नकदी प्रबंधन की आउटसोर्सिंग – लेन देन का मिलान
आरबीआई/2018-19/183 डीसीएम (आयो) सं. 2746/10.25.07/2018-19 14 मई, 2019 अध्यक्ष / प्रबंध निदेशक / मुख्य कार्यकारी अधिकारी समस्त बैंक महोदया / प्रिय महोदय, नकदी प्रबंधन की आउटसोर्सिंग – लेन देन का मिलान जैसा कि 04 अक्तूबर 2016 के मौद्रिक नीति वक्तव्य के पैरा 15 में बताया गया था, बैंक ने पारगमन में खजाने की सुरक्षा के समस्त पहलुओं की समीक्षा करने हेतु मुद्रा आवाजाही पर एक समिति (अध्यक्ष : श्री डी.के.मोहंती, कार्यपालक निदेशक, भारतीय रिज़र्व बैंक) का गठन किया था । बैंकों, सेवा प्रदाताओं तथा उनके सह-संविदाकर्ताओं के बीच लेन देन (अर्थात एटीएम नकदी पुन: पूर्ति) के मिलान से संबंधित समिति की सिफ़ारिशों की जांच की गई है । तदनुसार, यह निर्णय लिया गया है कि बैंक निम्न प्रक्रिया का अनुसरण करेंगे : -
सेवा प्रदाता द्वारा नकदी मांग पत्र मुद्रा तिजोरी / नोडल शाखा के साथ परामर्श करके कम से कम एक दिन पहले (T-1 जहां T नकदी लोड करने का दिन है) बनाया जाएगा । नकदी आहरण विभिन्न स्थानों के बजाय एक केंद्र में एक स्थान तक सीमित रहेगा । हालाँकि, महानगरीय केन्द्रों में नकदी आहरण हेतु दो स्थान हो सकते हैं । -
बैंकों, सेवा प्रदाताओं तथा उनके सह-संविदाकर्ताओं के बीच लेन देन का मिलान कम से कम T+3 आधार पर किया जाएगा । -
किसी भी विवाद अथवा सुरक्षा / निर्धारित प्रक्रियाओं के कथित / प्रयास के उल्लंघन की रिपोर्टिंग की स्थिति में बैंक द्वारा सेवा प्रदाताओं तथा उनके सह-संविदाकर्ताओं को उनके अनुरोध पर एटीएम के वीडियो फुटेज का एक्सेस प्रदान किया जा सकता है । 2. इसके अतिरिक्त, नकदी प्रबंधन के लिए आउटसोर्सिंग की व्यवस्था के अंतर्गत, बैंक अपने सेवा प्रदाताओं तथा उनके सह-संविदाकर्ताओं को निम्न के लिए प्रोत्साहित करेगा : -
आंकड़ों की पुन:प्राप्ति तथा मिलान के लिए एक कुशल डिजिटल रिकॉर्ड प्रबंधन प्रणाली रखें । -
स्व-नियामक संगठन द्वारा किसी विशिष्ट मोड / पहचान के कोड के माध्यम से उद्योग स्तर पर कर्मचारियों का डेटाबेस बनाना तथा इसकी देख रेख करना ताकि यह सुनिश्चित किया जा सके कि उनका रिकॉर्ड बेदाग है । भवदीय (संजय कुमार) महाप्रबंधक |