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भूटान में विदेशी प्रत्यक्ष निवेश

आरबीआइ/2005-06/146
ए पी(डीआइआर सिरीजॅ)परिपत्र सं.09

अगस्त 29, 2005

सेवा में
विदेशी मुद्रा का कारोबार करने के लिए प्राधिवफ्त सभी बैंक
महोदया/महोदय,

भूटान में विदेशी प्रत्यक्ष निवेश

प्राधिवफ्त व्यापारी बैंकों का ध्यान समय-समय पर यथासंशोधित जुलाई 7, 2004 की अधिसूचना सं. फेमा 120/2004-आरबी (किसी विदेशी प्रतिभूति का अंतरण अथवा निर्गम) के विनियम 6 के खण्ड (2) के उप-खण्ड (व) के स्पष्टीकरण की ओर आकर्षित किया जाता है जिसके अनुसार भूटान और नेपाल में विदेशी प्रत्यक्ष निवेश केवल भारतीय रुपयों में ही अनुमत है।

2. रिज़र्व बैंक ने भारत सरकार के परामर्श से अब यह निर्णय लिया है कि भूटान में मुक्त रूप से परिवर्तनीय मुद्राओं में प्रत्यक्ष निवेश की अनुमति दी जाए। यह सुविधा भारतीय रुपयों में निवेश करने की वर्तमान सुविधा के अतिरिक्त होगी। यह स्पष्ट किया जाता है कि ऐसे निवेशों और उनकी बिक्री/ समापन पर प्राप्त आय के संबंध में प्राप्य राशियों को भारत में मुक्त रूप से परिवर्तनीय मुद्राओं में ही प्रत्यावर्तित किया जाना है। अब से नेपाल में विदेशी निवेश केवल भारतीय रुपयों में ही किया जा सकता है।

3. तदनुसार, जुलाई 7, 2004 की रिज़र्व बैंक अधिसूचना सं. फेमा 120/आरबी-2004 द्वारा अधिसूचित विदेशी मुद्रा प्रबंध (किसी विदेशी प्रतिभूति का अंतरण अथवा निर्गम) को मई 17, 2005 की अधिसूचना सं. फेमा 135/2005-आरबी डविदेशी मुद्रा प्रबंध (किसी विदेशी प्रतिभूति का अंतरण अथवा निर्गम) (द्वितीय संशोधन) विनियमावली, 2005 द्वारा संशोधित किया गया है। सरकार की मई 27, 2005 की अधिसूचना जी.एस.आर. सं.337()िं की एक प्रतिलिपि, जिसमें संशोधन को शामिल किया गया है, संलग्न है।

4. प्राधिवफ्त व्यापारी बैंक इस परिपत्र की विषयवस्तु से अपने संबंधित ग्राहकों को अवगत करा दें।

5. इस परिपत्र में समाहित निदेश विदेशी मुद्रा प्रबंध अधिनियम, 1999 (1999 का 42) की धारा 10(4) और धारा 11(1) के अंतर्गत जारी किए गए हैं और अन्य किसी कानून के अंतर्गत अपेक्षित अनुमति/अनुमोदन, यदि कोई हो, पर प्रतिकूल प्रभाव डाले बगैर है।

भवदीय

 

(विनय बैजल)

मुख्य महा प्रबंधक


संलग्नक

डअगस्त 29, 2005 के ए.पी.(डीआइआर) परिपत्र सं.09

मई 17, 2005 की अधिसूचना सं. फेमा 135/2005-आरबी

विदेशी मुद्रा प्रबंध (किसी विदेशी प्रतिभूति का अंतरण अथवा निर्गम)

(द्वितीय संशोधन) विनियमावली, 2005

विदेशी मुद्रा प्रबंध अधिनियम 1999 (1999 का 42) की धारा 6 की उप-धारा (3) के खंड (क) और धारा 47 की उप-धारा (2) द्वारा प्रदत्त शक्तियों का प्रयोग तथा दिनांक 7 जुलाई 2004 की इसकी अधिसूचना सं. फेमा 120/आरबी-2004 में आंशिक संशोधन करते हुए भारतीय रिज़र्व बैंक विदेशी मुद्रा प्रबंध (किसी विदेशी प्रतिभूति का अंतरण अथवा निर्गम) विनियमावली 2004 में निम्नलिखित संशोधन करता है, अर्थात्,

1. संक्षिप्त नाम और प्रारंभ :-

(व) ये विनियम विदेशी मुद्रा प्रबंध (किसी विदेशी प्रतिभूति का अंतरण अथवा निर्गम) (द्वितीय संशोधन) विनियमावली 2005 कहलाएगी।

(वव) ये सरकारी राजपत्र में प्रकाशित होने की तारीख से लागू होंगे।

2. विनियमावली में संशोधन :-

विदेशी मुद्रा प्रबंध (किसी विदेशी प्रतिभूति का अंतरण अथवा निर्गम) (द्वितीय संशोधन) विनियमावली 2004 में :-

(i) विनियम 6 में, उप-विनियम 2 में, खण्ड (व) के स्पष्टीकरण में निम्नलिखित प्रतिस्थापित किया जाएगा :

(क) "स्पष्टीकरण : शुद्ध मालियत के 100 प्रतिशत की सीमा के अंदर "कुल वित्तीय प्रतिबद्धता" तय करने के प्रयोजन के लिए निम्नलिखित को गिना जाएगा, अर्थात् :-"

(ख) उप-खण्ड (क) को निम्नलिखित से प्रतिस्थापित किया जाएगा :

"(क) बाज़ार खरीदों द्वारा विप्रेषण, नामत: मुक्त रूप से परिवर्तनीय मुद्राओं में; भूटान के मामले में मुक्त रूप से परिवर्तनीय मुद्रा अथवा समकक्ष भारतीय रुपए में किया गया निवेश; नेपाल के मामले में केवल भारतीय रुपए में किया गया निवेश।"

(ii) विनियम 15 में, खण्ड (वव) के बाद निम्नलिखित परंतुक जोड़ा जाए।

"बशर्ते भूटान में मुक्त रूप से परिवर्तनीय मुद्रा में प्रतिभूतियों में किए गए निवेश के मामले में, चूंकि उस पर प्राप्य सभी राशियां, जिसमें विनिवेश/ विघटन/ समापन से प्राप्य राशियां शामिल हैं, प्रत्यावर्तनीय होती हैं, वसूली तथा प्रत्यावर्तन मुक्त रूप से परिवर्तनीय मुद्रा में ही किए जाएंगे।"

ह./-

एफ.आर. जोसफ

मुख्य महाप्रबंधक

 

पाद टिप्पणी :

मूल विनियमावली मई 8, 2000 के सरकारी राजपत्र जी.एस.आर. सं.456(E) में भाग II, खण्ड 3, उप-खण्ड (i) में प्रकाशित हुई थी जिसे नवंबर 19, 2004 के सरकारी राजपत्र में प्रकाशित जी.एस.आर.सं.757(E) द्वारा अधिक्रमित किया गया है और तत्पश्चात् अप्रैल 7, 2005 के जी.एस.आर. सं.220(E) द्वारा संशोधित किया गया है।

दिनांक 27.05.2005 का जी.एस.आर.सं.337(E)

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