RbiSearchHeader

Press escape key to go back

पिछली खोज

थीम
थीम
टेक्स्ट का साइज़
टेक्स्ट का साइज़
S2

Notification Marquee

आरबीआई की घोषणाएं
आरबीआई की घोषणाएं

RbiAnnouncementWeb

RBI Announcements
RBI Announcements

असेट प्रकाशक

114711411

विदेशी पोर्टफोलियो निवेश को प्रत्यक्ष विदेशी निवेश (एफडीआई) में पुनर्वर्गीकृत करने हेतु  परिचालन की रूपरेखा

आरबीआई/2024-25/90
एपी (डीआइआर सीरीज) परिपत्र सं. 19

11 नवम्बर, 2024

सेवा में
सभी प्राधिकृत व्यापारी श्रेणी-I बैंक

महोदया/महोदय,

विदेशी पोर्टफोलियो निवेश को प्रत्यक्ष विदेशी निवेश (एफडीआई) में पुनर्वर्गीकृत करने हेतु  परिचालन की रूपरेखा

सभी प्राधिकृत व्‍यापारी (एडी) श्रेणी-I बैंकों का ध्यान 17 अक्तूबर 2019 को केंद्र सरकार द्वारा अधिसूचित विदेशी मुद्रा प्रबंध (गैर-ऋण लिखत) नियमावली, 2019 (जिसे इसके पश्चात 'नियमावली' के रूप में संदर्भित किया गया है) की ओर आकर्षित किया जाता है।

2. हम नियमावली की अनुसूची-II की ओर आपका ध्यान आकृष्ट करते हैं, जो यह निर्धारित करती हैं कि विदेशी पोर्टफोलियो निवेशक और उसके निवेशक समूह (जिसे इसके पश्चात 'एफपीआई' के रूप में संदर्भित किया गया है) द्वारा किया गया निवेश पूर्णतया तनुकृत आधार पर कुल समादत्‍त साम्‍या (इक्विटी) पूंजी के 10 प्रतिशत से कम होगा। इसके अतिरिक्त, निर्धारित सीमा का उल्लंघन करते हुए निवेश करने वाले एफपीआई के पास अपने होल्डिंग का विनिवेश करने अथवा उस होल्डिंग को प्रत्यक्ष विदेशी निवेश के रूप में पुनर्वर्गीकृत करने का विकल्प होगा। इस संबंध में, एफपीआई के विदेशी पोर्टफोलियो निवेश को एफडीआई में पुनवर्गीकृत करने के लिए एक प्रचालनात्मक रूपरेखा तैयार की गई है, जो अनुबंध में दी गई है। तदनुसार, एडी श्रेणी-I बैंक इस रूपरेखा के अनुसार ऐसे लेनदेन की रिपोर्टिंग की सुविधा प्रदान कर सकते हैं।

3. ये निदेश तत्काल प्रभाव से लागू होंगे। प्राधिकृत व्यापारी श्रेणी-I बैंक इस परिपत्र की विषय-वस्तु से अपने संबंधित ग्राहकों/ घटकों को अवगत कराएँ।

4. इस परिपत्र में निहित निदेश विदेशी मुद्रा प्रबंध अधिनियम, 1999 (1999 का 42) की धारा 10(4) और 11(1) के अंतर्गत जारी किए गए हैं और ये किसी अन्य कानून के अधीन अपेक्षित अनुमतियों/अनुमोदनों, यदि कोई हों, पर कोई प्रतिकूल प्रभाव नहीं डालते।

भवदीय

(डॉ. आदित्य गेहा)
प्रभारी मुख्य महाप्रबंधक


अनुबंध

एफपीआई के विदेशी पोर्टफोलियो निवेश को एफडीआई में पुनर्वर्गीकरण हेतु परिचालन की रूपरेखा

एफईएम (एनडीआई) नियमावली, 2019 (जिसे इसके पश्चात "नियमावली" के रूप में संदर्भित किया गया है) की अनुसूची-II का संदर्भ लें, जो यह निर्धारित करती है कि एफपीआई द्वारा किया गया निवेश, पूरी तरह से तनुकृत आधार पर कुल समादत्‍त साम्‍या (इक्विटी) के 10 प्रतिशत से कम होगा (जिसे इसके पश्चात "निर्धारित सीमा" कहा गया है)। नियमावली की अनुसूची-II के पैरा 1 (क) (iii) के संदर्भ में, विहित सीमा के उल्लंघन में निवेश करने वाले किसी भी एफपीआई के पास उल्लंघन करने वाले सौदों के निपटान की तारीख से पांच कारोबारी दिनों के भीतर (जिसे इसके पश्चात "निर्धारित समय" के रूप में संदर्भित किया गया है) आरबीआई और सेबी द्वारा निर्दिष्ट शर्तों के अधीन अपने होल्डिंग को विनिवेश करने या एफडीआई के रूप में ऐसे होल्डिंग को पुनर्वर्गीकृत करने का विकल्प होगा। यदि एफपीआई अपने विदेशी पोर्टफोलियो निवेश को एफडीआई में पुनर्वर्गीकृत करना चाहता है, तो एफपीआई को निम्नलिखित परिचालन रूपरेखा का पालन करना होगा:

1) एफडीआई के लिए प्रतिबंधित किसी भी क्षेत्र में पुनर्वर्गीकरण की सुविधा की अनुमति नहीं होगी।

2) संबंधित एफपीआई को निर्धारित सीमा से अधिक साम्‍या (इक्विटी) लिखतों के अधिग्रहण से पहले निम्नलिखित अनुमोदन/ सहमति प्राप्त करनी होगी:

  1. सरकार से आवश्यक अनुमोदन, जहां लागू हो, प्राप्त करना, जिसमें सीमावर्ती देशों से निवेश के मामले में अपेक्षित अनुमोदन शामिल है, तथा यह सुनिश्चित करना कि निर्धारित सीमा से अधिक अधिग्रहण एफडीआई के लिए लागू प्रावधानों के अनुसार किया जाए, जिसका अर्थ है कि निवेश, नियमावली की अनुसूची-I के अंतर्गत एफडीआई के लिए एंट्री रूट, सेक्टोरल कैप, निवेश सीमाएं, मूल्य निर्धारण संबंधी दिशा-निर्देश तथा अन्य संबंधित शर्तों के अनुरूप होना चाहिए।
  2. निवेश को एफडीआई में पुनर्वर्गीकृत करने के लिए संबंधित भारतीय निवेश प्राप्तकर्ता कंपनी की सहमति, ताकि ऐसी कंपनी नियमों के अंतर्गत एफडीआई के लिए प्रतिबंधित क्षेत्रों, सेक्टोरल कैप और सरकारी अनुमोदनों, जहां भी लागू हो, से संबंधित शर्तों का अनुपालन सुनिश्चित कर सके।

3) एफपीआई को किसी कंपनी में धारित मौजूदा विदेशी पोर्टफोलियो निवेश को एफडीआई में पुनर्वर्गीकृत करने के अपने इरादे को स्पष्ट रूप से व्यक्त करना होगा और अपने अभि‍रक्षक को आवश्यक अनुमोदन और सहमति की प्रतिलिपि उपलब्ध करानी होगी, जिसके अनुसार अभि‍रक्षक पुनर्वर्गीकरण का कार्य पूरा होने तक ऐसी भारतीय कंपनी की इक्विटी लिखतों में ऐसे एफपीआई द्वारा खरीद संबंधी लेनदेन को रोक देगा:

बशर्ते कि जहां एफपीआई द्वारा आवश्यक पूर्व अनुमोदन/सहमति प्राप्त नहीं की गई है, वहाँ निर्धारित सीमा से अधिक निवेश का निर्धारित समय के भीतर अनिवार्य रूप से विनिवेश कर दिया जाएगा।

4) पुनर्वर्गीकरण के लिए, ऐसे एफपीआई द्वारा धारित संपूर्ण निवेश को विदेशी मुद्रा प्रबंध (भुगतान माध्यम तथा गैर-कर्ज़ लिखतों की रिपोर्टिंग) विनियमावली, 2019 के तहत विनिर्दिष्ट समय-सीमा के भीतर निम्नलिखित तरीके से रिपोर्ट किया जाएगा:

  1. भारतीय कंपनी द्वारा एफसी-जीपीआर फॉर्म में, जहां निर्धारित सीमा से अधिक निवेश किसी भारतीय कंपनी द्वारा ऐसे एफपीआई को इक्विटी लिखतों के नए सिरे से जारी करने के परिणामस्वरूप हुआ हो।
  2. एफ.सी.-टी.आर.एस. फॉर्म में एफ.पी.आई. द्वारा, जहां निर्धारित सीमा से अधिक निवेश, द्वितीयक बाजार में ऐसे एफपीआई द्वारा इक्विटी लिखतों के अधिग्रहण के कारण किया गया हो।
  3. संबंधित प्राधिकृत व्यापारी बैंक पुनर्वर्गीकृत विदेशी पोर्टफोलियो निवेश की राशि को एलईसी (एफआईआई) रिपोर्टिंग के अंतर्गत विनिवेश के रूप में रिपोर्ट करेगा।

5) उपर्युक्त रिपोर्टिंग पूरी होने के बाद, एफपीआई अपने अभि‍रक्षक से संपर्क कर भारतीय कंपनी की इक्विटी लिखतों को विदेशी पोर्टफोलियो निवेश धारित करने के लिए बनाए गए अपने डी-मैट खाते से एफडीआई धारित करने हेतु खोले गए अपने डीमैट खाते में अंतरित करने का अनुरोध करेगा। यह सुनिश्चित करने के बाद कि पुनर्वर्गीकरण के लिए रिपोर्टिंग सभी पहलुओं में पूर्ण है, अभि‍रक्षक इक्विटी लिखतों को मुक्त करेगा और अनुरोध पर आवश्यक कार्रवाई करेगा। ऐसे मामलों में उल्लंघन करने वाले निवेश की तारीख को पुनर्वर्गीकरण की तारीख माना जाएगा। तत्पश्चात्, इसके बाद, भारतीय कंपनी में एफपीआई का संपूर्ण निवेश एफडीआई माना जाएगा और आगे निवेश दस प्रतिशत से नीचे आने पर भी इसे एफडीआई ही माना जाता रहेगा। विदेशी पोर्टफोलियो निवेश के पुनर्वर्गीकरण के प्रयोजन के लिए विदेशी पोर्टफोलियो निवेशक और उसके निवेशक समूह को एकल व्यक्ति माना जाएगा।

6) नियमावली की अनुसूची-II में शामिल उपबंधों के अनुसार, निर्धारित सीमा से अधिक होल्डिंग के विनिवेश को अथवा पुनर्वर्गीकरण को, जैसा भी मामला हो, निर्धारित समय के अंदर पूरा कर लिया जाएगा।

7) विदेशी पोर्टफोलियो निवेश के एफडीआई में पुनर्वर्गीकरण के बाद, उक्त निवेश नियमावली की अनुसूची-I द्वारा शासित होगा।

RbiTtsCommonUtility

प्ले हो रहा है
सुनें

संबंधित एसेट

आरबीआई-इंस्टॉल-आरबीआई-सामग्री-वैश्विक

RbiSocialMediaUtility

आरबीआई मोबाइल एप्लीकेशन इंस्टॉल करें और लेटेस्ट न्यूज़ का तुरंत एक्सेस पाएं!

Scan Your QR code to Install our app

RbiWasItHelpfulUtility

क्या यह पेज उपयोगी था?