डायमंड डॉलर खाता खोलना उदार बनाया गया - आरबीआई - Reserve Bank of India
डायमंड डॉलर खाता खोलना उदार बनाया गया
आरबीआई/2008-09/383 13 फरवरी 2009 सभी श्रेणी - । प्राधिकृत व्यापारी बैंक महोदय/महोदया डायमंड डॉलर खाता खोलना उदार बनाया गया प्राधिकृत व्यापारी श्रेणी I बैंकों का ध्यान डायमंड डॉलर खाता योजना के संबंध में 16 मई ,2000 के ए.पी.(डीआईआर-सिरीज)परिपत्र सं.10 तथा विदेश व्यापार नीति में 2004-2009 के पैरा 4ए.19 की ओर आकर्षित किया जाता है, जिसमें कच्चे अथवा कटे हुए अथवा पॉलिस किए हुए हीरों की मीनाकारी और/अथवा हीरों अथवा अन्य रत्न-जटित अथवा बिना हीरे अथवा अन्य रत्न-जटित बहुमूल्य धातु वाले सादे आभूषणों में कम-से-कम तीन वर्षों का हीरे/रंगीन रत्नों/हीरों अथवा रंगीन रत्नों से जड़े हुए आभूषणों/सोने के सादे आभूषणों के आयात/निर्यात का उल्लेखनीय कार्य करनेवाले और पिछले तीन लाइसेंन्स वर्षों के दौरान 5 करोड़ रुपए अथवा उससे अधिक का औसत वार्षिक पण्यावर्त करनेवाली फर्मों और कंपनियों को डायमंड डॉलर खाता खोलने की अनुमति दी गई है । डायमंड डॉलर खाता खोलने के अनुरोधों पर भारतीय रिज़र्व बैंक द्वारा ,भारत सरकार की वर्तमान विदेश व्यापार नीति के प्रावधानों के अधीन मामला-दर-मामला आधार पर विचार किया जाता है । 2.प्रक्रिया को और उदार बनाने के लिए, यह निर्णय लिया गया है कि प्राधिकृत व्यापारी श्रेणी-I बैंकों में ऐसी फर्मों/कंपनियों को , निम्नलिखित शर्तों पर ,डायमंड डॉलर खाता खोलने तथा बनाए रखने की अनुमति प्रदान करने हेतु प्राधिकृत व्यापारी श्रेणी-I बैंकों को शक्तियां प्रत्यायोजित कर दी जायें : (क) नियार्तकों को समय-समय पर जारी भारत सरकार की विदेश व्यापार नीति में निर्धारित पात्रता मानदण्डों का पालन करना होगा। (ख) डायमंड डॉलर खाता (डीडीए) निर्यातक के नाम में खोला जाए और उसका रखरखाव केवल अमरीकी डॉलर में किया जाए। (ग) यह खाता केवल चालू खाता स्वरूप में होगा और खाते में धारित शेष पर किसी ब्याज का भुगतान नहीं किया जाएगा। (घ) खाताधारक द्वारा जारी डायमंड डॉलर खातों के बीच किसी अंतर-खाता अंतरण की अनुमति नहीं दी जाएगी। (ङ) किसी निर्यातक फर्म/कंपनी को पाँच से अधिक डायमंड डॉलर खातों को खोलने और उसे जारी रखने की अनुमति नहीं दी जाएगी। (च) खाते में धारित शेष आरक्षित नकदी निधि अनुपात (सीआरआर) और सांविधिक चलनिधि अनुपात (एसएलआर) अपेक्षाओं के अधीन होंगे। (छ) भारत अथवा विदेश में बैंकों में विदेशी मुद्रा अर्जक विदेशी मुद्रा (इइएफसी) खातों को छोड़कर विदेशी मुद्रा खाता रखने वाली निर्यातक फर्में और कंपनियाँ डायमंड डॉलर खाते खोलने के लिए पात्र नहीं हैं। (त) डायमंड डॉलर खाते में लेनदेन निम्नवत् होगा : अनुमत जमा • लदान से पूर्व और लदान से बाद ली गई अमरीकी डॉलर में वित्त की राशि। • कच्चे, कटे हुए, पॉलिस किए हुए हीरों और हीरों से जड़ित आभूषणों के लदान से प्राप्त निर्यात आगम। • कच्चे, कटे हुए, पॉलिस किए हुए हीरों की स्थानीय बिक्री से अमरीकी डॉलर में प्राप्त राशि। अनुमत नामे • समुद्रपारीय/स्थानीय श्रोतों से कच्चे हीरों के आयात/क्रय के लिए भुगतान। • स्थानीय श्रोतों से, कटे हुए और पॉलिस किए हुए हीरों, रंगीन रत्नों और सादे स्वर्ण आभूषणों की खरीद के लिए भुगतान। • समुद्रापारीय/नामित एजेंसियों से स्वर्ण के आयात/क्रय के लिए भुगतान तथा बैंक से प्राप्त अमरीकी डॉलर ऋणों की अदायगी। • निर्यातक के रुपए खाते में अंतरण। उपर्युक्त लेन-देन भारत सरकार द्वारा समय-समय पर जारी , विदेश व्यापार नीति के प्रावधानों के अंतर्गत किए जायेंगे । 3. डायमंड डॉलर खाता खोलने के लिए निर्यातक फर्म/कंपनी ,प्राधिकृत व्यापारी श्रेणी-I बैंक को निर्धारित फार्मेट में एक आवेदनपत्र प्रस्तुत करेगी । प्राधिकृत व्यापारी श्रेणी-I बैंक को प्रत्येक लाइसेंसिंग वर्ष के अंत में (अप्रैल-मार्च) फर्म/कंपनी के कार्यनिष्पादन विचार करना चाहिये । अगर कोई फर्म/कंपनी पात्रता मानदण्डों को पूरा नहीं करती है तो तुरंत खाता बंद किया जा सकता है । 4. प्राधिकृत व्यापारी श्रेणी-I बैंक, डायमंड डॉलर खाता खोलने वाली निर्यातक फर्म/कंपनी , जिसके नाम से डायमंड डॉलर खाता खोला गया है,खाता खोलने/बंद करने की तारीख सहित नाम तथा पते के ब्योरे देते हुए एक मासिक रिपोर्ट मुख्य महा प्रबंधक, भारतीय रिज़र्व बैंक, विदेशी मुद्रा विभाग, विदेशी निवेश प्रभाग, केंद्रीय कार्यालय, मुंबई को देंगे। रिपोर्ट संबंधित माह के अगले माह के 10 तारीख तक प्रस्तुत की जानी चाहिए। 5. विदेशी मुद्रा प्रबंध (भारत में रहने वाले व्यक्ति के विदेशी मुद्रा खाते)विनियमावली, 2000(3 मई 2000 की फेमा अधिसूचना सं.फेमा 120/आर बी-2000) में आवश्यक संशोधन अलग से जारी किए जाएंगें। 6. प्राधिकृत व्यापारी इस परिपत्र की विषय वस्तु से अपने घटकों और ग्राहकों को अवगत कराएं । 7. इस परिपत्र में निहित निदेश विदेशी मुद्रा प्रबंध अधिनियम, 1999 की धारा 10(4)और 11(1) के अंतर्गत जारी किए है और किसी अन्य कानून के तहत अपेक्षित अनुमति/अनुमोदन, यदि कोई हो, पर प्रतिकूल प्रभाव डाले बगैर है। भवदीय (सलीम गंगाधरन) अनुबंध [ए.पी. (डीआईआर सिरीज़)परिपत्र सं.51 दिनांक: 13 फरवरी 2009] डायमंड डॉलर खाता खोलने हेतु आवेदनपत्र सेवा में , शाखा प्रबंधक (बैंक/शाखा का नाम तथा पता) महोदय, निवेदन है कि हम कच्चे अथवा कटे हुए तथा पॉलिस किए हुए हीरों / मीनाकारी और/अथवा हीरों अथवा रत्न-जटित अथवा बिना हीरे के और अथवा अन्य रत्न-जटित बहुमूल्य धातु के सादे आभूषणों की खरीद-फरोख्त का कारोबार कर रहें हैं और हीरे/रंगीन रत्नों/हीरों अथवा रंगीन रत्नों से जड़े हुए आभूषणों/सोने के सादे आभूषणों के आयात/निर्यात का कम-से-कम तीन वर्षों का अच्छा रिकॉर्ड है और पिछले तीन लाइसेंन्सों की अवधि के दौरान 5 करोड़ रुपए अथवा उससे अधिक का औसत वार्षिक पण्यावर्त रहा । 2. हम , भारत सरकार , व्यापार और उद्योग मंत्रालय द्वारा जारी प्रक्रिया-पुस्तिका (उपयुक्त खंड का उल्लेख करें) के साथ पठित , भारत सरकार की विदेश व्यापार नीति के प्रावधानों (उपयुक्त पैरा का उल्लेख करें) के अनुसरण में, डायमंड डॉलर खाता योजना के तहत आपके बैंक में चालू खाता/खाते खोलना चाहते हैं । 3. आवश्यक ब्योरे नीचे प्रस्तुत हैं:-
4. हम इस बात की पुष्टि करते हैं कि भारत में अथवा विदेश में , विदेशी मुद्रा अर्जक विदेशी मुद्रा खाते को छोड़कर और कोई विदेशी मुद्रा खाता नहीं है । 5. हम घोषणा करते हैं कि आपके बैंक में खोलने के लिए इस प्रस्तावित खाते सहित हमारे 5 से अधिक डायमंड डॉलर खाता (डीडीए) नहीं हैं । 6. हम घोषणा करते हैं कि न तो निर्यातकों के संबंध में भारतीय रिज़र्व बैंक द्वारा जारी की सतर्कता -सूची में और न हीं भारतीय निर्यात ऋण गारंटी निगम की चूककर्ता -सूची में हमारा नाम है । 7. हम वचन देते हैं कि डायमंड डॉलर खाता योजना/समय-समय पर बनायी गयी योजना के तहत आपके बैंक में डायमंड डॉलर खाता खोलने और बनाये रखने के लिए निर्धारित नियम व शर्तों और विदेशी मुद्रा / भारतीय रिज़र्व बैंक के विदेश व्यापार विनियम/भारत सरकार के अन्य किसी भी नियम का अनुपालन करेंगें। हम आपसे फर्म/कंपनी के नाम अपने बैंक में डायमंड डॉलर खाता खोलने के लिए अनुरोध करते हैं । (फर्म/कंपनी के प्राधिकृत अधिकारी का नाम) |