विदेशी मुद्रा प्रबंध (जमा) विनियमावली, 2000 - पॉवर ऑफ एटर्नी धारक द्वारा अनिवासी (साधारण) खाता का परिचालन - आरबीआई - Reserve Bank of India
विदेशी मुद्रा प्रबंध (जमा) विनियमावली, 2000 - पॉवर ऑफ एटर्नी धारक द्वारा अनिवासी (साधारण) खाता का परिचालन
आरबीआइ/2006-07/419
ए पी(डीआइआर सिरीज़)परिपत्र सं.64
मई 25, 2007
सेवा में
सभी श्रेणी I प्राधिकृत व्यापारी बैंक
महोदया/महोदय,
विदेशी मुद्रा प्रबंध (जमा) विनियमावली, 2000 - पॉवर ऑफ एटर्नी धारक द्वारा अनिवासी (साधारण) खाता का परिचालन
प्राधिकृत व्यापारी श्रेणी I बैंकों और प्राधिकृत बैंकों (बैंकों) का ध्यान समय-समय पर यथासंशोधित मई 3, 2000 की अधिसूचना फेमा 5/2000-आरबी अर्थात् विदेशी मुद्रा प्रबंध (जमा) विनियमावली, 2000 (अधिसूचना) की अनुसूची 3 के पैरा 7 की ओर आकर्षित किया जाता है जिसके अनुसार भारत से बाहर निवास करनेवाला व्यक्ति, प्राधिकृत व्यापारी श्रेणी I बैंक/ प्राधिकृत बैंक के साथ अनिवासी सामान्य खाता निवासियों के साथ संयुक्त रूप से खोल सकता है।
2. वर्ष 2007-08 के वार्षिक नीति वक्तव्य डपैरा 146(ii)(ii) में की गई घोषणा के अनुसार यह निर्णय लिया गया है कि अनिवासी व्यक्ति खाताधारक द्वारा निवासी के पक्ष में मंजूर किए गए पॉवर ऑफ एटर्नी द्वारा अनिवासी सामान्य रुपया खाते के परिचालन की सुविधा का विस्तार किया जाए। तदनुसार, बैंक ऐसे पॉवर ऑफ एटर्नी के अनुसार किसी अनिवासी सामान्य रुपया खाते के संबंध में परिचालन की अनुमति दे सकता है, बशर्ते ऐसे परिचालन (i) रिज़र्व बैंक द्वारा बनाए गए संबंधित विनियमों के अनुपालन के अधीन पात्र निवेशों के लिए भुगतान सहित रुपए में सभी स्थानीय भुगतान; और (ii) अनिवासी व्यक्ति खाताधारक के भारत में चालू आय का भारत से बाहर प्रेषण, लागू दरों के निवल तक ही सीमित हो।
3. निवासी पॉवर ऑफ एटर्नी धारक को, खाते में धारित निधियां अनिवासी व्यक्ति खाताधारक से इतर किसी को भारत से बाहर प्रत्यावर्तित करने, या अनिवासी खाताधारक की ओर से किसी निवासी को उपहार की तौर पर भुगतान करने अथवा उस खाते से अन्य किसी अनिवासी सामान्य रुपया खाते को निधियों का अंतरण करने की अनुमति नहीं है।
4. मई 3, 2000 की अधिसूचना सं. फेमा 5/2000-आरबी डविदेशी मुद्रा प्रबंध (जमा) विनियमावली, 2000 में आवश्यक संशोधन अलग से जारी किए जा रहे हैं।
5. प्राधिकृत व्यापारी श्रेणी I बैंक तथा प्राधिकृत बैंक इस परिपत्र की विषयवस्तु से अपने संबंधित घटकों और ग्राहकों को अवगत करा दें।
6. इस परिपत्र में समाहित निदेश विदेशी मुद्रा प्रबंध अधिनियम, 1999 (1999 का 42) की धारा 10(4) और धारा 11(1) के अंतर्गत जारी किए गए हैं और अन्य किसी कानून के अंतर्गत अपेक्षित अनुमति/अनुमोदन, यदि कोई हो, पर प्रतिकूल प्रभाव डाले बगैर है।
भवदीय
(सलीम गंगाधरन)
मुख्य महाप्रबंधक