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समुद्रपारीय निवेश : उदारीकरण

 

आरबीआइ/2005/463
ए.पी.(डीआइआर सिरीज़) परिपत्र सं.42

मई 12, 2005

सेवा में
विदेशी मुद्रा का कारोबार करने के लिए प्राधिवफ्त सभी बैंक

मबेदया/मबेदय

समुद्रपारीय निवेश : उदारीकरण

प्राधिवफ्त व्यापारी बैंकों का ध्यान जुलाई 7, 2004 की अधिसूचना सं.फेमा.120/आरबी-2004 के विनियम 6 की ओर आकर्षित किया जाता है जिसके अनुसार किसी भारतीय कंपनी को स्वत: अनुमोदित मार्ग के अंतर्गत किसी वास्तविक कारबारी कार्यकलाप में समुद्रपारीय संयुक्त उद्यमों/ पूर्ण स्वामित्ववाले सहायक कंपनियों में अपने शुद्ध मालियत के 100 प्रतिशत तक निवेश करने की अनुमति है।

2. विदेश में भारतीय निवेश बढ़ाने तथा भारतीय कंपनियों को सार्वभौमीकरण का लाभ उठाने हेतु पात्र बनाने की दृष्टि से उक्त सीमा, जो वर्तमान में निवेशकर्ता कंपनी की शुद्ध मालियत के 100 प्रतिशत है, को बढ़ाकर शुद्ध मालियत के 200 प्रतिशत करने का निर्णय लिया गया है। तदनुसार, समुद्रपारीय निवेश के लिए स्वत: अनुमोदित मार्ग के अंतर्गत पात्र भारतीय कंपनियों को अब अपने शुद्ध मालियत के 200 प्रतिशत तक समुद्रपारीय संयुक्त उद्यमों/ पूर्ण स्वामित्ववाले सहायक कंपनियों में निवेश करने की अनुमति है। ऊपर उल्लिखित अधिसूचना में ऐसे निवेशों के लिए लागू अन्य सभी प्रावधान यथावत रहेंगे। आगे यह भी स्पष्ट किया जाता है कि अब तक की तरह विदेशी मुद्रा अर्जक विदेशी मुद्रा (ईईएफसी) खाता की शेष राशि तथा एडीआर/जीडीआर निर्गमों की प्राप्तियों में से निवेश पर उक्त सीमा लागू नहीं है।

3. तदनुसार, फार्म ओडीए में प्राप्त प्रस्ताव पर विचार करने के पश्चात्, प्राधिवफ्त व्यापारी निवेशकर्ता कंपनियों के अंतिम लेखापरीक्षित तुलनपत्र की तारीख की स्थिति में शुद्ध मालियत के 200 प्रतिशत तक स्वत: अनुमोदित मार्ग के अंतर्गत विप्रेषण की अनुमति दे सकते हैं।

4. विदेशी मुद्रा प्रबंध (किसी विदेशी प्रतिभूति का अंतरण अथवा जारी करना) विनियमावली, 2004 में आवश्यक संशोधन अलग से जारी किए जा रहे हैं।

5. प्राधिवफ्त व्यापारी बैंक इस परिपत्र की विषयवस्तु से अपने संबंधित ग्राहकों को अवगत करा दें।

6. इस परिपत्र में समाहित निदेश विदेशी मुद्रा प्रबंध अधिनियम, 1999 (1999 का 42) की धारा 10(4) और धारा 11(1) के अंतर्गत जारी किए गए हैं और अन्य किसी कानून के अंतर्गत अपेक्षित अनुमति/ अनुमोदन, यदि कोई हो, पर प्रतिकूल प्रभाव डाले बगैर है।

 

भवदीय

 

(विनय बैजल)
महाप्रबंधक प्रभारी अधिकारी

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