भारतीय पार्टी (पक्ष) द्वारा समुद्रपारीय प्रत्यक्ष विदेशी निवेश - युक्तिकरण - आरबीआई - Reserve Bank of India
भारतीय पार्टी (पक्ष) द्वारा समुद्रपारीय प्रत्यक्ष विदेशी निवेश - युक्तिकरण
भारिबैंक/2011-12/473 28 मार्च 2012 सभी श्रेणी-I प्राधिकृत व्यापारी बैंक महोदया/ महोदय, भारतीय पार्टी (पक्ष) द्वारा समुद्रपारीय प्रत्यक्ष विदेशी निवेश - युक्तिकरण प्राधिकृत व्यापारी श्रेणी I बैंकों का ध्यान, समय-समय पर यथा संशोधित, 7 जुलाई 2004 की अधिसूचना सं. फेमा 120/आरबी-2004 [ विदेशी मुद्रा प्रबंध (विदेशी प्रतिभूति का अंतरण अथवा निर्गम) (संशोधन) विनियमावली, 2004 ] (अधिसूचना) की ओर आकृष्ट किया जाता है। भारतीय पार्टी को इस संबंध में और लचीलापन उपलब्ध कराने के उद्देश्य से यह निर्णय लिया गया है कि उक्त अधिसूचना के विभिन्न उपबंधों/विनियमों को निम्नवत और लचीला बनाया जाए । 2. अचल/चल संपत्तियों तथा अन्य वित्तीय परिसंपत्तियों पर प्रभार का सृजन (Creation) उक्त अधिसूचना के मौजूदा विनियमों में भारतीय पार्टी की अचल/चल संपत्तियों तथा अन्य वित्तीय परिसंपत्तियों (संयुक्त उद्यम/पूर्ण स्वामित्ववाली सहायक कंपनी के शेयरों से इतर) पर प्रभार के सृजन की संकल्पना (envisage) नहीं है । यह निर्णय लिया गया है कि वित्तीय प्रतिबध्दताओं को पूरा करने के लिए भारतीय पार्टी को अपनी और अपनी ग्रुप कंपनियों की अचल/चल संपत्तियों तथा अन्य वित्तीय परिसंपत्तियों पर गिरवी/बंधक/दृष्टिबंधक के रूप में प्रभार सृजन करने की अनुमति इस बाबत विनिर्दिष्ट समग्र उच्चतम सीमा (मौजूदा 400 प्रतिशत) के अंतर्गत अनुमोदन मार्ग के तहत दी जाए बशर्ते उनके भारतीय उधारदाताओं ने भारतीय पार्टी और उसकी ग्रुप कंपनियों की एतदर्थ 'अनापत्ति' की सहमति दी हो । ऐसी संपत्तियों/परिसंपत्तियों पर प्रभार के सृजित होने पर वित्तीय प्रतिबध्दताओं संबंधी आँकड़ों को एकत्रित करने के लिए उचित रिपोर्टिंग प्रणाली शीघ्र ही प्रारंभ की जाएगी । 3. संयुक्त उद्यम/पूर्ण स्वामित्ववाली सहायक कंपनी की ओर से जारी बैंक गारंटियों के लिए वित्तीय प्रतिबध्दताओं की गणना अभी तक, संयुक्त उद्यम/पूर्ण स्वामित्ववाली सहायक कंपनी की ओर से जारी बैंक गारंटी को भारतीय पार्टी की उसके समुद्रपारीय संयुक्त उद्यम/पूर्ण स्वामित्ववाली सहायक कंपनी के प्रति उसकी वित्तीय प्रतिबध्दताओं में नहीं गिना जाता है । यह निर्णय लिया गया है कि किसी भारतीय पार्टी के समुद्रपारीय संयुक्त उद्यम/पूर्ण स्वामित्ववाली सहायक कंपनी की ओर से निवासी बैंक के द्वारा जारी बैंक गारंटी, जिसके लिए भारतीय पार्टी द्वारा प्रति गारंटी/संपार्श्विक गारंटी दी गयी हो, की गणना भारतीय पार्टी की वित्तीय प्रतिबध्दताओं में की जाएगी और तदनुसार उसकी रिपोर्टिंग की जाएगी । बैंक गारंटी जारी करने के कारण सृजित वित्तीय प्रतिबध्दताओं के आंकड़ों की रिपोर्टिंग प्रणाली शीघ्र ही प्रारंभ की जाएगी । 4. भारतीय पार्टी के प्रत्यक्ष/अप्रत्यक्ष व्यक्ति प्रवर्तकों (प्रोमोटर्स) द्वारा व्यक्तिगत गारंटी जारी करना यह निर्णय लिया गया है कि किसी भारतीय पार्टी के प्रवर्तकों द्वारा आम अनुमति के तहत संप्रति जिन शर्तों के तहत व्यक्तिगत गारंटी जारी करने के लिए अनुमति दी जाती है, उन्हीं शर्तों के तहत भारतीय पार्टी के अप्रत्यक्ष निवासी प्रवर्तकों द्वारा प्रत्यक्ष प्रवर्तकों की भांति व्यक्तिगत गारंटी जारी करने के लिए भी अनुमति दी जाए । 5. संयुक्त उद्यम/पूर्ण स्वामित्ववाली सहायक कंपनी में ईक्विटी अंशदान के बिना वित्तीय प्रतिबध्दता अभी तक उक्त अधिसूचना का विनियम 6 (4) यह विनिर्दिष्ट करता है कि कोई भारतीय पार्टी किसी ऐसे समुद्रपारीय संयुक्त उद्यम/ पूर्ण स्वामित्ववाली सहायक कंपनी में, अनुमत वित्तीय प्रतिबध्दता की सीमा के तहत, उसे या उसकी ओर से ऋण या गारंटी दे सकती है, बशर्ते भारतीय पार्टी ने उक्त संयुक्त उद्यम की ईक्विटी पूँजी में अंशदान के मार्फत निवेश किया हो । भारतीय पार्टी की कारोबारी अपेक्षाओं, विशेष कर मेजबान (Host) देश की कानूनी अपेक्षाओं को ध्यान में रखते हुए अब यह निर्णय लिया गया है कि संयुक्त उद्यम/पूर्ण स्वामित्ववाली सहायक कंपनी की ईक्विटी में सहभागिता किए बिना भी अनुमोदन मार्ग के अंतर्गत वित्तीय प्रतिबध्दता के प्रस्तावों पर अनुमति देने हेतु रिज़र्व बैंक द्वारा विचार किया जा सकता है । यह सुनिश्चित करने के बाद कि मेजबान देश के कानून भारतीय पार्टी द्वारा बिना ईक्विटी सहभागिता के कंपनी के गठन की अनुमति देते हैं, प्राधिकृत व्यापारी बैंक अपने ग्राहकों के ऐसे प्रस्ताव रिज़र्व बैंक के विचारार्थ अग्रसारित कर सकते हैं । 6. वार्षिक कार्य निष्पादन रिपोर्ट का प्रस्तुतीकरण अधिसूचना का विनियम 15 (iii) अभी तक यह विनिर्देशन करता है कि भारतीय पार्टी द्वारा भारत से बाहर के स्थापित/अधिगृहीत प्रत्येक संयुक्त उद्यम/ पूर्ण स्वामित्ववाली सहायक कंपनी के संबंध में भारत से बाहर के संयुक्त उद्यम/पूर्ण स्वामित्ववाली सहायक कंपनी के अंतिम स्वरूप दिए गए एवं लेखा परीक्षित लेखे के संबंध में ODI भाग III के फार्म में प्रति वर्ष एक वार्षिक रिपोर्ट नामित प्राधिकृत व्यापारी बैंक के मार्फत रिज़र्व बैंक को प्रस्तुत करना आवश्यक है । जहाँ मेजबान देश का कानून संयुक्त उद्यम/पूर्ण स्वामित्ववाली सहायक कंपनी के वार्षिक लेखों की लेखा परीक्षा करना अनिवार्य नहीं बनाता है, वहाँ भारतीय पार्टी द्वारा संयुक्त उद्यम/पूर्ण स्वामित्ववाली सहायक कंपनी के बिना लेखा परीक्षित वार्षिक लेखे के आधार पर वार्षिक कार्य निष्पादन (APR) रिपोर्ट प्रस्तुत की जाए बशर्ते :- ए. भारतीय पार्टी के सांविधिक लेखा परीक्षक यह प्रमाणित करें कि 'संयुक्त उद्यम/पूर्ण स्वामित्ववाली सहायक कंपनी के बिना लेखा परीक्षित वार्षिक लेखे संयुक्त उद्यम/पूर्ण स्वामित्ववाली सहायक कंपनी के मामलों की सच्ची एवं सही तस्वीर पेश करते हैं' और बी. कि संयुक्त उद्यम/ पूर्ण स्वामित्ववाली सहायक कंपनी के बिना लेखा परीक्षित वार्षिक लेखे भारतीय पार्टी द्वारा समाहित कर लिए गए हैं और बोर्ड द्वारा उनकी अभिपुष्टि की गयी है । 7. अनिवार्यत: परिवर्तनीय अधिमानी शेयर (CCPS) समुद्रपारीय प्रत्यक्ष निवेश के मौजूदा उपबंधों में समुद्रपारीय संयुक्त उद्यम/ पूर्ण स्वामित्ववाली सहायक कंपनी की स्थापना / अधिग्रहण संयुक्त उद्यम/पूर्ण स्वामित्ववाली सहायक कंपनी की ईक्विटी पूँजी में अंशदान/अभिदान करके की जा सकती है । इसलिए भारतीय पार्टी द्वारा समुद्रपारीय संयुक्त उद्यम/पूर्ण स्वामित्ववाली सहायक कंपनी की अधिमानी शेयर पूँजी (चाहे वह परिवर्तनीय हो या अपरिवर्तनीय ) में किए गए अंशदान/अभिदान ऋण माने जाते हैं । अनिवार्यत: परिवर्तनीय अधिमानी शेयरों की प्रकृति को दृष्टिगत रखते हुए, यह निर्णय लिया गया है कि अनिवार्यत: परिवर्तनीय अधिमानी शेयरों (CCPS) को ईक्विटी शेयरों के समान माना जाएगा और भारतीय पार्टी को अनिवार्यत: परिवर्तनीय अधिमानी शेयरों (CCPS) के मार्फत संयुक्त उद्यम के प्रति एक्स्पोजर के आधार पर वित्तीय प्रतिबध्दताएं करने की अनुमति दी जाती है । 8. विदेशी मुद्रा प्रबंध (विदेशी प्रतिभूति का अंतरण अथवा निर्गम) विनियमावली, 2004 में आवश्यक संशोधन अलग से जारी किए जा रहे हैं । 9. प्राधिकृत व्यापारी श्रेणी - । बैंक इस परिपत्र की विषय वस्तु से संबंधित अपने घटकों/ग्राहकों को अवगत कराने का कष्ट करें। 10. इस परिपत्र में निहित निर्देश विदेशी मुद्रा प्रबंध अधिनियम, 1999 (1999 का 42) की धारा 10(4) और धारा 11 (1) के अधीन और अन्य किसी कानून के अंतर्गत अपेक्षित अनुमति/अनुमोदन, यदि कोई हो, पर प्रतिकूल प्रभाव डाले बगैर जारी किए गए हैं । भवदीया, (डॉ.सुजाता एलिज़ाबेथ प्रसाद) |