समुद्रपारीय प्रत्यक्ष निवेश - फार्मों को सरल और कारगर बनाना - आरबीआई - Reserve Bank of India
समुद्रपारीय प्रत्यक्ष निवेश - फार्मों को सरल और कारगर बनाना
आरबीआइ/2006-07/426
ए पी(डीआइआर सिरीज़)परिपत्र सं.68
जून 01, 2007
सेवा में
सभी श्रेणी I प्राधिकृत व्यापारी बैंक
महोदया/महोदय,
समुद्रपारीय प्रत्यक्ष निवेश - फार्मों को सरल और कारगर बनाना
प्राधिकृत व्यापारी श्रेणी I बैंकों का ध्यान समय-समय पर यथासंशोधित जुलाई 7, 2004 की अधिसूचना सं.फेमा.120/आरबी-2004 डविदेशी मुद्रा प्रबंध (विदेशी प्रतिभूति का अंतरण अथवा निर्गम) विनियमावली, 2000 की ओर आकर्षित किया जाता है।
2. वर्तमान में समुद्रपारीय प्रत्यक्ष निवेशों के लिए आवेदन तीन फार्मों में से किसी एक में अर्थात् स्वत: अनुमोदित मार्ग के तहत संयुक्त उद्यम/ पूर्ण स्वामित्ववाली सहायक कंपनियों में प्रत्यक्ष निवेश के लिए ओडीए, अनुमोदित मार्ग के तहत निवेश के लिए ओडीआइ और बैक-टु-बैक आधार पर एडीआर/जीडीआर के निर्गम के लिए ओडीबी में करना आवश्यक है। इसके अलावा, वर्तमान में प्रेषणों की रिपोर्टिंग दोनों फार्मों अर्थात् समुद्रपारीय प्रत्यक्ष निवेश के लिए किए गए प्रेषण के लिए ओडीआर और एडीआर/जीडीआर स्टॉक स्वैप स्कीम के तहत किए गए समुद्रपारीय अधिग्रहण के लिए ओडीजी में प्राधिकृत व्यापारी श्रेणी I बैंकों के माध्यम से करना आवश्यक है। फार्म एपीआर समुद्रपारीय संयुक्त उद्यम/ पूर्ण स्वामित्ववाली सहायक कंपनियों की कार्य पद्धति पर वाषिक कार्य निष्पादन रिपोर्ट है। समुद्रपारीय निवेशों संबंधी नीति के उदारीकरण ने अनेक भारतीय कार्पोरेट्स को इस योग्य बनाया कि वे समुद्रपारीय बाज़ारों में अपनी उपस्थिति दर्ज कर सके, भारतीय कंपनियों के ग्लोबल पहुंच को पुन: परिभाषित कर सके। फिर भी, रिपोर्टिंग की रूपरेखा विकास की गति के साथ-साथ चल नहीं पा रही है और अधिग्रहण की समग्र लागत, निधीयन पद्धति, कार्य निष्पादन संकेतकों, आदि के समग्र लागत संबंधी व्यापक आंकड़े प्राप्त नहीं कर पाती हैं।
3. तदनुसार, वर्ष 2007-08 की वार्षिक नीति वक्तव्य (पैरा 133) में की गई घोषणा के अनुसार कवरेज को सुधारने और सक्रिय परिवेश में निवेश प्रवाह की निगरानी को सुनिश्चित करने के लिए अब यह निर्णय लिया गया है कि वर्तमान रिपोर्टिंग प्रणाली को संशोधित किया जाए। नयी रिपोर्टिंग पैकेज के अनुसार सभी फार्मों को एक फार्म अर्थात् ओडीआइ में शामिल किया गया है जिसके चार भाग हैं
भाग I - जिसमें निम्नलिखित शामिल हैं
खण्ड अ - भारतीय पार्टी के ब्योरे
खण्ड आ - नयी परियोजना में निवेश के ब्योरे
खण्ड इ - वर्तमान परियोजना में निवेश के ब्योरे
खण्ड ई - संयुक्त उद्यम/ पूर्ण स्वामित्ववाली सहायक कंपनियों के लिए निधीयन
खण्ड उ - भारतीय पार्टी द्वारा घोषणा
खण्ड ऊ - भारतीय पार्टी के सांविधिक लेखा परीक्षकों द्वारा प्रमाणपत्र
भाग II - प्रेषणों की रिपोर्टिंग
भाग III- वार्षिक कार्य निष्पादन रिपोर्ट
भाग IV- संयुक्त उद्यम/ पूर्ण स्वामित्ववाली सहायक कंपनियों को बन्द करने/ विनिवेश/ स्वेच्छापूर्वक परिसमापन संबंधी रिपोर्ट
4. सामान्य अनुमति के तहत समुद्रपारीय संयुक्त उद्यम/ पूर्ण स्वामित्ववाली सहायक कंपनियों को बन्द करने/ विनिवेश/ स्वेच्छापूर्वक समापन की रिपोर्टिंग के लिए एक नयी प्रणाली की भी शुरुवात की गई है (फार्म ओडीआइ का भाग IV)— संशोधित ओडीआइ फार्म और फार्मों को भरने के अनुदेश संलग्न किए गए हैं। संशोधित ओडीआइ फार्म में रिपोर्टिंग जून 1, 2007 से लागू होंगे। इन फार्मों को रिज़र्व बैंक के वेबसाइट www.rbi.org.in से भी डाउनलोड किया जा सकता है।
5. यह दोहराया जाता है कि संशोधित फार्म केवल रिपोर्टिंग प्रक्रिया का सरल और कारगर रूप है और वर्तमान पात्रता मानदण्ड/ प्रलेखीकरण/ सीमाओं में कोई परिवर्तन अथवा कमी नहीं की गई है। अंतत: ये रिपोर्ट रिज़र्व बैंक द्वारा ऑन-लाइन प्राप्त किए जाएंगे।
6. तदनुसार, प्राधिकृत व्यापारी श्रेणी I बैंक निम्नानुसार कार्रवाई कर:ं
क) स्वत: अनुमोदित मार्ग के मामलों में - फार्म ओडीआइ का भाग I और II मुख्य महाप्रबंधक, भारतीय रिज़र्व बैंक, विदेशी मुद्रा विभाग, समुद्रपारीय निवेश प्रभाग, अमर भवन, तीसरी मंजिल, सर पी.एम.रोड, फोर्ट, मुंबई 400001 को प्रस्तुत किए जाएं।
ख) अनुमोदन मार्ग के मामले में - प्राधिकृत व्यापारी श्रेणी I बैंकों द्वारा जांच पड़ताल के बाद और विशिष्ट सिफारिशों के साथ ओडीआइ फार्म का भाग I समर्थक दस्तावेजों सहित उपर्युक्त पते पर प्रस्तुत किए जाएं। यदि प्रस्ताव को मंजूरी मिलती है तो भाग I रिज़र्व बैंक द्वारा प्राधिकृत व्यापारी श्रेणी I बैंक को लौटा दिया जाएगा। प्रेषण करने के बाद प्राधिकृत व्यापारी श्रेणी I बैंक फार्म ओडीआइ के भाग II के साथ इसे रिज़र्व बैंक को पुन: प्रस्तुत करें।
ग) मार्च 27, 2006 के ए.पी.(डीआइआर सिरीज़) परिपत्र सं.29 के अनुसार स्वत: अनुमोदित मार्ग के तहत विनिवेश/ बन्दी/ समापन/ स्वेच्छापूर्वक परिसमापन के मामले में नामित प्राधिकृत व्यापारी श्रेणी I बैंक फार्म ओडीआइ के भाग IV में एक रिपोर्ट प्रस्तुत करें। विनिवेश के अन्य सभी मामलों में, वर्तमान प्रक्रिया के अनुसार आवश्यक समर्थक दस्तावेजों के साथ एक आवेदन पत्र रिज़र्व बैंक को प्रस्तुत किया जाना चाहिए।
7. प्राधिकृत व्यापारी श्रेणी I बैंक तथा प्राधिकृत बैंक इस परिपत्र की विषयवस्तु से अपने संबंधित घटकों और ग्राहकों को अवगत करा दें।
8. इस परिपत्र में समाहित निदेश विदेशी मुद्रा प्रबंध अधिनियम, 1999 (1999 का 42) की धारा 10(4) और धारा 11(1) के अंतर्गत जारी किए गए हैं और अन्य किसी कानून के अंतर्गत अपेक्षित अनुमति/अनुमोदन, यदि कोई हो, पर प्रतिकूल प्रभाव डाले बगैर है।
भवदीय
(सलीम गंगाधरन)
मुख्य महाप्रबंधक