जहाज को मजदूर मुहैय्या कराने वाले / कर्मीदल प्रबंधन एजेंसियों द्वारा भारत में विदेशी मुद्रा खाते खोलना - आरबीआई - Reserve Bank of India
जहाज को मजदूर मुहैय्या कराने वाले / कर्मीदल प्रबंधन एजेंसियों द्वारा भारत में विदेशी मुद्रा खाते खोलना
आरबीआइ / 2006-07 / 369
ए.पी.(डीआइआर सिरीज) परिपत्र सं.48
दिनांक अप्रैल 30, 2007
सेवा में
सभी प्राधिकृत व्यापारी श्रेणी I बैंक
महोदया / महोदय
जहाज को मजदूर मुहैय्या कराने वाले / कर्मीदल प्रबंधन एजेंसियों द्वारा भारत में विदेशी मुद्रा खाते खोलना
प्राधिकृत व्यापारी श्रेणी I बैंकों का ध्यान समय-समय पर यथासंशोधित मई 3, 2000 की अधिसूचना सं.फेमा 10/2000 आरबी द्वारा अधिसूचित विदेशी मुद्रा प्रबंध (भारत में किसी निवासी व्यक्ति का विदेशी मुद्रा खाता) विनियमावली 2000 के विनियम 6 की ओर आकर्षित किया जाता है, जिसके अनुसार भारत के बाहर निगमित किसी जहाज रानी अथवा हवाई कंपनी अथवा उसके उसके एजेंट को ऐसे जहाजरानी अथवा हवाई कंपनी के भारत में किए गए स्थानीय खर्चों के लिए भारत में प्रधिकृत व्यापारी श्रेणी I बैंक के साथ विदेशी मुद्रा खाता खोलने, रखने आरैर उसके रखरखाव की सामान्य अनुमति है।
2. जैसा कि वर्ष 2007-08 के वार्षिक नीति वक्तव्य (पैरा 146 (i)iv) में घोषणा की गयी है, अब यह निर्णय लिया गया है कि भारत के बाहर निगमित जहाज रानी कंपनियों को मजदूर मुहैय्या कराने / कर्मीदल प्रबंधन करनेवाली एजेंसियों को भारत में विदेशी मुद्रा खाते खोलने की अनुमति दी जाए। तदनुसार, प्राधिकृत व्यापारी श्रेणी I बैंक भारत में जहाज को मजदूर मुहैय्या कराने / कर्मीदल का प्रबंधन करनेवाली एजेंसायों को उनके कारोबार की सामान्य अवधि में लेनदेन के प्रयोजन हेतु भारत में ब्याजरहित विदेशी मुद्रा खाता खोलने और रखने की अनुमति दे सकते ह:ं
क) ओवरसीज़ प्रिंसिपल से सामान्य बैंकिंग के माध्यम से प्राप्त आवक प्रेषणों को ही ऐसे खाते में जमा किया जाएगा ।
ख) इसके कारोबार की सामान्य अवधि के दौरान जहाज / कर्मीदल के प्रबंधन के संबंध में विभिन्न खर्चों के लिए नामे डाले जाएंगे।
ग) खाते में रखी गई निधियों की जमानत पर कोई जमा सुविधा (निधि आधारित अथवा गैर निधि आधारित) नहीं दी जाएगी।
घ) बैंक ऐसे खातों के संबंध में निर्धारित आरक्षित अपेक्षाओं को पूरा करे।
".) खाते में प्राप्त प्रेषणों के संबंध में विदेशी मुद्रा अर्जक विदेशी मुद्रा खाता की सुविधा की अनुमति नहीं दी जाएगी।
च) खाते का रख रखाव करार की वैध अवधि के दौरान ही किया जाएगा ।
3. मई 3, 2000 की अधिसूचना सं. फेमा 10/2000 - आरबी डविदेशी मुद्रा प्रबंध (भारत में निवासी व्यक्ति का विदेशी मुद्रा खाता विनियमावली, 2000 में आवश्यक संशोधन अलग से जारी किए जा रहे हैं
4. प्राधिकृत व्यापारी श्रेणी I बैंक इस परिपत्र की विषयवस्तु से अपने सभी संबंधित घटकों और ग्राहकों को अवगत करा दें।
5. इस परिपत्र में समाहित विदेश विदेशी मुद्रा प्रबंध अधिनियम, 1999 (1999 का 42) की धारा 10(4) और धारा 11त्र1ऋ के अंतर्गत जारी किए गए हैं, और किसी अन्य कानून के तहत अपेक्षित अनुमति / अनुमोदन, यदि कोई हो, पर प्रतिकूल प्रभाव डाले बगैर है।
भवदीय
(सलीम गंगाधरन)
मुख्य महा प्रबंधक