म्युचुअल फंडों द्वारा समुद्रपारीय निवेश - उदारीकरण - आरबीआई - Reserve Bank of India
म्युचुअल फंडों द्वारा समुद्रपारीय निवेश - उदारीकरण
आर बी आइ/2006-07/381
ए.पी.(डी आइ आर सिरीज) परिपत्र सं. 53
मई 08, 2007
सभी प्राधिकृत श्रेणी I बैंक
महोदया / महोदय
म्युचुअल फंडों द्वारा समुद्रपारीय निवेश - उदारीकरण
प्राधिकृत व्यापारी श्रेणी I बैंकों का ध्यान समय-समय पर यथासंशोधित (अधिसूचना) जुलाई 7, 2004 की अधिसूचना सं. फेमा 120/आरबी 2004 के विनियम 6 सी और विनियम 26 डविदेशी मुद्रा प्रबंध (किसी विदेशी प्रतिभूति का अंतरण अथवा निर्गम) विनियमावली, 2004 और अप्रैल 29, 2003 का ए.पी.(डी आइ आर सिरीज) परिपत्र सं. 97, जुलाई 26, 2006 का ए.पी.(डी आइ आर सिरीज) परिपत्र सं 3 और नवंबर 16, 2006 का ए.पी.ङडी आइ आर सिरीज) परिपत्र सं. 11 की ओर आकर्षित किया जाता है ।
2. वर्ष 2007-08 के वार्षिक नीति वक्तव्य (पैरा 135) में की गई घोषणा के अनुसार समुद्रपारीय निवेशों के लिए और अधिक अवसर प्रदान करने हेतु सेबी के पास पंजीकृत म्युच्युअल फंडों द्वारा समुद्रपारीय निवेशों की सकल सीमा को तत्काल प्रभाव से 3 बिलियन अमरीकी डालर से बढ़ाकर 4 बिलियन डालर कर दिया गया है । निवेश सेबी द्वारा जारी शर्तों और परिचालनात्मक मार्गदर्शी सिद्धांतों के अधीन होंगे । सांख्यिकीय प्रयोजन हेतु जुलाई 26, 2006 के ए.पी.(डी आइ आर सिरीज) परिपत्र सं. 3 के पैराग्राफ 5 द्वारा यथा अनुबद्ध रिजर्व बैंक को मासिक रिपोर्टिंग की आवश्यकता जारी रहेगी ।
3. प्राधिकृत व्यापारी श्रेणी I बैंक इस परिपत्र की विषयवस्तु से अपने सभी संबंधित घटकों और ग्राहकों को अवगत करा दें ।
4. इस परिपत्र में समाहित विदेश विदेशी मुद्रा प्रबंध अधिनियम, 1999 (1999 का 42) की धारा 10 (4) और धारा 11 (1) के अंतर्गत जारी किए गए हैं, और किसी अन्य कानून के तहत अपेक्षित अनुमति / अनुमोदन, यदि कोई हो, पर प्रतिकूल प्रभाव डाले बगैर है ।
भवदीय
(सलीम गंगाधरन)
मुख्य महाप्रबंधक