्रणाली (ओएलटीएएस) से संबंधित लेखा प्रक्रिया”, नोडल शाखाओं को दैनिक आधार पर पूर्ण किए जाने वाले निम्नलिखित विशिष्ट कार्य सौंपती है (पैरा 6.2): क) यह (नोडल शाखा) अपने कंप्यूटर सिस्टम पर चालान के आंकड़ों का मिलान करेगी और आयकर विभाग द्वारा निर्धारित प्रारूप में आकड़ों को अपने लिंक सेल में भेजेगी ताकि उस दिन भेजे जा रहे सभी चालान रिकॉर्ड को एक समान नोडल शाखा स्क्रॉल नंबर और तारीख दिए जाने के बाद उसी दिन विभाग के टीआईएन को आगे प्रेषित कर दिया जाए। ख) यह एक फ्लॉपी या अन्य मीडिया (जेडएओ द्वारा दी गई सूचना के अनुसार) में कंप्यूटर के आंकड़े के आधार पर सारांश और मुख्य स्क्रॉल की एक प्रति भी जेनरेट करेगी और अगले कार्य दिवस पर इसे जेडएओ को प्रेषित करेगी। ग) संग्रहकर्ता शाखा से कंप्यूटर-जनित शाखा स्क्रॉल की हार्ड प्रति प्राप्त होने पर, नोडल शाखा यह सत्यापित करेगी कि ये कंप्यूटर-जनित शाखा स्क्रॉल, संग्रहकर्ता शाखा द्वारा पूर्व में भेजे गए आंकड़ों से बिल्कुल मेल खाते हैं। यह प्रमुख शीर्ष-वार स्क्रॉल्स को एकसाथ रखते हुए सभी शाखाओं से प्राप्त इन कंप्यूटर मुद्रित शाखा स्क्रॉल (चालान के साथ) के साथ अपने स्क्रॉल को मुख्य स्क्रॉल के साथ समेकित करेगी। यह प्रमुख शीर्ष-वार मुख्य स्क्रॉल तथा सारांश का एक कंप्यूटर प्रिंटआउट भी जेनरेट करेगी। इसके उपरांत, यह इन्हें (चालान के साथ) दैनिक आधार पर संबंधित जेडएओ को भेजेगी। 4. उक्त उल्लिखित दिनांक 28 जुलाई 2004 और 4 सितंबर 2004 के हमारे परिपत्रों में यह भी सूचित किया गया था कि नोडल शाखा के शाखा प्रबंधक द्वारा यह सुनिश्चित किया जाए कि जेडएओ को प्रस्तुत किए गए किसी विशेष तारीख के नोडल शाखा स्क्रॉल में प्रदर्शित प्रमुख शीर्ष-वार संग्रहण, टीआईएन को अंतिम रूप से प्रस्तुत किए जाने के लिए लिंक सेल को ओएलटीएएस पर प्रेषित आंकड़ों के संबंधित योग से मेल खाते हों। दिनांक 04 सितंबर 2004 के परिपत्र के पैरा 2(ई) में दोहराया गया था कि किसी विशेष दिन के लिए जेडएओ और टीआईएन को भेजे जा रहे संग्रहण आंकड़े चालानों की संख्या और प्रमुख शीर्ष, दोनों के संबंध में दैनिक आधार पर अवश्य मेल खाते हों। 5. हमारे द्वारा बार-बार अनुदेश दिए जाने के बावजूद इस संबंध में बैंकों द्वारा अनुपालन संतोषजनक नहीं है, जिसके कारण कर-निर्धारिती और अन्य हितधारकों द्वारा कई शिकायतें प्राप्त हुई हैं। सरकार द्वारा हमारे संज्ञान में यह लाया गया है कि टीआईएन को ऑनलाइन रिपोर्ट किए गए संग्रहण आंकड़े और जेडएओ को भेजे गए भौतिक स्क्रॉल/चालान के आंकड़ों में अंतर हैं, जिसके परिणामस्वरूप सस्पेंस खाते में बहुत अधिक राशि बकाया है। 6. इस संबंध में यह संदेह व्यक्त किया गया है कि चूंकि लेखा प्रक्रिया के पैरा 6.2(ए) के अनुसार ऑनलाइन आंकड़ा लिंक सेल को उसी दिन भेजा जाना आवश्यक है जबकि पेपर चालान नोडल शाखाओं तक बाद में पहुंचते हैं, इसलिए इस प्रकार का सत्यापन संभव नहीं है। सरकार के साथ परामर्श करते हुए हमने इस मामले पर विचार किया है और यह स्पष्ट कर दिया गया है कि सर्वप्रथम, संग्रहकर्ता शाखाओं द्वारा यह सुनिश्चित किया जाए कि उनके द्वारा नोडल शाखा को ऑनलाइन (या फ्लॉपी पर) भेजे गए आंकड़े तथा उस दिन के लिए नोडल शाखा को भेजे गए शाखा के भौतिक स्क्रॉल (भौतिक चालान के साथ) के बीच कोई विसंगति न हो। नोडल शाखा का यह कार्य होगा कि वह लिंक सेल और जेडएओ को भेजने से पहले प्रत्येक संग्रहकर्ता शाखा के लिए ऑन-लाइन (या फ्लॉपी पर) प्राप्त आंकड़ों और एक विशेष तारीख के भौतिक चालानों का मिलान करे। नोडल शाखाओं द्वारा लिंक सेल को ऑनलाइन संग्रहण आंकड़ा केवल उसी दिन प्रेषित किया जाए, जिस दिन नोडल बैंक स्क्रॉल, जेडएओ को भेजा जाता है तथा यह सुनिश्चित कर लिया जाए कि आंकड़ों के दोनों सेट के बीच कोई विसंगति नहीं है। 7. यह दोहराया जाता है कि सभी संग्रहकर्ता शाखाओं द्वारा यह सुनिश्चित किया जाए कि ऐसा कोई भी चालान शेष न रहे, जिसे ओएलटीएएस पर रिपोर्ट न किया गया हो और नोडल शाखाओं द्वारा यह सुनिश्चित किया जाए कि प्रमुख शीर्ष-वार संग्रहण और चालानों की संख्या, दोनों के संबंध में दैनिक आधार पर लिंक सेल को ऑनलाइन भेजे गए आंकड़े और जेडएओ को भेजे गए आंकड़े (चालान के साथ) के बीच कोई विसंगति न हो। 8. आप अवगत हैं कि ओएलटीएएस परिदृश्य में, यदि चालान के आंकड़े को टीआईएन पर सटीक रूप से अपलोड नहीं किया जाता है तो कर प्राधिकारियों द्वारा करदाता को "कर-निर्धारिती द्वारा चूक" के रूप में माना जाएगा जिसके परिणामस्वरूप शिकायतों और मुकदमों की संख्या में बढ़ोत्तरी हो सकती है। इस प्रकार की स्थिति से बचने के लिए हम आपके बैंक को सूचित करते हैं कि वे भारतीय रिज़र्व बैंक द्वारा समय-समय पर जारी दिशा-निर्देशों को लागू करने के लिए उचित कदम उठाएं। 9. कृपया तदनुसार व्यवस्था करें। भवदीय, (प्रबल सेन) |