समुद्रपारीय प्रत्यक्ष निवेश – गारंटियों का रोलओवर - आरबीआई - Reserve Bank of India
समुद्रपारीय प्रत्यक्ष निवेश – गारंटियों का रोलओवर
भारिबैंक/2013-14/427 3 जनवरी 2014 सभी श्रेणी-I प्राधिकृत व्यापारी बैंक महोदया/महोदय समुद्रपारीय प्रत्यक्ष निवेश – गारंटियों का रोलओवर प्राधिकृत व्यापारी श्रेणी-। बैंकों का ध्यान, समय-समय पर यथा संशोधित, 7 जुलाई 2004 की अधिसूचना सं फेमा.120/आरबी-2004 [विदेशी मुद्रा प्रबंध (किसी विदेशी प्रतिभूति का अंतरण अथवा निर्गम) (संशोधन) विनियमावली, 2004] (अधिसूचना) की ओर आकृष्ट किया जाता है। 2॰ यह निर्णय लिया गया है कि वर्तमान/मूल गारंटी के नवीकरण/रोलओवर को, उक्त अधिसूचना के विनियम 6 के अनुसार भारतीय पार्टी की कुल वित्तीय प्रतिबद्धता का भाग होने के मद्देनज़र, नई वित्तीय प्रतिबद्धता न माना जाए/के रूप में न परिगणित किया जाए, बशर्ते: (ए) मौजूदा/मूल गारंटी तत्समय/प्रचलित फेमा दिशानिर्देशों के अंतर्गत जारी हुई हो। (बी) गारंटी के अंतिम उपयोग, अर्थात संयुक्त उद्यम/पूर्ण स्वामित्ववाली सहायक कंपनी/स्टेप डाउन सहायक कंपनी द्वारा उठायी गयी सुविधाओं, में कोई बदलाव न हुआ हो। (सी) गारंटी की राशि सहित उसकी शर्तों में, वैधता अवधि को छोड़कर, कोई बदलाव न हुआ हो; (डी) रोलओवर हुई गारंटी की रिपोर्टिंग, अब तक की भांति, समुद्रपारीय प्रत्यक्ष निवेश(ODI) फॉर्म के भाग-II में नई वित्तीय प्रतिबद्धता के रूप में किया जाएगा; और (ई) यदि भारतीय पार्टी किसी भी जांच / प्रवर्तन एजेंसी या विनियामक संस्था द्वारा जांच के अधीन है, तो संबंधित एजेंसी / संस्था को इस संबंध में सूचित किया जाएगा। 3. तथापि, यदि उक्त शर्तें पूरी न होती हों, तो भारतीय पार्टी मौजूदा गारंटी के रोलओवर / नवीकरण के लिए नामित प्राधिकृत व्यापारी बैंक के माध्यम से रिजर्व बैंक की पूर्वानुमति प्राप्त करेगी। 4. प्राधिकृत व्यापारी श्रेणी-। बैंक इस परिपत्र की विषयवस्तु से अपने संबंधित घटकों/ग्राहकों को अवगत कराएं । 5. इस परिपत्र में निहित निर्देश विदेशी मुद्रा प्रबंध अधिनियम, 1999 (1999 का 42) की धारा 10 (4) और धारा 11 (1) के अधीन और अन्य किसी कानून के अंतर्गत अपेक्षित अनुमति/अनुमोदन, यदि कोई हो, पर प्रतिकूल प्रभाव डाले बगैर जारी किए गए हैं । भवदीय (सी.डी.श्रीनिवासन) |